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विपरीत परिस्थियों में व्यक्ति चुनौतियों का सामना करने के लिए अत्यधिक परिश्रम करता ही है। इस पड़ाव पर आप प्रसव के इतने करीब हैं कि गर्भावस्था के सफर में आई हुई परेशानियाँ और शिकायतों के अनुभवों को आप आसानी से पार कर जाएंगी। गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में आपके मन में कई सवाल उठ सकते हैं, इस लेख में उनके सुझाव और उत्तर दिए गए हैं।
गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में, गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग निर्धारित हो जाता है और लड़के व लड़की में आसानी से फर्क बताया जा सकता है। आपके शिशु की चर्बी अब पूरी तरह से झुर्रीदार त्वचा से भर जाती है, जिससे वह मुलायम और मज़बूत हो जाती है। शिशु की रोग प्रतिरोधक प्रणाली और फेफड़े अधिक मज़बूत और आत्मनिर्भर हो जाते हैं। चूंकि भ्रूण के मस्तिष्क की नसों का जोड़ और भी मज़बूत हो जाता है जिस कारण संभव है कि कभी-कभी वह सपने भी देख सकता है। अब आपका गर्भाशय पूरी तरह विकसित हो जाने की वजह से आप आसानी से किसी भी गतिविधि को महसूस कर पाएंगी। बल्कि गर्भ में पल रहा शिशु आपके स्पर्श को महसूस भी कर सकता है। इस पड़ाव पर अपरिपक़्व प्रसव पूरी तरह से सुरक्षित होता है, बस अस्पताल में कुछ पल और फिर आप अपने नवजात शिशु को घर ले जाने के लिए तैयार होंगी। अगर आप निर्धारित तारीख के आसपास प्रसव पीड़ा का अनुभव नहीं करती हैं तो चिंता न करें क्योंकि ऐसा केवल 5 प्रतिशत मामलों में ही होता है।
गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में शिशु का आकार ऊपर से नीचे तक लगभग 45 से. मी. होता है। इस समय तक शिशु लगभग एक बड़े कद्दू के आकार के बराबर हो जाता है, शिशु का वज़न 2 किलो से थोड़ा अधिक होता है। आपका शिशु और भी बड़ा होता है, उसकी हड्डियाँ मज़बूत हो जाती हैं, लेकिन उसके सिर की हड्डियाँ अब भी नर्म होती हैं ताकि प्रसव के दौरान वह आसानी से नलिका के द्वारा बाहर आ पाए।
34वें सप्ताह में आपको नई चुनौतियों का सामना करना होगा। इस सप्ताह, गर्भावस्था के दौरान होने वाली बवासीर की वजह से आप कई शारीरिक परिवर्तनों का अनुभव कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान कब्ज़ और हॉर्मोनल गतिविधियों के कारण बवासीर होता है। पिछले सप्ताह की तरह, गुदा या पेरिनेल क्षेत्र में दर्दनाक सूजन होने का खतरा होता है, दवाइयों और किगल व्यायाम करने से आपको इस दर्द में कुछ आराम मिल सकता है।
एक अन्य आम लक्षण, योनि से स्राव है जो आपको प्रसव के लिए तैयार करता है। यह एस्ट्रोजेन के प्रवाह की वजह से होता है, जो योनि के चारों ओर रक्त संचार को भी बढ़ाता है।
पैरों और घुटनों में द्रव जमा होने की वजह से उनमें सूजन हो सकती है। सूजे हुए पैरों को राहत देने के लिए नर्म, गद्देदार व आरामदायक जूते पहनें।
यदि आप गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में हैं, तो इसे टाला नहीं जा सकता। यह गोरी महिलाओं में गहरे रंग वाली महिलाओं से ज़्यादा पाए जाते हैं । हालांकि, चिकित्सीय देखभाल के द्वारा वज़न को नियंत्रित करके इन स्ट्रेच मार्क्स को कम किया जा सकता है।
आपका शरीर शिशु के लिए कोलोस्ट्रम बना रहा है और आपके स्तनों से इसका रिसाव जल्दी हो हो सकता है। ऐसी शर्मनाक स्थितियों से बचने के लिए अपनी ब्रा के अंदर स्राव को सोखने वाले पैड पहनें।
बढ़ा हुआ गर्भाशय आपके पेट में लगभग सभी जगह घेर लेता है, आपकी आंतें एक कोने में हो जाती हैं, इससे आपका शौच अनियमित हो सकता है। पर्याप्त रेशायुक्त भोजन और पानी का सेवन करने से इसमें आराम मिल सकता है।
पाचन धीमा होने के कारण गर्भावस्था के दौरान गैस होना बेहद आम बात है, ऐसे समय में चिंता करने से स्थिति और ख़राब हो सकती है। तनाव कम करने के लिए कुछ श्वसन संबंधी व्यायाम करने का प्रयास करें।
गर्भावस्था में बढ़े हुए वज़न के साथ चलने से और नींद की कमी से पैरों में दर्दनाक ऐंठन हो सकती है।
यह गर्भावस्था के अंतिम पड़ाव में लगातार होने वाला एक लक्षण है, यह गर्भाशय द्वारा फेफड़ों पर दबाव पड़ने के कारण होता है, जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है। यदि आपको सांस लेने में तकलीफ है तो आप दौड़ने, सीढ़ियाँ चढ़ने जैसी गतिविधियों से बचें।
चिंता, ऐंठन, सूजन और कब्ज़ के कारण आप पूरी रात सो नहीं पाएंगी। यदि आपको नींद नहीं आ रही है, तो आप टीवी देखने या किताब पढ़ने का प्रयास करें।
34वें सप्ताह में, आपका उदर क्षेत्र गर्भाशय के शीर्ष से लेकर योनि क्षेत्र तक लगभग 45 सें. मी. तक बढ़ सकता है। एक ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस समय आपके गर्भाशय में ऐमिनियॉटिक द्रव की मात्रा गर्भावस्था की किसी भी अन्य अवस्था की तुलना में बहुत अधिक होती है। गर्भवती होने के पहले से लेकर अब तक आपका गर्भाशय 1000 गुना बड़ा हो चुका होता है।
प्रत्येक क्रमिक सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन के लिए जाना, इस समय की मानक प्रक्रिया है। डॉक्टर शायद एक नॉन स्ट्रेस परीक्षण या एक बायोफिज़िकल प्रोफ़ाइल भी करने के लिए कह सकता है, जिसमें यह पता लग सकता है कि शिशु को सांस लेने में या उसके दिल में कुछ परेशानी है। स्कैन आपको वास्तविक समय में शिशु की गतिविधियाँ दिखा सकता है, जैसे कि उसका सांस लेना या गर्भाशय में हलचल करना।यदि आप चाहें, तो आप अपने शिशु के चेहरे और शरीर के अंतरंग विवरणों को 3 डी अल्ट्रासाउंड में देख सकती हैं।
संतुलित आहार का सेवन आपके और आपके शिशु के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। दिन में कई बार ताजे फलों, सब्जियों, साबुत अनाजों और दूध से बने पदार्थों का सेवन करें। आप दिन-भर में कई बार किन्तु थोड़ी मात्रा में खाएं ताकि आपको अपच व सीने में जलन की समस्या न हो। गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में भोजन में कुछ परिवर्तन होने अनिवार्य हैं:
विटामिन डी, विटामिन सी और विटामिन के, हड्डियों और दाँतों के विकास में आवश्यक हैं, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। दवाओं के माध्यम से विटामिन डी की पूर्ती की जा सकती है, लेकिन सुबह के समय लगभग10-20 मिनट तक धूप में रहने से भी लाभ हो सकता है। विटामिन सी हरी पत्तेदार सब्जियों, बिना चर्बी के मांस और खट्टे फलों में पाया जाता है। फूलगोभी, पत्तागोभी, फली, अनार, पालक, और सोयाबीन जैसे खाद्य पदार्थों में विटामिन के पाया जाता है।
यह निश्चित रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड लेने का समय है ताकि शिशु की बौद्धिक क्षमता का संपूर्ण विकास हो सके। मछली का तेल और अलसी का तेल दोनों इस समय लाभकारी होते हैं।
प्रसव के दौरान स्वस्थ रहने के लिए दिन में कम से कम 3 लीटर पानी पिएं।
नीचे दिए हुए संछिप्त लेख में बताया गया है कि गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं:
प्रसव के समय शिशु सही दिशा में हो यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ व्यायाम करें, उसका सिर नीचे की तरफ और चेहरा आपकी रीढ़ की हड्डी की तरफ होना ठीक माना जाता है। कुछ व्यायामों में एक कुर्सी या बर्थिंग बॉल का उपयोग कर सकती हैं, जिससे आपको आगे की ओर झुकने में कोई भी पीड़ा नहीं होगी ।
उस अस्पताल को देखने जाएं जहाँ आप शिशु को जन्म देने की सोच रही हैं, यह मददगार हो सकता है। अस्पताल के प्रसव पीड़ा और प्रसव कक्षों का निरीक्षण करें और जो भी कागज़ी कार्रवाई करनी है, उसे पूरा करें।
तीसरी तिमाही में डाइटिंग करना खतरनाक हो सकता है, आपको और आपके शिशु को इस समय सामान्य से अधिक भोजन की आवश्यकता होती है इसलिए भोजन कम करने से जटिलताएं बढ़ सकती हैं। इसके बजाय, अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ, जैसे शराब और मसालेदार भोजन से परहेज़ करें।
केगेल व्यायाम का अभ्यास करना न भूलें और उनके बारे में कोई शर्म महसूस करने की आवश्यकता नहीं है! केगेल व्यायाम योनि क्षेत्र को मजबूत बनाता है, उससे शारीरिक ऐंठन और बवासीर के कारण होनेवाला दर्द को कम हो सकता है। इसके अलावा, इस अभ्यास से सुगम प्रसव की संभावना अधिक होती है। आप पेल्विक टिल्ट व्यायाम भी कर सकती हैं, जो किसी भी पीठ दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
सुनिश्चित करें कि आपके शिशु के लिए स्वच्छ और हवादार घर हो, वह चाहे आपके कमरे में या अपने कमरे में अपना समय बिता बिताए। प्रसव वस्त्र हमेशा सूची में सबसे पहले होने चाहिए और इनमें कई प्रचलित विकल्प उपलब्ध हैं। डायपर, बोतलें, नर्सिंग ब्रा और शिशु के वस्त्र पर्याप्त मात्रा में रखें। शिशु को अपने घर या पड़ोस में ले जाने के लिए छोटा प्रैम खरीदना भी सुविधाजनक हो सकता है। जैसे-जैसे प्रसव का समय करीब आता है, अपने दोस्तों और परिवार से बात करके शांत रहने का पूरा प्रयास करें। आप प्रसव के बहुत पास हैं, इसलिए बस आप जो कर रही हैं वही करें क्योंकि आप बेहतर कर रही हैं ।
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