In this Article
- कहानी के पात्र (Characters Of Story)
- एक राजा की प्रेम कहानी | Love Story of a King In Hindi
- एक राजा की प्रेम कहानी से सीख (Moral of Love Story of a King in Hindi Story)
- राजा की प्रेम कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Love Story of a King in Hindi Story)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- निष्कर्ष (Conclusion)
ये कहानी शिवनगर के राजा की है। इस राजा की तीन रानियां थीं, वह अपनी पहली रानी से बहुत प्यार करते थे क्योंकि वह बेहद सुंदर थी। साथ ही वह अपनी दूसरी पत्नी को एक दोस्त मानते थे। लेकिन वह अपनी तीसरी रानी की तरफ देखते भी नहीं थे। समय के साथ जब जरूरत पड़ी तो राजा का साथ सिर्फ तीसरी रानी ने दिया। क्योंकि इंसान की सुंदरता नहीं उसका दिल और आचरण भी अच्छा होना चाहिए।
कहानी के पात्र (Characters Of Story)
इस कहानी के मुख्य पात्र कुछ प्रकार हैं:
- एक राजा
- राजा की तीन रानियां
एक राजा की प्रेम कहानी | Love Story of a King In Hindi
बहुत सालों पहले शिवनगर के राज्य में नाथ नाम के राजा शासन करते थे। राजा की तीन पत्नियां थीं। लेकिन राजा अपनी तीनों रानियों में से सबसे ज्यादा प्यार अपनी पहली रानी से करते थे, क्योंकि वो बेहद खूबसूरत थी। पहली रानी के सुंदर होने की वजह से राजा अपनी दूसरी और तीसरी रानी की तरफ कम ध्यान देते थे। वहीँ दूसरी रानी को राजा अपना अच्छा मित्र मानते थे तो थोड़ी बहुत उसपर ध्यान देते थे और बच गई तीसरी रानी जिसमें उन्हें कोई खास बात लगती नहीं थी तो उसपरव ह सबसे कम ध्यान दे पाते थे।
राजा की तीसरी पत्नी उनसे बहुत प्यार करती थी, लेकिन राजा को उनका प्यार नहीं दिखाई देता था। राजा हमेशा अपनी पहली पत्नी के साथ ही रहते थे। ऐसे में कई साल बीत चुके थे। राजा की तीसरी पत्नी हमेशा यही उम्मीद में रहती थी कि किसी दिन राजा उनके पास आए और प्यार भरी बातें करें, लेकिन ऐसा कभी होता नहीं था।
इसी तरह साल बीतता गया। लेकिन एक दिन राजा नाथ अचानक बहुत बीमार पड़ गए। उनकी तबियत दिन पर दिन खराब होने लगी और उनके जिंदा रहने की उम्मीद भी कम होती जा रही थी। ऐसी हालत में राजा ने अपनी पहली पत्नी को बुलाया। जब पहली रानी उनके पास आई, तो राजा ने उनसे कहा – “मेरे जिंदा रहने के दिन अब बहुत कम है और मैं अकेले नहीं मरना चाहता हूं, क्या तुम मेरे साथ चलोगी?
राजा की पहली पत्नी ने उनकी ये अंतिम इच्छा नहीं मानी और कहा – “अभी मेरी उम्र ही क्या हुई है और मेरा पूरा जीवन बचा हुआ है, मुझे अभी और जीना है। मैं आपके साथ नहीं चल सकती हूं।”
यह कहकर रानी राजा के कमरे से बाहर चली गई। उसके बाद राजा ने दूसरी रानी को बुलावाया।
राजा की अंतिम इच्छा के बारे में जब दूसरी रानी को मालूम पड़ा की वह मरने वाले हैं और अपने साथ अपनी बीवी को ले जाना चाहते हैं, तो इस वजह से वह राजा के पास ही नहीं गई। राजा अपनी दोनों चहेती रानियों से बहुत निराश हो गए। उन्होंने सोचा थाकि मैंने कभी अपनी तीसरी पत्नी को प्यार नहीं दिया, न बात की उससे। अब उसे मैं कैसे बुलाऊं। राजा ऐसा सोच ही रहे थे कि तभी तीसरी रानी बिना बुलाए वहां पहुंच गई।
राजा की तीसरी पत्नी को राजा की अंतिम इच्छा पता थी, इसलिए उन्होंने राजा से तुरंत कहा – “स्वामी मैं आपके साथ चलने के लिए तैयार हूं।” रानी की बातों को सुनकर राजा बहुत खुश हुए, लेकिन खुशी के साथ उन्हें बहुत बुरा भी लगा कि उन्होंने कभी अपनी तीसरी रानी को समय नहीं दिया, प्यार नहीं दिखाया, लेकिन वही मुझसे बहुत प्रेम करती है।
तभी राजगुरु अपने साथ प्रसिद्ध वैद्य लेकर आएं, जिसने राजा की तबियत को बिलकुल ठीक कर दिया। राजा ठीक होने के बाद अपनी तीसरी रानी के पास गया और उसके साथ प्यार से रहने लगा। अब राजा हमेशा तीसरी रानी को ही अपने पास रखता था और दोनों महल में अपना खुशहाल जीवन बिताने लगे।
एक राजा की प्रेम कहानी से सीख (Moral of Love Story of a King in Hindi Story)
राजा की प्रेम कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी की बाहरी सुंदरता की तरफ आकर्षित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसके साफ मन और अच्छे स्वभाव को अपनाना चाहिए।
राजा की प्रेम कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Love Story of a King in Hindi Story)
यह कहानी राजा-रानी की कहानी के अंतर्गत आती है जिसमें यही बताया गया है कि किसी के रंग-रूप से ज्यादा हमें लोगों में उनके हुनर और स्वभाव को महत्व देना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. राजा की प्रेम कहानी की नैतिक कहानी क्या है?
राजा की प्रेम कहानी में हमें ये बताया गया है कि कैसे व्यक्ति सुंदरता की वजह से एक इंसान पर आश्रित हो जाता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर वही इंसान जब आपका साथ न दे तो कितना बुरा लगता है।
2. हमें इंसान की परख कैसे करनी चाहिए?
हमें इंसान की परख हमेशा उसके आचरण और उसके साफ दिल से करनी चाहिए, न की उसकी खूबसूरती से क्योंकि मुसीबत आने पर खूबसूरत व्यक्ति भले आपका साथ दे या न दे लेकिन एक अच्छे स्वभाव और साफ मन वाला व्यक्ति आपका साथ जरूर देगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस कहानी का ये निष्कर्ष सामने आता है कि व्यक्ति अगर सुंदरता की तरफ अधिक आकर्षित होता है और अच्छे व्यक्ति की पहचान नहीं कर पाता, ऐसे में जब मुसीबत पड़ती है, तो एक अच्छे और सच्चे मन वाला ही साथ देता है। खूबसूरत व्यक्ति सिर्फ आपका साथ तब तक देगा जब तक आपके साथ सब सही हो रहा है। जब बुरी परिस्थिति आती है, तो वह अपना पल्ला झाड़ लेता है।