शिशु

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अनानास खाना सही है?

ज्यादातर महिलाओं को पता होता है कि गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान फल खाना कितना जरूरी है क्योंकि फलों में बहुत ज्यादा न्यूट्रिएंट्स होते हैं और इससे बच्चे को भी न्यूट्रिशन के रूप में अलग-अलग स्वाद चखने को मिलते हैं व उसके विकास में भी मदद मिलती है। गर्भावस्था के दौरान विशेष अंतिम चरण में महिलाओं की डायट में अनानास शामिल करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे लेबर प्रेरित हो सकता है। हालांकि यदि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यह फल खाने की बात है तो यह कहना कठिन होगा कि अनानास बच्चे के लिए सुरक्षित है। चूंकि आप जो भी चीजें खाती व पीती हैं वो सभी दूध के द्वारा बच्चे के शरीर में जाती हैं। यानि उन सब चीजों का सेवन बच्चा भी करता है इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि अनानास बच्चे के लिए सुरक्षित है या नहीं। 

क्या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँएं अनानास खा सकती हैं?

ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँएं अपनी डायट में अनानास शामिल कर सकती हैं पर सिर्फ तब तक जब तक वे बच्चे को दूध पिलाती हैं यानि लगभग 5 से 6 महीने तक। कई स्टडीज के अनुसार यदि महिला की डायट में बहुत ज्यादा साइट्रिक एसिड है तो इससे बच्चे के शरीर को हानि हो सकती है। इसमें अनानास भी शामिल है क्योंकि फल के स्ट्रॉन्ग फ्लेवर और एसिडिक कंटेंट बच्चे के लिए बहुत स्ट्रॉन्ग हो सकते हैं। 

अनानास की न्यूट्रिशनल वैल्यू

बच्चे को दूध पिलाने वाली माँओं के लिए अनानास खाना बहुत जरूरी है चूंकि इसमें बहुत सारे विटामिन्स और कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं जो महिलाओं में विशेष रूप से होने चाहिए। एक कप भर के अनानास के टुकड़े खाने से आपको निम्नलिखित रूप से न्यूट्रिशन मिलता है, आइए जानें;

न्यूट्रिशन रोजाना की आवश्यकता के अनुसार %
पैंटोथेनिक एसिड 7%
फोलेट 7%
फाइबर 8%
विटामिन बी1 11%
विटामिन बी6 11%
कॉपर 20%
मैंगनीज 67%
विटामिन सी 105%

सोर्स: http://www.whfoods.com/genpage.php?tname=foodspice&dbid=34

नर्सिंग माँओं के लिए अनानास के फायदे

यद्यपि यह प्रमाणित नहीं है कि ब्रेस्फीडिंग कराने वाली महिलाओं के अनानास खाने से ब्रेस्टमिल्क बढ़ता है पर इस फल से बच्चे व माँ को कई फायदे होते हैं, आइए जानें;

  • अनानास में कई तत्व हैं जिनमें एंटीमेटिक और डाइयूरेटिक गुण पाए जाते हैं जो बच्चे को दूध पिलाने वाली माँओं के लिए जरूरी हैं।
  • लगातार अनानास खाने से संभावित शरीर की मांसपेशियों व जोड़ों में सूजन व दर्द कम हो जाता है।
  • यदि माँ को कोई इन्फेक्शन हुआ है जो ठीक नहीं हो रहा है तो अनानास खाने से रिकवरी शुरू हो सकती है क्योंकि इस फल में रोगों से लड़ने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद हैं।
  • अनानास में मौजूद फाइबर और अन्य तत्वों से पाचन ठीक रहने में मदद मिलती है और यह पेट की कई समस्याओं, जैसे कब्ज और बवासीर को ठीक कर देता है।
  • चूंकि अनानास खाने से हाइपरटेंशन कम होता है और साथ ही ब्लड क्लॉट की समस्या भी खत्म हो जाती है। यह फल खाने से कार्डियोलॉजी सिस्टम में सुधार आता है और दिल भी ठीक रहता है।
  • यदि आपको सिर में बहुत ज्यादा दर्द होता है, या चक्कर आते हैं या आलस आता है तो आप अपनी डायट में अनानास जरूर शामिल करें।

बच्चे को दूध पिलाते समय अपनी डायट में अनानास कैसे शामिल करें?

बच्चे को दूध पिलाते समय अनानास खाना बिलकुल सेफ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एसिडिक फूड जैसे फल, अनानास और टमाटर से ब्रेस्टमिल्क पर प्रभाव पड़ता है और यह फल मैटरनल प्लाज्मा के पीएच को नहीं बदलते हैं। यदि आप बच्चे को दूध पिलाती हैं तो कुछ मामलों में आपको डायट में अनानास शामिल करने के बारे में सोचना चाहिए और इसके बारे में न्यूट्रिशनिस्ट या गाइनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। 

क्या डिब्बाबंद अनानास ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँओं के लिए सही है?

यद्यपि डिब्बाबंद अनानास में जूस ज्यादा होता है और यह वास्तविक फ्रेश अनानास से बेहतर दिखता है पर यदि आप बच्चे को दूध पिलाती हैं तो इसे न खाएं। कैनिंग प्रोसेस से न सिर्फ इस फल के न्यूट्रिएंट्स खत्म हो जाते हैं बल्कि लंबे समय तक रखे जाने की वजह से इसमें शुगर व कैलोरीज और अन्य केमिकल की मात्रा भी बढ़ जाती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

फ्रेश अनानास कैसे चुनें

यदि आप अनानास खरीदने जा रही हैं तो कुछ चीजों पर ध्यान जरूर दें। इससे यह पता चलता है कि आप हर बार बेस्ट और फ्रेश अनानास ही खरीदती हैं। वे क्या हैं, आइए जानें;

  • अनानास को अपने कान के पास लाएं और उसे बजा कर देखें। इसकी आवाज बहुत कम या बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए।
  • फ्रेश अनानास का ऊपरी हिस्सा मुलायम और इलास्टिक जैसा होता है। इसके पत्तों वाला हिस्सा हरा होना चाहिए और यह आसानी से निकल जाना चाहिए।
  • पके हुए अनानास का छिलका पीले व हरे रंग का होता है और उसमें कोई भी दाग या धब्बे नहीं होते हैं।

अनानास को सुरक्षित तरीके से कैसे स्टोर करें और कैसे खाएं

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे को हानि पहुँचाने वाली किसी भी बैक्टीरिया या जर्म्स से बचने के लिए आप अनानास को साफ और सुरक्षित जगह पर ही रखें और अच्छी तरह से तैयार करके ही खाएं। अनानास खाते समय निम्नलिखित टिप्स को ध्यान में जरूर रखें, आइए जानते हैं;

  1. सबसे पहले आप अच्छी तरह से हाथ धोएं और अनानास को भी ठीक से साफ करें। इससे अनानास के ऊपर जमे छोटे-छोटे माइक्रोब्स और जर्म्स साफ हो जाएंगे।
  2. अनानास को अच्छी तरह से छील कर अलग-अलग शेप में काटें।
  3. इसके टुकड़े एक एयर टाइट कंटेनर में रखकर फ्रिज में स्टोर करें।
  4. फ्रिज में रखे हुए अनानास को लगभग दो दिनों में खत्म कर दें।
  5. उस जगह से अनानास बिलकुल भी न खरीदें जहाँ पर सफाई न हो और इसे काटते व साफ करते समय हाइजीन का ध्यान न रखा जाता हो।

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अनानास खाना अच्छा होता है क्योंकि शुरूआती समय में कोई भी फल खाने के अपने ही फायदे होते हैं। इसे खाने का सही समय जानने से बच्चे को दूध पिलाने वाली माँओं को इसके कई फायदे मिल सकते हैं और इससे बच्चे की सेहत भी बनेगी।  

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सुरक्षा कटियार

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