In this Article
- सुभाष चंद्र बोस पर 10 लाइन (10 Lines On Subhash Chandra Bose In Hindi)
- सुभाष चंद्र बोस पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Subhash Chandra Bose in Hindi 200-300 Words)
- सुभाष चंद्र बोस पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Subhash Chandra Bose in Hindi 400-500 Words)
- सुभाष चंद्र बोस के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Subhash Chandra Bose in Hindi)
- आपका बच्चा क्या सीखेगा सुभाष चंद्र बोस निबंध से? (What Will Your Child Learn From Subhash Chandra Bose Essay?)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
भारत के सभी महान और प्रसिद्ध स्वतंत्रता सैनानियों में से एक है ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’। जिन्हें लोग प्यार से ‘नेताजी’ बुलाते हैं। सुभाष चंद्र बोस भारत के सच्चे देशभक्त थे। नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 में उड़ीसा के छोटे से गांव कटक में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकी नाथ बोस था जो पेशे से वकील थे। सुभाष चंद्र बोस को 1942 जर्मनी में मौजूद उनके समर्थकों ने उन्हें ‘नेताजी’ कह कर सम्मानित किया था और बाद में भारत में भी वह इसी नाम मशहूर हो गए। बड़े होने के साथ ही सुभाष चंद्र बोस जी कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ गए थे और दो बार इसके प्रेसिडेंट के रूप में भी चुने गए थे। हमारे प्रिय नेता सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें। यहाँ नेता जी पर छोटा निबंध, बड़ा निबंध,10 पंक्तियां सभी दिए हुए हैं। आइए देखते हैं।
सुभाष चंद्र बोस पर 10 लाइन (10 Lines On Subhash Chandra Bose In Hindi)
सुभास चंद्र बोस के बारें में यहाँ दस आसान वाक्यों में संझेप में जानकारी चाहिए दी गई है जिसकी मदद से बच्चों को निबंध लिखने में आसानी होगी, तो नीचे दिए गए 10 वाक्यों को ध्यान से पढ़े और याद कर लें।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 हुआ था।
- उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था।
- सुभाष चंद्र बोस एक सच्चे देशभक्त और राष्ट्रवादी थे।
- नेता जी 1939 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे।
- सुभाष चंद्र बोस हिंसा से आजादी की लड़ाई लड़ने में विश्वास रखते थे।
- राष्ट्रीय नारा ‘जय हिंद’ नेताजी द्वारा दिया गया था।
- ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’, यह नेताजी का प्रसिद्ध नारा था।
- ब्रिटिश के खिलाफ लड़ने के लिए नेताजी ने ‘आजाद हिन्द फौज’ का गठन किया।
- नेताजी ने देश के हित में ‘स्वराज’ अखबार शुरू किया था।
- 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।
सुभाष चंद्र बोस पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Subhash Chandra Bose in Hindi 200-300 Words)
अगर आप भी सुभाष चंद्र बोस के बारें में छोटा निबंध लिखना चाहते हैं या फिर आपके बच्चे को अपने होमवर्क के लिए नेता जी के बारें में कम शब्दों में जानकारी चाहिए तो उसके लिए आगे पढ़ें।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्होने देश के लिए हर लड़ाई को अपनी जान से ज्यादा ऊपर रखा था। नेताजी की नीति महात्मा गाँधी से बिलकुल अलग थी। महात्मा गाँधी जहाँ अहिंसा के साथ लड़ाई लड़ते थे वहीं नेताजी हिंसा को अपनाकर अंग्रेजों के खिलाफ धावा बोलते थे। उनकी इस जूनून से भरी देशभक्ति ने उन्हें देश का नायक बना दिया था। नेताजी पढ़ाई में काफी अच्छे थे और उन्होंने 1921 में भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईएएस) और भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) भी पास कर लिया था। लेकिन कुछ समय काम करने के बाद उन्होंने उसी साल इस पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह अंग्रेजों के नीचे काम करना नहीं चाहते थे। नेताजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार प्रेसिडेंट चुने गए थे। 18 जनवरी 1938 में अध्यक्ष बने थे और इनका कार्यकाल 28 जनवरी 1939 तक चला था। वहीं दूसरी बार ये 29 जनवरी 1939 में अधक्ष्य चुने गए थे लेकिन यह कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं चल पाया था, सिर्फ तीन महीने यानि कि 29 अप्रैल 1939 को इन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
सुभाष चंद्र बोस पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Subhash Chandra Bose in Hindi 400-500 Words)
कम और आसान शब्दों में नेताजी की बारें में आपको ऊपर बताये गए अनुच्छेद से पता चल ही गया होगा, लेकिन यदि आपके बच्चे को सुभाष चंद्र बोस के बारें में विस्तार में निबंध लिखना है उसके लिए नीचे दी गई जानकारी उसकी मदद कर सकती है। यदि आपका बच्चा नेताजी पर 400 से 500 शब्दों में निबंध लिखना चाहता है, तो इस निबंध का सहारा जरूर ले।
सुभाष चंद्र बोस का शुरूआती जीवन और बचपन (Early Life and Childhood of Subhash Chandra Bose)
देश के लोकप्रिय नेता और स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में हुआ था। नेता जी के पिता का नाम जानकीनाथ बोस था जो उस समय एक जाने माने वकील थे और माता का नाम प्रभावती देवी बोस था। नेताजी का जन्म कटक, ओडिशा में हुआ था। बोस जी एक संयुक्त परिवार में पैदा हुए थे, और वह भारत के प्रतिष्ठित अंग्रेजी स्कूलों में पढ़े थे। 1902 में जब नेता जी पांच साल के थे तब उन्हें कटक में मौजूद अंग्रेजी स्टीवर्ट हाई स्कूल में एडमिशन दिलाया गया था। तब इस स्कूल को प्रोटेस्टेंट यूरोपियन स्कूल कहा जाता था। कटक में रेनशॉ कॉलेजिएट स्कूल और कोलकाता में प्रेसीडेंसी कॉलेज जो वहाँ के कुछ प्रमुख संस्थान में से एक था वहाँ नेताजी ने अपनी आगे की शिक्षा प्राप्त की थी।
सुभाष चंद्र बोस का राजनीतिक जीवन (Political Life of Subhash Chandra Bose)
ऐसे देखा गया है कि जब नेता जी थोड़े बड़े हुए तब से वह अपनी किशोरावस्था रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद द्वारा बताई गई शिक्षाओं और विचारों से काफी प्रेरित होने लगे थे। उनके राष्ट्रवादी होने का पहला संकेत तब मिला जब उन्होंने कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों पर जातीवाद से जुड़ी टिप्पणियों करने वाले प्रोफेसर पर हमला कर दिया था। 1921 में वे आईसीएस पद से इस्तीफा देकर अपने देश भारत लौट आए थे और यहाँ पर पश्चिम बंगाल में ‘स्वराज’ नाम का एक अखबार शुरू किया था। इस दौरान नेता जी ने बंगाल प्रांत कांग्रेस कमेटी के लिए सभी तरह के प्रचार का काम भी संभाला था। 1923 में, उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और बंगाल राज्य कांग्रेस के सचिव के रूप में भी चुना गया था। बाद में 1927 में, सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस पार्टी के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया और भारत की आजादी के लिए उन्होंने जवाहर लाल नेहरू के साथ काम किया था।
सुभाष चंद्र बोस का वैवाहिक जीवन (Marital Life Of Subhash Chandra Bose)
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को एक सच्चा देशभक्त माना जाता था। अगर बात उनके वैवाहिक जीवन की जाए तो उन्होंने ऑस्ट्रिया में रहने वाली अंग्रेजी महिला एमिली शेंकल से शादी की थी। बता दें की नेताजी इलाज के लिए ऑस्ट्रिया गए थे जहाँ उनकी मुलाकात अंग्रेजी मूल की एमिली से हुई और दोनों में प्यार हो गया। उनकी शादी 26 दिसंबर 1937 को बिना किसी समारोह के हुई थी। साल 1942 नेताजी और एमिली को एक बेटी हुई थी, जिसका नाम अनीता बोस रखा गया था।
सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु (Death Of Subhash Chandra Bose)
ऐसा कहा जाता है कि सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में हुई थी।
सुभाष चंद्र बोस के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Subhash Chandra Bose in Hindi)
- नेताजी ने साल 1918 में दर्शनशास्त्र के साथ प्रथम श्रेणी में अपना ग्रेजुएशन किया था।
- उन्हें सिविल सर्विस की परीक्षा में चौथा स्थान मिला था।
- नेताजी का मानना था गाँधी जी की अहिंसा राजनीती आजादी के लिए पर्याप्त नहीं है।
- नेताजी ने जर्मनी में आजाद हिंद रेडियो स्टेशन की शुरुआत की थी।
- नेताजी की मृत्यु का सच आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
आपका बच्चा क्या सीखेगा सुभाष चंद्र बोस निबंध से? (What Will Your Child Learn From Subhash Chandra Bose Essay?)
सुभाष चंद्र बोस भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे, जो देश की आजादी के लिए अंग्रेजों के आगे झुकना बिलकुल पसंद नहीं करते थे। ऐसे प्रसिद्ध सेनानियों के बारें में बच्चों को जानकारी होना जरूरी है ताकि वह जान सकें कि आखिर उनके नेताओं ने आजादी के लिए कितनी मेहनत की है। साथ ही अगर बच्चे से कोई नेताजी के बारें में पूछेगा तो बच्चा इस निबंध को याद कर के उनके बारें में आसानी से सबके सामने बता सकेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. सुभाष चंद्र बोस द्वारा लिखी गई किताब का नाम क्या है ?
नेता जी ने “द ग्रेट इंडियन स्ट्रगल” किताब लिखी थी, जिसमे भारत में हुए स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास समझाने की कोशिश की गई थी।
2. सुभाष चंद्र बोस अपने जीवनकाल में कितनी बार जेल गए थे ?
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अपने पूरे जीवनकाल में कुल 11 बार जेल गए थे।
3. नेताजी द्वारा बनाई गई प्रथम भारतीय सशस्त्र बल का नाम क्या था ?
नेताजी द्वारा बनाई गई प्रथम भारतीय सशस्त्र बल का नाम ‘आजाद हिंद फौज’ था।
4. सुभाष चंद्र बोस अपना राजनीतिक गुरु किसे मानते थे?
सुभाष चंद्र बोस अपना राजनीतिक गुरु देशबंधु चितरंजन दास जी मानते थे।
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