शिशु

शिशुओं की नैप का समय कैसे निर्धारित करें – दिन में सुलाने के टिप्स

पहली बार पैरेंट बनना किसी के लिए भी बहुत कठिन हो सकता है। आपकी जिंदगी अपने न्यूबॉर्न बच्चे के आसपास ही घूमने लगती है और आप हर उस सवाल का जवाब खोजना शुरू कर देती हैं जो बच्चे को प्रभावित करता है। हालांकि बहुत सारी चीजों से आपको कन्फ्यूजन हो सकता है और इससे आपकी भावनाओं पर भी प्रभाव पड़ता है पर कुछ चीजों के बारे में सोचना भी जरूरी है, जैसे बेबी का नैप टाइम।  

पैरेंट होने के नाते आपने जरूर सुना होगा कि बच्चों के लिए नैप लेना अच्छा है। आप जल्दी ही देखेंगी कि बच्चे को दिन में सोना पसंद है पर एक बेबी वास्तव में कितनी देर तक सोता है? इस आर्टिकल में पहले साल के दौरान बच्चे की नैप या नींद के पैटर्न के बारे में चर्चा की गई है, आइए जानें। 

छोटे बच्चों के लिए नैप लेना क्यों जरूरी है?

शुरुआती समय में शिशुओं के लिए नैप लेना बहुत जरूरी है। इससे बेबी का मूड अच्छा रहता है और उसका रोना या नखरे करना कम होता है। जागने की तुलना में नैप के दौरान बच्चे का दिमाग ज्यादा तेजी से विकसित होता है। नैप लेने से बच्चे का विकास तेज होता है और उसे वातावरण की अच्छी समझ होती है। ऐसी गलत धारणा है कि यदि बच्चा नैप नहीं लेता है तो वह रात को अच्छी नींद में सोएगा – पर यह प्रमाणित नहीं है इसलिए बच्चे की अच्छी हेल्थ के लिए उसे दिन में सुलाना जरूरी है। 

शिशुओं को कहाँ पर नैप लेनी चाहिए?

बेबीज को अक्सर अपने क्रिब में ही सबसे अच्छी नींद आती है और उसमें वे सुरक्षित व सेफ महसूस करते हैं। यदि आपकी लाइफस्टाइल एक्टिव है तो आप बच्चे को स्ट्रोलर या कैरियर में सुलाने का प्रयास करें ताकि उसे इसकी आदत पड़ सके – यदि यह संभव नहीं है तो आप एक या दो चीजें उसके पास रखें जिससे उसे अपना बिस्तर याद रहेगा और उसे सोने में सुरक्षित महसूस होगा। यदि आपके कमरे में बहुत रौशनी आती है तो आप बच्चे को सेटल करने के लिए ब्लैकआउट पर्दों का इस्तेमाल करें। 

एक छोटे बच्चे को कितनी बार नैप लेने की जरूरत होती है?

एक शिशु की नैप उसकी आयु व व्यवहार के पैटर्न पर निर्भर करती है। नीचे दी हुई टेबल में बच्चे की उम्र के अनुसार उसकी नैप का समय बताया गया है, आइए जानें;

आयु रोजाना की नैप दिन में सोने का कुल समय हर नैप का समय नैप के बीच में जागने का समय याद रखने योग्य बातें
0 से 11 सप्ताह 6 से 8 4 से 5 घंटे 10 या 15 मिनट से 4 घंटे 30 मिनट से 1 घंटा बेबी बहुत छोटा होने की वजह से उसके सोने का समय निर्धारित नहीं हुआ होगा। इसलिए आप उसके सोने के अनिश्चित समय की चिंता न करें।
3 से 4 महीने 4 से 5 3 से 4 घंटे 30 मिनट से 2 घंटे लगभग 1 से 2 घंटे चार महीने की आयु में बच्चा कम सोएगा और उसके नैप लेने का समय भी कम हो जाएगा।
5 से 6 महीने 3 से 4 2.5 से 3.5 घंटे 30/45 मिनट से 2 घंटे लगभग 2 घंटे इस स्टेज के अंत में बच्चे के नैप लेने का समय निर्धारित हो जाएगा।
7 से 8 महीने 2 से 3 2 से 3 घंटे 1 से 2 घंटे 2 से 3 घंटे स्लीप रिग्रेशन के कारण इस चरण के अंत तक बच्चे की नैप्स 3 से घटकर 2 तक हो चुकी होंगी।
9 से 12 महीने 2 2 से 3 घंटे 1 से 2 घंटे लगभग 3 से 4 घंटे साल के अंत तक आपके बच्चे की नैप का समय निर्धारित हो चुका होगा।

शिशुओं की नैप से संबंधित टिप्स

जो पहली बार पेरेंट्स बनते हैं उनके लिए यह समझ पाना कठिन है कि नैप लेने में बच्चे की मदद कैसे करें – इस प्रोसेस को करते रहना जरूरी है। बच्चा नखरे कर सकता है या वह सोने के लिए मना कर सकता है। हालांकि कुछ चीजें हैं जिनकी मदद से आप बच्चे को नैप लेने में मदद कर सकती हैं।

  • आप अपने बच्चे के अनुकूल ही उसके सोने का शेड्यूल बनाएं। दिन में उसकी एनर्जी लेवल के बारे में सोचें और थक जाने पर उसकी नैप का समय निर्धारित करें ताकि वह अच्छी नींद सो सके। यह प्रमाणित है कि बच्चे को दिन भर में दो बार सोना चाहिए, पहला सुबह होने के बाद लेकिन दोपहर होने से कुछ समय पहले और दूसरा दोपहर में, ताकि उसे आराम मिल मिल सके।
  • बच्चे को नैप लेते समय या सामान्य नींद के दौरान भी निश्चित समय लगता है। आप उसकी नैप्स का सही समय निर्धारित करें ताकि वह समय पर अच्छी नींद में सो सके।
  • यदि बच्चे को नींद लेने में कठिनाई होती है तो आप उसे लोरी गाकर सुलाने का प्रयास करें। आप बच्चे को लोरी सुनाएं, उसे गुनगुने पानी से नहला दें या उसके पेट पर मालिश करें ताकि वह आराम से सो सके।
  • बच्चे में थकान के लक्षणों पर ध्यान जरूर दें। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि बच्चा कब सोना चाहता है और इन्हीं लक्षणों के आधार पर आप उसका रूटीन बनाएं।
  • नैप और एक्टिविटीज दोनों ही जरूरी हैं और इन दोनों में बैलेंस होना चाहिए। यदि बच्चे में हमेशा एनर्जी रहती है तो यह सोने के समय तक जरूर थक जाएगा। नैप लेने से भी बच्चे को ज्यादा एनर्जी मिलती है ताकि वह ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटीज में भाग ले सके। सही एक्टिविटीज करने से बच्चे में शारीरिक व मानसिक विकास होता है।
  • लंबे समय तक नैप लेना भी सही नहीं है। यदि बच्चा तीन घंटे से ज्यादा सोता है तो उसे उठाएं और एक्टिविटीज में व्यस्त रखें ताकि उसकी एनर्जी का सही उपयोग होने में मदद मिल सके।
  • यदि बच्चा नैप लेना ही नहीं चाहता है तो आप परेशान न हों क्योंकि कुछ मामलों में यह आम है जिसमें बेबी सिर्फ एक बार ही नैप लेता है या दिन में सोता ही नहीं है। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा रात में सही से सो सके।
  • यदि आपको छोटी-छोटी बातों में शंका होती है तो आप इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें।

क्या बेबी की नैप को नियंत्रित करना सही है?

यदि बच्चा दिन में पर्याप्त सोया है तो उसे जगा देना ठीक ही है ताकि वह ज्यादा देर तक न सोए। इससे बच्चा दिन में ज्यादा नहीं सोएगा और उसकी रात की नींद भी प्रभावित नहीं होगी। यदि बच्चा की फीडिंग मिस होने की सम्भावना है तो उसे जगाना गलत नहीं होगा। इस बात का ध्यान रखें कि यदि बच्चा जाग रहा है तो उसे किसी न किसी एक्टिविटी में व्यस्त रखें ताकि कुछ समय के बाद वह थक जाए और उसे नींद आ जाए। 

इस पर कन्फ्यूजन है कि शिशुओं को कितना सोना चाहिए क्योंकि यह हर बच्चे के व्यक्तित्व, एनर्जी और जागने के बाद वह क्या करता है आदि बातों पर निर्भर है। यद्यपि बेबी को कितना सोना चाहिए और इससे संबंधित गाइडलाइन्स ऊपर बताई गई हैं पर यदि वह इसे पूरी तरह से फॉलो नहीं करता है तो आप घबराएं नहीं। यदि बच्चे की नींद के पैटर्न में आपको कुछ भी गलत दिखाई देता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

यह भी पढ़ें:

नवजात शिशु का बहुत ज्यादा सोना
शिशुओं में स्लीप रिग्रेशन से कैसे निपटें
क्या छोटे बच्चे को करवट से सुलाना चाहिए?

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

2 weeks ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

2 weeks ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

3 weeks ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

3 weeks ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

3 weeks ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

3 weeks ago