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अश्वगंधा, जिसे विथानिया सोमनीफेरा, भारतीय जिनसेंग या विंटर चेरी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध औषधीय हर्ब है। अश्वगंधा को संस्कृत में ‘अश्व की गंध’ कहते हैं। यह सोलेनेसी (नैटशाइड) की प्रजाति का पौधा है और इसे पूरे साल उगाया जाता है।
अश्वगंधा को इसके स्वास्थ्य संबंधी फायदों के लिए जाना जाता है। यह हर्ब पुरुषों में सीमेन की क्वालिटी में सुधार करने के लिए विशेष रूप से जाना जाता है पर क्या यह महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है? हाल ही में की गई स्टडीज में यह देखने को मिला है कि अश्वगंधा महिलाओं के स्वास्थ्य व एनर्जी के लिए कैसे फायदेमंद है। गर्भवती महिलाओं के लिए अश्वगंधा का सेवन करना कितना सुरक्षित है, यह जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
क्या गर्भावस्था के दौरान अश्वगंधा का सेवन करना सुरक्षित है?
अश्वगंधा एक बेहद प्राचीन एडैप्टोजेन (नॉन-टॉक्सिक पौधा) है। यह विशेषतः वो हर्ब्स या पौधे होते हैं जो स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। यह एड्रिनल सिस्टम (एंडोक्राइन ग्लैंड) को ठीक करने और हॉर्मोन्स के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। भारत में आयुर्वेद के माध्यम से इस हर्ब का उपयोग सदियों पहले से किया जा रहा है पर यह नहीं कहा जा सकता है कि गर्भावस्था में इसे खाना सुरक्षित है या नहीं। भारत में गर्भवती महिलाएं अपनी एनर्जी बढ़ाने और बढ़ते बच्चे के विकास को स्थिर करने के लिए आमतौर पर अश्वगंधा लेती हैं। पर गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन न करना ही बेहतर है क्योंकि यह अबॉर्शन को प्रेरित करता है। यदि फिर भी आप इसे लेना चाहती हैं तो पहले डॉक्टर से सलाह लें। अश्वगंधा या किसी और हर्ब का सेवन तभी करना चाहिए जब डॉक्टर इसे खाने के सलाह देते हैं।
गर्भावस्था के दौरान अश्वगंधा का सेवन करने के जोखिम
गर्भावस्था के दौरान अश्वगंधा का उपयोग अलग-अलग तरीके से किया जाता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स और आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट का मानना है कि अश्वगंधा का सेवन करने से महिला खुद में एनर्जी महसूस करती है और गर्भावस्था को एन्जॉय कर पाती है जिसकी वजह से यह हर्ब गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है। डिलीवरी के बाद इसे एक सप्लीमेंट की तरह लेने से महिला को बहुत मदद मिलती है। अश्वगंधा का सेवन करने से महिलाओं में एनर्जी वापस आ सकती है, स्ट्रेस कम होता है और साथ ही यह मैमरी ग्लैंड को उत्तेजित करके दूध के उत्पादन में भी मदद करता है। हालांकि बहुत सारे फायदे होने के बाद भी इसके जोखिम भी कुछ कम नहीं हैं।
अश्वगंधा का सेवन करने से पीरियड्स जल्दी होने लगते हैं इसलिए अक्सर गर्भावस्था के दौरान इसे बहुत ज्यादा मात्रा में लेने से बचना चाहिए। गर्भावस्था में अश्वगंधा को बहुत ज्यादा मात्रा में खाने से अबॉर्शन का खतरा बढ़ सकता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स और कंसल्टेंट इस हर्ब को संयमित मात्रा में खाने की सलाह देते हैं जो कि रोजाना आधा छोटा चम्मच या सिर्फ एक छोटा चम्मच लेने के लिए कहा जाता है। हालांकि अश्वगंधा की इतनी मात्रा लेने से पहले भी एक बार डॉक्टर से पूछ लें।
एक माँ होने के नाते यह निश्चय आपको करना है कि रोजाना आप क्या खा सकती हैं, आपको कौन से सप्लीमेंट्स लेने चाहिए और आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए क्या अच्छा होगा। इस दौरान आप सभी चीजों की जानकारी लें और जितना ज्यादा हो सके उतना अलग-अलग हर्ब्स व आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स के बारे में पढ़ें। यद्यपि गर्भावस्था के दौरान इन चीजों से बचना ही बेहतर है पर फिर भी यदि आप इनका सेवन करना चाहती है तो पहले इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेना ही समझदारी होगी। अपनी डायट में कोई भी हर्ब शामिल करने से पहले डॉक्टर से चर्चा करें। अपनी गर्भावस्था के बारे में पूरी जानकारी लें और सुरक्षित रहें।
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