प्रेगनेंसी एबॉर्शन पिल्स – काम का तरीका, साइड इफेक्ट्स और जोखिम

प्रेगनेंसी एबॉर्शन पिल्स

दुनिया बहुत डेवलप हो रही है, सिर्फ 5-6 साल पीछे मुड़कर भी देखें तो लगता है कि सोसाइटी में बहुत बदलाव आ गए हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर हमारे आसपास हो रहे बदलावों के बारे में बात करें तो महिलाओं के अधिकारों का विषय सबसे ऊपर होगा। इसमें यह चुनने का अधिकार भी शामिल है कि वह बच्चा चाहती हैं या नहीं। भले ही आप एबॉर्शन के मुद्दे पर पक्ष में हों या न हों, यह समझना बेहद जरूरी है कि यह कैसे काम करता है, और विशेष रूप से, यह समझना महत्वपूर्ण है कि क्या एबॉर्शन की गोलियां लेना सेफ होता है, आप किन परिस्थितियों में गोलियों का उपयोग करें और आपके पास दूसरे क्या ऑप्शन हैं।

एबॉर्शन पिल क्या होती है?

डेवलप होती गर्भावस्था को सफलतापूर्वक खत्म करने के लिए सबसे आम और जल्दी काम करने वाले तरीकों में से एक है मिसोप्रोस्टल और मिफेप्रिस्टोन जैसी प्रिस्क्रिप्शन पिल्स का एबॉर्शन के लिए उपयोग। कभी-कभी गर्भनिरोधक के एक टाइप जिसे मॉर्निंग आफ्टर पिल कहते हैं, उन्हें एबॉर्शन पिल्स समझ लिया जाता है, एबॉर्शन की गोलियां गर्भनिरोधक का प्रकार नहीं होती हैं और गर्भावस्था को रोकने के लिए काम करने वाली मॉर्निंग आफ्टर पिल से अलग होती हैं। जबकि एबॉर्शन पिल गर्भधारण के बाद की स्थिति में काम करती है।

आप एबॉर्शन पिल कब ले सकती हैं?

गोली लेकर गर्भावस्था केवल तब खत्म की जा सकती है जब एम्ब्र्यो यानी फर्टिलाइज्ड अंडा पर्याप्त विकसित न हुआ हो, इसका मतलब है कि गोली लेने के लिए 60-70 दिनों के समय का इंतजार किया जा सकता है। फिर भी हम सलाह देंगे कि गोली का उपयोग जल्दी करें। गर्भावस्था को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द पहले 10 हफ्तों में या आपके आखिरी पीरियड के एक सप्ताह बाद गोली ली जा सकती है है।

हम यह रेकमेंड करते हैं कि 70 दिन हो जाने के बाद गर्भावस्था को खत्म करने के लिए, सर्जिकल एबॉर्शन पर विचार करें, ऐसा इसलिए है क्योंकि एम्ब्र्यो के बढ़ने के बाद गोली लेना सुरक्षित नहीं होगा और इससे एबॉर्शन में कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं। एबॉर्शन के लिए सर्जिकल ऑप्शन के बारे में और आपके लिए किस तरह का एबॉर्शन सही है, यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

भारत में एबॉर्शन की गोली की कीमत कितनी है?

विभिन्न प्रकार की एबॉर्शन की गोलियों की लागत बहुत अलग हो सकती है; यह फार्मास्युटिकल एसोसिएशन के ब्रांड पर निर्भर करता है। भारत में, इन गोलियों की अनुमानित कीमत रूपए 300 से 500 के बीच हो सकती है। सर्जिकल प्रक्रिया में कम से कम रूपए 5,000 और ज्यादा से ज्यादा 30,000 खर्च हो सकते हैं।

सुनिश्चित करें कि आपके पास प्रिस्क्रिप्शन हो, हालांकि, एबॉर्शन की गोली ओवर द काउंटर दवाइयों में नहीं गिनी जाती, इसकी सही-सही कीमत जानने के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।

एबॉर्शन की गोली कैसे लें?

एबॉर्शन की गोलियां लेने का सिस्टम बेहद सख्त है; पहले डॉक्टर आपको उस कागज पर साइन करने के लिए कहेंगे जिस पर यह लिखा होगा कि आप यह निर्णय पूरी तरह से अपनी शर्तों पर कर रही हैं और एबॉर्शन की जिम्मेदारी आप पर है। एक बार यह हो जाने के बाद, डॉक्टर आपको दो गोलियां देंगे जो 3 दिनों के अंतराल पर लेनी होती हैं, दोनों गोलियों को डॉक्टर की उपस्थिति में लेना चाहिए। अधिकांश दवाओं के विपरीत, इन दोनों गोलियों को तुरंत निगल नहीं जाना चाहिए, अपनी जीभ के नीचे गोली रखें और इसके खुद से घुल जाने का इंतजार करें, इसमें 30 मिनट तक का समय लग सकता है। अपने डॉक्टर से उचित तरीके से सलाह लें कि कैसे यह गोली लेनी चाहिए।

कुछ मामलों में, डॉक्टर आपको वजाइनल पिल दे सकते हैं, यह एक ऐसी गोली होती है जिसे डॉक्टर गर्भपात के लिए योनि में डालेंगे, यह कब्ज के इलाज में दी जाने वाली रेक्टल पिल के समान होती है। इस समय के दौरान, आपको ऐंठन और थोड़ी ब्लीडिंग हो सकती है, अगर यह ज्यादा हो जाती है या दो दिन से ज्यादा समय तक रहती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

एबॉर्शन पिल कैसे काम करती है?

एबॉर्शन पिल के काम करने की चरणबद्ध प्रक्रिया नीचे दी गई है:

  • कागजात पर साइन करें।
  • पहली गोली– मिफेप्रिस्टोन: यह गोली प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को रोकती है, यह एक महत्वपूर्ण गर्भावस्था हार्मोन है। यह गोली सुनिश्चित करती है कि यूटरस इस हार्मोन की उपस्थिति को नहीं पहचाने और इस कारण यूटरस की लाइनिंग टूट जाती है, इससे गर्भावस्था की प्रगति रुक ​​जाती है जिससे एम्ब्र्यो टूट जाता है। यह गोली डॉक्टर की मौजूदगी में लेनी चाहिए।
  • दूसरी गोली – मिसोप्रोस्टल: इस गोली के कारण यूटरस सिकुड़ता है और डेवलपिंग एम्ब्र्यो, एम्ब्रयॉनिक सैक और यूटरस लाइनिंग को बाहर निकालता है, यानी यह बढ़ रहे बच्चे के फीटस को बाहर निकालता है जिसे मिफेप्रिस्टोन खत्म कर देती है। यह प्रक्रिया एक या दो दिन के लिए गंभीर क्रैम्पिंग और भारी ब्लीडिंग का कारण बन सकती है। अगर यह फिर भी जारी रहे, तो अपने डॉक्टर के पास जाएं।
  • क्लिनिक जाएं: गोलियां लेने के बाद कुछ सप्ताह बीतने पर, यह सुनिश्चित करने के लिए कि एबॉर्शन सफल रहा और फीटस आपके सिस्टम से बाहर है, अपने डॉक्टर से मिलें। यदि आपके सिस्टम में एबॉर्शन के बाद फीटस रहता है, तो इससे इन्फेक्शन हो सकता है इससे परमानेंट नुकसान हो सकता है।

एबॉर्शन की गोली कितनी इफेक्टिव होती है?

हमेशा इस बात का चांस हो सकता है कि गोली काम न कर पाए और आपको सर्जिकल मेथड का ऑप्शन चुनना पड़े। हालांकि, ऐसा बहुत आम नहीं है क्योंकि डेवलपिंग एम्ब्र्यो को खत्म करने के लिए गोली के असफल होने की संभावना केवल 4-6% है। ।

एबॉर्शन को पूरा होने में कितना समय लगता है?

यद्यपि दोनों गोलियों को 2-3 दिन में ले लिया जाता है, लेकिन गर्भपात की पूरी प्रक्रिया जो क्लिनिक में जाकर डॉक्टर के कन्फर्म करने पर पूरी होती है, उसमें 3 सप्ताह तक का समय लग सकता है। पहली गोली और दूसरी गोली को एक या दो दिन अलग-अलग लेना होता है, लेकिन आपके सिस्टम से एम्ब्र्यो का एबॉर्शन होने में कुछ दिन लग सकते हैं, लेकिन डॉक्टर इस प्रक्रिया को फिर भी अधूरा मानते हैं क्योंकि एबॉर्शन को कन्फर्म करने के लिए दूसरी गोली लेने के बाद 2 से 3 सप्ताह के बीच टेस्ट करना होता है। जब डॉक्टर आपको स्पष्ट कर देते हैं तो एबॉर्शन पूरा हो जाता है और आपका शरीर इन्फेक्शन और खतरे सुरक्षित हो जाता है।

एबॉर्शन की गोली के साइड इफेक्टिव क्या हैं?

यद्यपि एबॉर्शन की गोली लेने के कई शॉर्ट टर्म साइड इफेक्ट हैं, लेकिन लंबे समय तक दिखाई देने वाले साइड इफेक्ट बहुत रेयर हैं। आपको निम्नलिखित साइड इफेक्ट दिख सकते हैं:

  • भारी ब्लीडिंग
  • चक्कर आना
  • बुखार
  • इन्फेक्शन
  • तेज क्रैम्पिंग
  • हल्का बुखार
  • कंपकंपी छूटना

गोली लेने के जोखिम क्या हैं?

एबॉर्शन की गोली लेते समय, किसी दूसरी दवा की तरह इसमें भी कुछ जोखिम शामिल होते हैं:

  • एलर्जिक रिएक्शन
  • भारी ब्लीडिंग
  • पेशाब में ब्लड क्लॉट्स
  • इन्फेक्शन
  • एक असफल एबॉर्शन

एबॉर्शन की गोली लेने से पहले आपको कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?

अन्य मेडिकल प्रक्रियाओं की तरह, एबॉर्शन की गोली लेने से पहले भी कुछ सावधानियां रखनी चाहिए:

  • गोली लेने से 72 घंटे पहले और 3 हफ्ते बाद तक शराब न पीएं।
  • नार्कोटिक्स यानी नशीले पदार्थों या दवाओं के सेवन से बचें, इनमें वो दवाएं भी शामिल हैं जिन्हें लेने की सलाह डॉक्टर नहीं देते।
  • जरूरत पड़ने की स्थिति  में अपने डॉक्टर से बात करें और एक इमरजेंसी प्लान तैयार रखें।
  • सुनिश्चित करें कि आपने अपने सभी टेस्ट करवा लिए हों।
  • इस बात का ध्यान रखें कि गोली लेते समय गर्भावस्था का वह सप्ताह या चरण चल रहा हो जिसमें गोली काम कर सके।
  • यह आवश्यक है कि आप डॉक्टर से डिटेल में बात करके एबॉर्शन से जुड़ी सभी रिस्क के बारे में अच्छी तरह जानती हों।
  • गोली लेते समय और खाने के 30 मिनट बाद तक कुछ भी न खाएं-पिएं।

एबॉर्शन पिल कहाँ मिल सकती है?

आपको ऐसे ही किसी काउंटर पर एबॉर्शन की गोली नहीं मिल सकती है, क्योंकि यह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है और इसे केवल डॉक्टर के पर्चे के साथ ही लिया जा सकता है, इसके अलावा, एबॉर्शन पिल लेते समय कानूनी रूप से यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आप बिना डॉक्टर के मौजूदगी के गोली नहीं ले सकतीं। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर दवा के एलोकेशन पर कंट्रोल के लिए खुद ही दवा देते हैं ताकि इसका दुरुपयोग न हो।

क्या महिला भविष्य में गर्भवती हो सकती है?

एबॉर्शन पिल लेने के बाद भविष्य में गर्भधारण पर प्रभाव पड़ने के चांसेज बेहद कम हैं, हम यह सलाह देते हैं कि आप गोली से भविष्य में गर्भधारण से जुड़े जोखिमों को समझने के लिए डॉक्टर से बात करें।

क्या गोली लेने के बाद इसके प्रभाव को उल्टा किया जा सकता है?

दुर्भाग्य से, एक बार गोली लेने के बाद इसके प्रभावों को उल्टा करना असंभव है। एबॉर्शन चुनने से पहले सभी उपलब्ध ऑप्शंस के बारे में जानें। एबॉर्शन के जोखिम को समझें और अपने गर्भ को खत्म करने से पहले अपने साथी से इस बारे में बात करें, बेहतर है कि एबॉर्शन के बाद आप अपनी देखभाल से जुड़ी बातों के लिए अपने डॉक्टर के दिशानिर्देशों का पालन करें। डॉक्टर के साथ अपनी फॉलो अप मीटिंग्स को मिस न करें और गोली लेने से पहले इससे जुड़े किसी भी डर को दूर करें। याद रखें, एबॉर्शन कराने का निर्णय छोटा नहीं होता है, यह मानसिक रूप से भी आघात दे सकता है, इसलिए एबॉर्शन के बाद डिप्रेशन से लड़ने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

एबॉर्शन के लिए किसी महिला को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, याद रखें, यह आपका शरीर है और आपकी इच्छा है, बच्चे को रखने या एबॉर्शन कराने के अपने अधिकारों को हमेशा इस्तेमाल करें। जबरन गर्भपात कराना या किसी महिला को अपनी इच्छा के विरुद्ध बच्चे को रखना गैरकानूनी है और अपराध की श्रेणी में आता है, यह महिला शरीर के लिए भी खतरनाक हो सकता है।

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