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हम सभी को कभी न कभी मुंह में छाले होने की समस्या हुई होगी और बच्चे भी हमसे अलग नहीं हैं। बच्चों में जब यह पहली बार होता है तो वे काफी परेशान हो जाते हैं और यह नहीं समझ पाते हैं कि मुंह के छाले जल्दी ही ठीक हो जाएंगे। मुंह में छाले होने के कई कारण हैं, जैसे भोजन में फोलिक एसिड, विटामिन बी12 और आयरन की कम होना। कारण समझने और इसके ट्रीटमेंट से बच्चे को राहत मिल सकती है। इस आर्टिकल में बच्चों के मुंह में छाले होने के कारण व लक्षण क्या होते हैं और साथ ही इसके उपचार और इससे बचाव से जुड़ी सभी बातों की जानकारी दी गई है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
मुंह में होने वाले छाले, कट या घाव होते हैं जो मसूड़ों, जीभ और गाल के अंदर बनते हैं। इसे कैंकर सोर भी कहा जाता है और इससे ब्रश करते समय, खाते समय या डेंटल ट्रीटमेंट के दौरान मुंह में दर्द भी होता है। कुछ मामलों में यह समस्या विटामिन की कमी और वायरल इंफेक्शन की वजह से भी होती है।
बच्चों के मुंह में नीचे बताए गए तीन में से किसी भी एक प्रकार के छाले हो सकते हैं। इसे साइज और ठीक होने में समय लगने के अनुसार विभाजित किया गया है। आइए जानते हैं कि वे क्या हैं;
बच्चों के मुंह में छाले होने का सबसे आम कारण चोट लगना है। हालांकि ऐसे भी मामले हैं जहाँ पर बच्चों के मुंह में छाले होने के पीछे कारण परिवार में इस तरह की टेंडेंसी होना है। यहाँ पर छोटे व बड़े बच्चों के मुंह में अल्सर या छाले होने के कुछ कारण बताए गए हैं, आइए जानें;
यदि बच्चा अभी इसके बारे में समझने के लिए बहुत छोटा है तो पेरेंट्स को भी यह समझ नहीं आता है कि बच्चे को क्या दिक्कत हो रही है। इसके लिए आपको मुंह में छाले होने के लक्षण व संकेतों के बारे में पता होना चाहिए ताकि इसे तुरंत ठीक किया जा सके।
मुंह के छाले को समझना आसान है क्योंकि यह सामने से ही दिख जाता है। यहाँ पर बच्चों के मुंह में छाले होने के कुछ लक्षण बताए गए हैं, आइए जानें;
कभी-कभी बच्चों को कोल्ड सोर यानी फीवर ब्लिस्टर भी हो सकता है, और हम उसे माउथ अल्सर भी समझ सकते हैं। यहां बताया गया है कि कोल्ड सोर माउथ अल्सर से कैसे अलग होते हैं।
कैंकर सोर कोल्ड सोर से बिलकुल अलग हैं। कैंकर सोर मुंह में सॉफ्ट टिश्यू होते हैं और यह बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं होते हैं। कोल्ड सोर को फीवर ब्लिस्टर भी कहते हैं और यह हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस से होता है साथ ही यह समस्या बहुत ज्यादा प्रभावी भी होती है। कोल्ड सोर अक्सर होंठों के बाहरी हिस्से में होता है।
एक बार जब मुंह के छाले या अल्सर का प्रकार पता चल जाए तो डॉक्टर के लिए इसका सही इलाज करना बहुत आसान हो जाता है। मुंह में छाले होने के कारण बच्चे की असुविधाओं को कम करने के लिए आप क्या कर सकती हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
यह पहले भी बताया गया है कि मुंह के छाले या अल्सर के लिए किसी भी दवा की जरूरत नहीं होती है और ये अपने साइज के अनुसार कुछ ही दिन व सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। इन छालों का दर्द लगभग 3 से 4 दिनों में ठीक हो जाता है।
इस दौरान गर्म, मसालेदार या खट्टा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे छालों में ज्यादा तकलीफ होती है। डॉक्टर प्रभावित जगह पर टीदिंग जेल या क्रीम लगाने की सलाह दे सकते हैं।
यदि छालों में गंभीर दर्द होता है तो आप डॉक्टर से दर्द कम करने की उचित दवा ले सकती हैं, जैसे अस्टमीनोफेन या आइबूप्रोफेन। हम यह सलाह देते हैं कि डॉक्टर से पूछे बिना अपने बच्चे को कोई भी दवा नहीं देनी चाहिए।
यदि बच्चे के मुंह में छाला हुआ है तो आप उसके लिए निम्नलिखित होम रेमेडीज का उपयोग कर सकती हैं। ये उपाय हल्के-फुल्के छालों के लिए फायदेमंद हैं। हालांकि यदि बच्चे को बुखार है या उसमें जुकाम के लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से सलाह लें और होम रेमेडीज का उपयोग न करें।
बच्चों के मुंह में छाले होने का स्पष्ट कारण अभी तक पता नहीं चला है इसलिए इससे बचना काफी कठिन है। हालांकि यदि आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करें तो शायद बच्चे के मुंह में छाले होने से बचा जा सकता है पर इस बात की गारंटी नहीं दी जा सकती है। वे कौन से तरीके हैं, आइए जानें;
यदि मुंह के छाले ठीक होने में काफी समय लग रहा है तो बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जरूर जाएं।
यदि बच्चे में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, आइए जानें;
मुंह में अल्सर की समस्या से बच्चे चिड़चिड़ाते हैं। बच्चों के मुंह में छाले क्यों होते हैं इसका वास्तविक कारण पता करना कठिन है। यहाँ तक कि पेरेंट्स के लिए इससे संबंधित सावधानियों को प्रभावी रूप से बरतना भी चैलेंजिंग है। हालांकि पेरेंट्स कुछ बचाव के टिप्स फॉलो कर सकते हैं, जैसे हाइजीन बनाए रखना, बच्चे को बैलेंस्ड डायट देना आदि ताकि मुंह में छाले होने की समस्या कम हो सके।
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