शिशु

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान केले खाने चाहिए?

ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँ को दूध के पर्याप्त प्रोडक्शन को बनाए रखने के लिए, हेल्दी डाइट लेना जरूरी होता है। बच्चे के जन्म के बाद भी, एक माँ हर वह चीज नहीं खा सकती है, जिसकी उसे इच्छा होती है। उसे अभी भी हेल्दी और पौष्टिक खाना खाने की जरूरत होती है, ताकि बच्चे का स्वस्थ विकास हो सके। फल काफी पौष्टिक होते हैं और अक्सर गर्भवती और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को फल खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँ के लिए सभी फल अच्छे हों, ऐसा जरूरी नहीं है। उदाहरण के लिए, केले पौष्टिक तो होते हैं, पर क्या वे नई माँ के लिए अच्छे होते हैं? आइए इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं!

क्या आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान केले खा सकती हैं?

केला गर्म प्रदेश का एक फल है और इसे पूरे विश्व में खाया जाता है और ‘हाँ’ अगर आप अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं, तो आप केले खा सकती हैं। केला पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन ‘सी’, विटामिन ‘बी6’, आयरन, डाइटरी फाइबर आदि जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसे खाने से आपको और आपके नन्हे शिशु के स्वास्थ्य को अनगिनत फायदे मिलते हैं। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान केले खाने के फायदे

ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँओं के लिए केले पौष्टिक होते हैं। ब्रेस्टफीडिंग के दौर में केले खाने के कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं: 

1. एनर्जी मिलती है

केला एनर्जी का एक बेहतरीन स्रोत है और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को हर दिन इसका सेवन करना चाहिए। अगर आपको केले खाना पसंद है, तो आप हर दिन स्नैक्स के रूप में एक केला खा सकती हैं। 

2. ब्लडप्रेशर पर नियंत्रण और हड्डियों की मजबूती

केले पोटैशियम से भरपूर होते हैं, जो कि हमारे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट और फ्लूइड का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। पोटैशियम से नर्व इंपल्सेस और मसल कॉन्ट्रैक्शन का सही तरीके से ट्रांसमिशन सुनिश्चित होता है। केले ब्लडप्रेशर को मेंटेन रखने में भी मदद करते हैं। 

3. पाचन क्रिया में सहायक

केले फाइबर का अच्छा स्रोत होते हैं, जो कि बॉवेल मूवमेंट को नियमित बनाए रखने में मदद करते हैं। केले में  प्रोबायोटिक्स भी होते हैं, जो कि आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया को पनपने में मदद करते हैं और इस प्रकार पाचन क्रिया भी बेहतर होती है। 

4. इन्फेक्शन से लड़ने और हीमोग्लोबिन के निर्माण में मदद

केले में विटामिन ‘बी6’ के आरडीए का 25% मौजूद होता है। यह विटामिन एंटीबॉडीज को बनाने में मदद करता है, जो कि इन्फेक्शन से लड़ने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। विटामिन ‘बी6’ आपके शरीर में सभी सेल्स तक ऑक्सीजन पहुँचाने वाले ब्लड प्रोटीन हीमोग्लोबिन के उत्पादन में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

5. डिप्रेशन को कम करने में मददगार

केले में ट्राइप्टोफैन नामक अमीनो एसिड मौजूद होता है, जो कि सेरोटोनिन नामक नर्व ट्रांसमिटिंग केमिकल के उत्पादन के लिए जरूरी होता है। यह केमिकल मूड, नींद, सामाजिक बर्ताव और याददाश्त को रेगुलेट करने में मदद कर सकता है और इस प्रकार डिप्रेशन का खतरा कम हो जाता है।

स्तनपान कराने वाली माँओं के लिए केले की स्वादिष्ट रेसिपीज

यहाँ पर केले से बनने वाली कुछ स्वादिष्ट और हेल्दी रेसिपीज दी गई हैं, जिन्हें आप आजमा सकते हैं और ब्रेस्टफीडिंग के अपने इस दौर का आनंद उठा सकते हैं: 

1. केला और स्ट्रॉबेरी स्मूदी

यह बनाना स्मूदी झटपट बन जाती है और इसे बनाना काफी आसान भी है। इसे सुबह के नाश्ते या शाम के स्नैक्स के रूप में एंजॉय किया जा सकता है। 

आवश्यक सामग्री

स्मूदी बनाने के लिए आपको चाहिए एक पका हुआ केला, एक कप दूध, एक छोटा कप स्ट्रॉबेरी

बनाने की विधि

सभी सामग्रियों को एक ब्लेंडर में डालें और स्मूद होने तक ब्लेंड करें। इसे एक गिलास में डालें और तुरंत इसका लुत्फ उठाएं। 

2. केला और अंडे का पैनकेक

बनाना पैनकेक बनाना काफी आसान है और यह एक हेल्दी और स्वादिष्ट ब्रेकफास्ट है। 

आवश्यक सामग्री

पैनकेक बनाने के लिए आपको चाहिए दो पके हुए केले, 4-6 अंडे, एक छोटा कप कटे हुए अखरोट, टॉपिंग के लिए शहद या मेपल सिरप, एक चुटकी नमक। 

बनाने की विधि

एक बाउल में केलों को अच्छी तरह से मैश कर लें। एक बीटर या फोर्क की मदद से अंडों को अच्छी तरह से फेंट लें और इसे मसले हुए केलों के साथ मिला लें। इसमें कटे हुए अखरोट और एक चुटकी नमक डालें। अब एक पैन को गर्म करके थोड़ा तेल डालें। गरम पैन पर एक चम्मच बैटर डालें और छोटा सर्कल बनाते हुए इसे फैलाएं। इसे पकने दें और पलट कर दोनों तरफ अच्छी तरह से पका लें। जब यह तैयार हो जाए, तो आंच को बंद कर दें और इस बनाना केक के ऊपर शहद या मेपल सिरप डालकर सर्व करें। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान केले खाने के साइड इफेक्ट्स

कुछ महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान केले के खाने की मनाही होती है, क्योंकि इससे कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जैसे: 

1. सर्दी-खांसी को बढ़ावा

कुछ लोगों को केले खाने से सर्दी-खांसी की शिकायत हो जाती है, इसलिए ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली जिन महिलाओं को सर्दी-खांसी हो, उन्हें केले नहीं खाने चाहिए। 

2. एलर्जी हो जाना

जिन लोगों को लेटेक्स से एलर्जी होती है, उन्हें केले नहीं खाने चाहिए। क्योंकि ऐसे लोगों में इसी तरह के एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। 

3. ब्लडशुगर के स्तर में वृद्धि

चूंकि केले में काफी मात्रा में फ्रुक्टोज पाया जाता है, इसलिए जिन लोगों को डायबिटीज या हाई ब्लडशुगर लेवल की शिकायत होती है, उन्हें केले नहीं खाने चाहिए। अगर आप ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं और आपको डायबिटीज है, तो आपको सलाह दी जाएगी, कि आप दो भोजन के बीच केवल आधा केला खाएं, इससे ज्यादा नहीं। फिर भी बेहतर यही है, कि एक डाइटिशियन की सलाह ली जाए और सलाह को फॉलो किया जाए। 

ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँओं के लिए केले काफी पौष्टिक और फायदेमंद होते हैं, लेकिन इन्हें अपने भोजन का एक हिस्सा बनाने से पहले आपको यह पता कर लेना चाहिए, कि कहीं आपको इससे एलर्जी तो नहीं है। सबसे बेहतर होगा कि इस बारे में डाइटिशियन से परामर्श लिया जाए, कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान केले का सेवन आपके लिए सही है या नहीं। 

यह भी पढ़ें: 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पानी पीना
क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अंडे खाना सही है?
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ग्रीन टी पीना- क्या यह सुरक्षित है?

पूजा ठाकुर

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