निप्पल में घाव या दर्द: कारण, उपचार और बचाव

निप्पल में घाव या दर्द: कारण, उपचार और बचाव

ब्रेस्टफीडिंग को आपके बच्चे के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है, क्योंकि बच्चे को ब्रेस्टमिल्क के माध्यम से ही सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। लेकिन कभी-कभी कुछ समस्याओं के कारण ब्रेस्टफीडिंग चुनौती भरा हो सकता है। ऐसे ही एक समस्या है, निप्पल में दर्द। 

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में दर्द होना सामान्य है? 

ब्रेस्टफीड कराने वाली माँ में जो समस्या सबसे आम तौर पर देखी जाती है, वह होती है निप्पल में दर्द की समस्या। हालांकि, यह एक आम समस्या है, लेकिन फिर भी इसे ब्रेस्टफीडिंग की एक निश्चित समस्या के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। डिलीवरी के बाद के शुरुआती कुछ दिनों के दौरान, अधिकतर नई माँएं ब्रेस्टफीडिंग के दौरान, निप्पल में दर्द का अनुभव करती हैं। माँओं को आरामदायक ब्रेस्टफीडिंग के बावजूद कुछ हफ्तों या महीनों के बाद भी निप्पल में दर्द की समस्या हो सकती है। 

जब बच्चा दूध पीना शुरू करता है, तो शुरुआती कुछ सेकेंड में थोड़ी तकलीफ होना या दर्द होना सामान्य है। लेकिन, अगर दूध पिलाते समय पूरे समय दर्द होता रहे, तो बेहतर है कि आप इसके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं। यह दर्द और सेंसिटिविटी निप्पल के दर्द से जुड़ी हुई हो सकती है और इसमें देर होने पर ब्लीडिंग या निप्पल के कटने जैसी परेशानी आ सकती है, जो कि ब्रेस्टफीडिंग को और भी तकलीफदेह बना सकता है। 

निप्पल में दर्द के कारण

निप्पल में दर्द, कोमलता और तकलीफ के कई कारण हो सकते हैं। इसके कुछ आम कारणों के बारे में हम यहाँ चर्चा कर रहे हैं: 

1. गलत लैचिंग

माँ के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, कि लैचिंग की तकनीक और पोजीशन सही हो। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, दूध पीने के लिए अलग-अलग पोजीशन अपनाते रहते हैं। इससे लैचिंग पोजीशन गलत हो सकती है।

2. निप्पल के आसपास इरिटेशन

कभी-कभी माँ को उनके निप्पल के आसपास इरिटेशन महसूस होती है। यह विशेषकर उन माँओं में देखा जाता है, जिनके बच्चे के दाँत निकल रहे होते हैं। इस दौरान लार और एंजाइम के अधिक मात्रा में बनने से निप्पल में इरिटेशन हो सकती है। 

3. निप्पल में ब्लॉकेज 

दूध की गांठ और स्तन की सूजन जैसी स्थितियों में भी निप्पल में दर्द हो सकता है। यह स्थिति आमतौर पर एक निप्पल में देखी जाती है, पर कुछ मामलों में ये दोनों निप्पल में भी देखा जा सकता है। 

4. किसी प्रकार के हॉर्मोनल बदलाव

आपको पीरियड के पहले या ओवुलेशन के दौरान निप्पल में दर्द हो सकता है। अगर आप फिर से गर्भवती हैं, तो भी आपको निप्पल में दर्द हो सकता है। 

5. छाले

अगर आप अचानक क्रैक निप्पल या दोनों तरफ दर्द महसूस करती हैं, तो यह छालों (यीस्ट इनफेक्शन) से जुड़ा हो सकता है। 

क्या निप्पल का दर्द आपके बच्चे पर प्रभाव डालता है? 

निप्पल का दर्द माँ के लिए एक दर्दनाक स्थिति होती है, हालांकि इससे बच्चे या ब्रेस्टमिल्क पर कोई असर नहीं होता है। अगर आपके निप्पल में दरार आ गई हो या ब्लीडिंग हो रही हो, तब भी आप अपने बच्चे को दूध पिला सकती हैं। कभी-कभी आपके बच्चे के मल में खून के धब्बे दिख सकते हैं, जो कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल से निकल रहे खून को निगल जाने के कारण हो सकता है। फिर भी अगर आपको निप्पल में दर्द के दौरान, अपने बच्चे को दूध पिलाने के बारे में किसी तरह की चिंता हो रही हो, तो आप अपने डॉक्टर से इस बारे में परामर्श ले सकती हैं। अगर आपकी स्थिति बेहतर न हो और आपके निप्पल का दर्द बरकरार रहे, तो हम आपको एक्सपर्ट मेडिकल हेल्प लेने की सलाह देंगे। 

निप्पल के दर्द को कैसे ठीक किया जाए?

अगर आप निप्पल में दर्द के कोई भी लक्षण महसूस कर रही हैं, तो हम आपको सही इलाज के लिए आपके डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देंगे। इसके अलावा नीचे दी गई कुछ रेमेडीज भी निप्पल के दर्द को ठीक करने में मददगार साबित हो सकती हैं: 

  • बच्चे को दूध पिलाने के बाद अपने निप्पल को धो कर सुखा लें और ब्रेस्ट में से थोड़ा दूध बाहर निकाकर निप्पल पर लगाएं। 
  • गर्म पानी की सिंकाई करने से भी निप्पल के दर्द को ठीक करने में मदद मिलती है। 
  • अत्यधिक दर्द की स्थिति में आप अपने हाथ से ब्रेस्टमिल्क को बाहर निकाल सकती हैं या ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल कर सकती हैं। 
  • लैचिंग का सही तरीका और दूध पिलाने की सही पोजीशन को अपनाकर इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। 
  • अपने ब्रेस्ट और निप्पल को माइल्ड एंटीबैक्टीरियल साबुन से धोकर इंफेक्शन से बचा जा सकता है। 
  • अगर आपको गंभीर इंफेक्शन है, तो आप डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए मरहम का इस्तेमाल कर सकती हैं। 

निप्पल के दर्द को कैसे ठीक किया जाए

निप्पल के दर्द से निपटने के कुछ टिप्स

नीचे दिए गए टिप्स का इस्तेमाल करके माँएं निप्पल के दर्द से निपट सकती हैं: 

ब्रेस्टफीडिंग के पहले

  • बच्चे को दूध पिलाने के पहले खुद को तैयार करें और शांत और रिलैक्स्ड रहें। 
  • दूध के बहाव को प्राकृतिक रूप से सुगम बनाने के लिए अपने ब्रेस्ट पर हल्के हल्के मसाज करें। 
  • आप निपल्स को लुब्रिकेट करने के लिए थोड़ा दूध बाहर निकाल कर उसे ब्रेस्ट पर लगा भी सकती हैं। 
  • हम इस बात की सलाह भी आपको देंगे, कि फीडिंग के बीच में लंबे गैप न रखें, इससे आपके बच्चे को तेज भूख लग सकती है और वह जोर से लैचिंग कर सकता है। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान

  • दूध पिलाने के लिए आप अलग-अलग पोजीशन आजमा सकती हैं और सही पोजीशन के लिए तकिए का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। ब्रेस्टफीडिंग की  सही पोजीशन के लिए आप किसी एक्सपर्ट से बात कर सकती हैं और अपने लिए सबसे बेहतरीन पोजीशन को चुनाव कर सकती हैं। 
  • हमेशा पूरा एरियोला बच्चे के मुँह में जाने दें और बच्चे को केवल निप्पल न पकड़ने दें। 
  • जिस निप्पल में कम दर्द है, आप उस ब्रेस्ट से दूध पिलाने की शुरुआत कर सकती हैं, क्योंकि शुरुआती कुछ मिनटों में बच्चा जोर से लैचिंग करता है। 

ब्रेस्टफीडिंग के बाद

  • आपको एक धुले हुए गरम कपड़े से निप्पल को पोंछना चाहिए और उन्हें सूखने देना चाहिए। 
  • थोड़ी देर के लिए अपने ब्रेसियर को खुला छोड़ दें। 
  • दर्द भरे निप्पल पर अपना ही दूध लगाएं। 
  • निप्पल को कपड़ों की रगड़ से बचाने के लिए आप किसी निप्पल प्रोटेक्टर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। 
  • कॉटन के ब्रेस्ट पैड का इस्तेमाल करें और उन्हें बार-बार बदलती रहें। 

आप निप्पल के दर्द से कैसे बच सकती हैं?

ऐसे कई उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर आप निप्पल के दर्द से बच सकती हैं, उनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं: 

1. सेल्फ-लैच 

सभी स्तनधारियों की तरह आपके बच्चे के पास भी खुद से लैचिंग करने का प्राकृतिक गुण है। आपको खुद अपने बच्चे को लैचिंग करने की कोशिश करने देनी चाहिए। अगर आपको लगता है, कि इसमें आपके बच्चे को मदद की जरूरत है, तब आप ऐसा करें। 

2. अपने बच्चे की पोजीशन को सही बनाएं 

बच्चे की पोजीशन का सही होना बहुत जरूरी है, ताकि वह ठीक तरह से लैचिंग कर पाए। 

अपने बच्चे की पोजीशन को सही बनाएं 

3. अधिक समय तक इंतजार न करें

एक भूखा बच्चा न केवल चिड़चिड़ा हो सकता है, बल्कि वह जोर से दूध खींचता है, जिससे निप्पल में दर्द हो सकता है। 

4. बच्चों में टंग-टाइज

यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बच्चे की जीभ और मुँह के निचले हिस्से को जोड़ने वाली त्वचा या तो बहुत छोटी होती है या अधिक फैली हुई होती है। जिन बच्चों में ऐसी स्थिति होती है, वे ब्रेस्ट पर ठीक से ग्रिप नहीं कर पाते हैं और निप्पल को खींचते हैं। आपको इस तरह की किसी भी समस्या पर नजर रखनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर मेडिकल सलाह लेनी चाहिए। 

क्या आप बच्चे के ब्रेस्टफीडिंग के समय को कम करके निप्पल में दर्द की समस्या से बच सकती हैं?

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में दर्द होना मुख्य रूप से लैचिंग की गलत पोजीशन के कारण होता है, न कि अधिक समय तक लैचिंग करने से। अगर आप यह नोटिस करती हैं, कि बच्चा ज्यादा समय तक लैचिंग कर रहा है, तो इसका मतलब है, कि वह ठीक से निप्पल नहीं पकड़ रहा है और उसे पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं मिल रहा है। आप एक लेक्टेशन एक्सपर्ट से संपर्क करके बच्चे के लैचिंग टाइम को सीमित कर सकती हैं। एक्सपर्ट आपको लैचिंग और सही फीडिंग पोजिशन के बारे में जानकारी देगा, जिससे आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में दर्द की समस्या से बच पाएंगी। 

माँ के लिए ब्रेस्टफीडिंग एक तकलीफदेह या दर्द भरा अनुभव नहीं होना चाहिए, बल्कि यह एक ऐसा अनुभव है, जो माँ और बच्चे के रिश्ते को मजबूत बनाता है। माँ को अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए सही तरीके का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि वह ब्रेस्टफीडिंग की ऐसी किसी भी समस्या से बच सके। समय पर उठाया जाने वाला कदम आपको निप्पल में दर्द की समस्या से जल्द से जल्द राहत दिलाने में मदद करेगा।

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