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एक लंबे और थकान भरे दिन के बाद बिस्तर सबसे प्रिय दोस्त होता है जहाँ आप बस कम से कम कुछ घंटों के लिए आराम से सोना चाहेंगी और अगर छुट्टी का दिन हो तो कभी-कभी जल्दी उठना भी बहुत कठिन होता है। कुछ समय के लिए शरीर को आराम देना भी बहुत जरूरी है क्योंकि इससे हेल्थ पर बहुत प्रभाव पड़ता है। क्या होगा अगर आपको पता चले कि आप किस दिशा में सोती हैं यह दरअसल जीवन में बहुत प्रभाव डालने वाली बात है? वास्तु शास्त्र के अनुसार यही सच है।
सोते समय शरीर आराम करता है और आपको हर एक चीज से दूर रखता है। इस समय आपको अपने आस-पास की कोई भी चिंता नहीं रहती है और यह सिर्फ आपका समय होता व आपका मन अवचेतन अवस्था में रहता है। सोने से शरीर व मन में एनर्जी आती है। कम सोने या न सोने से स्ट्रेस, एंग्जायटी बढ़ती है और साथ ही आप जीवन में कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाते हैं। ऐसे में दिमाग डिस्ट्रैक्ट होता है और गलत निर्णय लिए जाते हैं। इसकी वजह से कार्डिएक समस्याएं भी हो सकती हैं।
आपको दिन के लगभग एक तिहाई समय तक सोना चाहिए ताकि आपके शरीर को पूरा आराम मिल सके। एक स्वस्थ मन से कार्यक्षमता और प्रभावकारिता बढ़ती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोने की दिशा का अत्यधिक महत्व है। वास्तु हमें बताता है कि खुश और संतुष्ट जीवन पाने के लिए हमें किस दिशा में सोना चाहिए। वास्तु के अनुसार हम पॉजिटिव या नेगेटिव एनर्जी से घिरे रहते हैं जो सिर्फ हमारे अंदर विशेष रूप से हमारी सोच में बहती है। पूरी दुनिया में हर एक जीव के भीतर यहाँ तक कि सोते समय भी यह एनर्जी एक्टिव रहती है। एनर्जी की फील्ड से मैग्नेटिक फील्ड पर प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से दिशाओं का महत्व है।
वास्तु के अनुसार, विशेष रूप से अगर आप उत्तरी गोलार्ध क्षेत्र में हैं तो दक्षिण दिशा में सिर करके सोने की अवस्था को बिलकुल सही माना जाता है। यह दिशा धन, खुशियां और समृद्धि को बढ़ाती है। इसलिए अगर आप इस दिशा में सिर करके सोती हैं तो बदलाव होंगे और वे बदलाव आपको जीवन के प्रति बेहतर महसूस करने में मदद करेंगे।
इस दिशा में सिर करके आपको नहीं सोना चाहिए क्योंकि दिल लगभग शरीर के मध्य में होता है और मस्तिष्क की ओर जाने वाली नसें अधिक महीन होती हैं जो ब्लड प्रेशर को अच्छी तरह से संभाल नहीं पाती हैं। अगर आप इस दिशा में सिर करके सोती हैं तो पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड के कारण आपका खून आपके सिर की ओर बहना शुरू कर देगा, आप सोच रही होंगी कि ऐसा क्यों है? जैसा की आपको पता है हमारे खून में आयरन होता है। आपको इस बात का पता भी नहीं लगता है कि पृथ्वी का मैग्नेटिक खिंचाव कब आपके खून के बहाव को सिर की ओर बढ़ा देता है। अगर खून का प्रवाह बढ़ता है तो इससे खून का डिस्चार्ज भी हो सकता है। हममें से ज्यादातर लोगों में ऐसा थोड़ा बहुत रहता है किन्तु अगर यह अधिक मात्रा में बढ़ गया तो इसके घातक होने की संभावना बढ़ सकती है। साथ ही साथ यह आपके मस्तिष्क को सुस्त कर सकता है और आपकी मेमोरी ग्राफ के गिरते दर को बढ़ा सकता है।
वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा एनर्जी का सोर्स मानी जाती है। अगर आप सोते समय अपने सिर को पूर्व दिशा की ओर करते हैं तो आपको सुबह के समय बेहतर महसूस हो सकता है। इस दिशा में सोने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ठीक होने में मदद मिलती है। इस तरफ सिर करके सोना विद्यार्थियों के लिए भी अच्छा माना जाता है क्योंकि यह मेमोरी और कॉन्सेंट्रेशन को बढ़ाने में भी मदद करता है।
यह अवस्था पूर्व और दक्षिण की तरह उतनी लाभकारी नहीं है पर यदि आप सफलता पाना चाहती हैं तो वास्तु के अनुसार आपको सोते समय अपना सिर पश्चिम की ओर करना चाहिए। इस दिशा में सोने से नेगेटिव एनर्जी दूर रहती है।
यदि आप अच्छी नींद में सोना चाहती हैं तो वास्तु के निम्नलिखित टिप्स आपके लिए बहुत जरूरी हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार ये टिप्स आपके कमरे में विशेष सोने की दिशा से संबंधित हैं:
रात के समय में स्वस्थ और अच्छी नींद के लिए वास्तु द्वारा दिए गए यही वे सरल टिप्स हैं।
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