शिशु

डायपर का इस्तेमाल – शिशु को एक दिन में कितने डायपर की जरूरत पड़ती है

यदि आपने गर्भावस्था में बेबी के आने से जुड़ी तैयारियों पर ठीक से ध्यान नहीं दिया है तो अपने शिशु के डायपर का यूसेज आपको डरा सकता है। यदि आप सोचती हैं कि छोटे बच्चों की पॉटी और पेशाब बड़ों की तरह ही होती है तो आप गलत हैं। जन्म के बाद पहले महीने में जहाँ आप सिर्फ उसे दूध पिलाएंगी और उसका डायपर बदलेंगी, वहाँ शिशु को बहुत ज्यादा डायपर बदलने की जरूरत पड़ती है। इस आर्टिकल में हमने कुछ फैक्ट्स के बारे में बताने के साथ यह भी बताया है कि शिशु या छोटे बच्चे को दिनभर में कितने डायपर की जरूरत पड़ती है। हम आपको डराना नहीं चाहते हैं पर शिशु के डायपर बदलने की आवश्यकताओं के बारे में पहले से जानकारी होनी चाहिए। 

एक छोटे बच्चे को आमतौर पर एक दिन में कितने डायपर की जरूरत पड़ती है?

यहाँ बताया गया है कि उम्र के अनुसार एक शिशु को रोजाना एवरेज कितने डायपर की जरूरत पड़ती है, आइए जानें; 

न्यूबॉर्न से एक महीने की उम्र तक

न्यूबॉर्न बेबी को बड़े बच्चों की तुलना में ज्यादा डायपर लगते हैं। इसलिए यदि शिशु एक महीने से कम उम्र का है तो व एक दिन में 6 से 10 डायपर का उपयोग करेगा। इस उम्र में शिशु एक दिन में 3-4 बार पॉटी और हर बार दूध पीने के बाद पेशाब करेगा। 

1 महीने की उम्र का बेबी

शिशु की उम्र एक महीने की होने तक आप नोटिस करेंगी कि वह कुछ ही डायपर गंदे करता है और उसे दिनभर में लगभग 4 से 6 डायपर की जरूरत पड़ती है। यदि शिशु सिर्फ माँ का दूध ही पीता है तो वह फॉर्मूला दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में ज्यादा डायपर गंदे करेगा। ब्रेस्ट मिल्क आसानी से पच जाता है जिसका अर्थ है बच्चा ज्यादा पॉटी करेगा और उसके ज्यादा डायपर गंदे होंगे। 

उम्र के अनुसार डायपर की आवश्यकताओं का चार्ट (1 साल तक)

शिशु को एक दिन और एक महीने में कितने डायपर की जरूरत होती है उसकी चर्चा नीचे दिए हुए चार्ट पर की गई है, आइए जानें;

शिशु की उम्र प्रतिदिन डायपर का उपयोग एक महीने में डायपर का उपयोग
0 से 1 महीने का शिशु 10 से 12 डायपर 320 डायपर
1 से 5 महीने का शिशु 8 से 10 डायपर 240 डायपर
5 से 9 महीने का शिशु 8 डायपर 240 डायपर
9 से 12 महीने का शिशु 8 डायपर 240 डायपर


ऊपर बताया गया डायपर का उपयोग शिशु की उम्र के अनुसार एवरेज इस्तेमाल है। हालांकि इसमें और दूसरे बच्चों में थोड़ा-बहुत ही फर्क होगा। 

बेबी का डायपर कब बदलना चाहिए?

जैसे ही शिशु का डायपर गंदा या गीला हो जाए तो इसे बदलने की सलाह दी जाती है। पेशाब से होने वाले इन्फेक्शन से छोटे बच्चों को बहुत दर्द होता है और इसे ठीक करना भी कठिन है। 

यह सलाह दी जाती है की जब बच्चा जाग रहा हो तो आप उसका डायपर चेक करें। डायपर बदलने के लिए उसे जगाने से बचें। आप छोटे बच्चे या शिशु को दूध पिलाने से पहले उसका डायपर बदल दें क्योंकि दूध पीने के बाद उसे नींद आने लगेगी। आप रात में सोते समय भी शिशु का डायपर जरूर बदलें। 

आप नोटिस करेंगी कि न्यूबॉर्न बेबी हर 1 से 3 घंटे में और दूध पीने के बाद डायपर गंदा करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसका बॉवल उत्तेजित हो जाता है जिससे उसे पॉटी आ जाती है। यदि कपड़े का डायपर गीला हो जाए तो इसे बदल दें पर यदि आप डिस्पोजेबल डायपर का उपयोग करती हैं तो बदलने से पहले इसे गीला व भारी होने तक आपको इंतजार करना होगा। 

क्या हो यदि बेबी कम डायपर गीले करता है

छोटे बच्चे एक दिन में लगभग 6 से 8 डायपर गंदे करते हैं। यदि आपका बच्चा कम डायपर गीले करता है तो यह चिंता का कारण भी हो सकता है। कम डायपर गंदे या गीले होने का यह अर्थ है कि शिशु को पर्याप्त दूध नहीं मिल रहा है और इससे बच्चा डिहाइड्रेटेड भी हो सकता है। छोटे बच्चों में डिहाइड्रेशन एक गंभीर चिंता का कारण है और इससे स्वास्थ्य से संबंधित कई कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं। यदि आप बच्चे में यह बदलाव नोटिस करें कि वह एक दिन में कम डायपर गंदे करता है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हालांकि यदि आप ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति से चिंतित हैं तो इसके बारे में भी डॉक्टर से बात करें और दूध की आपूर्ति बढ़ाने के विभिन्न तरीकों को जानें। 

क्या हो यदि बेबी ज्यादा डायपर गीले करता है

अपने शिशु के लिए बहुत ज्यादा डायपर का उपयोग आपको डरा सकता है पर न्यूबॉर्न बेबीज के लिए यह बहुत नॉर्मल है और उनका डायपर हर एक से तीन घंटे में गंदा होता है। बच्चे के बढ़ने के साथ इसमें भी सुधार आने लगता है। एक साल की उम्र तक बच्चा अपने ब्लैडर व बॉवल मूवमेंट को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने लगेगा। 

अब आप जानती हैं कि डायपर की जिम्मेदारी संभालना भी कितना बड़ा काम है और इसे कैसे पूरा करना चाहिए। 

यह भी पढ़ें:

डायपर रैश – लक्षण, कारण और उपचार
बच्चों को डायपर पहनाने के 7 साइड इफेक्ट्स
बच्चों के लिए डायपर का सुरक्षित रूप से उपयोग करना

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

7 days ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

7 days ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago

रामायण की कहानी: क्या सीता मंदोदरी की बेटी थी? Ramayan Story: Was Sita Mandodari’s Daughter In Hindi

रामायण की अनेक कथाओं में से एक सीता जी के जन्म से जुड़ी हुई भी…

2 weeks ago

बदसूरत बत्तख की कहानी | Ugly Duckling Story In Hindi

यह कहानी एक ऐसे बत्तख के बारे में हैं, जिसकी बदसूरती की वजह से कोई…

2 weeks ago

रामायण की कहानी: रावण के दस सिर का रहस्य | Story of Ramayana: The Mystery of Ravana’s Ten Heads

यह प्रसिद्द कहानी लंका के राजा रावण की है, जो राक्षस वंश का था लेकिन…

2 weeks ago