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यदि आपको यह पता चला है कि आपके गर्भ में जुड़वां बच्चे हैं, तो यह आपके और घरवालों के लिए एक रोमांचक समय होगा। इस समय आपके मन में जुड़वां गर्भावस्था के बारे में कई सवाल हो सकते हैं। जुड़वां बच्चों के साथ गर्भवती होने वाली अधिकांश महिलाओं के मन में एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह होता है कि गर्भावस्था के दौरान उनका वजन कितना बढ़ेगा और इसे कैसे नियंत्रण में रखा जा सकता है।
गर्भावस्था में वजन बढ़ना ज्यादातर हर महिला के लिए चिंता का विषय होता है, क्योंकि गर्भावस्था के बाद वजन कम करना उनके लिए चुनौती हो सकता है। इसके अलावा बच्चे के जन्म के बाद खुद पर ध्यान देना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आप जुड़वां बच्चों की माँ बनने वाली हैं तो अब आपको और भी चिंता होगी अपने वजन को लेकर, कि आप यह वजन कैसे कम करेंगी। आइए जानते हैं आपको क्या करना चाहिए।
जुड़वां गर्भावस्था में वजन बढ़ाना क्यों जरूरी है?
जब आप जुड़वां बच्चों की माँ बनने वाली होती हैं, तो आपका वजन बढ़ाना बहुत जरूरी होता है। डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि सही पोषण और उचित मात्रा में वजन बढ़ाना हर गर्भावस्था के लिए जरूरी होता है, लेकिन जुड़वां गर्भावस्था में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। जुड़वां गर्भावस्था में समय से पहले प्रसव और जन्म के बाद बच्चों का कम वजन होने का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए आपका स्वस्थ रहना जरूरी है।
जो बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं या पैदा होने के समय उनका वजन कम होता है, उन्हें संक्रमण और पीलिया होने का खतरा अधिक होता है। वहीं पूरा समय लेकर पैदा होने वाले बच्चों में यह खतरा कम होता है। इसलिए, अगर आप जुड़वां बच्चों की उम्मीद कर रही हैं, तो आपके लिए अपने वजन को नियमित रूप से निगरानी करना बहुत जरूरी है। इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि गर्भ में बच्चों को पर्याप्त पोषण मिल सके ताकि उनका सही तरीके से विकास हो सके।
जुड़वां गर्भावस्था में हर तिमाही के दौरान स्वस्थ्य वजन कैसे पाएं
अगर आप जुड़वांं बच्चों को पैदा करने वाली हैं, तो आपको एक बच्चे की गर्भावस्था की तुलना में ज्यादा वजन बढ़ाने की जरूरत होती है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि ट्विन प्रेग्नेंसी में महिलाओं का वजन लगभग 16 से 25 किलो तक बढ़ना चाहिए। यह जुड़वां गर्भावस्था के दौरान औसत वजन बढ़ाने का आंकड़ा है। इसमें से करीब 4.5 से 5.5 किलो तो सिर्फ बच्चों का वजन होगा। इसके अलावा, एम्नियोटिक फ्लूइड (जो बच्चों के आस-पास होता है) और गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में बनने वाला अतिरिक्त रक्त भी वजन बढ़ाने में योगदान देता है। इसलिए, ट्विन प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ना सामान्य है और यह बच्चे और माँ, दोनों की सेहत के लिए जरूरी भी है।
जुड़वां बच्चों के जन्म के बाद, ज्यादातर माएं पहले 2 से 5 हफ्तों में करीब 10 से 13 किलो तक वजन कम कर लेती हैं। इसके बाद नई माओं का लगभग 5.5 से 7 किलो अतिरिक्त वजन को कम करना मुश्किल होता है। इसका मतलब, जुड़वांं बच्चों को जन्म देने के बाद महिलाओं का जो वजन बचता है, वह लगभग उतना ही होता है जितना एक बच्चे को जन्म देने के बाद होता है। इतना वजन सामान्य होता है और इसे धीरे-धीरे कम किया जाता है।
1. पहली तिमाही में वजन बढ़ना
हर गर्भावस्था अलग होती है और इस दौरान हर महिला का वजन एक जैसा नहीं बढ़ता। कुछ महिलाओं का वजन एक साथ बढ़ सकता है, जबकि कुछ का धीरे-धीरे बढ़ता है।
कितना वजन बढ़ेगा
पहली तिमाही में जुड़वां बच्चों की माँ का वजन आमतौर पर 2 से 3 किलो तक बढ़ता है।
क्या करें
- पहली तिमाही में कई महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस, मतली, और उल्टी की समस्या होती है, जिससे उन्हें खाना पचाने में मुश्किल हो जाती है। जुड़वा बच्चों की गर्भावस्था वाली महिला को मॉर्निंग सिकनेस ज्यादा हो सकती है क्योंकि गर्भावस्था के हार्मोन का स्तर ज्यादा होता है।
- कई बार मॉर्निंग सिकनेस की वजह से वजन भी कम हो सकता है। अगर मतली ज्यादा हो रही हो, तो डॉक्टर से सलाह लें और जरूरत पड़ने पर दवा भी ले सकती है।
- थोड़ा-थोड़ा और नियमित अंतराल पर बार-बार खाएं ताकि शरीर को सही पोषण मिलता रहे।
- अपनी गर्भावस्था वाले विटामिन जरूर लें। अगर इन विटामिन से मतली ज्यादा हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह कोई दूसरा विटामिन का विकल्प चुन लें।
- समय-समय पर पानी और अन्य पेय पदार्थ पीती रहें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
2. दूसरी तिमाही में वजन बढ़ना
दूसरी तिमाही गर्भावस्था का सबसे राहत भरा समय माना जाता है। इसी दौरान वजन भी सबसे ज्यादा बढ़ता है। इस समय में पौष्टिक आहार लें और आराम जरूर करें।
कितना वजन बढ़ेगा
जुड़वां बच्चों की माँओं का वजन दूसरी तिमाही में हर हफ्ते लगभग 0.5 से 0.7 किलो तक बढ़ना चाहिए।
क्या करें
- दूसरी तिमाही शुरू होते ही आमतौर पर मॉर्निंग सिकनेस कम हो जाती है। इसलिए इस दौरान स्वास्थ्यवर्धक खाना खाएं ताकि पहली तिमाही में जो वजन बार बार मतली आने के कारण नहीं बढ़ पाया था, उसकी भरपाई हो सके।
- अपने आहार में हेल्दी फैट, साबुत अनाज, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम और प्रोटीन शामिल करें।
- कुछ पौष्टिक चीजें जो वजन बढ़ाने में मदद कर सकती हैं, वे हैं – चिकन और टर्की जैसी लीन मीट, अंडे, और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दही और फुल क्रीम दूध।
3. तीसरी तिमाही में वजन बढ़ना
तीसरी तिमाही में जुड़वां बच्चों की गर्भावस्था वाली महिलाओं के लिए काफी मुश्किल भरी हो सकती है, क्योंकि पेट काफी बड़ा हो जाता है। इस वजह से चलना-फिरना और रोज के काम करना मुश्किल हो जाता है।
कितना वजन बढ़ेगा
तीसरी तिमाही में जुड़वां बच्चों की माँओं का वजन हर हफ्ते 0.5 से 1 किलो तक बढ़ सकता है।
क्या करें
- 32 हफ्ते के आसपास हर बच्चे का वजन लगभग 1.8 से 2 किलो तक हो जाता है। इस वजह से माएं ठीक से चल-फिर नहीं पाती और रोज के काम करना भी मुश्किल हो जाता है।
- बच्चों के बढ़ने से पेट बड़ा हो जाता है, जिससे शरीर के दूसरे अंगों पर दबाव पड़ता है और पीठ दर्द या एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- यह बच्चों के बढ़ने का आखिरी समय होता है, इसलिए अच्छा आहार लेना बहुत जरूरी है।
- अपनी खुराक और वजन के बारे में समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लें ताकि गर्भावस्था सही तरीके से चलती रहे।
जुड़वां बच्चों की गर्भावस्था में बढ़ने वाले वजन का चार्ट
जुड़वां बच्चों की गर्भावस्था में कितना वजन बढ़ना चाहिए, इसके लिए आपको यहां चार्ट दिया गया है जिससे आप बेहतर रूप से समझ पाएंगी। आपको यहां हर तिमाही में सही वजन बढ़ने के बारे में बताया गया है। चार्ट की मदद से आप देख सकती हैं कि हर तिमाही में आपका कितना वजन बढ़ना चाहिए ताकि आप और आपके बच्चे दोनों स्वस्थ रहें।
गर्भावस्था से पहले का वजन | पहली तिमाही में बढ़ने वाला वजन | दूसरी तिमाही में बढ़ने वाला वजन | तीसरी तिमाही में बढ़ने वाला वजन | कुल बढ़ा हुआ वजन |
दुबला शरीर (बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई 19 से कम होना ) | 1.5 से 3 किलो | 8.5 से 11 किलो | 8 से 10 किलो | 18 से 24 किलो |
सामान्य या अधिक वजन (बीएमआई 19 से 29 के बीच होना) | 1.5 to 2 किलो | 8.5 to 10 किलो | 6 to 9 किलो | 15 to 20 किलो |
आपको सिर्फ गर्भावस्था के दौरान नहीं बल्कि उसके बाद भी अपनी सेहत का ख्याल रखना है इसलिए आपको अपने आहार का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जरूरत लगे तो डाइटिशियन की सलाह लें। वजन बढ़ाने के लिए स्वास्थ्यवर्धक खाना खाएं, जंक फूड से बचें, क्योंकि आपके बच्चों का पोषण आपके खाने पर निर्भर करता है। पौष्टिक चीजें खाने से एसिडिटी और गलत रूप से बढ़ने वाले वजन जैसी परेशानियों को भी नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपको या बच्चों की सेहत को लेकर कोई परेशानी हो तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें।