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क्रिसमस बच्चोंं के लिए एक बहुत ही खास त्यौहार है। यह पूरी दुनिया में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। पूर्वी देशों के मुकाबले पश्चिमी देशों में क्रिसमस की ज्यादा चकाचौंध होती है। हमारे देश में इस त्यौहार का आगमन ठंड के मौसम में होता है। सभी बच्चे बड़ी बेशब्री से इस त्यौहार के आने का इंतजार करते है। घर के साथ साथ स्कूलों में भी क्रिसमस की तैयारियां शुरू हो जाती है। और ऐसे में हम निबंध लेखन प्रतियोगिता को कैसे भूल सकते हैं, और क्रिसमस तो स्कूलों में निबंध लेखन के लिए एक आसान और अच्छा टॉपिक है। तो चलिए जानते है क्रिसमस के विषय पर निबंध लिखने की तैयारी कैसे करना है और ज्यादा जानकारी कैसे इकट्ठा करनी है।
क्लास 1, 2 और 3 के बच्चों के लिए निबंध छोटा और सरल भाषा में लिखा होना चाहिए। यहां एक सैंपल दिया गया है जिससे आपको आइडिया मिलेगा कि क्रिसमस पर 10 लाइन का आसान हिंदी निबंध कैसे लिखा जा सकता है।
क्रिसमस पर छोटा पैराग्राफ लिखने के लिए, बच्चे को कुछ जरूरी पॉइंट्स मिलाकर वाक्य को एक फ्लो में लिखना चाहिए ताकि पढ़ने में प्रभावी लगे। क्रिसमस पर 200 शब्दों वाला छोटा निबंध नीचे दिया गया है।
क्रिसमस एक ऐसा त्यौहार है जो पूरी दुनिया में बहुत ही खुशी के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन प्रभु यीशु यानी ईसा मसीह का जन्म हुआ था। इस दिन सभी अपने परिवार वालों और दोस्तों के साथ मिलकर बहुत ही धूमधाम से यह त्यौहार मनाते है। इस त्यौहार को ‘बड़ा दिन’ के नाम से भी जाना जाता है। क्रिसमस के दिन घर के बड़े बच्चों को तोहफे, चॉकलेट्स और मिठाइयां देते हैं। घर में स्वादिष्ट पकवान बनते हैं। इस दिन सभी क्रिसमस ट्री को लाइटों और अच्छे–अच्छे सजावट की चीजों से सजाते है। कुछ लोग सैंटा क्लॉज बनकर बच्चों के बीच आते हैं और उन्हें उपहार और चॉकलेट्स देते हैं। क्रिसमस के दिन लोग चर्च जाते हैं और वहां पर प्रभु यीशु के सामने प्रार्थना करते हैं और कैंडल जलाते हैं। बच्चों से लेकर बड़े, सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं। क्रिसमस एक बहुत बड़ा त्यौहार है जिसका इंतजार सभी को रहता है, खासकर छोटे बच्चों को तो रहता ही है। इस त्यौहार में हर उम्र के लोग बढ़–चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह त्यौहार हमारे बीच एकता को प्रदर्शित करता है। इस दिन क्रिसमस ट्री तथा कई प्रकार की रंग बिरंगी लाइटों से घरों को सजाया जाता है। सभी लोग एक दूसरे को ‛मेरी क्रिसमस’ बोल कर शुभकामनाएं भी देते हैं। सिर्फ ईसाई धर्म ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी क्रिसमस मनाना पसंद करते हैं। क्रिसमस हमें प्यार देने और खुश रहने का संदेश देता है क्रिसमस साल के आखिर में आने वाला बहुत ही मजेदार समय होता है। क्रिसमस के खत्म होने के साथ ही न्यू ईयर की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
बच्चों के लिए लॉन्ग एस्से लिखने के लिए इस त्यौहार से जुड़ी बारीकियों और तथ्यों को जानना जरूरी है। यहां पर उदाहरण के लिए आपको क्रिसमस पर 400 से 500 शब्दों का हिंदी में क्रिसमस पर निबंध दिया गया है।
क्रिसमस का समय बहुत ही खुशनुमा होता है क्योंकि उसके साथ चारों तरफ रौनक रहती और छुट्टियां भी शुरू हो जाती हैं। क्रिसमस दिसंबर के आखिरी हफ्ते में 25 दिसंबर को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन यीशु यानी ईसा मसीह का जन्म हुआ था। इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य एक दूसरे के साथ मिलजुलकर रहना और आपस में प्यार बांटना है। 25 दिसंबर को मनाए जाने वाले इस त्यौहार की तैयारियां बहुत पहले से शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घरों को क्रिसमस ट्री से बहुत सुंदर तरीके से सजाते हैं, परिवार और दोस्तों के लिए गिफ्ट्स लाते हैं। इस दिन की गई प्रार्थना का भी बहुत महत्व है। पूरा परिवार एक साथ मिलकर चर्च जाता है और जीसस को अपने सुखद जीवन के लिए धन्यवाद देता है।
लंबे समय से हर साल 25 दिसंबर को ईसाइयों द्वारा क्रिसमस मनाया जाता रहा है। लेकिन अब सिर्फ ईसाई धर्म के लोग ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोग इसे मनाने लगे हैं। ऐसी मान्यताएं हैं कि 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्म बेथलेहम में हुआ था। इनके पिता जोसफ और माता मरियम, यहूदी थे। ये लोग अपना जीवन बिल्कुल साधारण तरीके से जीते थे। ऐसे में ये शरण पाने के लिए भटकते हुए बेथलहम पहुंचे। यहीं प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ, जो आगे चलकर ईसाई धर्म के महान जनक बने। ईसा मसीह एक महान व्यक्ति थे, उन्होंने लोगों को मिलजुल कर प्यार और एकता के साथ रहना सिखाया था। ईसाई मान्यताओं के अनुसार वे इंसानों के पाप की खातिर खुद सूली पर चढ़ गए। उनकी मृत्यु के बाद उनके प्रशंसक हर साल उनके जन्मोत्सव 25 दिसंबर को क्रिसमस के रूप में मनाते हैं।
क्रिसमस को ईसाई धर्म के साथ अब सभी धर्म के लोग धूमधाम से मनाना पसंद करते हैं। विदेशों की तरफ अब भारत में भी क्रिसमस की धूम बढ़ती जा रही है। 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्म हुआ था और उनके जन्म दिवस लोग क्रिसमस के रूप में मनाते हैं। प्रभु यीशु ने संसार को प्रेम के साथ रहने और किसी से भेद–भाव न करने का संदेश दिया था। क्रिसमस को हर जगह अपने–अपने तरीके से मनाया जाता है। इस त्यौहार को इसलिए भी खास माना गया है क्योंकि इसके साथ नए साल का आगमन होने वाला होता है। बच्चे बेहद खुश होते हैं, क्योंकि उन्हें सैंटा क्लॉज के आने का इंतजार रहता है। इस दिन सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज, ऑफिस आदि बंद रहते हैं। क्रिसमस का त्यौहार लोग बहुत खुशी के साथ मनाते हैं। ईसाई लोग क्रिसमस से कुछ दिन पहले ही अपने घरों को लाइटें व स्टार लगाकर सजाते हैं। बाजार में लाइट्स से रौनक बनी रहती और जगह–जगह क्रिसमस ट्री, सैंटा क्लॉज के कपड़े, टोपी, केक आदि बिकना शुरू हो जाते हैं। इस दिन लोग परिवार के साथ चर्च जाकर, कैंडल जलाते हैं और ईसा मसीह को प्रार्थना में याद करते हैं। लोग अपने घरों में भी क्रिसमस ट्री को अच्छे से सजाते हैं और परिवार के साथ पार्टी करते हैं। कुछ लोग बच्चों के सैंटा क्लॉज बनकर आते हैं और उन्हें खूब सारे चॉकलेट और गिफ्ट भी देते हैं।
क्रिसमस के दौरान हर तरफ धूम होती है और शहर क्रिसमस लाइट्स से जगमगाता नजर आता है। इस त्यौहार का काफी महत्व है। खासकर ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्रिसमस का उतना ही महत्व है, जितना हिंदुओं के लिए दिवाली का और मुस्लिमों के लिए ईद का होता है। क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया जाता है और इसी दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था, जो ईसाई धर्म का आधार माने जाते हैं। इसलिए इस दिन को पूरी दुनिया में क्रिसमस–डे के नाम से जाना जाता है। भारत में रहने वाले ईसाई लोग क्रिसमस बहुत ही सादगी के साथ मनाना पसंद करते हैं लेकिन वहीं गोवा के पणजी में इस त्यौहार की धूम विदेशों जैसी होती है। असली भारतीय क्रिसमस क्या होता है सही मायनों में यहां देखने को मिलता है। चारों तरफ मौसमी फूलों, फलों और केक की खुशबू हवा में घुली होती है। यह दिन खुशियां ही खुशियां लाता है और एक दूसरे के साथ प्यार से रहने के लिए प्रेरित करता है।
क्रिसमस अपने साथ कई खुशियां लेकर आता है और हमें भाईचारा और सुख–दुख में एक दूसरे के साथ खड़े रहने की प्रेरणा भी देता है। ईसा मसीह की कहानी से हमें यह ज्ञात होता है कि जीवन में जितनी भी परेशानियां या चुनौतियां आ जाएं, हमें कभी भी सही रास्ता छोड़ना नहीं चाहिए और दूसरों को भी सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
क्रिसमस बच्चोंं के लिए बहुत ही खास होता है और अगर उन्हें उनके मनपसंद विषय पर निबंध लिखना को कहा जाए तो वे इसे बड़े शौक लिख सकते हैं और इस लेख में दिए गए अलग–अलग निबंध सैंपल की मदद से बच्चे एक अच्छा निबंध लिखना सीखेंगे। वे अपनी इमेजिनेशन के हिसाब से सोचकर और भी अच्छा लिख सकता हैं। इस निबंध से बच्चे क्रिसमस की खासियत को जानेंगे और अपनी बेहतर कल्पनाओं से एक अच्छा निबंध लिख सकेंगे।
330 ई. में रोम देश के लोगों द्वारा सबसे पहले क्रिसमस मनाया गया।
क्रिसमस ट्री की परंपरा जर्मनी से शुरू हुई थी।
सैंटा क्लॉज का असली नाम संत निकोलस था, जिनका जन्म प्रभु यीशु की मृत्यु के बाद हुआ था।
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