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फ्लू एक आम बीमारी है जो सभी उम्र के बच्चों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है है, लेकिन इसे नजरअंदाज भी नहीं किया जाना चाहिए। बीमार बच्चे की देखभाल उसकी उम्र और बीमारी के आधार पर अलग-अलग होगी। क्योंकि फ्लू अचानक प्रकट होता है और कुछ दिनों तक रह सकता है, इसलिए इनके लक्षणों को पहचानने और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में जानना आपके लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है। यहाँ आपको बच्चों में होने वाले फ्लू के बारे में काफी कुछ जानकारी दी गई है, तो आइए लेख को पढ़ते हैं।
इन्फ्लुएंजा या फ्लू एक वायरल इन्फेक्शन है जो नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है और बच्चों को काफी बीमार कर सकता है। इन्फ्लुएंजा वायरस विभिन्न प्रकार के होते हैं। हर साल, कुछ ऐसे फ्लू होते हैं जो दूसरों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं। छोटे बच्चों को फ्लू होने का खतरा ज्यादा होता है और जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते, तब तक आपको उन पर बारीकी से नजर रखना जरूरी होता है।
शिशुओं और छोटे बच्चों में फ्लू का होना बहुत आम है। लेकिन यह खतरनाक भी हो सकता है, क्योंकि उन्हें निमोनिया, बैक्टीरियल इन्फेक्शन और सेप्सिस जैसी कॉम्प्लिकेशन के विकसित होने का अधिक खतरा होता है। पांच साल से कम उम्र के बच्चे और विशेष रूप से दो साल से कम उम्र के बच्चों में इसके होना का खतरा ज्यादा होता है और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ सकता है।
इन्फ्लुएंजा वायरस फ्लू का कारण होते हैं। इसके तीन मुख्य प्रकार हैं – प्रकार ए और बी जो सालाना आउटब्रेक का कारण बनते हैं और टाइप सी जिसके परिणामस्वरूप हल्के या अचानक मामले देखे जा सकते हैं। ये वायरस संक्रमित लोगों के खांसने और छींकने से फैलते हैं। आपका बच्चा इन संक्रमित बूंदों को नाक या मुँह से सांस के जरिए अंदर ले सकता है और अगले चार दिनों में फ्लू विकसित कर सकता है। स्कूल, डे केयर सेंटर, प्ले ग्रुप और भीड़-भाड़ वाली जगह वे हैं जहाँ फ्लू सबसे तेजी से फैलता है।
फ्लू के पहले दो से तीन दिन सबसे खराब होते हैं। आपका बच्चा निम्न में से एक या अधिक लक्षण दिखा है:
यदि आपका बच्चा 12 महीने से कम उम्र का है और आप उसमें निम्न में से कोई भी लक्षण नोटिस करती हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें:
लक्षणों का आंकलन और डॉक्टर द्वारा की गई जांच बेबी में फ्लू के निदान का एक बेहतरीन तरीका है। कई फ्लू टेस्ट उपलब्ध हैं, लेकिन इनका उपयोग आमतौर पर विशिष्ट प्रकार के इन्फ्लुएंजा टेस्ट के लिए किया जाता है।
आपके बच्चे का उपचार डॉक्टर द्वारा सुझाया जाएगा और इसमें बच्चे के लिए फ्लू की दवा के साथ-साथ पर्याप्त आराम और हाइड्रेशन शामिल हो सकता है। दवाओं को काम करने में 72 घंटे तक लग सकते हैं। दो या उससे कम उम्र के बच्चों को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ सकता है।
फ्लू के मौसम की शुरुआत में हर साल छह महीने से अधिक उम्र के शिशुओं को टीका लगाया जा सकता है। बेबी के लिए इन्फ्लुएंजा का टीका लगाते समय, यह महत्वपूर्ण है कि माता-पिता और बच्चे की देखभाल करने वालों को भी टीका लगाया जाए।
फ्लू के लक्षण एक सप्ताह तक रह सकते हैं लेकिन कुछ मामलों में पूरी तरह से ठीक होने में दो सप्ताह तक का समय लग सकता है।
अपने बच्चे को टीका लगवाना और उनके आसपास स्वच्छता बनाए रखना एक अच्छा तरीका है जिनसे आप फ्लू को दूर रख सकती हैं। ध्यान रखें कि बेबी के हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं। अपने बच्चे को बीमार लोगों से दूर रखने की कोशिश करें और खिलौनों और घरेलू सतहों को नियमित रूप से साफ करें।
आपको बच्चे के बीमार होने पर इस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए कि आपका बच्चा आपकी पहली प्राथमिकता है।
फ्लू के बारे में जानकारी और यह बच्चों को कैसे प्रभावित करता है, इसके बारे में पहले से पता होने पर आप खुद को तैयार कर सकती हैं, और इस प्रकार अपने बच्चे को स्वस्थ रख सकती हैं। फ्लू के लक्षणों को पहचानना सीखना, अपने बच्चे को उचित उपचार देना और फ्लू को दूर रखने के लिए निवारक उपाय करना आपके और बेबी दोनों के लिए ही बेहतर है।
डिस्क्लेमर
विकास के मामले में प्रत्येक बच्चा अलग होता है और यह जानकारी सिर्फ एक मार्गदर्शक के रूप में दी जा रही है और किसी क्वालिफाइड प्रोफेशनल की मेडिकल सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है।
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