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कई पेरेंट्स अपने बच्चों को सुलाने के लिए या शांत कराने के लिए झूले (पालने) का उपयोग करते हैं, लेकिन आप यह जानना चाहती होंगी कि क्या आपका बच्चा इसमें रात भर बिना किसी परेशानी के सो सकता है? बच्चे के लिए झूले का बहुत ज्यादा प्रयोग के कारण उसमें डेवलपमेंट से जुड़ी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन उससे पहले आपको यह बता दें कि झूले में सोने का तरीका बिलकुल भी नेचुरल नहीं है।
क्या आपके बेबी को झूले में सोना चाहिए?
वैसे झूले या पालने में कई बच्चे बहुत जल्दी और आसानी से सो जाते हैं, लेकिन यह उन्हें सुलाने के लिए कोई बहुत अच्छी आदत नहीं है। कभी-कभी आप बच्चे को सुलाने के लिए इन्फेंट स्विंग का सहारा ले सकती हैं, लेकिन अगर आप इसे रोजाना इस्तेमाल कर रही हैं, तो आपको ऐसा करने से खुद को रोकना चाहिए।
बेबी के लिए झूले का उपयोग करने के नुकसान
बच्चे को झूले में मजा आता है, लेकिन अगर इसे लंबे समय तक या लगातार उपयोग किया जाए तो यह उसके लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है। जिन बच्चों को झूले में ज्यादा सुलाया जाता है, उनमें सडेन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम (एसआईडीएस) जैसे गंभीर मामलों का खतरा होता है, इसके अलावा और भी कई जोखिम हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।
1. बेबी के विकास को प्रभावित करता है
बच्चों को अकेले समय बिताने की जरूरत होती है और उन्हें अपने आसपास की चीजों को देखने-समझने का मौका दिया जाना चाहिए। यदि आप अपने बेबी को हर समय स्विंग में ही रखेंगी, तो वह ज्यादा मूवमेंट नहीं करेगा और झूले तक ही सीमित रहेगा। बच्चे को पलटने, घुटनों के बल रेंगने और चलने जैसी जरूरी एक्टिविटीज के लिए झूले से बाहर लाना बहुत जरूरी है, वरना इसके कारण उसके विकास पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
2. नींद की कमी और एसआईडीएस का खतरा हो सकता है
अगर कोई बच्चा सही तरीके से नहीं सोता है, तो उसमें सडेन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम यानि एसआईडीएस का खतरा बढ़ सकता है। झूले में बच्चे की पोजीशन सही न होने की वजह से सोते समय उसे ठीक से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इसी तरह, स्विंग में स्थिरता न होने की वजह से बच्चे के जरा भी हिलने पर वह बार-बार जाग सकता है।
3. इसमें बच्चा सुरक्षित नहीं रहता है और चोट लगने का खतरा रहता है
झूले की रस्सी टूट जाने के कारण या हिलने-डुलने के दौरान इससे गिर जाने की वजह से बच्चे को चोट लग सकती है, इसके अलावा कुछ बच्चों का दम भी घुटने लगता है। यदि स्विंग की मटेरियल क्वालिटी अच्छी नहीं है तो यह टूट भी सकता है जिससे बच्चे को ज्यादा चोट आ सकती है।
बेबी की झूले में सोने की आदत को कैसे दूर करें
यदि आप अपने बच्चे की झूले में सोने की आदतों को बदलने का तरीका जानना चाहती हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर हैं, चिंता न करें अभी भी देर नहीं हुई है। कुछ आसान तरीके हैं जो आपको बच्चे की इस आदत को दूर करने में मदद कर सकते हैं और फिर आप बिना किसी परेशानी के बच्चे को क्रिब या बिस्तर पर लिटा सकेंगी।
1. झूले से क्रिब में लिटाने के इस बदलाव को कुछ समय जारी रखें
बच्चों को क्रिब या बिस्तर में शांति से सोते हुए देखना काफी आम है और साथ ही जब वो झूले में समय बिताते हैं, तब भी कई बार झपकी ले लेते हैं। लेकिन जब बच्चे को झूलने की आदत हो जाती हैं, तो उन्हें उनके बिस्तर पर सोने में अजीब महसूस होता है और इस वजह से उसमें लिटाए जाने पर वो रोने लगते हैं। ऐसे केस में, आप थोड़ा रुकें और कुछ दिनों के बाद इस बदलाव को फिर से जारी रखने का प्रयास करें।
2. बच्चे को क्रिब में रखें
हो सकता है कि जब आप बच्चे को क्रिब में सुलाएं तो वो इसका आदी न होने की वजह से रोने लगे और सोते समय कुछ और देखना चाहे है या अलग दिशा में देखने लगे। बच्चे अक्सर इस तरह की हरकत कर सकते हैं, जिसे वो लगभग 15 मिनट या उससे भी अधिक समय तक जारी रख सकते हैं, जिसके बाद बच्चे थक कर गहरी नींद सो जाते हैं, इसलिए आप अपनी कोशिश को जारी रखें।
3. बच्चे को झूले में सोने न दें
जब आप बच्चे को स्विंग में बिठाएं तो उसे सोने न दें। जैसे ही बच्चे का मूवमेंट कम होने लगे और वो नींद में आने लगे, तो उसे धीरे से उठाकर क्रिब में लिटा दें और थपकी दें। इस प्रकार आप इस ट्रांजीशन को सफल बना सकती हैं।
4. धीरे-धीरे झूले में झूलने की स्पीड को कम करें
कुछ बच्चे जागते समय जिद करते हैं कि आप उनके झूले को आगे-पीछे झुलाती रहें। ठीक है, आप ऐसा कर सकती हैं, लेकिन झूले की स्पीड को पहले की तुलना में कम रखने का प्रयास करें। जैसे-जैसे आपके शिशु को इसकी आदत पड़ने लगेगी, आप धीरे-धीरे इसकी स्पीड पहले से और कम करती जाइए, इस प्रकार उसे पूरी तरह से बिना झुलाए भी नींद आने लगेगी, जिससे उसे क्रिब में सुलाना आसान जाएगा और फिर बच्चे को इसकी आदत हो जाएगी।
5. झूले को बच्चे के क्रिब के पास रखें
कई माएं पालने को अपने बिस्तर के करीब रखती हैं ताकि वे बच्चे को आसानी से हिला सकें। लेकिन अगर आप भी ऐसा करती हैं, तो अब से न करें वरना बच्चा क्रिब में लेटने के लिए तैयार नहीं होगा और यह बच्चे में क्रिब के प्रति एक मानसिक दूरी पैदा करेगा। झूले को क्रिब के करीब रखने से बच्चा जल्द ही इसका आदी होना शुरू कर देगा और सोते हुए बच्चे को स्विंग से क्रिब में लिटाना भी आसान हो जाएगा।
6. बदलाव करने से पहले बच्चे के सोने का समय निर्धारित करें
यदि आपके बच्चे को झूले में झपकी लेना पसंद है, तो वह अपने सोने के समय में भी उसमें ही सोना पसंद करेगा। यह वह समय भी होता है जब बच्चा काफी थका हुआ होता है और आसानी से सो जाता है। तो क्यों न आप इसका फायदा उठाएं और और जब बच्चा गहरी नींद में हो तो उसे क्रिब में लिटा दें। एक बार जब बच्चा इस आदत के प्रति सहज हो जाए, तो आप उसके नैपटाइम को भी एडजस्ट करना शुरू करें या एक रूटीन बना लें।
7. अपने बेबी को नींद के संकेत समझने दें
सबसे ज्यादा बच्चे को स्विंग से क्रिब की आदत डालने में यह दिक्कत आती है कि यह बच्चे के रूटीन का हिस्सा बन चुका होता है। एक हल्की हवा और हिलने-डुलने जैसे मोशन से वो खुद ही अपने अंदर सोने की आदत डाल लेते हैं। इसलिए, आप बच्चे को पालने में सुलाने के लिए दूसरे तरीकों का सहारा ले सकती हैं जैसे लोरी गाना, बच्चे के पालने में सोते समय हल्के-हल्के पंखा झलना, ताकि वो इन संकेतों से समझ सके कि यह सोने का समय है। आपको इसमें कुछ समय लगेगा, लेकिन यह निश्चित रूप से यह तरीका आपके बच्चे पर काम करेगा।
8. बच्चे के सो जाने के बाद ही क्रिब में लिटाएं
कुछ बच्चे बहुत जिद्दी होते हैं और किसी भी हाल में क्रिब में सोने के लिए तैयार नहीं होते हैं। ऐसे में उनको झूले से दूर करना ठीक नहीं रहेगा, तो आप इस स्थिति का भी फायदा उठा सकती हैं। अगर बेबी क्रिब में सोने से इंकार कर रहा है तो आप उसे पालने में ही सुलाएं लेकिन उसे झुलाएं नहीं। वह थोड़ी देर के लिए परेशान जरूर होगा लेकिन फिर कुछ देर बाद सो जाएगा, जिसके बाद आप उसे दूसरी जगह शिफ्ट कर सकती हैं। ऐसे ही धीरे-धीरे आप बच्चे को क्रिब में सोने की आदत डालें।
झूले के अलावा अन्य विकल्प
बच्चे को झूले में सुलाना उसकी रीढ़ के लिए भी हानिकारक होता है, इसलिए आपको यहां ऐसे कुछ विकल्प बताए गए हैं, जिनका आप उपयोग कर सकती हैं।
- अपनी गोद में लेकर बच्चे को हिलाएं
- नेचुरल वाइट नॉइज प्ले करें जैसे बारिश, हवा
- अपने डॉक्टर से बात करें कि क्या बच्चे को कोई बीमारी है जिसकी वजह से उसे सोना मुश्किल हो रहा है
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बच्चे को झूले में सुलाने से संबंधित पेरेंट्स द्वारा पूछे गए ऐसे कई आम प्रश्न हैं, जिनके जवाब आपको यहां दिए गए हैं, तो आइए जानते हैं।
1. क्या झूला मेरे अशांत बेबी को शांत करने में मदद कर सकता है?
बच्चे का पालने में सोना काफी आम है, लेकिन इसके अलावा बच्चे को इसमें बिठाने से वो शांत होता है, इसलिए आप चाहें तो उसे शांत कराने के लिए इन्फेंट स्विंग का सहारा ले सकती हैं।
2. मैं अपने बेबी को कब तक झूले में रहने दूं ?
यदि आपका बच्चा 6 महीने से ज्यादा उम्र का हो गया है, तो आपको उसे अब झूलने की आदत को छुड़ाना शुरू कर देना चाहिए।
3. अगर मेरा बेबी अपने झूले के बिना नहीं रह सकता है तो मुझे क्या करना चाहिए?
झूले का प्रयोग बच्चे को नींद आने में मदद तक के लिए ही करें, शुरू से उसे इसका आदी न होने दें, यदि वह इसके बावजूद भी स्विंग की जिद करता है, तो आप उसे क्रिब या बिस्तर पर सुलाने की आदत डालना शुरू कर दें।
बच्चे को झूले में सुलाने के कई साइड इफेक्ट्स हैं, यह कई तरह से उसे नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए आपको समझना होगा कि बच्चे में यह आदत कैसे लगी और इसे कैसे ठीक करें, आप यह जानने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें और बच्चे में सोने की सही आदत विकसित करें।
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