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बदलाव को अक्सर हैंडल करना मुश्किल होता है और निश्चित रूप से यह एक बच्चे के लिए और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। बच्चे के शरीर में तेजी से परिवर्तन होते हैं और उन्हें अपने आसपास के माहौल में लगातार हो रहे बदलावों के हिसाब से खुद को एडजस्ट करना होता है। कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिसे बच्चे आसानी से सीख जाते हैं और उसमें ढल जाते हैं, जैसे कि खाने या सोने का पैटर्न, वहीं कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जो उनके लिए चैलेंजिंग हो सकती हैं। नीचे, हम ऐसी ही परिस्थिति के बारे में चर्चा करेंगे, कि आपका बच्चा पॉटी करने के दौरान रोता क्यों है, और आप इसके बारे में क्या कर सकती हैं।
यदि आपका बेबी आराम से पॉटी करने में सक्षम नहीं है और इस प्रक्रिया के दौरान वह अक्सर रोता है, तो इसके कुछ कारण इस प्रकार हो सकते हैं।
बड़ों की तरह ही बच्चों में भी कई बार कब्ज की समस्या हो जाती है। इससे बच्चे को मल त्याग करने में बहुत परेशानी होती है। बच्चे के मल को ऑब्जर्व करें और सुनिश्चित करे कि ये न ज्यादा पतला हो और न बहुत ज्यादा ड्राई हो। यदि आप ऐसा नोटिस करती हैं, तो संभव है कि बेबी को कब्ज हो। इस कंडीशन से निपटने के लिए बच्चे को तरल पदार्थ दें। ये बच्चे के पाचन में सुधार करती हैं। इसके अलावा, हाई फाइबर वाली सब्जियों और फलों का सेवन बढ़ाएं। बच्चा आसानी से इसे खा सके इसके लिए आप उन्हें पेस्ट या प्यूरी बना कर भी दे सकती हैं। अगर ये तरीका प्रभावी साबित नहीं होता है, तो आप डॉक्टर से परामर्श करें।
बच्चों को भी बहुत गैस बनती है और ऐसे में मल त्याग के दौरान उन्हें बहुत दर्द होता है। रोते समय बच्चे के अंदर ज्यादा मात्रा में हवा चली जाती है, हाइपर लैक्टेशन सिंड्रोम, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन और ब्रेस्ट मिल्क को पचा न पाने के कारण बच्चे को गैस की समस्या हो सकती है। शिशु की गैस की समस्या को कम करने के लिए उसे हर फीडिंग के बाद डकार दिलानी चाहिए। इसके अलावा उसके शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा हवा से छुटकारा पाने के लिए आप बच्चे के पेट पर मसाज कर सकती हैं।
बच्चे के शरीर को फीडिंग करने के बाद इसे डाइजेस्ट करने में थोड़ा समय लगता है, इस प्रक्रिया में मल त्याग भी शामिल है। कुछ बच्चे कुछ पोजीशन में मल त्याग करने के दौरान असहज महसूस करते हैं। जैसे, यदि कोई बच्चा लेटा हुआ है, तो उसे मल त्याग करने के लिए अपने पेट की मांसपेशियों पर बहुत जोर देना पड़ता है और काफी ताकत लगती है। इससे बच्चा असहज महसूस करता है और उसकी एनर्जी पूरी खत्म हो जाती है। बच्चे के शरीर और मांसपेशियों के बीच तालमेल न होने से उसे मल त्याग के दौरान परेशानी हो सकती है।
यह थोड़ा अजीब लग सकता है। हालांकि, बच्चे का ‘नकली रोना’ बहुत कॉमन है। अगर आप देखती हैं कि आपको देखते ही बच्चा रोना बंद कर देता है और आपको देखकर मुस्कुराता भी है, तो वह ऐसा सिर्फ आपकी अटेंशन पाने के लिए करता है। अगर बच्चे के रोने का यही कारण है तो आप उसे प्यार करके शांत कराएं और साथ ही उस समय पर पॉजिटिव बातें करें।
अगर आपके बच्चे में ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, तो ये किसी और हेल्थ प्रॉब्लम का संकेत हो सकता है और ऐसे में आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
शुरूआत में अपने बच्चे की भावनाओं और परेशानियों को समझना मुश्किल होता है, लेकिन जब आप समस्या की जड़ तक पहुँच कर इसका असल कारण समझ जाती है तो आपके लिए इसे डील करना आसान हो जाता है। मल त्याग में होने वाली समस्या के दूसरे मामले में आपको बेबी के डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। कुल मिलाकर, इस बात पर ध्यान दें कि बच्चे की पॉटी कैसी है, अगर आपको कोई डाउट होता है तो डॉक्टर से बात करें, इसके अलावा बच्चे की हेल्दी डाइट और स्लीप पैटर्न का खास खास खयाल रखें।
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