शिशु

शिशुओं में निप्पल कंफ्यूजन

बच्चों में निप्पल कंफ्यूजन होना आम है और यह तब होता है जब बोतल से दूध पीना सीखने के बाद बच्चे को ब्रेस्ट से दूध पीने में कठिनाई होती है। 

यदि बच्चे के हिसाब से सोचा जाए तो उसे ब्रेस्ट से दूध पीते समय लैचिंग करने की जरूरत पड़ती है पर बोतल में इसकी जरूरत नहीं होती है। जिसकी वजह से बोतल की आदत पड़ने के बाद बच्चे को ब्रेस्ट पर लैचिंग करने और निप्पल से दूध खींचने में कठिनाई होती है और वह लैचिंग नहीं कर पाता है। इसकी वजह से कंफ्यूजन होता है। हालांकि यह कोई ऐसी बात नहीं है जिससे मांओं को चिंता हो क्योंकि इसे ठीक करने के कई तरीके हैं। 

निप्पल कंफ्यूजन क्या है?

ज्यादातर बोतल के निप्पल दृढ़ होते हैं और इससे दूध का बहाव एक जैसा ही रहता है। इसका यह अर्थ है कि बच्चे को दूध पीने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। 

वहीं दूसरी तरफ ब्रेस्टफीडिंग कराने से बच्चे को निप्पल मुंह में डालकर चूसना पड़ता है। इसके साथ उसे मुंह से चूसने के लिए 40 मसल्स की मदद की जरूरत पड़ती है। 

बच्चा पहले दिन से ही ब्रेस्टमिल्क पीना नहीं सीखता है, इसके कई कारण हैं। जिसमें से मुख्य कारण यह है कि उन्हें इस प्रक्रिया की आदत नहीं होती है जिसकी वजह से उसे लैचिंग में कठिनाई होती है। हालांकि इससे आपको निराशा नहीं होनी चाहिए। यदि बच्चा लैचिंग नहीं कर पा रहा है और ब्रेस्टफीडिंग नहीं करना चाहता है तो इसका यह मतलब नहीं है कि वह आपको रिजेक्ट या अस्वीकार कर रहा है। 

मेरा बेबी ब्रेस्ट मिल्क नहीं पीता बल्कि बोतल से दूध पीना चाहता है, मुझे क्या करना चाहिए?

सबसे पहले आपको यह जानने की जरूरत है कि जब बच्चे को निप्पल से ही दूध पीना चाहिए तो वह बोतल से दूध पीना क्यों चाह रहा है। आप चाहें तो लैक्टेशन एक्सपर्ट से मदद ले सकती हैं और बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए लैचिंग की सही पोजीशन समझ सकती हैं। 

जब तक बच्चा लैचिंग करने में कंफर्टेबल न हो जाए तब तक ब्रेस्ट मिल्क को बोतल में एक्सप्रेस करके बच्चे को पिलाती रहें। इससे बच्चा ब्रेस्ट मिल्क पीता रहेगा और उसे माँ के दूध के सभी न्यूट्रिएंट्स मिलते रहेंगे। 

क्या ब्रेस्टफीडिंग करने वाला बेबी बोतल में एक्सप्रेस किए हुए दूध से कंफ्यूज हो जाता है?

इस सवाल का जवाब स्पष्ट नहीं है। कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चे को बोतल से दूध पिलाने से ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दिक्कतें आती हैं। हालांकि, यह कहना कठिन है कि बोतल की वजह से दिक्कत होती है या पहले से ही ब्रेस्टफीडिंग कराने में परेशानियां होती हैं जिसकी वजह से माँ बच्चे को बोतल से दूध पिलाना शुरू कर देती है। 

हालांकि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आप बच्चे को एक्सप्रेस किया हुआ दूध भी पिला सकती हैं। एक्सप्रेशन मिल्क देने से यह सुनिश्चित हो जाता है कि आप बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क के न्यूट्रिएंट्स ही दे रही हैं और साथ ही बच्चा पेट भर के दूध भी पी रहा है। बच्चे को विभिन्न प्रकार की बोतल से दूध पिलाने का प्रयास करके यह देखना बेस्ट होगा कि उसके लिए कौन सी बोतल सही रहेगी ताकि बच्चे में निप्पल कंफ्यूजन की समस्या उत्पन्न न हो। 

दूध एक्सप्रेस करते समय बच्चे के 24 घंटे के फीडिंग रूटीन का ध्यान रखें। आपके ब्रेस्ट रोजाना एक निश्चित मात्रा में दूध उत्पन्न करेंगे और आपको बहुत ज्यादा भरे हुए ब्रेस्ट (ब्रेस्ट इंगोर्जमेंट) की समस्या नहीं होगी। 

निप्पल प्रेफरेंस के कारण क्या हैं?

हर बच्चा चूसने की क्रिया करना जन्म से ही जानता है और उसका दिमाग मां के ब्रेस्ट से दूध पीने की कला पहले से ही समझता है। हालांकि कभी-कभी बोतल से दूध पीने के कारण बच्चे को ब्रेस्ट से दूध पीने में कठिनाई होती है और इसके कई कारण हैं। 

कई लोग सोचते हैं कि निप्पल कंफ्यूजन होने के पीछे का कारण यह है कि बच्चे को बॉटल से दूध खींचना ब्रेस्टफीडिंग के बजाय आसान लगता है। वहीं अन्य लोगों का मानना है कि बच्चा बोतल से दूध पीने के बाद ब्रेस्ट से लैचिंग करना भूल जाता है।

हालांकि, बच्चे को जन्म के बाद से ही ब्रेस्ट से दूध पीना आता है। जब तक बच्चे को माँ के ब्रेस्ट से दूध पीने में किसी तरह की कोई कठिनाई न हो या उसे पर्याप्त दूध न मिले, तब तक वह बोतल से दूध पीना पसंद नहीं करता।

निप्पल कंफ्यूजन के लक्षण

यदि बच्चा ब्रेस्ट नहीं खोज पा रहा है या चूसने से मना कर रहा है तो यह निप्पल कंफ्यूजन का एक शुरुआती संकेत है और जब बच्चा ब्रेस्ट से पर्याप्त दूध नहीं प्राप्त कर पाता तो ऐसा हो सकता है। 

बच्चा ब्रेस्ट से पर्याप्त दूध नहीं पी पा रहा है इसके कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • यदि बच्चा ब्रेस्टफीडिंग से मना करता है।
  • यदि आपके ब्रेस्ट बढ़ने लगते हैं। यदि ब्रेस्ट दूध या कठोर टिश्यू होने के कारण बढ़ना शुरू कर देते हैं तो इसका यह अर्थ है कि बच्चे को पर्याप्त दूध पीने में दिक्कत आएगी और वह लैचिंग करना छोड़ देगा।
  • निप्पल में घाव होने से
  • यदि बच्चे का वजन बढ़ने में कमी आ जाती है।
  • यदि बच्चे में टंग टाई या जीभ में बाधा होने के लक्षण दिखाई देते हैं। इससे ब्रेस्टफीडिंग में दिक्कतें आ सकती हैं।

यद्यपि ये सभी दिक्कतें समस्या को अधिक बढ़ा देती हैं पर फिर भी इन्हें निप्पल कंफ्यूजन समझने की गलती नहीं करनी चाहिए। ये ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाली समस्याएं हैं और इन्हें खत्म करने से बच्चे में निप्पल कंफ्यूजन भी खत्म हो जाएगा।  

निप्पल कंफ्यूजन से कैसे बचा जा सकता है?

अक्सर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं एक आम सवाल पूछती हैं कि निप्पल कंफ्यूजन को कैसे ठीक करें। यहाँ पर कुछ टिप्स बताए गए हैं जिनसे मदद मिल सकती है, आइए जानें;

  • बेसिक से शुरू करें: लैचिंग के बेसिक से शुरुआत करें, बच्चे को अपने पास रखकर, स्किन-टू-स्किन संपर्क दें ताकि वह जान सके कि ब्रेस्टफीडिंग करने से आराम मिलता है। बच्चे को ब्रेस्ट के साथ एडजस्ट होने में आपको कुछ सेशन लगेंगे पर इससे बच्चे को ब्रेस्ट ढूंढने व लैच करने में मदद मिलेगी।

  • दूध का बहाव स्मूद रखें: बच्चे को लैच कराने से पहले आप हाथों से या पंप की मदद से दूध का बहाव प्रेरित कर सकती हैं। इससे बच्चे को कम मेहनत करनी पड़ेगी।
  • टाइमिंग बहुत जरूरी है: बच्चा भूखा होगा तो वह अच्छे से लैच करेगा, दूध पीने के लिए प्रेरित करने का यह एक सही तरीका है। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि आप बेबी को लंबे समय तक भूखा रखें और वह धैर्य खोकर बहुत तेजी से दूध पीने का प्रयास करे।
  • फॉक्स निप्पल्स का उपयोग न करें: जब बच्चे को बार-बार निप्पल कंफ्यूजन का अनुभव होता है तो उसे बोतल न देना ही बेस्ट है। जब तक आप बच्चे को सॉलिड फूड न देने लगें तब तक उसे ब्रेस्टफीडिंग ही कराएं। यदि बच्चे को पैसिफायर चूसने की आदत पड़ चुकी है तो उसे यह भी न दें।

ब्रेस्टफीडिंग और बोतल से दूध पीने में अंतर

एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चे को बोतल से फीडिंग कराने के बजाय ब्रेस्टफीडिंग कराना ज्यादा सही है। माँ के दूध का तापमान हमेशा सही रहता है और इसमें न्यूट्रिएंट्स का भी सही बैलेंस रहता है। हालांकि ब्रेस्ट इंगोर्जमेंट, समय न मिल पाने आदि के कारण यदि ब्रेस्टफीडिंग संभव नहीं है तो माँ बच्चे को बोतल से दूध पिलाना पसंद करती है। 

छोटे बच्चों में निप्पल कंफ्यूजन कैसे ठीक करें?

यदि आप सोचती हैं कि निप्पल कंफ्यूजन होने से आपको व बच्चे को बहुत सारी दिक्कतें हो सकती हैं तो प्रोफेशनल की मदद जरूर लें। 

आप ब्रेस्टफीडिंग काउंसलर के पास या ब्रेस्टफीडिंग क्लिनिक जाएं और निप्पल कंफ्यूजन को खत्म करने के तरीके सीखें। काउंसलर आपको सही तकनीक सीखने में मदद करेंगे जिससे यह समस्या तुरंत ठीक हो सकती है या वे बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग में होने वाली समस्या खोजने में मदद करेंगे। 

क्या मैं बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना जारी रख सकती हूँ?

हाँ, बच्चे को सिर्फ ब्रेस्टफीडिंग कराने से भी निप्पल कंफ्यूजन को खत्म किया जा सकता है। यदि ब्रेस्टफीडिंग से संबंधित समस्याएं है तो आपको प्रोफेशनल से मदद लेनी चाहिए और इसका समाधान खोजना चाहिए। 

क्या निप्पल कंफ्यूजन से मेरे बच्चे पर कोई प्रभाव पड़ेगा?

माँ के दूध में बच्चे के लिए बहुत सारे न्यूट्रिएंट्स, मिनरल और विटामिन होते हैं इसलिए ब्रेस्टफीडिंग जरूरी है। ब्रेस्ट मिल्क आसानी से पच जाता है। आप बच्चे को एक्सप्रेस किया हुआ दूध भी दे सकती हैं और यदि ब्रेस्टफीडिंग संभव नहीं है तो यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यदि बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क किसी न किसी रूप में मिल रहा है तो निप्पल कंफ्यूजन से उस पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

निष्कर्ष: इस बात का ध्यान रखें कि निप्पल कंफ्यूजन से बच्चे पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि यदि ऊपर बताई हुई गाइडलाइन्स से समस्या का समाधान नहीं मिलता है तो आप डॉक्टर से सलाह लें। 

यह भी पढ़ें:

फ्लैट या उल्टे निप्पल के साथ ब्रेस्टफीडिंग
स्तनपान के दौरान निप्पल में क्रैक और ब्लीडिंग
निप्पल शील्ड का उपयोग ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कैसे करें

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अलीजा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Aliza Name Meaning in Hindi

हर माँ-बाप की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे का नाम कुछ खास और मतलब…

1 day ago

समीक्षा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sameeksha Name Meaning in Hindi

अगर आप अपनी बेटी के लिए ऐसा नाम ढूंढ रहे हैं जो उसमें एक आदर्श…

1 day ago

विनीता नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Vinita Name Meaning in Hindi

हम सब जानते हैं कि जब किसी घर में बेटी जन्म लेती है, तो वो…

1 day ago

डॉली नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Dolly Name Meaning in Hindi

आजकल माता-पिता अपने बच्चे का नाम रखने का फैसला बहुत सोच-समझकर करते हैं। वे चाहते…

1 day ago

रेशमा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Reshma Name Meaning In Hindi

जब माता-पिता अपने बच्चों के लिए नाम चुनते हैं तो वे बहुत सारी बातों को…

1 day ago

अक्ष नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Aksh Name Meaning in Hindi

बच्चे का नाम रखना हर माता-पिता के लिए बहुत खास होता है। जब बात बेटे…

2 days ago