गर्भावस्था के दौरान मैनीक्योर और पेडीक्योर – क्या करें क्या नहीं

प्रेगनेंसी में मैनीक्योर और पेडीक्योर करवाना

प्रेगनेंसी हॉर्मोन्स को महिलाओं के बालों और नाखूनों की खूबसूरती के लिए जाना जाता है। चूंकि बाल और नाखूनों का सुंदर होने के साथ-साथ इनकी वृद्धि भी होती है इसलिए आपको इन्हें एक शेप में रखने के लिए सैलून जाने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसके अलावा आप इसके लिए होम सैलून किट भी खरीद सकती हैं। हालांकि कई गर्भवती महिलाओं को यह शंका और डर रहता है कि मैनीक्योर या पेडीक्योर करवाने से उनको या उनके बच्चे को कोई खतरा तो नहीं है। 

वैसे इसमें कोई शंका नहीं है कि यह मैनीक्योर और पेडीक्योर आराम और ताजगी प्रदान करता है लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि इससे आपको और आपके बच्चे को होने वाले कोई खतरा तो नहीं है।  

क्या गर्भावस्था के दौरान मैनीक्योर या पेडीक्योर करवाना सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान मैनीक्योर और पेडीक्योर करवाना सुरक्षित है और कई गर्भवती महिलाएं सैलून में इस आरामदेह प्रक्रिया को एन्जॉय भी करती हैं। इससे उनका स्ट्रेस कम होता है, मांसपेशियों में आराम मिलता है और खून का प्रवाह बढ़ता है। विशेषकर गर्भावस्था के अंतिम दिनों में जब शरीर का पूरा भार आपके पैरों पर होता है तब पैरों की मालिश के अलावा कोई और ऐसी चीज नहीं है जो आपको आराम दे सके। इस मालिश से रक्त के प्रवाह में सुधार आता है और पैरों की सूजन कम होती है। यह समस्याएं ज्यादातर महिलाओं में बहुत आम हैं। 

गर्भावस्था के दौरान पार्लर जाना भी कई बार हो सकता है क्योंकि इस समय महिलाओं के नाखूनों में भी तेजी से बदलाव आता है। कुछ गर्भवती महिलाओं के लिए मैनीक्योर और पेडीक्योर करवाना बहुत जरूरी हो जाता है क्योंकि उनके नाखून तेजी से बढ़ते हैं जिन्हें नियमित रूप से ठीक करने की जरूरत होती है। कई गर्भवती महिलाओं के नाखून बहुत नाजुक/पतले होते हैं जो गंदे व मैले रहते हैं और यदि यह नुकीले या बड़े रहते हैं तो इनसे इन्फेक्शन हो सकता है या चोट भी लग सकती है। ऐसे नाखूनों को स्वस्थ और सुंदर रखने के लिए इन्हें समय-समय पर काटना और ठीक करना जरूरी है। 

क्या पेडीक्योर करवाने से लेबर प्रेरित हो सकता है?

यद्यपि कुछ लोग मानते हैं कि गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में विशेषकर पैरों की मालिश में एड़ी के कुछ पॉइंट्स को दबाने से लेबर प्रेरित हो सकता है परंतु इसका कोई प्रमाण नहीं है। ऐसा माना जाता है कि यह रिफ्लेक्सोलॉजी का एक भाग है जिसमें लेबर को प्रेरित करने के लिए कुछ पॉइंट्स दबाने पर गर्भाशय संकुचन हो सकता है। हालांकि वैज्ञानिक रूप से इसको कोई मान्यता नहीं दी गई है। यदि इसमें आपको कोई भी शंका है तो आप लेबर को प्रेरित करने के लिए कौन सी संभावित एक्टिविटीज की जाती हैं इसकी लिस्ट चेक कर सकती हैं।

परंतु यदि फिर भी आप इसके बारे में पूरी तरह से निश्चित नहीं हैं तो यह सलाह दी जाती है कि आप फुट मसाज न करवाएं या पेडिक्युरिस्ट से कहें कि वह एड़ियों के प्रेशर पॉइंट्स पर दबाव न डाले और मालिश करते समय पूरी सावधानी बरते। 

गर्भावस्था के दौरान मैनीक्योर/पेडीक्योर करवाने के जोखिम 

वैसे तो गर्भावस्था के दौरान मैनीक्योर और पेडीक्योर करवाना सुरक्षित है पर इसके कुछ जोखिम भी हैं जिसमें आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ सकती है। वे जोखिम क्या हैं, आइए जानें; 

  • हाइजिनिक रिस्क: चूंकि पार्लर में बहुत सारे लोग आते हैं और हर तरफ केमिकल वाले प्रोडक्ट्स रखे रहते हैं, इससे आपको इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है। प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले उपकरण और अन्य चीजों को यदि सही ढंग स्टेरलाइज नहीं किया गया तो इसमें भी इन्फेक्शन हो सकता है। इससे आपको और आपके बच्चे को खतरा हो सकता है। कई सैलून में साफ और स्वच्छ तरीकों का उपयोग नहीं किया जाता है और वे एक ही उपकरण को कई लोगों के लिए उपयोग करते हैं। इससे आपको बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन का खतरा होता है। 
  • केमिकल के संपर्क में आने का खतरा: कुछ केमिकल से संपर्क में आना आपके लिए हानिकारक हो सकता है, जैसे टॉलीन, फॉर्मलडिहाइड और ऐसीटोन। यदि आप इन केमिकल्स को इन्हेल करती हैं या यह गलती से आपके शरीर में चला जाता है तो इससे आपको और बच्चे को भी हानि हो सकती है। यहाँ तक कि अगर यह केमिकल आपकी त्वचा में एब्सॉर्ब हो जाता है तो इससे भी आपको कॉम्प्लिकेशन हो सकती है। 
  • कम वेंटिलेशन होने का खतरा: अक्सर सैलून में हर जगह केमिकल और परफ्यूम वाली रूम फ्रेशनर फैली रहती है और वहाँ पर वेंटिलेशन कम होने से आपको मतली की समस्या भी हो सकती है। यदि वी.ओ.सी. (वोलेटाइल ऑर्गैनिक कंपाउंड) का उपयोग किया जाता है तो वातावरण में इस कंपाउंड के केमिकल और सुगंध को कम करने के लिए वेंटिलेशन का होना बहुत जरूरी है। वेंटिलेशन कम होने से आपको इन कंपाउंड्स के संपर्क में आने का खतरा ज्यादा रहता है। आपके लिए वही सैलून चुनना बेहतर होगा जिसमें वेंटिलेशन की सुविधाएं हों और खिड़कियां खुली हों 

पार्लर में आप इन केमिकल्स के संपर्क में आ सकती हैं 

इस दौरान केमिकल के संपर्क में आने से आपको और आपके बच्चे को अनावश्यक खतरा हो सकता है। कई सैलून में सस्ते और कम गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट्स का उपयोग किया जाता है जिनमें हानिकारक टॉक्सिन पदार्थ होते हैं। इसलिए सैलून में अपॉइंटमेंट लेने से पहले वहाँ पर उपयोग किए जानेवाले सभी प्रोडक्ट्स को चेक करना ही बेहतर है। सैलून के कुछ निम्नलिखित प्रोडक्ट्स में कुछ केमिकल्स सामान्य रूप से पाए जाते हैं, आइए जानें: 

  • नेल पॉलिश में ऐसीटोन पाया जाता है। इस केमिकल से नर्वस सिस्टम में टॉक्सिक प्रभाव पड़ते हैं। इससे आपके नाखून भी पतले व कमजोर हो सकते हैं और इनके टूटने की संभावना अधिक होती है। 
  • गर्भावस्था के दौरान जेल मैनीक्योर करवाने की सलाह आमतौर पर नहीं दी जाती है क्योंकि यह बहुत लंबी प्रक्रिया होती है और इसलिए इसमें आप ज्यादा देर तक केमिकल के संपर्क में रह सकती हैं। कुछ जेल में मिथाइल मेथाक्रिलेट मोनोमर (एम.एम.ए.) नामक केमिकल होता है जिससे त्वचा पर एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। इसे निकालने के लिए आपको अपने नाखुनों में ऐसीटोन लगाकर लगभग 20 मिनट तक ऐसे ही रखना होगा जिसे करने की सलाह एक गर्भवती महिला को बिलकुल भी नहीं दी जाती है। 

ध्यान देने योग्य बातें – सावधानियां 

गर्भावस्था के दौरान आपको किसी भी कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए सैलून में अपॉइंटमेंट लेने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। इस तरह से आप सुरक्षित रहेंगी, ताजगी का अनुभव कर सकेंगी और अपने बच्चे को भी सुरक्षित रख सकेंगी। आप बचाव के लिए निम्नलिखित कुछ तरीकों का उपयोग कर सकती हैं, आइए जानें;

  1. आप अनावश्यक सुगंध और केमिकल्स से बचने के लिए वही सैलून चुनें जिसका वेंटिलेशन अच्छा हो। चूंकि गर्भावस्था के दौरान आपको गंध के प्रति सेंस्टिविटी भी होती है जिससे आपको मतली की समस्या हो सकती है। 
  2. यदि संभव हो तो ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले आप एक बार सैलून के प्रक्रिया की स्वच्छता, उपकरण और तरीके चेक कर लें। 
  3. आप सिर्फ उसी सैलून में अपॉइंटमेंट लें जिसका लाइसेंस हो और वहाँ का स्वास्थ्य के प्रति एक अच्छा इंस्पेक्शन रिकॉर्ड हो। 
  4. बैक्टीरिया और इन्फेक्शन से बचने के लिए आप सुबह का अपॉइंटमेंट भी ले सकती हैं। 
  5. यदि आप सैलून में हैं तो वहाँ पर कोई भी खाद्य पदार्थ का सेवन न करें ताकि आपके शरीर में गलती से भी कोई केमिकल न जा सके। 
  6. इस बात का पूरा खयाल रखें कि आपके ट्रीटमेंट के लिए जिस भी उपकरण का उपयोग किया जा रहा है वे सभी ऑटोक्लेवर स्टेरेलाइजर में स्टेरेलाइज किए गए हों।
  7. सैलून जाते समय वैकल्पिक रूप में आप अपने नेल कटर और फाइलर साथ में रख सकती हैं। 
  8. इस बात का ध्यान रखें कि आप पर जिस भी प्रोडक्ट का उपयोग किया जा रहा है उसके बारे में पहले पूछ लें और इस बात की भी पुष्टि कर लें कि प्रोडक्ट में कोई भी हानिकारक केमिकल न हों। 
  9. यदि आपकी त्वचा पर कोई भी कट या चोट हो तो आप सैलून न जाएं ताकि आपको किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन न हो। 
  10. आप टेक्नीशियन से अनुरोध कर सकती हैं कि वे ट्रीटमेंट करते समय दस्ताने/ग्लव्स जरूर पहनें।
  11. यदि आप चाहती हैं कि आप बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन न हो तो आप टेक्नीशियन से कहें कि वह आपके क्यूटिकल्स को न काटे और न ही अंदर की ओर करे। 
  12. यद्यपि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि मालिश करने से लेबर प्रेरित होता है पर फिर भी आप पेडिक्योरिस्ट से कह सकती हैं कि वह मालिश करते समय प्रेशर पॉइन्ट्स को दबाने से बचे या एक साथ मालिश न करे। 
  13. आप टेक्नीशियन से कह सकती हैं कि वह पूरी प्रक्रिया को धीरे-धीरे करे ताकि आपको कोई इन्फेक्शन न हो और न ही किसी भी प्रकार की चोट लगे। 
  14. यदि संभव हो तो आप गर्भावस्था की पहली तिमाही में मैनीक्योर और पेडिक्योर न करवाएं क्योंकि इस दौरान इससे अनेक हानियां और इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक रहता है। 
  15. यदि आपको सैलून की स्वच्छता पर कोई शंका है तो आप अपना किट खरीद सकती हैं और घर में ट्रीटमेंट करवा सकती हैं। 

गर्भावस्था के दौरान मैनीक्योर और पेडीक्योर करवा कर खुद को पैंपर करने से आपको अच्छा महसूस हो सकता है। यद्यपि यह भी खुद का खयाल रखने का एक भाग है पर फिर भी यह सलाह दी जाती है कि आप सभी फायदे और नुकसान को ध्यान में रखकर ही पूरी जानकारी के साथ इसका चयन करें। विशेषकर गर्भावस्था के दौरान मैनीक्योर और पेडीक्योर करवाने के लिए ध्यान से इसके प्रोडक्ट, सैलून और इसकी प्रक्रिया को चुनें। इसी प्रकार से आप सैलून ट्रीटमेंट को एन्जॉय कर सकती हैं और आपका बच्चा भी सुरक्षित व स्वस्थ रहेगा। 

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