In this Article
- ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी क्या है? (Human Metapneumovirus – HMPV Kya Hai?)
- ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कितना आम है? (Human Metapneumovirus Kitna Aam Hai?)
- एचएमपीवी संक्रमण होने का खतरा किसे है? (HMPV Sankraman Hone Ka Khatra Kise Hai?)
- क्या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस संक्रामक है? (Kya Human Metapneumovirus Sankramak Hai?)
- एचएमपीवी कैसे फैलता है? (HMPV Kaise Failta Hai?)
- एचएमपीवी वायरस संक्रमण के जोखिम के कारक (HMPV Virus Sankraman Ke Jokhim Ke Karak)
- एचएमपीवी के लक्षण (HMPV Ke Lakshan)
- एचएमपीवी बनाम कोविड (HMPV Banam Covid)
- क्या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस इंफेक्शन रेस्पिरेटरी सिनसिशल वायरस -आरएसवी इंफेक्शन के जैसा है? (Kya Human Metapneumovirus Infection Respiratory Syncytial Virus – RSV Infection Ke Jaisa Hai?)
- ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं? (Human Metapneumovirus Se Judi Jatiltaye Kya Hain?)
- ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से ठीक होने में कितना समय लगता है? (Human Metapneumovirus Se Thik Hone Me Kitna Samay Lagta Hai?)
- निदान (Nidan)
- एचएमपीवी इंफेक्शन का उपचार (HMPV Infection Ka Upchar)
- एचएमपीवी से कैसे बचाव करें? (HMPV Se Kaise Bachav Kare?)
- एचएमपीवी से अपने बच्चे को सुरक्षित रखना (HMPV Se Apne Bacche Ko Surakshit Rakhna)
- क्या भारत में एचएमपीवी का कोई मामला पाया गया है? (Kya India Mein HMPV Ka Koi Mamla Paya Gaya Hai?)
- अस्पताल कब जाएं? (Hospital Kab Jaye?)
- डॉक्टर से क्या पूछें (Doctor Se Kya Puchein)
कुछ वायरस ऐसे होते हैं जिनके लक्षण देखने में एक जैसे लगते हैं लेकिन वे समान नहीं होते हैं। सीने में घरघराहट और नाक बंद होना अक्सर जुकाम या फ्लू का लक्षण कहा जाता है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी, एक ऐसा वायरस है जो लोगों में सर्दी-जुकाम या आरएसवी के समान सांस से संबंधित तेज इंफेक्शन का कारण बनता है। यह वायरल इंफेक्शन वसंत ऋतु और सर्दियों के दौरान फ्लू या आरएसवी जैसे दूसरे श्वसन संक्रमणों के साथ मेल खाते हुए तेजी से फैलता है। हालांकि इसके लक्षण सौम्य होते हैं और फ्लू व कोविड-19 की तरह लगते हैं, लेकिन इनमें एक अंतर है, जिसकी वजह से इस संक्रमण के बारे में जागरूक होने के लिए माता-पिता को जानकारी होना बेहद जरूरी हो जाता है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं
“फिलहाल, घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि यह वायरस लंबे समय मौजूद है, और इसके लक्षण श्वसन संबंधी अन्य वायरस जैसे ही हैं। सावधानी बरतें, विशेष रूप से 5 साल से छोटे बच्चों के लिए और कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास जाएं।”
– डॉ. गुंजन बावेजा (बाल रोग विशेषज्ञ)
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी क्या है? (Human Metapneumovirus – HMPV Kya Hai?)
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, जिसे एचएमपीवी वायरस के रूप में जाना जाता है, पैरामाइक्सोविरिडे परिवार का एक सिंगल-स्ट्रैंडेड आरएनए वायरस है, जो अक्सर ऊपरी श्वसन संक्रमण का कारण बनता है, और कुछ मामलों में, निचले श्वसन संक्रमण को बढ़ाता है, जैसे अस्थमा का बढ़ना, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी बीमारी (सीओपीडी) का बिगड़ना, या निमोनिया। एचएमपीवी वायरस के उसी समूह से आता है जो रेस्पिरेटरी सिनसिशल वायरस (आरएसवी), खसरा और मम्प्स का कारण बनता है, लेकिन वे समान नहीं हैं।
एचएमपीवी संक्रमण आमतौर पर सर्दियों और वसंत ऋतु की शुरुआत में देखा जाता है। यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि ज्यादातर लोगों को 5 वर्ष की उम्र से पहले एचएमपीवी संक्रमण हो जाता है। अमेरिका के क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, जिन बच्चों को पहली बार एचएमपीवी इंफेक्शन होता है उनमें उन बच्चों की तुलना में गंभीर बीमारी विकसित होने की अधिक संभावना होती है जिन्हें यह दूसरी बार हुआ हो। यही कारण है कि शिशुओं और छोटे बच्चों में गंभीर बीमारी विकसित होने का खतरा अधिक होता है। चूंकि यह एक छूने से फैलने वाला संक्रमण है, इसलिए शिशुओं, छोटे बच्चों और वयस्कों को यह दोबारा हो सकता है, लेकिन फिर से होने पर इसकी गंभीरता कम हो जाती है।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कितना आम है? (Human Metapneumovirus Kitna Aam Hai?)
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, एचएमपीवी बच्चों में लगभग 10 से 12% श्वसन रोगों के लिए जिम्मेदार है। जबकि अधिकांश मामले सौम्य होते हैं, लेकिन लगभग 5-16% बच्चों में निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस जैसे श्वसन संक्रमण विकसित होने की संभावना होती है।
एचएमपीवी संक्रमण होने का खतरा किसे है? (HMPV Sankraman Hone Ka Khatra Kise Hai?)
जबकि एचएमपीवी संक्रमण बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित करता है, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इसके अधिक मामले देखे जाते हैं। इस प्रकार, छोटे बच्चे, 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्क और ऐसे लोग जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, वे गंभीर एचएमपीवी संक्रमण के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं।
क्या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस संक्रामक है? (Kya Human Metapneumovirus Sankramak Hai?)
हाँ, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस जुकाम और आरएसवी की तरह ही बेहद संक्रामक है। एचएमपीवी पनपने की अवधि लगभग तीन से पांच दिन है। इसका मतलब यह है कि किसी व्यक्ति में लक्षण न दिख रहे हों तो भी वह संक्रमित हो सकता है।
एचएमपीवी कैसे फैलता है? (HMPV Kaise Failta Hai?)
संक्रमित व्यक्ति के बलगम या लार के सीधे संपर्क में आने या वायरस से दूषित चीजों या सतहों को छूने से एचएमपीवी बच्चों और वयस्कों में आसानी से फैलता है
उदाहरण के तौर पर:
- संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने पर सांस के जरिए बूंदें दूसरों तक पहुंचती हैं
- हाथ मिलाने, चूमने या गले लगने से
- बर्तन या खाना साझा करने से
- चाबियाँ, दरवाजे के हैंडल, खिलौने, फोन, टिश्यू या मेनू कार्ड जैसी चीजों से वायरस फैलता है
एचएमपीवी वायरस संक्रमण के जोखिम के कारक (HMPV Virus Sankraman Ke Jokhim Ke Karak)
एचएमपीवी एक आम वायरस है जो सामान्य रूप से किसी को भी संक्रमित कर सकता है। फिर भी, बच्चों, विशेषकर छोटे बच्चों और शिशुओं में इसका जोखिम अधिक होता है, और इसके निमोनिया, ब्रोंकाइटिस या ब्रोंकियोलाइटिस जैसी सांस की गंभीर बीमारियों में विकसित होने की अधिक संभावना होती है। नीचे उन लोगों की सूची दी गई है जिनमें ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कारण गंभीर बीमारी पनपने का खतरा ज्यादा है:
- प्रीमैच्योर (समय से पहले जन्म) बच्चे
- 5 साल से कम उम्र के बच्चे
- 65 साल से अधिक उम्र के वयस्क
- अस्थमा या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीड़ित लोग
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति (जैसे कि ऑटोइम्यून विकारों, कैंसर या एचआईवी से पीड़ित, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को दबाने वाली दवाएं लेने वाले, या अंग प्रत्यारोपण से उबर रहे लोग)
एचएमपीवी के लक्षण (HMPV Ke Lakshan)
मेटान्यूमोवायरस के लक्षण आमतौर पर सौम्य और जुकाम जैसे होते हैं लेकिन कई लक्षण हैं जो इसकी गंभीरता दिखाते हैं। चूंकि संक्रमण मुख्य रूप से फेफड़ों और वायुमार्ग को संक्रमित करता है, इसलिए कुछ लोगों को उनकी कमजोर इम्युनिटी के कारण सीने में झटके का अनुभव हो सकता है।
एचएमपीवी के लक्षणों में शामिल हैं:
- खांसी
- बहती या भरी नाक (जुकाम)
- बुखार
- गले में दर्द
- रैश
- सांस में तकलीफ
- घरघराहट
बुखार और नाक बहने जैसे लक्षण आमतौर पर एचएमपीवी संक्रमण होने के तीन से पांच दिन बाद दिखते हैं। यदि यह जारी रहते हैं, तो बच्चों में घरघराहट, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे अन्य लक्षण विकसित हो सकते हैं। 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए, इस संक्रमण में गंभीर श्वसन संकट के साथ एपनिया के लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
एचएमपीवी बनाम कोविड (HMPV Banam Covid)
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस और कोविड-19 दोनों ही सांस से संबंधित बीमारियां हैं जिनके लक्षण समान होते हैं, जैसे खांसी, नाक बहना, नाक बंद होना, बुखार, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ। दोनों संक्रामक हैं और आम तौर पर लोगों से संपर्क या दूषित सतहों या चीजों को छूने से एक ही तरह से फैलते हैं। गंभीर मामलों में, दोनों संक्रमणों के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। हालांकि, दोनों में कुछ अंतर भी हैं, जो इस प्रकार है:
- कोविड-19 के विपरीत, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस में कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या टीके नहीं होते हैं।
- जबकि एचएमपीवी मौसमी बीमारी है और ज्यादातर वसंत और सर्दियों के दौरान फैलती है, कोविड-19 नए वेरिएंट के प्रसार के कारण साल भर में कभी भी हो सकता है।
देखने में आया है कि कोविड-19 महामारी के बाद कुछ देशों में एचएमपीवी के मामले तीन गुना बढ़ गए हैं। दरअसल क्वारंटाइन रहने जैसे उपायों के कारण, सांस से जुड़ी कई बीमारियों का फैलना कम हो गया था लेकिन जैसे ही इनमें ढील बरती गई, एचएमपीवी जैसे संक्रमण बढ़ गए।
क्या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस इंफेक्शन रेस्पिरेटरी सिनसिशल वायरस -आरएसवी इंफेक्शन के जैसा है? (Kya Human Metapneumovirus Infection Respiratory Syncytial Virus – RSV Infection Ke Jaisa Hai?)
एचएमपीवी और आरएसवी एक ही जीनस से संबंधित हैं और इसलिए इनके लक्षण समान हो सकते हैं। हालांकि ये दोनों समान नहीं हैं। जहां एचएमपीवी 6 से 12 महीने की उम्र के शिशुओं में गंभीर बीमारी का कारण बनता है, वहीं आरएसवी आमतौर पर 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं में गंभीर बीमारी पैदा करता है।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं? (Human Metapneumovirus Se Judi Jatiltaye Kya Hain?)
विशेष रूप से शिशुओं और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में जटिलताएं और जोखिम बड़े बच्चों और व्यक्तियों की तुलना में अधिक हैं। जबकि एचएमपीवी संक्रमण आमतौर पर हल्के होते हैं, बच्चे और कमजोर वर्ग अधिक गंभीर स्थिति में पहुंच सकते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है। जटिलताओं में शामिल हैं
- निमोनिया
- ब्रोंकाइटिस
- ब्रोंकियोलाइटिस
- एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस)
- कान में इंफेक्शन ओटाइटिस मीडिया
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से ठीक होने में कितना समय लगता है? (Human Metapneumovirus Se Thik Hone Me Kitna Samay Lagta Hai?)
एचएमपीवी के अधिकांश मामले गंभीर नहीं होते और कुछ दिन या एक सप्ताह तक रहते हैं। यदि संक्रमण थोड़ा गंभीर है, तो ठीक होने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है। खांसी जैसे लक्षण कुछ समय तक बने रह सकते हैं।
निदान (Nidan)
एचएमपीवी इंफेक्शन का निदान करने के लिए, डॉक्टर व्यक्ति के शारीरिक लक्षणों और बीमारियों के इतिहास के अनुसार जांच करते हैं। वे नाक या गले से नमूना लेकर संक्रमण पैदा करने वाले वायरस की पहचान की पुष्टि करने के लिए स्वाब टेस्ट और अन्य लैब टेस्ट करवा सकते हैं। आमतौर पर टेस्ट तब तक नहीं किए जाते जब तक डॉक्टर बीमारी के गंभीर होने या अस्पताल में भर्ती होने जैसी जरूरत न समझें। जिन व्यक्तियों में लक्षण गंभीर हों या लगातार दिख रहे हों उनमें फेफड़ों में एयरवेज की जांच और वायरस का पता लगाने के लिए ब्रोंकोस्कोपी या छाती का एक्स-रे करवाया जा सकता है।
एचएमपीवी इंफेक्शन का उपचार (HMPV Infection Ka Upchar)
मेटान्यूमोवायरस के उपचार के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है। चूंकि एचएमपीवी के अधिकांश मामले सौम्य होते हैं और अपने आप ठीक हो जाते हैं, डॉक्टर इसके लक्षण बढ़ने से रोकने के हिसाब से इलाज करते हैं, जैसे:
- बुखार और दर्द को कम करने के लिए मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली (ओटीसी) दवाएं, जैसे एसिटामिनोफेन और आइबुप्रोफेन
- नाक में जमाव के लिए डिकंजेस्टेन्ट
- सीने में घरघराहट और खांसी के इलाज के लिए इनहेलर
अगर व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार है और उसे सांस लेने में मुश्किल हो रही है, उस स्थिति में उसे अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है। उस परिस्थिति में डॉक्टर निम्नलिखित उपचार करेंगे:
- आईवी द्वारा तरल देना: इंफेक्शन के लक्षण, जैसे बुखार और खांसी, डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं। मरीज को हाइड्रेटेड रखने के लिए डॉक्टर आईवी लगा सकते हैं।
- ऑक्सीजन थेरेपी: सांस लेने में मुश्किल होने पर रोगी को ट्यूब या मास्क द्वारा ऑक्सीजन दी जा सकती है।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: शरीर की सूजन कम करने के लिए स्टेरॉयड का उपयोग किया जा सकता है।
एचएमपीवी से कैसे बचाव करें? (HMPV Se Kaise Bachav Kare?)
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस इंफेक्शन से बचने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। चूंकि यह बाकी के वायरल संक्रमण की तरह छूने से फैलता है, इसलिए इसके प्रसार को रोकने और संक्रमण को कम करने के कुछ तरीके हैं।
- संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचना और उनसे दूरी बनाए रखना।
- साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक अच्छी तरह हाथ धोना। यदि साबुन उपलब्ध नहीं है, तो अल्कोहल वाले सैनिटाइजर का उपयोग किया जा सकता है।
- छींक या खांसी आने पर नाक व मुंह को हाथों से ढंकने के बजाय टिशू, रुमाल या कोहनी से ढंकना।
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना।
- अपने चेहरे, मुंह, नाक और आंखों को बार-बार हाथों से छूने से बचना।
- दूसरों के साथ खाना साझा करने या एक साथ एक ही बर्तन में खाने से बचना।
- समय पर सभी वैक्सीन लगवाना।
एचएमपीवी से अपने बच्चे को सुरक्षित रखना (HMPV Se Apne Bacche Ko Surakshit Rakhna)
अपने बच्चे को एचएमपीवी वायरस से बचाने के लिए निचे दी गई बातों का पालन करें:
- इस बात का ख्याल रखें कि बच्चा खाने से पहले व बाद में, साथ ही टॉयलेट से आने के बाद अपने हाथ अच्छी तरह से धोए।
- पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे तरल पदार्थ देकर उसे हाइड्रेटेड रखें।
- बच्चे को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ले जाने से बचें।
- परिवार में या बाहर, संक्रमित लोगों से उसका संपर्क न होने दें।
- अच्छी साफ-सफाई रखें क्योंकि भले ही आपमें कोई लक्षण न दिख रहे हों लेकिन फिर भी आप सायलेंट इंफेक्शन स्प्रेडर बनकर अपने बच्चे को संक्रमित कर सकते हैं।
क्या भारत में एचएमपीवी का कोई मामला पाया गया है? (Kya India Mein HMPV Ka Koi Mamla Paya Gaya Hai?)
हाल में, भारत में एचएमपीवी के कुछ मामले दर्ज हुए हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ये मामले कर्नाटक के बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में पाए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हालिया स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। केंद्रीय मंत्रालय के अनुसार, देश में निगरानी तंत्र चाक चौबंद तरीके से काम कर रहा है, और फिलहाल किसी असामान्य तरीके से मामले नहीं बढ़ने के संकेत दे रहा है।
मंत्रालय ने लोगों से ठंड के मौसम के दौरान सुरक्षित और फिट रहने के लिए सफाई के बुनियादी नियमों का पालन करने और स्वास्थ्यकर आहार लेने की सलाह दी है।
अस्पताल कब जाएं? (Hospital Kab Jaye?)
ज्यादातर मामलों में, देखभाल से इंफेक्शन कुछ दिनों या एक हफ्ते में दूर हो जाता है। हालांकि, यदि लक्षण बिगड़ते हैं या बच्चे में नीचे दी गई समस्याएं विकसित होने लगती हैं, तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए:
- तेज बुखार
- सांस फूलना
- सीने में घरघराहट
- गंभीर खांसी
- त्वचा, होंठ और नाखून नीले पड़ना
डॉक्टर से क्या पूछें (Doctor Se Kya Puchein)
एक जागरूक माता-पिता के तौर पर, आप बच्चों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के बारे में निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकते हैं:
- मैं घर पर एचएमपीवी संक्रमण का इलाज कैसे करूँ?
- मेरे बच्चे को बेहतर महसूस करने में कितना समय लगेगा?
- मेरे बच्चे के लिए कौन सी ओटीसी दवाएं सुरक्षित हैं?
- मुझे किन गंभीर लक्षणों के प्रति सचेत रहना चाहिए?
- मुझे इमरजेंसी वार्ड में कब जाना चाहिए?
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. क्या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के इलाज के लिए एंटीबायोटिक आवश्यक हैं?
नहीं, एचपीएमवी के इलाज के लिए एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं है क्योंकि ये दवाएं केवल बैक्टीरिया से होने वाले इंफेक्शन का इलाज करती हैं। चूंकि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से वायरल संक्रमण होता है, इसलिए एंटीबायोटिक काम नहीं आएंगी। कुछ मामलों में, संक्रमित व्यक्तियों में बैटीरियल इंफेक्शन जैसे सेकेंडरी इंफेक्शन विकसित हो सकते हैं और साथ ही उन्हें एचएमपीवी से निमोनिया भी हो सकता है। ऐसी स्थितियों में, डॉक्टर सेकेंडरी इंफेक्शन के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दे सकते हैं।
2. एचएमपीवी वायरस से ठीक होने में कितना समय लगता है?
सौम्य एचएमपीवी इंफेक्शन को ठीक होने में लगभग तीन दिन से एक हफ्ते का समय लगता है, और खांसी जैसे लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं। यदि संक्रमण एक हफ्ते से ज्यादा रहे, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।
3. क्या एचएमपीवी संक्रमण एक से अधिक बार हो सकता है?
हां, एचएमपीवी संक्रमण एक से अधिक बार हो सकता है। बाद में होने वाले इंफेक्शन में, इसकी गंभीरता कम हो जाती है, और संक्रमण सौम्य हो जाता है क्योंकि शरीर में इसके खिलाफ इम्युनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है।
अस्थमा, पल्मोनरी फाइब्रोसिस या सीओपीडी जैसी सांस की पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों में एचएमपीवी या इन्फ्लूएंजा जैसे संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है।
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