गर्भावस्था

क्या गर्भावस्था के दौरान चीकू (सपोता) खाना चाहिए?

गर्भावस्था के दौरान आप जो कुछ भी खाती हैं उस पर नजर रखना आपके लिए बहुत जरूरी है।डॉक्टर आपको उन सभी खाद्य पदार्थों के बारे में बताते हैं जिन्हें आपको इस अवधि में खाना चाहिए और जिन्हें नहीं खाना चाहिए। गर्भावधि में कुछ चीजें खाना बिलकुल मना होता है और कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी होते हैं जिन्हें खाने से आपके और आपके बच्चे की सेहत को अनेक फायदे लाभ मिलते हैं। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान बहुत सारे फल खाने की सलाह दी जाती है लेकिन कुछ फल ऐसे भी होते हैं जिनसे पूरी तरह से परहेज करने को कहा जाता है। अपनी गर्भावस्था के दौरान क्या आप चीकू खा सकती हैं, आइए जानें।  

क्या गर्भावस्था के दौरान चीकू खाना चाहिए

क्या गर्भावस्था के दौरान चीकू खाना ठीक है? आपके इस सवाल का जवाब है कि गर्भावस्था के दौरान चीकू खाना केवल ठीक ही नहीं है बल्कि यह आपके साथ-साथ आपके बच्चे के लिए भी अच्छा है। सपोता यानि चीकू में बहुत सारे न्यूट्रिएंट्स होते हैं जिसके कारण इसे गर्भवती महिलाओं के लिए एक सुपरफूड माना जाता है। इसमें विटामिन, मिनरल और स्वस्थ कैलोरी होने के साथ-साथ यह फल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर भी होता है। 

चीकू की न्यूट्रिशनल वैल्यू

अभी तक आपने जाना कि गर्भावस्था के दौरान चीकू खाना अच्छा होता है और उसमें बहुत सारा न्यूट्रिशन पाया जाता है। आइए अब जानते हैं कि लगभग 100 ग्राम चीकू में कौन सा पोषक तत्व कितनी मात्रा में पाया जाता है;

न्यूट्रिशन न्यूट्रिशनल वैल्यू
एनर्जी 83 किलो कैलोरी
फैट 1.1 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 19.9 ग्राम
प्रोटीन 0.44 ग्राम
फाइबर 5.3 ग्राम
फोलेट 14 माइक्रोग्राम
विटामिन ‘ए’ 18 माइक्रोग्राम
विटामिन ‘सी’ 14.7 मिग्रा
नियासिन 0.2 मिग्रा
राइबोफ्लेविन 0.02 मिग्रा
थियामिन 0.058 मिग्रा
सोडियम 12 मिग्रा
पोटैशियम 193 मिग्रा
कैल्शियम 21 मिग्रा
कॉपर 0.086 मिग्रा
आयरन 0.8 मिग्रा
मैग्नीशियम 12 मिग्रा
फॉस्फोरस 12 मिग्रा
जिंक 0.1 मिग्रा

स्रोत: https://nutritiondata.self.com/facts/fruits-and-fruit-juices/2061/2

गर्भावस्था के दौरान एक दिन में आप कितना चीकू खा सकती हैं

सिर्फ गर्भावस्था के दौरान ही नहीं बल्कि कभी भी संयमित मात्रा में कुछ भी खाना अच्छा होता है। आप कोई भी खाद्य पदार्थ कितनी मात्रा में खा सकती हैं यह आपकी आयु और आपके वजन पर निर्भर करता है। हालांकि, विशेषकर गर्भावस्था के दौरान अपने आहार के बारे में पूरी जानकारी के लिए आप न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह ले सकती हैं। अपने सेहत को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुँचाने के लिए आपको प्रतिदिन 100-120 ग्राम चीकू खाना चाहिए। 

गर्भावस्था के दौरान चीकू खाने के लाभ

आपको यह तो पता ही चल चुका है कि गर्भावस्था के दौरान चीकू खाना अच्छा होता है, तो अब हम चर्चा करेंगे कि गर्भावधि में चीकू खाने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं, आइए जानते हैं;

१. ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है

चीकू में मौजूद फ्रुक्टोज और सुक्रोज शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। इसे आप शाम को स्नैक्स के रूप में खा सकती हैं। 

२. पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है

गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में अनेक बदलाव होते हैं। इस दौरान आप अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना चीकू खा सकती हैं। यह आपकी आंतों की सूजन को कम करने में मदद करता है। 

३. हड्डियों को मजबूत बनाता है

जैसा कि आप देख सकती हैं कि चीकू में कितने न्यूट्रिशनल फायदे होते हैं, इसमें कैल्शियम, आयरन और फॉस्फोरस की पर्याप्त मात्रा होती है। ये मिनरल हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होते हैं। 

४. बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाता है

गर्भावस्था के दौरान बैक्टीरियल इंफेक्शन को रोकने के लिए भी आप चीकू का सेवन कर सकती हैं। इसमें पॉलीफेनोलिक एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण यह फल इंफेक्शन को खत्म करने के लिए जाना जाता है। 

५. तनाव कम करता है

गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को तनाव होने की शिकायत होती है। बहुत कम लोग जानते हैं कि चीकू में प्राकृतिक सिडेटिव होते हैं जो नसों को आराम व शांति प्रदान करते हैं और तनाव को कम करते हैं। 

६. टॉक्सिन्स को नष्ट करता है

चीकू में प्राकृतिक रूप से डाइयूरेटिक और डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं। ये पेशाब के माध्यम से शरीर में मौजूद सभी विषाक्त पदार्थों को कम करने में मदद करते हैं। 

७. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है

गर्भवती महिलाओं को ज्यादातर ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार-चढ़ाव की समस्या होती है। चीकू में मौजूद मैग्नीशियम और पोटैशियम ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक हैं। 

८. मतली को कम करता है

गर्भावधि में यदि आप मतली की समस्या से बहुत ज्यादा पीड़ित हैं तो चीकू आपके लिए एक बेहतरीन उपचार है। इस दौरान मतली और चक्कर आने को रोकने के लिए यह फल आपको ऊर्जा प्रदान करता है। 

९. शारीरिक कमजोरी में फायदेमंद है

गर्भावस्था में चीकू का जूस पीना भी लाभदायक है। यह उन सभी न्यूट्रिएंट से भरपूर होता है जो आपको पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करके थकान व कमजोरी को दूर करते हैं। 

चीकू कैसे चुनें और कैसे स्टोर करें

फलों का अधिक से अधिक फायदा लेने के लिए एक सामान्य नियम यह है कि इसे ताजा खाएं। इसका यह मतलब है कि चीकू को आप ज्यादा से ज्यादा 3 या 4 दिनों तक ही स्टोर करके रख सकती हैं। यदि आपके लिए बार-बार इसे खरीदना कठिन है तो थोड़े कच्चे चीकू खरीदें और तब खाएं जब वे पक जाएं। चीकू खरीदते समय जांच लें कि यह साफ और मुलायम है। फल जितना मुलायम होता है खाने के लिए उतना ही अच्छा होता है। उस फल को न चुनें जिसका छिलका सिकुड़ा हुआ या फटा हुआ हो। 

आप चीकू को कुछ दिनों के लिए सामान्य तापमान में भी स्टोर करके रख सकती हैं पर इसे एक सप्ताह तक रखने के लिए फ्रिज में ही स्टोर करें। चीकू को हमेशा ठंडी व सूखी जगह पर ही रखें और खयाल रहे कि उन पर धूप न पड़े।  

गर्भावस्था के दौरान चीकू खाने के साइड इफेक्ट

गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में चीकू खाने से दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे;

  • कच्चा चीकू खाने से मुँह में जलन, सांस लेने में परेशानी और गले में खुजली हो सकती है।
  • चीकू में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है जिस वजह से इसका अधिक सेवन करने पर वजन भी बढ़ सकता है।
  • चीकू को अधिक मात्रा में खाने से पेट में बेचैनी और दर्द हो सकता है।

हेल्दी चीकू मिल्कशेक रेसिपी

चीकू से बना यह मिल्कशेक स्वास्थ्य के लिए अच्छा, स्वादिष्ट और रोजाना पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिशन लेने का एक बेहतरीन तरीका है। साथ ही यह गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडक व ताजगी पहुँचाता है। इसे ताजा पीना ही अच्छा होता है पर आप चाहें तो 24 घंटों तक इसे फ्रिज में भी स्टोर कर सकती हैं। 

सामग्री

  • चीकू (पका हुआ) – 2
  • दूध – ½  कप
  • बर्फ – ¾  क्यूब
  • शहद/मेपल सिरप – आवश्यकतानुसार

विधि

  • चीकू को ठीक से धोकर छिलके को हटा दें।
  • फिर इसे छोटे-छोटे चौकोर आकार में काटें और सभी बीज निकाल दें।
  • अब इन टुकड़ों को ब्लेंडर में डालें और साथ ही लगभग आधा दूध डाल लें।
  • मिश्रण को 1 से 2 मिनट तक ब्लेंड करें।
  • इसमें बचा हुआ दूध मिलाएं और एक बार फिर से ब्लेंड कर लें।
  • एक बार इसकी मिठास चख लें और यदि मीठा नहीं है तो आवश्यकतानुसार शहद मिला लें।
  • इसमें बर्फ के टुकड़े डालें और एकसार होने तक ब्लेंड करें।
  • अंत में इसे एक गिलास में डालकर इसके स्वाद का आनंद लें।

गर्भावस्था के दौरान सपोता खाने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। आपके स्वास्थ्य, आयु और वजन के अनुसार ही डॉक्टर आपको संयमित मात्रा में सपोता खाने या बिलकुल भी न खाने की सलाह दे सकते हैं।

यह भी पढ़ें:

गर्भावस्था के दौरान कीवी फल का सेवन
क्या गर्भावस्था में अनानास खाना सुरक्षित है?

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

जादुई हथौड़े की कहानी | Magical Hammer Story In Hindi

ये कहानी एक लोहार और जादुई हथौड़े की है। इसमें ये बताया गया है कि…

1 day ago

श्री कृष्ण और अरिष्टासुर वध की कहानी l The Story Of Shri Krishna And Arishtasura Vadh In Hindi

भगवान कृष्ण ने जन्म के बाद ही अपने अवतार के चमत्कार दिखाने शुरू कर दिए…

1 day ago

शेर और भालू की कहानी | Lion And Bear Story In Hindi

शेर और भालू की ये एक बहुत ही मजेदार कहानी है। इसमें बताया गया है…

1 day ago

भूखा राजा और गरीब किसान की कहानी | The Hungry King And Poor Farmer Story In Hindi

भूखा राजा और गरीब किसान की इस कहानी में बताया गया कि कैसे एक राजा…

1 day ago

मातृ दिवस पर भाषण (Mother’s Day Speech in Hindi)

मदर्स डे वो दिन है जो हर बच्चे के लिए खास होता है। यह आपको…

1 day ago

मोगली की कहानी | Mowgli Story In Hindi

मोगली की कहानी सालों से बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। सभी ने इस…

1 day ago