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लेबर एक ऐसी घटना होती है, जो कि बच्चे को देखने के उत्साह के साथ-साथ लेबर पेन के डर को भी बढ़ाती है। गर्भावस्था की आखिरी तिमाही वह समय होता है, जब लेबर पेन का जरा भी अनुभव होने पर महिला और उसका परिवार बिना अधिक सोच-विचार किए हॉस्पिटल की ओर भाग पड़ते हैं। जहां इनमें से अधिकतर वास्तविक लेबर पेन होते हैं, वहीं कई बार यह केवल ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन नामक फॉल्स लेबर की एक शृंखला होती है।
अगर आप तीसरी तिमाही में हैं, तो घबराना और जल्दबाजी करना आपके और आपके परिवार के लिए अनावश्यक रूप से तनावपूर्ण हो सकता है। फॉल्स लेबर और रियल लेबर के बारे में जानकारी हासिल करना बहुत सी एनर्जी बचाने में लाभकारी साबित हो सकता है, जिसकी जरूरत आपको डिलीवरी के दौरान पड़ेगी। इस लेख में हम इस बात पर फोकस करेंगे, कि ये कॉन्ट्रैक्शन क्या होते हैं और आप इन्हें कैसे पहचान सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए लेख को आगे पढ़ें।
कई महिलाएं अपनी आखिरी तिमाही के दौरान, जब गर्भाशय में कसावट और सख्ती महसूस करती हैं, तो उन्हें लगता है कि लेबर पेन शुरू हो गया है और वे हॉस्पिटल की ओर तुरंत रवाना हो जाती हैं। बाद में जब उन्हें डॉक्टरों के द्वारा यह पता चलता है, कि यह एक फॉल्स लेबर था, तो वे वापस घर लौट आती हैं। तो फॉल्स लेबर पेन कैसा महसूस होता है?
वास्तविक लेबर की शुरुआत प्री-लेबर से होती है, जो कि शारीरिक बदलावों की एक सीरीज होती है – सर्विक्स के फैलने की शुरुआत, गर्भस्थ शिशु का पेल्विस में आना, पेल्विस और रेक्टम पर पहले से कहीं अधिक दबाव महसूस होना, ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन की संख्या में बढ़ोतरी आदि। ये सभी लक्षण शरीर को लेबर के लिए तैयार करते हैं। साथ ही रियल लेबर कॉन्ट्रैक्शन काफी तीव्र होते हैं, अधिक दर्दनाक होते हैं और जल्दी-जल्दी होते हैं।
यहां पर और भी कुछ संकेत दिए गए हैं, जो आपको यह जानने में मदद करेंगे, कि आपका लेबर पेन असली है या नहीं।
चूंकि अब आप रियल लेबर पेन और फॉल्स लेबर पेन के दर्द के बारे में जान चुकी हैं, तो अब आपको इन दोनों के बीच थोड़ा अंतर समझ आ गया होगा। लेकिन, इन दोनों के बीच मुख्य अंतर के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए, ताकि अपनी डिलीवरी की तारीख के नजदीक आने पर, अनुभव होने वाले कॉन्ट्रैक्शन के बारे में आपको पता हो। अगले सेक्शन में हम रियल और फॉल्स लेबर के बीच महत्वपूर्ण अंतर के बारे में बात करेंगे।
रियल लेबर पेन और फॉल्स लेबर पेन को लेकर लोग अक्सर दुविधा में रहते हैं और कई महिलाएं अनावश्यक रूप से अस्पताल तक पहुंच जाती हैं।
तो इन दोनों के बीच क्या अंतर होता है?
फॉल्स लेबर, डिलीवरी के लिए तैयार होने का आपके शरीर का तरीका होता है। गर्भावस्था के 20 सप्ताह होने पर यह बीच-बीच में हो सकता है। इसमें आपका गर्भाशय अपनी मांसपेशियों को सिकोड़ता है और डिलीवरी के लिए तैयार करता है। ये कॉन्ट्रैक्शन 30 सेकंड तक छोटे और 2 मिनट तक लंबे भी हो सकते हैं।
रियल लेबर डिलीवरी से पहले होता है। यह सौम्य कॉन्ट्रैक्शन से शुरू होकर तीव्र होता जाता है और बच्चे के जन्म के बाद खत्म होता है।
फर्क की जानकारी होने के बावजूद, आपके लिए यह समझना मुश्किल हो सकता है, कि आप जिसका अनुभव कर रही हैं, वह वास्तविक लेबर है या फॉल्स लेबर। तो आप यह कैसे बता सकती हैं? आइए देखते हैं!
वास्तविक लेबर और फॉल्स लेबर के बीच अंतर कर पाना मुश्किल होता है। लेकिन ऐसी कुछ बातें होती हैं, जिनकी मदद से आप इन दोनों के बीच के अंतर को समझ सकती हैं।
चूंकि सभी गर्भावस्थाएं अलग होती हैं, इसलिए आपको अब भी यह पहचानने में कठिनाई हो सकती है, कि आपको रियल लेबर पेन हो रहा है या फॉल्स लेबर पेन। ऐसी कुछ निश्चित बातें होती हैं, जिनके द्वारा आप पता कर सकती हैं कि आपका लेबर पेन असली है या नकली।
बार-बार फॉल्स लेबर पेन को रियल लेबर पेन समझकर बार-बार हॉस्पिटल जाकर वापस आने के चक्कर को कम करना चाहती हैं? यहां पर कुछ बातें दी गई हैं, जिन्हें आपको कॉन्ट्रैक्शन होने पर फॉलो करना चाहिए:
हम उम्मीद करते हैं, कि कॉन्ट्रैक्शन महसूस होने पर यह जानकारी आपको यह पहचानने में मदद करेगी, कि आपका लेबर पेन असली है या नकली। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें, कि लेबर से संबंधित किसी तरह की दुविधा होने पर, अपने सवालों के जवाब पाने के लिए हॉस्पिटल कॉल करने या वहां जाकर बात करने में भी झिझकें नहीं। चूंकि, गर्भावस्था आपके और आपके परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण और नाजुक समय होता है, इसलिए इसे लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। इस घबराहट के कारण आपको होने वाली झिझक क्षणिक है, जिसे याद करके आप बाद में हसेंगी, जब आपका स्वस्थ बच्चा आपकी गोद में होगा।
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