गर्भावस्था के दौरान आपको मुलैठी का सेवन करने से क्यों बचना चाहिए?

प्रेगनेंसी के दौरान आपको मुलैठी का सेवन करने से क्यों बचना चाहिए?

जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपकी माँ और नानी आपको इस दौरान खाने की ढेर सारी चीजों, एक्सरसाइज और रेमेडीज को अपनाने का सुझाव देंगी जो प्रेगनेंसी को डील करने में आपकी मदद करती हैं! हालांकि इनके साथ ही ऐसे कई सारे फूड्स हैं जिनका प्रेगनेंसी के दौरान सेवन नहीं किया जाना चाहिए और उनमें एक है मुलैठी।

आपको अपनी हेल्थ का खयाल रखते हुए प्रेगनेंसी के दौरान अल्कोहल, स्मोकिंग और यहाँ तक ​​कि अपनी सुबह की कॉफी से भी परहेज करना चाहिए। ठीक इसी प्रकार प्रेगनेंसी के दौरान आपको मुलैठी का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। मुलैठी, जो ट्विजलर और दूसरी कैंडीज में पाया जाता है, एक नेचुरल कॉम्पोनेंट से मिलकर बनता है जो आपकी गर्भावस्था के दौरान आपके लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकता है।

आइए जानते हैं कि क्या प्रेगनेंसी के दौरान मुलैठी का सेवन करना सुरक्षित है।

मुलैठी क्या है?

मुलैठी, एक नेचुरल इंग्रीडिएंट है, यह रूट ग्लाइसीराइजा ग्लबरा के नाम से जाने जाने वाले पौधे से प्राप्त होती है। इसमें पाए जाने वाला यूनिक स्वीट फ्लेवर में ऐसे कंपाउंड होते हैं जो एंटी-डिप्रेसेंट का काम करते हैं। यह आपके स्ट्रेस हार्मोन को कंट्रोल करके आपकी घबराहट और बेचैनी को शांत करने में मदद करते है।

जब मुलैठी का सेवन एक सीमित मात्रा में किया जाता है तो उस कंडीशन में यह एक बेहतरीन नेचुरल रेमेडी के रूप में काम करता है और गंभीर बीमारियों से जैसे सीने में जलन, अस्थमा, फंगल और वायरल इन्फेक्शन आदि से राहत प्रदान करता है। इसके अलावा यह अल्सर, खांसी, गठिया, यीस्ट इन्फेक्शन जैसी बीमारी का भी इलाज करने में मदद करता है।

क्या गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान मुलैठी का सेवन कर सकती हैं?

डॉक्टर और साइंटिस्ट यह सलाह देते हैं कि जो महिलाएं माँ बनने वाली हैं या बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं उन्हें मुलैठी के सेवन से बचना चाहिए। यह आपके बच्चे को किसी भी प्रकार के हेल्थ इशू से बचाती है। प्रेगनेंसी के दौरान मुलैठी की चाय हर्बल टी के अंतर्गत आती है, लेकिन आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए, यदि बात आपके बच्चे की सुरक्षा की हो।

कई स्टडीज के अनुसार, होने वाली माँ को हर कीमत पर मुलैठी का सेवन करने से बचना चाहिए। हालांकि यह कई मेडिसिनल लाभ प्रदान करती है, इस रूट में ‘ग्लाइसीर्रिजिन’ के रूप में जाने जाने वाला कंपाउंड मौजूद होता है। इस रूट का बहुत ज्यादा सेवन करने से यह गर्भवती महिलाओं में कई गंभीर हेल्थ इशू का कारण बन सकता है, जैसे सिरदर्द, हाई ब्लड प्रेशर, वाटर रिटेंशन, थकान, या यहाँ तक ​​कि दिल का दौरा भी पड़ सकता है। आप इसके साइड इफेक्ट्स के रूप में अपने अंगों में दर्द या सुन्न पड़ जाने जैसा महसूस करेंगी।

SIDE EFFECTS

साइड इफेक्ट्स 

प्रेगनेंसी के दौरान मुलैठी का सेवन करने के साइड इफेक्ट्स

  • मुलैठी का बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करने से, मिसकैरज या प्रीटर्म डिलीवरी का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, जिसका मतलब है कि गर्भ में बच्चा ज्यादा समय तक नहीं ठहर पाएगा। समय से पहले जन्मे बच्चे का ठीक तरह से विकास नहीं हो पाता है जिससे बच्चे में जन्म दोष पाए जा सकते हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान मुलैठी  का सेवन करने से प्लेसेंटा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। मुलैठी में पाया जाने वाला ‘ग्लाइसीर्रिजिन’ कंपाउंड, आपके ग्लुकोकौरटिकौडस या स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ा सकता सकता है, जो गर्भाशय में बच्चे तक पहुँच सकता है। इसके साइड इफेक्ट्स के चलते यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर बुरा प्रभाव डाल सकता है, उसके इंटेलिजेंस लेवल को कम कर सकता है, और बच्चे के बड़े होने पर उनमें बिहेवियरल प्रॉब्लम बढ़ सकती हैं।
  • ज्यादा मात्रा में मुलैठी का सेवन करने से इसके साइड इफेक्ट्स के रूप में आपके बच्चे में लो काग्निटिव स्किल होने की संभावना हो सकती है। इसके कारण आपके बच्चे में अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर या एडीएचडी जैसी कंडीशन के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है ।
  • मुलैठी में एस्ट्रोजेन जैसा इफेक्ट होता है, जो बच्चे में विकास संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है, अगर इसका अधिक मात्रा में प्रेगनेंसी के दौरान सेवन किया जाता है। एस्ट्रोजन का लेवल हाई होने से मेल फीटस में टेस्टिकुलर से संबंधित अब्नोर्मलिटीज देखने को मिल सकती हैं। एस्ट्रोजन का लेवल हाई होने से फीमेल फीटस में आगे चलकर इनफर्टिलिटी जैसी समस्या पैदा हो सकती है, इसलिए फीमेल फीटस के मामले में एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ने से आने वाले समय में रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इशू हो सकते हैं।

यदि आपको मुलैठी पसंद है, तो बताई गई बातों को ध्यान में रखें क्योंकि यह आपके बच्चे के लिए खतरा बन सकती है और इससे उसकी जान को तक खतरा हो सकता है। ज्यादातर प्रेगनेंसी में यही सलाह दी जाती है, यदि आप इसका सेवन करती भी हैं तो बहुत ही कम मात्रा में करें। बस इस बात को याद रखें कि जब आप प्रेग्नेंट हो तो ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें कि आप मुलैठी के  मेडिसिनल लाभों के बावजूद, इसका सेवन करने से बचें।

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