छोटे बच्चों को देखते ही उन्हें गले लगाने और उन्हें खूब सारा प्यार करने का मन करता है। इसकी वजह से हम अक्सर छोटे बच्चों को चूम लेते हैं या उन्हें अपने करीब रखना चाहते हैं। यद्यपि यह सिर्फ हमारा प्यार होता है परंतु इससे बच्चे को कई हानियां हो सकती हैं। यह देखा गया है कि बच्चे को उसके होंठों या मुंह के पास चूमने से उसे कुछ समस्याएं हो सकती हैं। कभी-कभी इससे कोई तकलीफ नहीं होती है पर कई बार ऐसा करना न्यूबॉर्न बच्चे के लिए खतरनाक भी हो सकता है। हालांकि सिर्फ होंठों पर या इसके पास चूमने से ही समस्याएं नहीं होती हैं। बच्चों के हाथों पर या कहीं भी और चूमने से उसे समान रूप से समस्याएं हो सकती हैं।
बच्चे के सही विकास और वृद्धि के लिए प्यार बहुत जरूरी है। पेरेंट्स अक्सर अपने बच्चे को चूमते हैं पर साथ ही यह जरूरी है कि वे अपने बच्चे को किसी भी गंभीर इन्फेक्शन से सुरक्षित रखें। यह आप कुछ बातों को ध्यान में रखकर कर सकती हैं, जैसे किसी को भी विशेषकर 3 महीने से छोटे बच्चे के मुंह या होंठों के पास चूमने न दें। यहाँ पर कुछ समस्याओं के बारे में बताया गया है जो किसी भी इन्फेक्टेड व्यक्ति या एलर्जिक चीजों का उपयोग करने वाले व्यक्ति द्वारा बच्चे को चूमने से भी हो सकती हैं, आइए जानें;
इसे बुखार में फफोले या ओरल हर्पीस की समस्या भी कहते हैं। यदि किसी व्यक्ति के मुंह में छाले हैं और वह बच्चे को चूमता है तो इससे बच्चे को भी यह समस्या हो सकती है। यह हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस टाइप 1 (एचएसवी 1) के कारण होता है और यह होंठों या मुंह में छोटे-छोटे फफोले होने से शुरू होता है। हालांकि यह चेहरे पर कहीं भी फैल सकता है, जैसे नाक, गाल और ठोड़ी। एक बार यह वायरस शरीर में जाने के बाद यह तकलीफ अक्सर बनी ही रहती है। वैसे तो कुछ बच्चों को दोबारा से मुंह में छाले नहीं होते हैं पर दूसरे कुछ बच्चों को यह समस्या कई बार हो सकती है। इसलिए यदि किसी व्यक्ति के मुंह में छाले हैं तो उसे बच्चों को चूमना नहीं चाहिए।
रेस्पिरेटरी सिनसिशल वायरस (आरएसवी) से बच्चे के लंग्स में इन्फेक्शन हो सकता है जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। यह समस्या काफी ज्यादा प्रभावी है और एक बार होने के बाद इसे ठीक कर पाना बहुत कठिन है। यदि इस इन्फेक्शन से ग्रसित कोई भी बच्चा या बड़ा शिशु को किस करता है तो यह वायरस उसमें भी जा सकता है। शिशुओं के सांस लेने का ट्यूब बहुत छोटा व पतला होता है और इसमें सूजन होने से गंभीर परेशानियां हो सकती हैं, साथ ही प्रीमैच्योर बच्चों में यह समस्या बेहद गंभीर रूप से प्रभावी होती है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर होता है।
बहुत सारे बच्चों और बड़ों को कुछ प्रकार के खाने से एलर्जी होती है। लोगों को लिपस्टिक में मौजूद ग्लूटेन के बारे में नहीं पता होता है जो सेलिएक रोग से ग्रसित बच्चों के लिए हानिकारक है। इसलिए बच्चे के होठों पर या आसपास चूमने से बचें क्योंकि आपको नहीं पता आपने जो भी खाया है वो अब भी आपके मुंह में हो और इससे बच्चे को तकलीफ हो सकती है।
स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में केमिकल होते हैं जिससे महिलाएं जवान और फ्रेश लगती हैं। इन प्रोडक्ट्स में पैराबेन्स, फॉर्मलहाइड्स, आर्टिफिशियल कलर और कई चीजें होती हैं। इसे एंडोक्राइन डिस्टर्बर्स भी कहते हैं और इससे कैंसर से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि जो लोग इन प्रोडक्ट्स का उपयोग करते हैं उन्हें बच्चे को चूमने से बचना चाहिए। इस प्रकार से बच्चा टॉक्सिक केमिकल युक्त कॉस्मेटिक के संपर्क में आने से बच सकता है।
मोनोन्यूक्लिओसिस को किसिंग डिजीज भी कहते हैं जो अक्सर चूमने से सलाइवा निकलने पर होता है। यद्यपि यह बड़ों में अधिक होता है पर बच्चों या शिशुओं को भी प्रभावित करता है। इसके परिणामस्वरूप बच्चों व शिशुओं में नाक बहने की समस्या या चिड़चिड़ा व्यवहार होता है और कुछ मामलों में सांस से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। यह एक वायरल रोग है और इसका कोई भी ट्रीटमेंट नहीं है। बच्चे को यह बीमारी तब तक झेलनी पड़ती है जब तक उसके इम्यून सिस्टम का इन्फेक्शन पूरी तरह से ठीक न हो जाए। यह बहुत गंभीर समस्या है और अन्य बच्चों व बड़ों में आसानी से फैल सकती है।
हम सभी जानते हैं कि ओरल हाइजीन बनाए न रखने से दांतों में कैविटी की समस्या होती है। बहुत कम लोग जानते हैं कि बच्चों को चूमने से भी उसके दांतों में कैविटी हो जाती है। इस बैक्टीरिया को स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटेंस कहते हैं जो किसी के भी सलाइवा में हो सकता है और यह बच्चे तक पहुँच कर उसके छोटे-छोटे दांतों में कैविटी उत्पन्न कर सकता है। यदि आप बच्चे को चूमती हैं या उससे खाना शेयर करती हैं तो इससे भी उस तक कीटाणु पहुँच सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि खाने को ठंडा करने के लिए फूंक मारते समय आपका सलाइवा बाहर नहीं आना चाहिए।
शुरूआती महीनों में बच्चे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं क्योंकि उनके पेट के बैक्टीरिया अब भी विकसित हो रहे हैं। इसी वजह से छोटे बच्चों को छूने से पहले हर किसी को अपने हाथ धोने चाहिए और तभी छूना चाहिए जब उसे कोई भी बीमारी न हो। कई बार आपको अपनी बीमारी के बारे में नहीं पता होता है और आप बच्चे को किस कर लेती हैं। ऐसे मामलों में बच्चे में भी जर्म्स फैल जाते हैं और उसकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है।
इसके अलावा बच्चों को जन्म के बाद से ही कई वैक्सीन लगाई जाती हैं और इनके प्रभाव के लिए कई डोज दिए जाते हैं। इसलिए शुरुआती कुछ महीनों के लिए बच्चे के शरीर की इम्युनिटी बिलकुल भी मजबूत नहीं होती है और जर्म्स के प्रति काफी सेंसिटिव होती है। अपने बेबी पर पूरा ध्यान दें और उसे हर रोग से सुरक्षित रखें।
बच्चों को अक्सर हाथ, पैर और मुंह में रोग होता है और इससे बच्चे के पूरे शरीर और मुंह में समस्याएं बढ़ जाती हैं। यह किसी करीबी के संपर्क में आने या चूमने से फैलता है। इस समस्या में बच्चे थका हुआ महसूस करते हैं, उनका गला खराब होता है और वे चिड़चिड़े हो जाते हैं। यहाँ तक कि उन्हें बुखार भी आ जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि यदि किसी को इन्फेक्शन है तो वह बच्चे के करीब न आए और उसे किस न करे।
शरीर के हर भाग में बैक्टीरिया और वायरस होते हैं जो हेल्दी एडल्ट्स में हानिकारक हैं पर न्यूबॉर्न बेबी या छोटे बच्चों को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि शिशुओं का इम्यून सिस्टम बड़ों के जितना विकसित और मजबूत नहीं होता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि बच्चों को चूमने या कडल करने से पहले आप नीचे बताई गई सावधानियों को जरूर फॉलो करें;
न्यूबॉर्न बेबी को चूमना गंभीर रूप ले सकता है और उसके होंठों पर चूमने से तो समस्या बहुत बढ़ सकती है। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि आप उसे प्यार से किस नहीं कर सकती हैं। कुछ सावधानियों को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चे को पूरा प्यार और अपनापन दें।
यह भी पढ़ें:
शिशुओं में ग्रोथ स्पर्ट्स
आपका बच्चा बार-बार क्यों छींकता है?
क्या बच्चों के हाथ और पैर ठंडे होना आम हैं?
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…