तांबे की अंगूठी पहनने के अद्भुत फायदे

तांबे की अंगूठी पहनने के अद्भुत फायदे

कॉपर यानि तांबा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का उपचार करने के लिए भी जाना जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण हैं जिसकी वजह से इसके कई फायदे हैं। विज्ञान भी स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए तांबे का उपयोग करने को महत्व देता है। वैसे तो हम भोजन और पानी के रूप में कॉपर का सेवन करते ही हैं। अक्सर हरी सब्जियों, ग्रेन्स, बीन्स और आलू में भरपूर कॉपर होता है। इसके अलावा काजू, सूखे फल, काली मिर्च और यीस्ट में भी कॉपर पाया जाता है। 

प्राचीन समय से तांबे का उपयोग शरीर को स्वस्थ रखने व पॉजिटिव एनर्जी बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। यह मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी जाना जाता है। ज्यादातर लोग घर में तांबे की मूर्ति या कोई प्राचीन चीज रखते हैं ताकि शांति बनी रहे। आप तांबे के बर्तन, अन्य वस्तुएं, जैसे बोतल या जीभ का क्लीनर भी ले सकते हैं। आपने कई लोगों को नेगेटिव एनर्जी खत्म करने और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए तांबे की अंगूठी या ब्रेसलेट पहने हुए देखा होगा। 

तांबे की अंगूठी पहनने के कुछ स्वास्थ्य से संबंधित लाभ

तांबे की अंगूठी पहनने से शरीर में कॉपर की कमी से जुड़ी सारी समस्याओं में सुधार होता है। यह नींद से संबंधित विकारों को ठीक करने के साथ-साथ नजर और मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है। अगर आध्यत्मिकता की बात की जाए तो तांबा किसी भी व्यक्ति के सुधार के लिए भी जाना जाता है। तांबे की अंगूठी और कंगन के कुछ लाभ इस प्रकार हैं, आइए जानें; 

1. इम्युनिटी मजबूत रहती है 

कॉपर शारीरिक संतुलन और शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह हीमोग्लोबिन के प्रोडक्शन को उत्तेजित करता है, रक्त को शुद्ध और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। यह शरीर के संपर्क में आने वाले अन्य विषैले पदार्थों के साइड इफेक्ट्स से भी बचाव करता है। 

2. दिल मजबूत रहता है 

कॉपर का छल्ला या अंगूठी, हृदय को स्वस्थ रखता है, हृदय के दौरे और हृदय से संबंधित अन्य समस्याओं को भी रोकता है। 

3. ब्लड प्रेशर ठीक रहता है 

तांबे की अंगूठी पहनने से ब्लड प्रेशर में काफी सुधार आता है और यह लो या हाई बीपी से संबंधित सारी समस्याओं को भी दूर रखता है। तांबे की अंगूठी पहनने वाले व्यक्ति का ब्लड प्रेशर पहले की तुलना में अधिक संतुलित रहता है। 

4. कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ अच्छी रखता है 

कॉपर शरीर में मौजूद क्रॉसलिंक कोलेजन, इलास्टिन और फाइबर की मदद करता है। यह इलास्टिन फाइबर एओर्टा और उसके आसपास के क्षेत्रों में रहते हैं। इस प्रकार से कॉपर इन फाइबर को मजबूत बनाए रखता है और तीव्र एओर्टा के धमिनिविस्फार को रोकने में मदद करता है। 

5. हड्डियों को मजबूत बनाता है 

कॉपर का कंगन उन लोगों में लोकप्रिय है जो हड्डियों और जोड़ों से संबंधित विभिन्न समस्याओं से पीड़ित हैं। तांबे की अंगूठी या कंगन जोड़ों के दर्द और गठिया को ठीक करने के लिए प्रसिद्ध है। यह हड्डियों को ठीक और मजबूत करने के साथ-साथ उनसे संबंधित बीमारियों को भी ठीक करता है। यह जोड़ों के दर्द में भी आराम प्रदान करता है और साथ ही ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड अर्थिराइटिस जैसी पुरानी परेशानियों से भी छुटकारा दिलाता है।

6. मिनरल को अब्सॉर्ब करने में मदद करता है 

तांबे की अंगूठी या ब्रेसलेट में जिंक और आयरन जैसे सूक्ष्म मिनरल्स मौजूद होते हैं जो शरीर द्वारा सरलता से अब्सॉर्ब हो जाते हैं। ये मिनरल्स शरीर में मौजूद छिद्रों के माध्यम से ब्लड फ्लो में प्रवेश करते हैं और ये किसी भी मिनरल सप्लीमेंट से ज्यादा लाभदायक होते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो आयरन या जिंक की कमी से पीड़ित हैं या एनिमिक हैं। 

7. त्वचा में सुधार करता है

तांबा त्वचा को स्वस्थ रखने के साथ-साथ उसमें होने वाले रोग और बीमारियों से भी बचाता है। 

8. सूजन को कम करता है

तांबे की अंगूठी शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे हाथों, उंगलियों, पैरों आदि में सूजन को कम करने में मदद करती है।

9. पेट को ठीक रखता है

कॉपर, पेट से संबंधित समस्याओं के लिए अद्धभुत कार्य करने के लिए भी प्रसिद्ध है। यह एसिडिटी को रोकता है और पेट को आराम देता है।

10. गले के रोगों से बचाव करता है

कॉपर, गले को स्वस्थ रखता है और गले से संबंधित सारी समस्याएं जैसे खांसी, खराश को रोकता और ठीक करता है।

11. नाखूनों को मजबूत बनाता है

कॉपर में नाखून संबंधी सभी समस्याओं को खत्म करने की क्षमता होती है और यह आपके नाखूनों को हमेशा स्वस्थ और चमकदार भी बनाए रखता है।

12. एंटी-एजिंग प्रभाव होते हैं

तांबे की अंगूठी अपने एंटी-एजिंग प्रभावों के लिए बेहद प्रसिद्ध है और यही कारण तांबे की अंगूठी पहनने वालों को, लोगों के बीच इसके लोकप्रिय होने का है। कॉपर में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर में टॉक्सिन्स को बढ़ने से रोकते हैं। कॉपर, लचीले फाइबर के घनत्व और कोलेजन को मजबूत बनाता है जो त्वचा, बालों को फिर से जीवंत करते हैं और आँतों को स्वस्थ रखते हैं।

तांबे से होने वाले ज्योतिष और आध्यात्मिक लाभ 

कॉपर की अंगूठी या छल्ले पहनने के कुछ फायदों के बारे में ज्योतिष विज्ञान में भी बताया गया है, आइए जानें;

  • कॉपर का शरीर पर मेडिकल प्रभाव पड़ता है। यह आपकी इंद्रियों को नियंत्रित करने में मदद करता है और गुस्से व चिंता जैसी नेगेटिव भावनाओं को दूर रखता है।
  • यह आध्यात्मिक रूप से मन व आत्मा को जागृत करता है और शुद्ध व पॉजिटिव बनाए रखता है।
  • यह आपकी कुंडली में ग्रहों के गलत स्थान पर होने के कारण होने वाले सूर्य और मंगल के नेगेटिव प्रभावों को रोकता है।
  • तांबे की अंगूठी आपके व्यक्तित्व को आध्यात्मिक रूप से बेहतर बनाती है, जिससे आप अपने साथियों के बीच अधिक लोकप्रिय और प्रसन्न रहते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

यहाँ पर तांबे की अंगूठी से संबंधित अक्सर पूछे गए सवालों के जवाब बताए गए हैं, आइए जानें;

1. मुझे कौन सी उंगली में तांबे की अंगूठी पहननी चाहिए?

अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए, व्यक्ति को अनामिका में शुद्ध तांबे की अंगूठी पहननी चाहिए। पुरुषों को इसे दाहिने हाथ में और महिलाओं को बाएं हाथ में पहनना ठीक माना जाता है। अंगूठी पहनने से पहले, इसे गंगा जल से धोकर साफ कर लें और रविवार को सुबह 12 बजे से पहले पहनें।

2. क्या तांबे की अंगूठी मेरी उंगली को हरे रंग का कर सकती है?

लंबे समय तक उपयोग करने के बाद तांबे की अंगूठी उंगली पर हरे रंग का निशान छोड़ देती है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि त्वचा के रंग में बदलाव होना एक संकेत है कि तांबे की अंगूठी अच्छी तरह से कार्य कर रही है और शरीर के सभी नेगेटिव प्रभावों को अब्सॉर्ब कर रही है। जब तांबा पसीने, हवा या अन्य केमिकल जैसे लोशन, साबुन आदि के साथ रिएक्ट करता है, तो यह हरा या नीला रंग छोड़ता है जिससे त्वचा पर भी दाग पड़ते हैं। तांबे के कारण त्वचा के रंग में बदलाव सुरक्षित होता है और यह किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं है, बस इसके दाग को साबुन से धो लें। 

तांबे की अंगूठी या कंगन विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करते हैं और हेल्थ को बनाए रखते हैं। कॉपर न केवल शारीरिक रूप से बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी एक व्यक्ति में बदलाव करता है। यदि आपको इस बारे में कोई भी शंका या संदेह है तो आप इसका उपयोग करने से पहले ज्योतिषी से चर्चा जरूर करें।