क्राउन-रंप लेंथ (सीआरएल) मेजरमेंट चार्ट

प्रग्नेंसी में क्राउन-रंप लेंथ (सीआरएल) मेजरमेंट और इसका चार्

गर्भावस्था के दौरान रेगुलर चेकअप, प्री-नेटल स्क्रीनिंग, स्कैन व अन्य जरूरी जांच की जाती है। गर्भावस्था में किए जाने वाले इन टेस्ट से जेस्टेशनल एज का पता लगाया जाता है,  क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटी की जांच की जाती है ताकि आपकी प्रेगनेंसी बिना किसी समस्या के विकास कर सके। फीटस की जांच करने के लिए क्राउन-रंप लेंथ स्कैन भी उन्ही में से एक है।

सीआरएल क्या है?

सीआरएल भ्रूण (फीटस) की लंबाई होती है, जिसे उसके सिर के ऊपर से उसके नितंबों (बॉटम) तक मापा जाता है। यह माप सेंटीमीटर में लिया जाता है और इसमें लिंब (अंग) या योक सैक को शामिल नहीं किया जाता है। सीआरएल, गर्भावस्था के 6 से 7 से लेकर 14 सप्ताह तक किया जा सकता है, यह फीटस की जेस्टेशनल ऐज का पता लगाने में मदद करता है। प्रेगनेंसी की इस स्टेज पर बायोलॉजिकल वैरिएबिलिटी कम होने के कारण यह बच्चे की जेस्टेशनल ऐज का सटीक अनुमान लगाने में मदद करता है।

एक बार सीआरएल के जरिए जेस्टेशनल ऐज का पता लगने के बाद डॉक्टर डिलीवरी डेट का अंदाजा लगाते हैं। यह स्कैन जितना पहले किया जाता है, इसके रिजल्ट उतने ही सटीक आते हैं। ध्यान दें कि जेस्टेशनल एज फर्टिलाइजेशन एज से बहुत अलग होती है। गर्भकालीन जेस्टेशनल एज को आपके पीरियड्स खत्म होने के आखिरी दिन से कैलकुलेट किया जाता है, जहाँ फर्टिलाइजेशन एज शायद दो हफ्तों की हो या  जेस्टेशनल एज से भी कम हो।

क्राउन रंप लेंथ आपके बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में क्या संकेत देती है?

डॉक्टर सीआरएल स्कैन, गर्भ में आपके शिशु के विकास की जांच करने के लिए करते हैं। एक बच्चे का एवरेज मेजरमेंट लगभग 51 सेमी लंबा होता है और जन्म के समय इसका वजन लगभग 3.5 किलोग्राम तक होता है। इस स्कैन की मदद से, प्रेगनेंसी की अलग अलग स्टेज में बच्चे के विकास का पता लगाया जा सकता है। यहाँ आपके बच्चे से संबंधित कुछ ऐसे मुद्दे बताए गए हैं, जो आप सीआरएल की मदद से जान सकती हैं:

  • हार्टबीट का मौजूद होना – यदि सीआरएल मेजरमेंट 7 मिमी या उससे अधिक है, तो एक ट्रान्सवजाइनल अल्ट्रासाउंड फीटस  के दिल की धड़कन का पता लगा सकता है। इस तरह के अल्ट्रासाउंड को बाहर से करने के बजाय योनि के माध्यम से किया जाता है।
  • मिसकैरज – सीआरएल बच्चे की हार्टबीट न सुनाई देने का भी पता लगाता, जो मिसकैरज होने का संकेत होता है। ऐसे मामलों में, गर्भवती महिला को मिसकैरज के कारण होने वाले दर्द और ब्लीडिंग का सामना नहीं करना पड़ता है। इसे साइलेंट मिसकैरज भी कहते हैं, प्लेसेंटा प्रेगनेंसी हार्मोन रिलीज करता रहता है जिससे महिला को लगता है कि वह अभी भी गर्भवती है।
  • यदि आपका मीन सैक डायमीटर (एमएसडी) सीआरएल मेजरमेंट में 5 मिमी से कम होता है, तो पहली तिमाही में गर्भपात होने की संभावना हो सकती है। यह आपके बच्चे की नॉर्मल हार्टबीट की जांच करने के बाद ही पता लगाया जा सकता है।
  • सीआरएल मेजरमेंट जो नीचे की तरफ होता है, वो भी क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटी जैसे कि एडवर्ड्स सिंड्रोम (ट्राइसॉमी 18), ट्रिपलोइड या अन्य वृद्धि-संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकते हैं।
  • एक स्टडी के अनुसार, सीआरएल की माप 10वें सप्ताह से पहले लिए जाने पर भी इससे फीटस के जन्म के समय वजन और उसकी जेस्टेशनल ऐज का अनुमान लगाया जा सकता है, यह अपने आप में अकेली ऐसी जांच है अन्यथा बाकी सभी जांच के प्रकारों में 10वें सप्ताह के बाद इन दोनों बातों का संबंध जोड़ा जा सकता है। गर्भवती महिलाएं, , जिन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं थी, उन पर कुल 632 अल्ट्रासाउंड स्कैन किए गए। परिणामों ने संकेत दिया कि भ्रूण के पहली तिमाही के सीआरएल और जन्म के वजन के बीच एक सकारात्मक संबंध है। यह बच्चे के जन्म के समय कम वजन की भविष्यवाणी करने और माता-पिता को समय से पहले डिलीवरी होने और नवजात की देखभाल के लिए भावनात्मक रूप से तैयार करने में मदद कर सकता है।

क्राउन रंप लेंथ चार्ट

सीआरएल डायग्राम को पहली बार 1975 में रॉबिन्सन द्वारा प्रस्तुत किया गया था और प्रेगनेंसी के दौरन बच्चे की जेस्टेशनल एज का पता लगाने व अन्य फैक्टर्स को जानने के लिए अभी भी इसको प्राथमिकता दी जाती है। आपके रिफरेन्स के लिए नीचे एक सीआरएल चार्ट दिया गया है।

सप्ताह के अनुसार जेस्टेशनल एज सीआरएल (मिमी) मास 
6 सप्ताह 4 मिमी < 1ग्राम
7 सप्ताह 11 मिमी < 1ग्राम
8 सप्ताह 17 मिमी 1 ग्राम
9 सप्ताह 23 मिमी 2 ग्राम
10 सप्ताह 34 मिमी 4 ग्राम
11 सप्ताह 44 मिमी 7 ग्राम
12 सप्ताह 57 मिमी 14 ग्राम
13 सप्ताह 68 मिमी 23 ग्राम
14 सप्ताह 81 मिमी 43 ग्राम

 

ये प्रेगनेंसी के दौरान अलग अलग स्टेज में अनुमानित फीटस मेजरमेंट है। इसमें अन्य फैक्टर्स भी शामिल हैं,  जैसे माँ की उम्र, धूम्रपान की आदत और कितनी मात्रा में फोलिक एसिड लिया जा रहा है आदि मेजरमेंट को प्रभावित कर सकते हैं।

हर बच्चा अलग है और इस प्रकार हर बच्चे का विकास भी अलग होता है जो बिलकुल नॉर्मल है। आपके डॉक्टर द्वारा किए जाने वाला मेजरमेंट सीआरएल  चार्ट से अलग भी हो सकता है। सीआरएल  स्कैन के बाद, अपने गाइनकॉलजिस्ट से अपने बच्चे के विकास के बारे में बात करें और उनसे डिटेल रिपोर्ट मांगें।

यह भी पढ़ें:

प्रेगनेंसी के दौरान एनॉमली स्कैन: संपूर्ण जानकारी
एचएसजी टेस्ट – तैयारी, प्रक्रिया और साइड इफेक्ट्स