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अक्षय तृतीया एक लोकप्रिय हिंदू त्योहार है, जो आमतौर पर वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हिंदू शास्त्रों और पुराणों के अनुसार चार युग का चक्र होता है, जिसे सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग के नाम से जाना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन सतयुग जिसे इंसान के जीवन का सुनहरा दौर कहा जाता है वो समाप्त हो जाता है और त्रेतायुग शुरू हो जाता है। इसलिए, अक्षय तृतीया को युगादि तिथि भी कहा जाता है और ज्यादातर हिंदू परिवारों के लिए ये दिन बहुत ज्यादा महत्व रखता है। अक्षय शब्द का अर्थ होता है ‘कभी न मिटने या कम होने होने वाला’। इसलिए इस दिन जप, यज्ञ, दान-पुण्य करने से इसका लाभ कभी कम नहीं होता है और इस दिन किए गए इंसान के हर अच्छे काम उसके साथ सारे जीवन बने रहते हैं, यहाँ तक माना जाता है, इस दिन किए गए कर्मों का लाभ मृत्यु के बाद भी आपको मिलता रहेगा।
यहाँ कुछ चीजें हैं जो आपको अक्षय तृतीया के बारे में जाननी चाहिए।
आपको ये बात याद रखना चाहिए कि आप अक्षय तृतीया पर जो कुछ भी करते हैं, उसका सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ता है, ये प्रभाव भविष्य में दस गुना बढ़ जाएगा, आपने जो किया है वो आपको पलटकर मिलेगा और इसका परिणाम इस बात पर निर्भर करता है कि आपने इस दिन क्या किया है। इसलिए आप इस दिन जो भी करें या कहें, उसके प्रति सावधान रहें। यहाँ त्योहार से संबंधित कुछ चीजे हैं जो करनी चाहिए और कुछ चीजें नहीं करनी चाहिए।
नीचे आपको उन चीजों की एक लिस्ट दी गई है, जो आपको अक्षय तृतीया पर करनी चाहिए।
यहाँ उन चीजों की एक लिस्ट दी गई है जो आपको अक्षय तृतीया पर नहीं करनी चाहिए।
वैसे तो कई सारी मान्यताएं इस दिन से जुड़ी हुई हैं, जिसके आधार पर अक्षय तृतीया मनाते हैं और ऐसी ही प्रचलित कथा है महाभारत के समय की – जब पांडवों को 12 साल का वनवास और 1 साल का अज्ञातवास दिया गया उस दौरान ऋषि दुर्वासा ने पांडवों के शरणस्थान में गमन किया। द्रौपदी ने उनका सेवा-सत्कार किया, जिससे खुश हो कर उन्होंने पांडवों को अक्षय पात्र भेंट किया और उनसे कहा कि आज के दिन जो भी भगवान विष्णु की पूजा सभी विधि-विधानों के साथ करेगा उसका भंडार हमेशा भरा रहेगा।
इस दिन कोई भी पूजा करने से पहले, अपने घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें। पूजा के लिए तुलसी के कुछ पत्ते, प्रसाद और फूल तैयार रखें। नीचे आपको बताया गया है कि इस शुभ दिन आप कौन सी पूजा कर सकती हैं।
देवी लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं, जबकि भगवान विष्णु धन के रक्षक हैं। देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रार्थना करने और अपने घर में लक्ष्मी और विष्णु पूजा करने से, आपके घर में हमेशा धन और खुशियां बनी रहेंगी।
अक्षय तृतीया के दिन सूर्य पूजन का भी बहुत महत्व है, कहते हैं इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से लोगों के पाप धुल जाते हैं, आप स्नान के बाद अक्षत, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य के सूर्य पूजा करें।
अश्व का अर्थ है एक घोड़ा। अश्व पूजा घोड़ों के लिए की जाती है। यदि आप अच्छी भाग्य का आशीर्वाद लेना चाहते हैं और अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास बनाएं रखना चाहते हैं, तो घोड़े की पूजा करें। यह मंगल का शिष्य माना जाता है और शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक होता है।
हाथी की स्तुति करना और गज पूजा करने से आपके जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर कर देगा। यह भविष्य में आने वाली किसी भी चुनौतियों को आसानी से पार करने में आपकी मदद करेगा, जब भी कभी आप किसी मुश्किल की घड़ी में होंगे।
पूरे भारत में लाखों हिंदू गाय की पूजा करते हैं। गाय को शुक्र ग्रह का प्रतीक माना जाता है और वे स्वभाव से प्यार करने वाली होती है, प्राकृतिक रूप से पोषण देने वाली होती हैं। इसलिए इनकी पूजा का इतना महत्व है।
जैसे कि हमने पहले भी इस बात का उल्लेख किया है, कि अक्षय तृतीया वाले दिन हमारे हर कार्य सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव पड़ता है, इसलिए यदि हम पूजा अर्चना में दिन बिताएंगे तो वैसे ही लाभ मिलेगा।
यहाँ आपको समृद्धि और घर खुशहाली बनाएं रखने के लिए अक्षय तृतीया पर कुछ चीजें दान करने के लिए बताई गई गई हैं। इसके अलावा आप ब्राह्मणों को आज के दिन भोजन कराएं और उनसे आशीर्वाद लें। आपको क्या-क्या चीजें दान करनी चाहिए नीचे बताया है:
जल में सुपारी डालकर ब्राह्मण या पुजारी जी को दान करना आपको समृद्धि देता है।
इस दिन ब्राह्मणों को नारियल दान करने से आपके पूर्वजों को उनके पिछले पापों से छुटकारा मिल सकता है।
ऐसा माना जाता है कि जरूरतमंदों को कपड़े देने से आपकी उम्र लंबी होती है।
हाथ का पंखा दान करने से दोगुना लाभ प्राप्त होता है।
यदि आप अक्षय तृतीया पर किसी को खड़ाऊं दान करते हैं, तो यह आपको मृत्यु के बाद नरक में जाने से रोकेगा।
सत्तू गर्मियों में सेवन किए जाने के लिए बहुत फायदेमंद होता, यज्ञ कार्य में सत्तू को प्रजापति कहा है गया है, इसलिए सत्तू दान करें ।
इसे दान करने से न केवल आपको पुण्य मिलता है, बल्कि आपके अच्छे कर्मों के बदलें मरने के बाद आपको मोक्ष भी प्राप्त होता है।
अक्षय तृतीया के कोई भी पीली चीज दान करना शुभ माना जाता है, इसलिए आप चने की दाल दान कर सकती हैं।
इस दिन नमक दान जरूर किया जाता है, क्योंकि इसे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
माना जाता है कि घी दान करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
गुड़ दान करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कहते हैं इंसान के मृत्यु के बाद का सफर बहुत मुश्किल होता है और छाता दान करने से मृत्यु के बाद यह कष्ट कम करेगा।
किसी को दही चावल दान करने से आप अपने जीवन में नकारात्मकता से छुटकारा पा सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
बेल का शरबत दान करने के लिए शुभ माना जाता, जो भी चीज किसी का पेट भर सकते उसकी जरूरतों को पूरा करे उस दान का महत्व बहुत अधिक होता है।
इस दिन बिस्तर दान करने से आपके जीवन में दीर्घायु और खुशहाली आएगी।
दुर्घटनाओं के खतरे से बचने के लिए चंदन को गरीबों को दान किया जाता है।
इस दिन अपने बच्चों को छाछ दान करने के लिए कहें क्योंकि अक्षय तृतीया पर छाछ दान करने से आपका बच्चा अपने अकादमिक क्षेत्र में सफल होगा।
जो लोग शादी करना चाहते हैं या बच्चे करना चाहते हैं, उनके लिए गरीबों को पीतल या चांदी के बर्तन में पानी दान करना सबसे अहम दान माना जाता है। पानी में कपूर, केसर, तुलसी के पत्तों और सुपारी के साथ मिलाया जाता है।
यदि आप कुमकुम दान करेंगी, तो यह आपके पति को लंबी आयु और समृद्धि के लिए बहुत शुभ है।
मिट्टी का घड़ा दान करने से बीमारी और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
लक्ष्मी बीज मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
अक्षय तृतीया पर आप इस मंत्र का 108 बार जप करें, इससे आपके घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी और और देवी लक्ष्मी आपके परिवार पर अपनी कृपा बनाएं रहेंगी।
महालक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
इस मंत्र का जप करने से आपके ऊपर चढ़ा सभी कर्ज जल्द से जल्द उतर जाएगा।
अक्षय तृतीया भारत में बहुत प्रसिद्ध त्योहार है। इसे सही तरीके से मनाने से आपके जीवन में धन और खुशियां आ सकती हैं। इसलिए, सभी विधि-विधान के साथ पूजा करें और जरूरतमंदों को चीजें दान करें।
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