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एक आम व्यक्ति बिना पानी के लगभग 3 दिन तक रह सकता है और बिना खाने के 3 सप्ताह तक रह सकता है पर वह बिना हवा के 3 मिनट से भी ज्यादा नहीं रह पाएगा। गर्भवती महिला के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वह अपने व बच्चे के लिए प्रभावी रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करे।
यदि आप दो लोगों के लिए ब्रीदिंग करती हैं तो आपको क्या करना चाहिए? क्या आपको दो बार तेज-तेज सांस लेनी चाहिए? आइए जानते हैं।
5 प्रकार की प्रभावी ब्रीदिंग एक्सरसाइज
गर्भावस्था के दौरान सांस लेना बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से शरीर से पर्याप्त मात्रा में टॉक्सिक पदार्थ निकल जाते हैं और साथ ही महिला व बच्चे के लिए पूर्ण रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। प्रभावी रूप से ब्रीदिंग करने पर नर्वस सिस्टम शुद्ध व शांत रहता है और एक गर्भवती महिला पूरी तरह से स्वस्थ महसूस करती है।
अच्छी तरह से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से गर्भावस्था और बच्चे की डिलीवरी में मदद मिलती है। यहाँ कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइज बताई गई हैं जो आपके और बच्चे के लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज शुरू करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि आपके पास बैठने के लिए योगा मैट या फोल्डेड ब्लैंकेट होना चाहिए। आप चाहें तो सुविधाजनक कुर्सी पर भी बैठ सकती हैं जिसमें आप अपने दोनों पैरों को आराम से जमीन पर रखकर एक्सरसाइज कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान सांस रोकने वाली एक्सरसाइज करने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक सकती है और बच्चे तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुँचती है। यह सलाह दी जाती है कि आप दोपहर या रात का खाना खाने के बाद लगभग 3 घंटे इंतजार करें या हल्का स्नैक्स लेने के एक या दो घंटे बाद ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
1. मॉर्निंग सिकनेस और थकान के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज
यदि गर्भवती महिलाएं शांति से सांस लेने की एक्सरसाइज करती हैं तो इससे उन्हें मॉर्निंग सिकनेस में मदद मिलती है। यह आपकी थकान, मांसपेशियों दर्द और जोड़ों के दर्द में भी मदद करता है। आप शरीर को आराम देते हुए जमीन पर पालथी मारकर बैठ जाएं और थोड़ी देर के लिए पेट व गले की तकलीफों पर ध्यान न दें। आप जहाँ बैठी हैं उस जगह और उससे मिलने वाले सपोर्ट पर अपना ध्यान केंद्रित करें और सांस लें क्योंकि डीप ब्रीदिंग करते समय आपकी सभी चिंताएं मांसपेशियों से होते हुए आपकी हर एक सांस के साथ बाहर निकल जाएंगी। सांस लेते समय आप अपनी आवाज पर ध्यान दें। अब आप अपनी सांसों को धीमा करने का प्रयास करें और साथ ही पेट में सांस भरें व बाहर निकालें। कुछ मिनट के बाद आपको अधिक शांति महसूस होगी। यदि आप चाहती हैं तो थोड़ा सो लें और फिर हेल्दी डायट लें।
2. पेट से सांस लेना
इस एक्सरसाइज को करते समय जमीन पर लेट जाएं और पेट पर कोई हल्की चीज रख लें। आप अपने पेट के ऊपर रखी चीज पर ध्यान केंद्रित करें और उसे ऊपर व नीचे ले जाते हुए गहरी सांस लें। आप उस चीज को ऊपर व नीचे करते समय मन ही मन में गिनती गिनें। गर्भावस्था के लिए पेट से सांस लेने की एक्सरसाइज सबसे ज्यादा बेहतरीन है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप आपके शरीर में एक तिहाई ऑक्सीजन अधिक जाती है।
3. छाती से सांस लेना
पेट से सांस लेने के लगभग 5 मिनट बाद आप अपने सीने से सांस लेना शुरू करें। सांस लेते और सांस छोड़ते समय आप अपने सीने और रिब केज को एक साइड से फैलाएं। आप इस एक्टिविटी को तब तक करें जब तक आपको सुविधा होती है और साथ ही आप वैकल्पिक रूप से पेट से सांस लें।
4. हल्की सांस लेना
डीप ब्रीदिंग करते समय हल्के-हल्के सांस लेने यानी शैलो ब्रीदिंग से लंग्स को एनर्जी मिलती है। आप डीप ब्रीदिंग करने के साथ-साथ एक मिनट के लिए इसे करें।
5. शरीर को आराम दें, जैसे शीतली और शीतकारी प्राणायाम में होता है
इसमें आप अपने मुँह से सांस लें और अपनी जीभ को बाहर निकालकर स्ट्रॉ की तरह रोल करें। आप अपनी जीभ को बाहर रखें और मुँह से सांस लेते हुए तेज आवाज निकालें और नाक से सांस छोड़ें। वैकल्पिक रूप से आप आवाज निकालते हुए मुँह से सांस लें और नाक से सांस छोड़ें। यह दोनों एक्सरसाइज शरीर को ठंडक पहुँचाती हैं। गर्भवती महिलाओं के शरीर में मेटाबॉलिक एक्टिविटी और हॉर्मोनल बदलावों की वजह से उन्हें इस ठंडक की जरूरत पड़ती है।
लेबर के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने के तरीके
लेबर के दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से आपको इसके दर्द को कम करने में मदद मिलती है। पहले आप उस पैटर्न को अपनाएं जो आपके लिए उपयोगी हो फिर ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना शुरू करें। इसे नियमित रूप से दिनभर में कई बार कर करें। रोजाना की इरिटेशन को कम करने के लिए भी इस ब्रीदिंग पैटर्न को अपना सकती हैं ताकि आपका स्ट्रेस न बढ़े। लेबर के दर्द को कम करने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज कैसे करें, आइए जानते हैं;
1. धीरे-धीरे सांस लें
लेबर शुरू होने के बाद संकुचन के दौरान धीमे-धीमे सांस लेना एक कला है। संकुचन अत्यधिक गंभीर हो सकते हैं इसलिए इस समय आपके लिए बात करना कठिन होगा। धीरे-धीरे सांस लेते हुए गिनती करना आपके लिए ज्यादा सुविधाजनक होगा और सांस छोड़ते समय रिलैक्स करें। सांस छोड़ते समय अपनी मांसपेशियों को ढीला करें ताकि आपको रिलैक्स होने में मदद मिले।
2. तेज और गहरी सांस लें
यदि लेबर के दौरान आपको अधिक पीड़ा होती है तो आप धीरे-धीरे सांस लेना शुरू करें। संकुचन होने पर आप तेज सांस ले सकती हैं और धीरे-धीरे सांस लेने पर आपकी हर एक सांस प्रति मिनट के लिए होनी चाहिए। सांस लेते समय शांत रहें पर सांस छोड़ते समय आपकी आवाज सुनाई देनी चाहिए। आप चाहें तो हांफते हुए डॉग को ध्यान में रखकर यह एक्सरसाइज कर सकती हैं। दर्द के दौरान यदि आप इसे थोड़ी-थोड़ी देर में करती हैं तो इससे दर्द को मैनेज करने में मदद मिलती है।
3. एक्सपल्शन ब्रीदिंग (बाहर की तरफ सांस छोड़ना)
इस एक्सरसाइज में आप धीमे-धीमे सांस लें और सांस छोड़ें। यह एक्सरसाइज आपको तब करनी चाहिए जब आपकी सर्विक्स फैल जाती है। आप 5-6 बार धीमे-धीमे सांस लें और फिर एक बार गहरी व लंबी सांस छोड़ें। इसके बाद एक बार लंबी सांस लें और आगे की ओर झुकते हुए थोड़ी देर के लिए सांस रोक लें। आप नीचे झुके-झुके पेल्विक फ्लोर को आराम देने का प्रयास करें।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने के फायदे
गर्भावस्था के दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से महिलाओं को काफी मदद मिलती है। कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
1. मॉर्निंग सिकनेस से राहत मिलती है
बिस्तर पर लेटे रहने से और कोई भी चीज झुककर नीचे न रख पाने से आपको अच्छा महसूस नहीं होता होगा। इस समय आप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें और शांति से गहरी सांस लेने का प्रयास करें। इससे मतली की समस्या में भी मदद मिलती है।
2. गहरी और अच्छी नींद आती है
यदि ब्रीदिंग एक्सरसाइज करते या गहरी सांस लेते समय आप यह सोचती हैं कि आपकी मांसपेशियों को आराम मिल रहा है तो इससे आपके पूरे शरीर को आराम मिल सकता है। इसके बाद आप अपने और बच्चे के हेल्दी विकास के बारे में सोचें ताकि आपको अच्छी और सकारात्मक नींद आए।
3. दर्द व परेशानी कम होने में मदद मिलती है
ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से डिलीवरी के दौरान दर्द को मैनेज करने में मदद मिलती है।
4. स्ट्रेस को कम करने में मदद करती है
आप अपने ऐसे 5 लक्षणों के बारे में सोचें जिसकी वजह से आपको घबराहट होती है और 5 बार गहरी सांस लें। यदि ऐसा नहीं है तो अच्छा है। यदि ऐसे लक्षण हैं तो आप डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद से अपनी सभी समस्याओं को अच्छी तरह से समझ सकती हैं और डॉक्टर को शांति व स्पष्ट रूप से बता भी सकती हैं।
5. एक्सरसाइज कन्फ्यूजन को कम करने में मददगार है
गर्भावस्था के दौरान आपको बहुत सारी सलाह मिलती होंगी। जाहिर है कभी-कभी आपको यह सब अच्छा लगता होगा पर कभी-कभी इससे इरिटेशन भी होती होगी। ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने पर आपको इस इरिटेशन से भी छुटकारा मिल सकता है और आपका मन शांत रहेगा। तब आप शांति से मुस्कुराते हुए हर किसी की सलाह सुन सकती हैं और मन ही मन यह भी सोच सकती हैं कि ‘आप गर्भवती हैं, अनपढ़ या बेवकूफ नहीं…” फिलहाल कोई भी कारण हो पर ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से मदद मिलती है।
सांस लेना जीवन के लिए बहुत जरूरी है और हम बिना जाने ही न जाने कितनी बार यह करते हैं। कई प्रकार की एक्सरसाइज, जैसे योग और कराटे से सांस लेने का महत्व समझ में आता है। यह दिमाग को शांत करने में मदद करता है और यहाँ तक कि इससे दर्द को सहन करने में मदद मिलती है। गर्भावस्था के दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइज के कुछ तरीके करने से आपको गर्भावस्था से संबंधित दर्द में मदद मिलती है।
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