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बच्चे के 6 महीने की उम्र तक आते-आते आपके मन में उसके आहार व स्वास्थ्य से संबंधित कई सवाल आने लगे होंगे। पेरेंट्स के लिए यह कन्फ्यूज होना आम है कि बच्चे को क्या खिलाएं और क्या न खिलाएं क्योंकि इससे उस पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शुरूआती चरण से ही इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे के विकास के लिए सही मात्रा में न्यूट्रिएंट्स बहुत जरूरी होते हैं।
आजकल भारतीय बाजारों में तरोई और खीरे से मिलती-जुलती ज़ुकिनी नाम की एक सब्जी काफी देखी जाती है। यह मूल रूप से अमेरिकी सब्जी है पर सालों से इसे यूरोप में भी उगाया जाता रहा है। ज़ुकिनी एक ऐसी सब्जी है जिसे सालभर में कभी भी उगाया जा सकता है। इसमें बहुत सारा न्यूट्रिशन होने के कारण यह सब्जी पिछले कई सालों से दुनिया भर के लोगों की स्पेशल डायट में शामिल है। इसीलिए पिछले कुछ समय से हमारे यहाँ आने वाली कई विदेशी सब्जियों के साथ इसकी भी उपस्थिति देखी जाने लगी है। अंग्रेजी में इसके कई नाम हैं, जैसे ज़ुकिनी, कुरजेट।
न्यूट्रिएंट्स | मात्रा प्रति 124 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट्स | 4.2 ग्राम |
प्रोटीन | 1.5 ग्राम |
फैट | 0.2 ग्राम |
कैल्शियम | 18.6 मिलीग्राम |
आयरन | 0.4 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 21.1 मिलीग्राम |
डायटरी फाइबर | 1.4 ग्राम |
विटामिन ‘सी’ | 21.1 मिलीग्राम |
स्रोत: http://nutritiondata.self.com/facts/vegetables-and-vegetable-products/2639/2
ज़ुकिनी में शिशु की आवश्यकता अनुसार ज्यादातर न्यूट्रिएंट्स होते हैं इसलिए आप शुरू से ही उसकी डायट में ज़ुकिनी शामिल करें।
ज़ुकिनी की सब्जी बच्चों के लिए बहुत अच्छी है और आप पहले साल में बच्चे को यह खिला सकती हैं। 10 महीने की उम्र में बच्चे को ज़ुकिनी खिलाना शुरू करें क्योंकि इससे एलर्जिक रिएक्शन होने की भी संभावना होती है।
बच्चे को एलर्जिक रिएक्शन होने की संभावनाएं कम करने के लिए आप उसे 10 महीने की उम्र के आसपास ज़ुकिनी खिलाने की शुरुआत करें।
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि बच्चों के लिए ज़ुकिनी बहुत ज्यादा फायदेमंद है। इसके कुछ फायदों के बारे में यहाँ चर्चा की गई है, आइए जानें;
ज़ुकिनी में कैल्शियम होता है जो बच्चे की हड्डियों व दाँतों के लिए जरूरी है। यह शरीर में न्यूट्रिएंट्स पहुँचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मैग्निशयम भी बच्चे की हड्डियों, दाढ़ और दाँतों के डेवलपमेंट में मुख्य भूमिका निभाता है। इसके एन्जाइम्स पाचन के लिए जरूरी हैं और यह यूरिनरी ब्लैडर को नियंत्रित करता है इसलिए इससे पाचन संबंधी समस्याएं ठीक रहती हैं।
ज़ुकिनी में फॉस्फोरस भरपूर होता है जो बच्चे के शरीर के फंक्शन को ठीक करने में मदद करता है। यह मिनरल सुन्न होने और थकान जैसी समस्याओं से लड़ता है और साथ ही दिमाग के डेवलपमेंट में मदद करता है।
ज़ुकिनी में विटामिन ‘सी’ होता है जो बेबी के विकास के लिए जरूरी है। शरीर में मौजूद विटामिन ‘सी’ की मात्रा के आधार पर की इम्यून सिस्टम का विकास होता है क्योंकि यह शरीर में म्यूकस और अन्य फ्लूइड को बढ़ाने में मदद करता है।
‘बी’ कॉम्प्लेक्स विटामिन ‘बी6’, नियासिन, थायमिन, फोलेट और अन्य विटामिन से मिलकर बनता है। यह मेटाबॉलिक एक्टिविटीज, इम्यून सिस्टम के फंक्शन, एनर्जी और शरीर में रेड ब्लड सेल्स बढ़ाने में मदद करता है।
यद्यपि ज़ुकिनी में बहुत सारे मिनरल और विटामिन्स हैं पर यह बच्चा आसानी से पचा सकता है। यह मुख्य रूप से पानी और फाइबर से बनी होती है। यदि बच्चे को पाचन संबंधी समस्याएं हैं तो आप उसे रेमेडी के रूप में ज़ुकिनी खिला सकती हैं।
बड़े बच्चों के लिए कच्ची ज़ुकिनी के स्लाइस टेस्टी और हेल्दी स्नैक की तरह हैं। यद्यपि इस सब्जी के टेक्सचर के कारण छोटे बच्चों में चोकिंग की समस्या हो सकती है पर बच्चों को यह कच्चा खिलाने में अन्य कोई समस्या नहीं है। यह सब्जी कच्ची देने से पहले आप उसकी खाने की आदतों व आयु पर ध्यान दें।
आप सोचती होंगी कि बच्चे के लिए ज़ुकिनी का फिंगर फूड टेस्टी तरीके से कैसे पकाएं इसलिए यहाँ पर बच्चे के लिए ज़ुकिनी की कई सारी रेसिपीज बताई गई हैं, आइए जानें;
ज़ुकिनी के रोस्टेड स्क्वाश से बच्चों का पेट भर जाता है और यह कम से कम ऑयल में पकता है।
इंग्रेडिएंट्स
रेसिपी
पहले आप ज़ुकिनी और प्याज को काटें और इसके ऊपर थोड़ी सी लाल शिमला मिर्च डालें। इसमें ऑलिव ऑयल की कुछ बूंदें भी डालें। कटी हुई सब्जी को ओवन में 400 डिग्री पर लगभग 30 मिनट के लिए पकाएं और फिर सामान्य रूप से ठंडा कर लें। अंत में रोस्टेड क्यूब्स को स्मूद मिक्सचर होने तक ब्लेंडर में ब्लेंड करें। बच्चे को स्वादिष्ट प्यूरी सर्व करें।
आप बेबी के लिए इटैलियन रेसिपी भी बना सकती हैं, आइए जानें;
इंग्रेडिएंट्स
रेसिपी
यदि डिश बनाने के लिए पहले आप ज़ुकिनी को सॉफ्ट होने तक उबालें और दूसरे पॉट में पास्ता उबाल लें। पास्ता का पानी निकालने के बाद आप इसमें ऑलिव ऑयल मिलाएं ताकि यह चिपके नहीं। एक कटोरे में ज़ुकिनी को स्मैश करें और पास्ता डालकर अच्छी तरह से मिलाएं। इसमें थोड़ा सा नमक और मिर्च डालें व चीज़ और शिमला मिर्च से गार्निश करके बच्चे को खिलाएं।
क्या बच्चे के दाँत निकल रहे हैं? आप उसके लिए यह बेहतरीन रेसिपी तैयार करें।
इंग्रेडिएंट्स
रेसिपी
इस डिश को बनाने के लिए पहले सभी इंग्रेडिएंट्स को पानी में लगभग 5 मिनट तक उबाल कर सॉफ्ट कर लें। अब सभी सामग्रियों को ब्लेंडर में डालें और बिना पानी मिलाए पेस्ट बनने तक ब्लेंड करें। यदि जरूरी हो तो गाढ़ापन कम करने के लिए थोड़ा सा पानी मिलाएं।
तबीयत खराब होने पर बच्चों के लिए यह एक न्युट्रिश्यस डिश है।
इंग्रेडिएंट्स
रेसिपी
इस डिश को पकाने के लिए सबसे पहले कटे हुए प्याज और लहसुन को मुलायम होने तक भून लें। फिर आलू को छोटा-छोटा काटकर पैन में डालें व 15 मिनट के लिए कम आंच पर पकाएं। पैन में ज़ुकिनी डालें और लगभग 5 मिनट तक पकाएं। मिक्सचर में वेजिटेबल स्टॉक डालें और उबाल लें। अंत में इसमें दही मिलाकर सर्व करें।
गाजर और ज़ुकिनी के गुणों से भरपूर इस डिश में भरपूर फाइबर होता है जिससे पाचन संबंधी समस्याओं में मदद मिलती है।
इंग्रेडिएंट्स
रेसिपी
सबसे पहले गाजर और ज़ुकिनी को कद्दूकस कर लें और प्याज को काट कर रखें। सभी सब्जियों को एक कटोरे में मिलाएं और इसमें अंडा, आटा और चीज़ डालकर अच्छी तरह से मिला लें। एक पैन में ऑलिव ऑयल डालकर थोड़ी मात्रा में मिक्सचर डालें और हल्का भूरा होने तक फ्रिटर्स पकाएं।
आप बच्चे के लिए ज़ुकिनी के साथ दूसरी सब्जियों के एक्सपेरिमेंट करके विभिन्न रेसिपीज तैयार कर सकती हैं।
बच्चे को ज़ुकिनी खिलाना शुरू करने से पहले निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें, जैसे
ज़ुकिनी का साइज 10 सेंटीमीटर या एक फुट से छोटा होना चाहिए इसलिए इसे चुनना पेरेंट्स के लिए थोड़ा कठिन हो सकता है। छोटी ज़ुकिनी सॉफ्ट और बच्चे के लिए पचाने में आसान होती है।
आप इसे फ्रिज में भी 4 से ज्यादा दिनों तक स्टोर करके न रखें। ज़ुकिनी को फ्रिजर में या नमी वाली जगह पर स्टोर करने के बजाय ड्राई और ठंडी जगह पर ही स्टोर करें।
इसकी ऊपरी परत को अच्छी तरह से धोएं ताकि सभी प्रकार के पेस्टिसाइड, गंदगी साफ हो जाए। यदि यह ऑर्गेनिक है तो इसका छिलका भी खाया जा सकता है वरना इसे छील लें।
यदि आप बच्चे को ज़ुकिनी सीधे खिलाना चाहती हैं तो इसे कुछ मिनट के लिए स्टीम करें या उबाल लें ताकि इसके न्यूट्रिएंट्स नष्ट न हों।
यहाँ पर बच्चों को ज़ुकिनी देने से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दिए हुए हैं, आइए जानें;
ज़ुकिनी के छिलके में बहुत सारे ऐसे न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो बच्चों के लिए आवश्यक हैं इसलिए इसे छीलने से कोई भी फायदा नहीं है। यदि आपको लगता है कि बच्चे को इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है तो आप इसे छील लें।
यदि ज़ुकिनी छोटी या मध्यम आकार की है तो इसके बीज मुलायम होंगे जिसे आसानी से मैश किया जा सकता है या जिसकी प्यूरी बनाई जा सकती है। हालांकि बड़ी ज़ुकिनी का छिलका मोटा और बीज सख्त होते हैं इसलिए बच्चे को यह न खिलाना ही बेहतर है।
ज़ुकिनी में बहुत सारे ऐसे न्यूट्रिएंट्स हैं जिनसे बच्चे के विकास में मदद मिलती है और इसे उसकी डायट में शामिल करना बेहतर होगा। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि जब तक बच्चा 10 महीने का न हो जाए तब तक उसे ज़ुकिनी न खिलाएं क्योंकि इससे बच्चे को एलर्जी या पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही आप इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चे को कोई भी नया फूड किसी अन्य खाद्य पदार्थ में बिना मिलाएं दें ताकि किसी तरह की एलर्जी की पहचान हो सके। बच्चे के डायट में ज़ुकिनी शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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