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कोलोस्ट्रम या निप्पल डिस्चार्ज गर्भावस्था का एक सामान्य हिस्सा है। माँ बनने वाली एक महिला, पहली तिमाही के अंत या दूसरी तिमाही की शुरुआत में, इस लीकेज का अनुभव करती है। कुछ महिलाएं, बच्चे के रोने की आवाज सुनकर भी डिस्चार्ज का अनुभव करती हैं। नवजात बच्चों के लिए कोलोस्ट्रम बहुत फायदेमंद होता है। यह लेख आपको कोलोस्ट्रम और शिशु के स्वस्थ विकास में उसके महत्व के बारे में बताएगा।
कोलोस्ट्रम क्या है?
गर्भावस्था के तीसरे-चौथे महीने में आपके ब्रेस्ट, दूध जैसा एक पदार्थ बनाने लगते हैं, जिसे कोलोस्ट्रम कहा जाता है। बल्कि, आप इसे गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट द्वारा बनाया जाने वाला पहला दूध भी कह सकते हैं। यह गर्भावस्था की पहली तिमाही के अंत तक रिसना शुरू हो जाता है।
कोलोस्ट्रम कैसा दिखता है?
गर्भावस्था की शुरुआत में, कोलोस्ट्रम गाढ़ा और क्रीमी दिखाई देता है और इसका रंग कुछ पीलापन लिए हुए होता है। डिलीवरी तक आते-आते यह तरल पदार्थ सफेद हो जाता है। कई महिलाएं, दूसरी तिमाही के पहले सप्ताह से कोलोस्ट्रम के रिसने का अनुभव करने लगती हैं और यह डिस्चार्ज गर्भावस्था के अंत तक, या आपके शरीर के डिलीवरी के लिए तैयार होने तक बढ़ जाता है ।
कोलोस्ट्रम के फायदे
कोलोस्ट्रम एक विशेष तरह का दूध होता है, जो कि न्यूबॉर्न बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं:
- यह पहला दूध होता है, जिसे जन्म के बाद बच्चे को दिया जाना चाहिए। यह जरूरी पोषक तत्व को कंसंट्रेटेड रूप में उपलब्ध कराता है और यह नवजात बच्चे के छोटे से पेट को भरने के लिए काफी होता है।
- यह लैक्सेटिव होता है, जो कि बच्चे को पहली बार मल त्याग करने में मदद करता है और यह आपके बच्चे के शरीर से बिलीरुबिन को बाहर निकाल कर उसे जॉन्डिस से बचाता है।
- इसे वाइट ब्लड (सफेद खून) भी कहते हैं, क्योंकि यह लिंफोसाइट्स और मैक्रोफेजेस जैसे लिविंग सेल्स बड़ी मात्रा में देता है, जो कि बच्चे के इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।
- न्यूबॉर्न बेबी की आंतें बहुत ज्यादा लीकी होती हैं, कोलोस्ट्रम बच्चे की आंतों के एक बैरियर के साथ छेदों को सील कर देता है, जो कि अधिकतर बाहरी प्रोटीन को आंतों को भेदने से बचाता है। यह या तो माँ के दूध से मिलता है या फिर फार्मूला दूध से। इससे आपका बच्चा किसी भी फूड एलर्जी से सुरक्षित रहता है।
- इसमें बहुत अधिक मात्रा में एंटीबॉडी होते हैं, जिन्हें सेक्रेटरी ‘इम्युनोग्लोबुलिन ए’ कहा जाता है, इसलिए इसे आपके बच्चे को इंफेक्शन से बचाने वाले पहले टीके के रूप में देखा जाता है।
- इसे न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव से युक्त भी माना जाता है, जो कि अल्जाइमर से बचने में मददगार हो सकता है।
- चूंकि कोलोस्ट्रम में कोलेस्ट्रॉल बहुत ज्यादा होता है, इसलिए यह बच्चे के नर्वस सिस्टम के विकास में मदद करता है।
- यह जिंक, कैल्शियम, विटामिन ‘ए’, ‘बी6’, ‘बी12’, और ‘के’ जैसे न्यूट्रिएंट्स उपलब्ध कराकर आपके बच्चे के संपूर्ण विकास और बढ़त में मदद करता है।
ऊपर दिए गए फायदे बच्चे के स्वस्थ विकास में कोलोस्ट्रम के महत्व को निर्विवादित रूप से सुनिश्चित करते हैं।
बच्चे के जन्म के बाद कोलोस्ट्रम कितने समय तक रहता है?
डिलीवरी के बाद माँ के ब्रेस्ट 3 से 4 दिनों तक इस जरूरी पोषक तत्व को बनाते हैं। पाँचवे दिन से यह धीरे-धीरे ब्रेस्ट मिल्क में बदल जाता है, जो कि पहले की तुलना में पतला और सफेद नजर आता है और इसकी मात्रा भी बढ़ जाती है। कुछ दुर्लभ मामलों में, ऐसा होने में एक सप्ताह से भी अधिक समय लग जाता है।
अगर आप अपने न्यूबॉर्न को कोलोस्ट्रम नहीं पिला सकीं तो क्या होगा?
कई बार कुछ कारणों से बच्चे को माँ से अलग रखना पड़ता है। अगर आपके बच्चे को आप से दूर नहीं रखा गया हो, तो आप उसे कोलोस्ट्रम देने में सक्षम होंगी। चाहे जो भी स्थिति हो, अपने डॉक्टर से बात करें और अपने नवजात बच्चे को दूध पिलाने के प्लान के बारे में बताएं। अगर डॉक्टर को यह सही लगता है, तो वह डिलीवरी के तुरंत बाद आपको अपने बच्चे को दूध पिलाने में मदद करेंगे। डॉक्टर ब्रेस्टफीडिंग पोजीशन के मामले में भी आपकी मदद कर सकते हैं, जो कि आपके लिए बेहतर तरीके से काम करेगा।
एक माँ होने के नाते यह तय है, कि आप अपने बच्चे को सबसे बेहतर देना चाहती हैं। याद रखें, कि बच्चे की देखभाल की शुरुआत, जन्म के तुरंत बाद बच्चे को कोलोस्ट्रम देने के साथ ही शुरू होती है।
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