In this Article
नाशपाती का फल पोटैशियम, फाइबर, विटामिन ‘सी’, फोलेट और कॉपर से भरपूर होता है। इसमें सोडियम, कोलेस्ट्रोल या सैचुरेटेड फैट नहीं होते हैं और इसके साथ ही यह पचने में भी आसान होता है। इसमें कैलोरी से अधिक न्यूट्रिएंट्स होते हैं, इसलिए यह एक बहुत पोषक फल है। इसी कारण आपके बच्चे के आहार में शामिल करने के लिए यह एक बेहतरीन फल है। नाशपाती से क्या-क्या फायदे होते हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें।
बिल्कुल! नाशपाती का छिलका पचने में आसान होता है और यह बच्चों में होने वाली कब्ज की समस्या के लिए एक लोकप्रिय प्राकृतिक दवा है। यह आपके बच्चे के लिए जरूरी पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और यह कैंसर, हार्ट-अटैक जैसी परेशानियों के खतरे को भी कम करता है।
बच्चों के लिए 4 से 6 महीने की उम्र के बीच नाशपाती की शुरुआत करने का बेहतरीन समय होता है। अगर आपके बच्चे को नाशपाती से किसी तरह का एलर्जिक रिएक्शन दिखता है, तो उसे नाशपाती खिलाने के लिए उसके 8 महीने के होने तक इंतजार करें।
आइए देखते हैं, कि आपके बच्चे की सेहत को नाशपाती के सेवन से क्या-क्या फायदे और पोषक तत्व मिलते हैं।
क्या आप नाशपाती में मौजूद कैलोरी की मात्रा जानना चाहते हैं। इसकी जानकारी के लिए नीचे दिए गए टेबल को देखें:
न्यूट्रिएंट्स | मध्यम आकार का एक नाशपाती |
फैट | 0 ग्राम |
कैलोरी | 101 |
प्रोटीन | 1 ग्राम |
विटामिन ‘सी’ | रोज की जरूरत का 12% |
विटामिन ‘के’ | रोज की जरूरत का 10% |
पोटैशियम | रोज की जरूरत का 6% |
कार्बोहाइड्रेट | 27 ग्राम |
शुगर | 17 ग्राम |
यहाँ पर सेहत के लिए नाशपाती के कुछ फायदे दिए गए हैं:
नाशपाती के छिलके में शक्तिशाली पॉलीफेनॉल, फेनोलिक एसिड और फ्लेवोनॉयड होते हैं। इसमें जरूरी हेल्दी फैटी एसिड होने के अलावा, यह एंटी इनफ्लेमेटरी होता है और यह कैंसर से भी बचाता है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की एक स्टडी के अनुसार नाशपाती में ग्लूटाथिओन नामक एक सुपर एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो कि बच्चों और मरीजों में स्ट्रोक, कैंसर और हाई ब्लड प्रेशर से बचाता है।
नाशपाती फाइबर का एक अच्छा सॉल्युबल स्रोत है। अगर आप अपने बच्चे के फाइबर के सेवन को लेकर चिंतित हैं, तो उसके खाने में नाशपाती को शामिल करें। नाशपाती में पेक्टिन, विटामिन ‘सी’ और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो कि फ्री-रेडिकल डैमेज से लड़ते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं, जिसका मतलब है, कि वे एंटीऑक्सीडेंट और फ्री रेडिकल्स के असंतुलन को कम करते हैं।
नाशपाती का छिलका पूरी तरह से सुरक्षित होता है और यह पचने में भी आसान होता है। नाशपाती उन कुछ दुर्लभ फलों में से एक है, जिनकी उपज के दौरान पेस्टिसाइड और केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। अगर आपके बच्चे को इनडाइजेशन, डायरिया या डिसेंट्री की समस्या है, तो उसके भोजन में नाशपाती को शामिल करें।
नाशपाती पर की गई स्टडी बताती है, कि नाशपाती में घाव भरने की क्षमता अधिक होती है। यह घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं। अगर आपका बच्चा चलने की शुरुआत के दौरान खुद को चोट पहुँचा लेता है, तो नाशपाती उसकी मदद करेगा।
नाशपाती को बच्चों में इम्युनिटी को बढ़ाने और इन्फेक्शन से लड़ने के लिए जाना जाता है। नाशपाती में मौजूद कैफेइक एसिड और क्लोरोजेनिक एसिड जैसे बायोकेमिकल्स इम्यून सिस्टम को स्टिमुलेट करते हैं और बच्चे को सुरक्षित रखते हैं।
अपने बच्चे को ब्रेस्टमिल्क छुड़वाने और इन्फेंट रिफलक्स और जीईआरडी के लक्षणों से आराम दिलाने के लिए उसके भोजन में नाशपाती को शामिल करना एक सौम्य तरीका है। नाशपाती अस्थमा से बचाता है और दूसरे फलों की तुलना में इसका एसिडिटी प्रोफाइल काफी कम होता है।
चाहे आप सलाद में नाशपाती डाल रही हों या इसकी प्यूरी बना रही हों, इसे तैयार करने का तरीका पता हो, तो समय और मेहनत बचाना आसान हो जाता है।
कैसे करें
अगर आप सोच रहे हैं, कि नाशपाती को कैसे चुनें और इसे कैसे स्टोर करें, तो नीचे दिए गए टिप्स निश्चित रूप से आपकी मदद करेंगे:
अगर आप बेबी को खिलाने के लिए नाशपाती का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसे पकाने और रेसिपी में शामिल करने के तरीके नीचे दिए गए हैं:
नाशपाती को केवल कच्चा खाना या स्टीम पर पकाकर खाना तो ठीक है, लेकिन वैरायटी एक अच्छे भोजन की खासियत होती है और यहाँ पर तीन बेहतरीन पियर बेबी फूड कॉम्बीनेशन दिए गए हैं, जिनसे आपका बच्चा इसे बार-बार खाना चाहेगा।
नाशपाती की इस स्वादिष्ट प्यूरी को चखने के बाद आपके बच्चे को फलों से प्यार हो जाएगा।
आवश्यक सामग्री
कैसे बनाएं
एक पीलर की मदद से नाशपाती का छिलका उतार दें और एप्पल कोरर की मदद से बीच के हिस्से को अलग कर दें। इसके चार टुकड़े कर दें, फिर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। एक सॉस पैन में 4 टेबलस्पून पानी डालें और धीमे धीमे पकाएं। इसे 10-12 मिनट के लिए ढककर पकाएं और नरम होने तक बीच-बीच में चलाते रहें। ठंडा होने दें और उसके बाद ब्लेंडर में डालकर प्यूरी बना लें। आप चाहें, तो टेस्ट के लिए दूध या फिर पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। रूम टेंपरेचर पर सर्व करें।
कभी-कभी बच्चे को एक यमी स्मूदी भी दें। इसे बनाने के लिए आपको नीचे दी गई सामग्रियों की जरूरत पड़ेगी।
आवश्यक सामग्री
कैसे बनाएं
ओटमील को थोड़े पानी में डालकर गर्म करें और नरम होने तक पकाएं। नाशपाती को भी थोड़ा मुलायम होने तक पका लें और ठंडा होने दें। जब यह तैयार हो जाए, तो नाशपाती का छिलका उतार कर मैश कर लें और इसे और ओटमील को एक ब्लेंडर में डालें। इसमें थोड़ा पानी और दूध डालकर अपनी मनचाही स्मूदी कंसिस्टेंसी मिलने तक ब्लेंड करें और यह तैयार है।
यह एक सिंपल रेसिपी है, जिसमें अधिक मेहनत की जरूरत नहीं होती है।
आवश्यक सामग्री
कैसे बनाएं
नाशपाती की प्यूरी बनाना आपको पहले से पता ही है। लेकिन अब इससे एक कदम आगे बढ़ना है। इस प्यूरी को ऐसे ही सर्व करने के बजाय, इसमें थोड़े एवोकाडो और केले के टुकड़े भी मिला लें। इन तीनों को आपस में अच्छी तरह मिलाएं और एक ब्लेंडर में डालें। स्मूद होने तक ब्लेंड करें और तुरंत सर्व करें। इसके विकल्प के रूप में बच्चों के लिए घर का बना हुआ ताजा नाशपाती का जूस और मिक्स फलों का जूस और उसके साथ ही नाशपाती के टुकड़े भी काफी होते हैं।
नोट: बच्चे में एलर्जी की जांच करने के लिए पहले फलों को अलग-अलग ही बच्चे को दें।
चूंकि आपको नाशपाती के बारे में सब कुछ पता चल चुका है, अब ऐसे दो सवाल हैं, जो आपके दिमाग में घूम रहे होंगे। क्या इससे एलर्जी हो सकती है? क्या नाशपाती का छिलका मेरे बच्चे के लिए ठीक है? हमारे पास आपके सवालों का जवाब है।
हाँ, अगर बच्चे की उम्र 6 महीने से कम है, तो उसे नाशपाती से एलर्जी होना संभव है। हालांकि ऐसा बहुत कम ही होता है।
ऐसा बेहद जरूरी नहीं है। नाशपाती के छिलके वास्तव में आपके बच्चे के लिए काफी फायदेमंद होते हैं और ये फाइबर और फायदेमंद पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा से भरे होते हैं। बच्चे को अगर कब्ज की शिकायत हो, तो नाशपाती की प्यूरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, बच्चे की उम्र और नाशपाती के प्रकार के अनुसार यह भिन्न भी हो सकता है।
हाँ, ऐसा करने के लिए सबसे बेहतर है, कि नाशपाती के बीज और बीच के हिस्सों को निकालकर इसके छोटे टुकड़े किए जाएं। इसके बाद इसे जमने के लिए लगभग 4 घंटे के लिए एक ट्रे में डालकर फ्रीजर में रखा जा सकता है। इसके बाद इसे एक एयरटाइट कंटेनर में डालकर रेफ्रिजरेट कर सकते हैं। इसमें शक्कर के इस्तेमाल से बचें, क्योंकि इससे आपके शिशु को शुरुआत में ही दाँतों से संबंधित समस्याएं हो सकती है।
नाशपाती के माध्यम से बच्चे को उसके पोषक तत्वों की रोज की खुराक की आपूर्ति हो जाती है और यह एसिड रिफ्लक्स सिम्टम्स में भी अच्छी तरह से काम करता है। अगर आपके बच्चे को कब्ज की शिकायत हो रही है या दूध छुड़ाने में परेशानी आ रही है, तो आप उसके भोजन में नाशपाती को शामिल कर सकते हैं और बिना किसी झंझट के धीरे-धीरे ब्रेस्टफीडिंग छुड़वा सकते हैं। अगर आपके बच्चे को नाशपाती से एलर्जी हो या खाना खाने के दौरान वह चिड़चिड़ापन दिखाए, तो पेडिअट्रिशन से परामर्श ले सकते हैं।
यह भी पढ़ें:
बच्चों के लिए सेब की 10 आसान रेसिपीज
बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स – कब और कैसे दें
बच्चों के लिए तरबूज – फायदे और रेसिपीज
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…