बेबी और टॉडलर का डब्ल्यू पोजीशन में बैठना – क्या यह आपके बच्चे के लिए खराब है?

बेबी और टॉडलर का डब्ल्यू पोजीशन में बैठना - क्या यह आपके बच्चे के लिए खराब है?

आपने शायद ध्यान दिया होगा कि जब से आपका बच्चा अपने शरीर को बिना किसी सहारे के सीधे रखने लगा है, वह पैरों को ‘डब्ल्यू’ के आकार में बनाकर बैठता है। कई माता-पिता यह जानना चाहते हैं कि क्या बच्चों का इस तरह डब्ल्यू पोजीशन में बैठना उनके लिए हानिकारक तो नहीं है। तो सच्चाई यह है कि इस पोजीशन में बच्चे का लंबे समय तक बैठना सही नहीं है और जितना जल्दी हो सके बच्चों की इस आदत को ठीक किया जाना चाहिए।

डब्ल्यू-सिटिंग पोजीशन क्या है? 

कई बच्चे अपने घुटनों को मोड़कर कूल्हे के बल बैठना पसंद करते हैं। इस दौरान उनके पैर बाहर की ओर फैले हुए होते हैं। ऊपर से देखे जाने पर यह पोजीशन अंग्रेजी के ‘डब्ल्यू’ लेटर जैसी दिखती है, जिसकी वजह से इसे डब्ल्यू-सिटिंग पोजीशन का नाम  दिया गया।

बच्चा किस उम्र में डब्ल्यू पोजीशन में बैठना शुरू करता है? 

ज्यादातर बच्चे इस पोजीशन को तब अपनाते हैं जब वे बिना किसी बाहरी सपोर्ट के अपने शरीर को सीधा रख सकते हैं। कुछ बच्चे अपनी यह स्टाइल खुद ही ठीक कर लेते हैं, जबकि कुछ बच्चे इसी पोजीशन में बैठना जारी रखते हैं, खासकर यदि उनमें पहले से ही ताकत की कमी हो।

छोटे बच्चे और टॉडलर इस पोजीशन में क्यों बैठते हैं? 

बच्चों के लिए डब्ल्यू-सिटिंग की पोजीशन बैठने के सबसे आसान और सबसे आरामदायक तरीकों में से एक है क्योंकि इसमें मुश्किल से किसी भी प्रकार की मसल स्ट्रेंथ की जरूरत होती है और इस पोजीशन में रहने से बच्चा अपने शरीर को किसी भी डायरेक्शन में आसानी से ला सकता है। हालांकि, यह आराम बच्चे के फिजिकल डेवलपमेंट में कमी की कीमत पर आता है ।

डब्ल्यू-सिटिंग पोजीशन को क्यों बढ़ावा नहीं देना चाहिए

जो बच्चे पैरों का डब्ल्यू बनाकर बैठते हैं, उन्हें सही पोजीशन में बैठाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस पोजीशन से शरीर का पूरा भार एक ही जगह पर आता है, जिससे शायद ही उन्हें वो स्वतंत्रता मिल पाती हो जिससे वो अपने शरीर का ऊपरी हिस्सा सही तरह से इस्तेमाल कर पाएं। इसके अलावा हर समय इस तरह के पैटर्न में बैठने के अपने ही कुछ नुकसान होते हैं।

  • इस पोजीशन में बैठने से जांघ की मांसपेशियां टाइट रहती हैं। जब ऐसा लंबे समय तक जारी रहता है, तो पैर के जोड़, जहाँ से वो अपने पैरों को मोड़कर बैठता है, प्रभावित होते हैं। इसके अलावा इससे बच्चे की चाल पर भी प्रभाव पड़ता है।
  • चूंकि जांघ की मसल्स फ्लेक्स नेचर की होती और इस पोजीशन में बैठने की वजह से इसे रिलैक्स होने की स्वतंत्रता नहीं मिल पाती है, इसके कारण पैरों में शुरुआती स्टेज से ही जकड़न पैदा होने लगती है, जो बच्चे के लिए परेशानी भरा हो सकता है।
  • बच्चे के शरीर के मुख्य भाग पर ज्यादा जोर नहीं पड़ना चाहिए, वरना यह विकास के दौरान उसे कमजोर बना देता है। इस स्थिति में बच्चे के बैठने से जब वो चलता है तो उसके मूवमेंट में ठहराव नहीं होता है, साथ ही साथ दौड़ते समय या अलग-अलग गतिविधि करते समय भी उसका पोस्चर प्रभावित होता है।
  • बच्चा जिस पैटर्न में बैठता है वह उसके शरीर के ऊपरी हिस्से को एक विशेष पोजीशन में स्थिर रखता है। शरीर के सभी हिस्सों का ठीक से विकास होने के लिए शरीर का पूरी तरह से मूवमेंट करना और सब पर एक जैसा जोर पड़ना जरूरी है, खासकर शुरूआती चरण में। यह डब्ल्यू-सिटिंग की पोजीशन मुश्किल से ही पीठ पर किसी भी तरह का स्ट्रेस देती है, जिससे यह कमजोर हो जाती है।
  • इस पोजीशन में बैठने की एक सबसे बड़ी खराबी है वेट डिस्ट्रीब्यूशन। ज्यादातर सारा भार कूल्हों वाले हिस्से पर ही पड़ता है। जिससे शरीर के वजन का सारा प्रेशर कूल्हों पर जाता है और इससे बच्चे में कूल्हों से संबंधित डिस्लोकेशन की समस्या पैदा हो सकती है।

डब्ल्यू-सिटिंग पोजीशन को क्यों बढ़ावा नहीं देना चाहिए

अपने बच्चे को डब्ल्यू पोजीशन में बैठने से कैसे रोकें

आपके बच्चे को बैठने के लिए डब्ल्यू-पोजीशन काफी आरामदायक लग सकती है, लेकिन उसे इसकी आदत डालने से रोकना आवश्यक है। आप बच्चे की इस आदत को ठीक करने में मदद करने के साथ-साथ यह भी जानें कि समय के साथ उसकी मसल्स को ताकत देने और लगातार डेवलपमेंट के लिए आपको क्या करना चाहिए।

  • इस उम्र में बच्चे का शारीरिक विकास सही रास्ते पर जारी रहे यह सुनिश्चित करने के लिए उसका फिजिकल एक्टिविटी करना बहुत जरूरी है। इसलिए, बच्चे को अन्य बच्चों के साथ स्विमिंग, साइकिलिंग करने या आउटडोर गेम जैसी एक्टिविटी में शामिल करना जरूरी है और यह उसके शरीर की जरूरत भी है।
  • छोटे बच्चों के लिए जो इस समय डब्ल्यू-पोजीशन में बैठते हैं, आप उनके पैरों के मस्कुलर रीजन को, जो अभी कमजोर हैं, ताकत देने के लिए मसाज करें। ये मुख्य रूप से पीठ और शरीर के और दूसरे जोड़ों को मजबूत करने में भी मदद करते हैं।
  • डब्ल्यू-पोजीशन में बैठने से शरीर के लचीलेपन पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इसे योगा एक्सरसाइज की मदद से ठीक किया जा सकता है। एक सही ट्रेनर की मदद से आपकी यह कोशिश बेहतरीन रूप से काम कर सकती है।
  • जो बच्चे बड़े होने जाने के बावजूद भी अभी तक डब्ल्यू-पोजीशन में बैठने के आदी हैं और उन्हें नहीं पता है कि यह उनके शरीर पर बुरा प्रभाव डाल रहा है। उनकी इस पोजीशन के कारण पहले से ही उनकी पीठ कमजोर हो गई होगी। ऐसे में इस स्थिति को ठीक करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।
  • जितनी जल्दी हो सके बच्चे को इस पोजीशन में बैठने की आदत छुड़ाएं और अगर इसने बच्चे के विकास को प्रभावित करना शुरू कर दिया है तो आपका जल्द से जल्द एक्शन लेना जरूरी है, फिर चाहे क्यों न आपको कई बार बच्चे को टोकना पड़े। बच्चे की किसी भी आदत को छुड़ाने में समय लगता है।
  • अगर आपके बच्चे के लिए किसी दूसरी पोजीशन में बैठना मुश्किल हो रहा है, तो आप इसके बजाय एक स्टूल या कुर्सी का उपयोग कर सकती हैं और फर्श पर बैठने के बजाय उसे इस पर बिठाएं।

बच्चों की डब्ल्यू-सिटिंग पोजीशन को लेकर कब चिंता करनी चाहिए? 

कभी-कभी, जो बच्चे अपने बचपन के अहम पड़ाव में डब्ल्यू-पोजिशन में बैठने की आदत को जारी रखते हैं, उनमें कुछ ऐसी स्थितियां पैदा हो जाती हैं, जो आगे चलकर उनको शारीरिक रूप से प्रभावित कर सकती हैं। आपका बच्चा लंगड़ाकर या पिजन-टो स्टाइल में चलना शुरू कर सकता है। जिससे आगे चलकर मूवमेंट के दौरान मसल्स स्ट्रेंथ कम हो जाती है और बच्चे की चाल अजीब हो जाती है।

डब्ल्यू पोजीशन में बैठने वाले बच्चों के लिए बैठने के तरीके के अन्य विकल्प

जिन बच्चों को डब्ल्यू-पोजीशन में बैठने की आदत होती है, उन्हें केवल इस पोजीशन में ऐसा न बैठने देने की सलाह देना काफी नहीं है, जिससे उन्हें ठीक किया जा सकता है। आपको अपने बच्चे के लिए दूसरे ऑप्शन चुनना बेहद जरूरी है जो उसे आराम से बैठने और नई पोजीशन में उपयोग करने में मदद करेंगे और वो धीरे-धीरे इस पोजीशन में बैठना छोड़ देगा।

  • बच्चों के लिए अपनी बैठने की पोजीशन को अचानक बदलना आसान नहीं होता है। इसलिए, आप उसे एक छोटे स्टूल पर बिठाने से शुरुआत करें, जिससे उसे जमीन के करीब रहने और अन्य बच्चों या खिलौनों के साथ खेलने में कोई परेशानी नहीं होगी।
  • एक और पोजीशन है स्क्वाटिंग। हालांकि यह बड़ों के लिए मुश्किल हो सकती है, लेकिन बच्चों के लिए यह काफी आसान होती है क्योंकि अभी उनकी मांसपेशियों की ताकत बढ़ रही होती है। इससे बच्चे को अंदर से स्ट्रेंथ मिलती है और उसके पैरों को मजबूती मिलती है।
  • डब्ल्यू-सिटिंग पोजीशन के बजाय घुटनों के बल बैठना ज्यादा बेहतर ऑप्शन होता है। उसे एक पैर के ऊपर दूसरा पैर रख कर बिठाएं। इससे उसे जमीन पर बैठने में आसानी भी होगी और साथ ही इस पोजीशन में बैठने से उसका शरीर एक्टिव भी रहेगा।
  • कभी-कभी, घुटने मोड़ने की पोजीशन से बच्चे धीरे-धीरे डब्ल्यू सिटिंग में बैठने लगते हैं। इसलिए, बच्चे को एक पैर मोड़ कर और दूसरा पैर वैसे ही रखने दें।
  • डब्ल्यू सिटिंग को अचानक से ठीक करने से बच्चे के पैर आगे से स्ट्रेच हो सकते हैं। सुनिश्चित करें कि वह ऐसी पोजीशन में बैठे जैसे वह एक किताब पढ़ते समय या अकेले कोई एक्टिविटी करते समय बैठता है।
  • हालांकि भले ही यह पोजीशन आरामदायक न लगे, लेकिन साइड-सिटिंग से शरीर का वजन कूल्हे के साथ-साथ पैरों पर भी पड़ता है। जो आसानी से ट्रांजीशन में मदद करता है।
  • धीरे-धीरे, आप अपने बच्चे को जमीन पर पैरों को क्रॉस करके बैठने के लिए कहें। यह सबसे आम स्थिति है और शरीर के लिए सुरक्षित भी है।

छोटे बच्चों और टॉडलर में डब्ल्यू-सिटिंग पोजीशन को ठीक करने के लिए आपको यह जानना जरूरी है कि उनमें यह आदत शुरू कैसे हुई। बच्चे के डेवलपमेंट के शुरूआती दौर में आपकी बहुत अहम भूमिका होती है और इसलिए आपकी यह एक बड़ी जिम्मेदारी है कि आप यह सुनिश्चित करें कि क्या आपका बच्चा ठीक तरह से विकास कर रहा है या नहीं।

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