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छोटे बच्चे हमेशा एक जगह से दूसरी जगह इधर-उधर करते रहते हैं और जो भी चीज उन्हें फर्श पर पड़ी दिख जाएं उसे तुरंत अपने मुंह में डाल लेते हैं और चबाने लग जाते हैं। इससे बच्चे को बैक्टीरियल और वायरल बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी ही एक बीमारी है हैंड, फुट और माउथ डिजीज (एचएफएमडी) है। आइए हम एचएफएमडी के लक्षणों, कारणों और उपचारों को देखें ताकि आप बेहतर तरीके से समझ सकें कि इससे प्रभावित बच्चे को आप कैसे हैंडल किया जाए।
हाथ, पैर और मुंह की बीमारी एक वायरल बीमारी है, जो ज्यादातर दो से छह साल की उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। इससे बीमारी में बच्चे को उसके हाथ, पैर और मुंह में बहुत दर्द होता है जो जाहिर है इन हानिकारक वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क में आने की वजह से होता है।
कभी-कभी, वयस्क भी इस बीमारी से प्रभावित हो जाते हैं, यदि उनका इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत नहीं है तो ये उन्हें भी नुकसान पहुँचा सकता है।
छोटे बच्चों में, एचएफएमडी बुखार के साथ शुरू होता है फिर बच्चे की भूख में कमी होना, सिरदर्द, मतली, गले में दर्द और चिड़चिड़ापन होने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
बुखार होने के एक या दो दिन बाद, बच्चे के मुंह में छाले या ब्लिस्टर होने लगते हैं, जो खासकर उसकी जीभ के किनारे, मसूड़ों और मुंह के पीछे या गालों के अंदर की तरफ होते हैं। ये घाव काफी दर्दनाक होते हैं, जिससे बच्चे को तकलीफ होती है और वो बहुत चिड़चिड़ा हो जाता है। दर्द होने के कारण बच्चा कुछ भी खाने या पीने से इंकार कर देता है। बच्चे के हाथों की हथेलियों पर, पैरों के तलवों और कभी-कभी कूल्हे पर भी रैशेस हो सकते हैं। ये रैशेस छोटे, फ्लैट और रेड कलर के डॉट जैसे दिखाई पड़ते हैं जो बाद में फफोले बन जाते हैं। हालांकि वे दर्दनाक तो होते हैं, लेकिन इसमें खुजली नहीं होती है।
एचएफएमडी होने के पीछे मुख्य रूप से नीचे बताए गए वायरस जिम्मेदार हैं, तो आइए जानते हैं इसके बारे में:
ये वायरस पाइकोरनावरडी फैमिली के हैं और संक्रामक होते हैं। ऐसा यह देखा गया है कि इस बीमारी से पीड़ित वयस्कों को पहले भी ये उनके बचपन के दौरान प्रभावित कर चुका होता है। यह गर्मियों और पतझड़ के मौसम में ज्यादा तेजी से फैलता है।
डॉक्टरों का मानना है कि वायरस पहले मुंह के भीतर टिश्यू में जाता है, टॉन्सिल के करीब होता है और फिर डाइजेस्टिव सिस्टम में चला जाता है। यह रक्त के माध्यम से ग्लैंड या लिम्फ नोड्स के करीब से होता हुआ गुजरता है और शरीर में प्रवेश करता है। मजबूत इम्यून सिस्टम इसे दिमाग जैसे अहम अंग तक पहुँचने से रोकता है।
एचएफएमडी एक अत्यंत संक्रामक वायरल बीमारी है। वायरस से प्रभावित लोगों में इसके लक्षण देखे जाने पर ये तेजी से एक हफ्ते में फैलने लग सकता है। यहाँ कुछ तरीके हैं जिनके जरिए ये रोग फैल सकती है:
यदि बच्चा संक्रमित व्यक्ति के छाले या ब्लिस्टर से निकलने वाले फ्लूइड के सीधे संपर्क में आता है, तो वह एचएफएमडी से प्रभावित हो सकता है।
एचएफएमडी फैलने के सबसे कॉमन तरीकों में से एक है इन्फेक्टेड व्यक्ति का थूक। बच्चे खाना शेयर करते हैं और अक्सर एक ही चम्मच का उपयोग करके खाते हैं या एक ही बोतल से पानी पीते हैं। इससे थूक के जरिए से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चे अक्सर दूषित ड्रॉपलेट को निगलने की वजह से संक्रमित हो जाते हैं, खासकर जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता है या खांसता है और बच्चा उसके करीब मौजूद हो। यदि वायरस हवा में फैल जाता है, तो इस बात की संभावना है कि बच्चा सांस लेने से संक्रमित हो जाए।
एचएफएमडी के लक्षण गायब होने के बाद वायरस संक्रमित व्यक्ति के मल में चार सप्ताह तक मौजूद रह सकता है। इसलिए, बच्चा स्कूल, चाइल्ड केयर सेंटर और अन्य ऐसी जगहों पर जहाँ नैपी चेंज की जाती है, संक्रमित हो सकता है।
एक संक्रमित व्यक्ति में इसके कोई भी लक्षण तुरंत नहीं दिखाई देते हैं। इसके लक्षण सामने में आने 3 से 6 दिन लगते हैं। इस पीरियड को इन्क्यूबेशन पीरियड कहते हैं। बीमारी बुखार से शुरू होती है, और एक या दो दिन में छाले दिखाई देने लगते हैं। ये छाले एक सप्ताह के बाद फूट कर गायब हो जाते हैं। एचएफएमडी सात से दस दिनों के बीच रहता है।
डॉक्टर लक्षणों की जांच करते हैं और रैशेस या छालों का निरीक्षण करते हैं। कभी-कभी, डॉक्टर इस बात की पुष्टि करने के लिए कि बच्चा संक्रमित है या नहीं थ्रोट स्वैब, मल या ब्लड सैंपल के जरिए पता करते हैं।
ज्यादातर मामलों में, इंफेक्शन बिना उपचार के अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, हाथ पैर और मुंह रोग का इलाज इसके कारण हो रही असुविधा को कम करने में मदद करता है। एचएमएफडी के उपचार के तरीकों में शामिल हैं:
वायरस के कारण होने वाले एचएफएमडी के लिए कोई विशेष ड्रग या वैक्सीन नहीं है। हालांकि साफ-सफाई का खास खयाल रखने और आवश्यकता पड़ने पर सही मेडिकेशन जारी रखें।
एचएफएमडी से बचाव करने के लिए नीचे बताई गई बातों का पालन करें:
जब आप बच्चे में एचएफएमडी से संबंधित लक्षण देखती हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उपचार कराएं। एचएफएमडी से जुड़ा सबसे आम कॉम्प्लिकेशन है डिहाइड्रेशन क्योंकि मुंह में छाले होने से कुछ भी खाना और पीना मुश्किल होता है। यदि इसका ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है, तो यह रोग वायरल मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की मेम्ब्रेन में सूजन होना) और एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क में होने वाली सूजन, जो जानलेवा है) आदि कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है। हालांकि ये कॉम्प्लिकेशन दुर्लभ हैं, लेकिन सतर्क रहना और डॉक्टर से परामर्श करना ज्यादा बेहतर है।
लक्षणों से राहत और आराम प्रदान करने के लिए हाथ, पैर और मुंह रोग के लिए घरेलू उपचार करना बच्चे के लिए फायदेमंद हो सकता है। जिसमें कुछ उपचार इस प्रकार शामिल हैं:
जब आप पहली बार रोग के लक्षणों को नोटिस करती हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें। नीचे बताई गई स्थिति में भी आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए:
यहाँ आपको हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के संदर्भ में कुछ आम प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।
हाँ, बच्चे को दूसरी बार एचएफएमडी की समस्या हो सकती है। जबकि दोबारा शरीर के इम्यून सिस्टम को वायरस से लड़ने की ताकत मिलेगी जिसकी कमी के कारण वो पहली बार इन्फेक्टेड हुआ था, एचएफएमडी कई बार हो सकता है।
एचएफएमडी ज्यादातर बच्चों में होता है।हालांकि, यह बड़ों में भी हो सकता है। यह देखा गया है कि जो भी बड़े इससे संक्रमित होते हैं उन्हें बचपन में भी इस वायरस ने अटैक किया होता है। इसके लक्षण बड़ों में वैसे ही दिखते हैं जैसे छोटों में।
वैसे तो यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन उनके लिए बेहतर यही है कि वो संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें क्योंकि:
माँ और देखभाल करने वालों को बच्चों की देखभाल करते समय साफ-सफाई का बहुत ज्यादा खयाल रखना चाहिए ताकि बच्चे को एचएफएमडी से रोका जा सके। ऊपर बताए गए लक्षण, कारण और उपचार आपको इसे फैलने से रोकने में मदद करेंगे।
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