प्रेगनेंसी और ऑफिस के काम – काम के दौरान अपना ध्यान कैसे रखें?

प्रेगनेंसी और ऑफिस के काम

प्रेगनेंसी के कारण आपका कैरियर खत्म नहीं होना चाहिए। एक गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान भी अपने काम को अच्छी तरह से मैनेज कर सकती है, हालांकि उसे कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत होगी और उसके अनुसार अपने वर्कप्लेस पर कुछ बदलाव लाने की जरूरत होगी। इस संबंध में उसके एंपलॉयर को भी कुछ बदलाव करने चाहिए। और, अगर डॉक्टर ने काम बंद करने की सलाह नहीं दी है, तो ऐसे में इस स्थिति में काम छोड़ने की कोई वजह नहीं बनती। इसके अलावा एक प्रेगनेंट महिला के पास मेटरनिटी लीव का हक होता ही है और सुविधाजनक वर्किंग आवर्स की भी सुविधा दी जाती है। प्रेगनेंसी के कारण अगर उसे कमजोरी का अनुभव होता है या कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, तो पेड लीव पर भी उसका अधिकार है। डॉक्टर के साथ शेड्यूल किए हुए मेडिकल चेक-अप के लिए उसे समय दिया जाना चाहिए। यदि उसका जॉब-प्रोफाइल उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो या किसी विशेष काम को करने से उसके बीमार होने की संभावना हो, तो ऐसी स्थिति में वह इसे करने से मना कर सकती है और किसी दूसरे सुरक्षित जॉब में ट्रांसफर की अपील कर सकती है। अगर एक सुरक्षित जॉब उपलब्ध नहीं है, तो इस आधार पर उसे छुट्टी भी मिल सकती है। 

प्रेगनेंसी के दौरान काम नहीं करना चाहिए – क्या इसका कोई कारण है? 

प्रेगनेंट होना अपने आप में ही एक फुल टाइम जॉब के समान है और प्रेगनेंसी के दौरान काम करने के लिए बहुत कुछ मैनेज करना पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला बहुत से हॉर्मोनल और शारीरिक बदलावों से गुजरती है, जिससे उसके स्वास्थ्य और उसके काम करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है।  दर्द, थकान, मूड स्विंग या मॉर्निंग सिकनेस कुछ ऐसे अनुभव हैं, जिन्हें प्रेगनेंसी के दौरान एक प्रेगनेंट महिला को प्रतिदिन झेलना पड़ता है। इन सबके साथ-साथ काम का तनाव और थका देने वाले कई घंटे प्रेगनेंसी के दौरान उसके तनाव को बढ़ा सकते हैं। इसलिए एक प्रेगनेंट महिला के लिए जॉब और अपने स्वास्थ्य की देखभाल दोनों को एक साथ संभालना मुश्किल हो सकता है। काम के लिए सफर करना, पोस्चर, काम पर लंबे घंटो तक बैठना या खड़े रहना, डेडलाइंस का तनाव और मीटिंग्स प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली असुविधा को और भी बढ़ा सकते हैं और उसे दर्द और अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। 

एक प्रेग्नेंट महिला का काम को जारी रखना पूरी तरह से उचित नहीं है। निर्णय लेने से पहले काम का नेचर, कार्यस्थल की परिस्थितियां जैसी स्थितियों के साथ-साथ आपका एंपलॉयर आपके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहयोग करता है या नहीं, इन सब बातों के बारे में सोच लेना चाहिए। अगर आप की प्रेगनेंसी हेल्दी और बिना किसी खतरे वाली है, तो आप काम को बिल्कुल जारी रख सकती हैं। अपने डॉक्टर से मिलकर इसके बारे में बातचीत करना हमेशा ही सही है। 

अपने वर्कप्लेस पर कंफर्टेबल कैसे रहे?

प्रेगनेंसी अपने साथ कई तरह की परेशानियां लेकर आती हैं। प्रेगनेंट महिला को अपने स्वास्थ्य की जरूरतों के साथ काम के दबाव को मैनेज करने और इन दोनों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ खास टिप्स को ध्यान में रखना चाहिए। अपने वर्कप्लेस पर कंफर्टेबल कैसे रहे?

1. थकावट को मैनेज करना 

प्रेगनेंसी के दौरान थकावट से निपटना आप की प्रमुख चुनौती हो सकती है। ऐसा प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले शारीरिक तनाव के कारण होता है। आप आसानी से थक सकती हैं या हर समय थकान का अनुभव कर सकती हैं।  अपनी एनर्जी को बढ़ाने के लिए बीच-बीच में उठकर थोड़ा घूम लेना चाहिए। अपने ब्रेक के दौरान एक छोटी सी सैर आपको रिफ्रेश कर सकती है। आपको अपने भोजन की ओर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। अपने खाने में आयरन और प्रोटीन से भरपूर भोजन को शामिल करें, जैसे – पोल्ट्री, हरी पत्तेदार सब्जियां, रेड मीट, सी-फूड, आयरन से भरपूर सीरिएल और बीन्स। ढेर सारे तरल पदार्थ के सेवन से अपने शरीर को हाइड्रेट रखना फायदेमंद हो सकता है। काम के दौरान छोटे ब्रेक लेना हमेशा याद रखें। एक साथ अधिक देर तक काम करने से बचें और मदद के लिए किसी को रख कर या ऑनलाइन खरीदारी करके अपने काम के दबाव को कम करने का प्रयास करें। हालांकि, लंबे थकान भरे दिन के बाद एक्सरसाइज करना थकान भरा महसूस हो सकता है, लेकिन, एक्सरसाइज के रूटीन को मेंटेन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ सकता है। अगर आपको पूरे दिन बैठना पड़ता है, तो काम के बाद टहलने से आपको कुछ फायदा होगा। आप एक प्रीनेटल फिटनेस क्लास में भी जा सकती हैं। इन सबके अलावा आपको हर रात कम से कम 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। 

2. मॉर्निंग सिकनेस को मैनेज करना

ज्यादातर प्रेगनेंट महिलाएं या तो मॉर्निंग सिकनेस से बहुत परेशान होती हैं, या उनकी पूरी प्रेगनेंसी के दौरान किसी प्रकार के जी मिचलाने या घबराहट जैसी समस्या हो सकती है। इस परेशानी से निपटने के लिए आप जी मिचलाने को बढ़ावा देने वाले वाली कुछ खास खाने की चीजों या दूसरी चीजों से दूरी बनाने की कोशिश कर सकती हैं।  बीच-बीच में कुछ ना कुछ खाते रहने से भी घबराहट से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। काम के दौरान कुछ क्रैकर या बिस्किट को साथ रखना एक अच्छा तरीका हो सकता है। अदरक की चाय या अदरक का काढ़ा पीना भी फायदेमंद होता है। 

3. दर्द को मैनेज करना

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं कई प्रकार के दर्द और तकलीफ का अनुभव करती हैं, क्योंकि पेट में पल रहे बच्चे के बढ़ते हुए वजन के कारण शरीर के पोस्चर में बहुत बदलाव आते हैं। ऐसे में ज्यादा देर तक बैठने या खड़े रहने से बचना चाहिए। बीच-बीच में कमर को सीधा करना, छोटे-छोटे ब्रेक लेना और टहलना मसल्स को आराम देता है और ब्लड सर्कुलशन को बढ़ाता है। कमर के निचले हिस्से को सपोर्ट देने वाली एडजेस्टेबल कुर्सी पर बैठने से कमर के दर्द में आराम मिलता है। कमर के पास एक छोटा कुशन रखने से भी एक्सट्रा सपोर्ट मिल जाता है। डेस्क पर बैठने के दौरान आप अपने पैरों को एक फुटरेस्ट पर रख सकती हैं, इससे पैरों की सूजन और पैरों में वॉटर रिटेंशन की समस्या से राहत मिलेगी। अगर आपको ज्यादा देर तक खड़े रहने की जरूरत होती है, तो अपने वजन को दोनों पैरों में एक के बाद एक शिफ्ट करने से भी मदद मिलेगी। काम के दौरान आरामदायक जूते पहनना आपको पसंद आएगा। अगर आपको घूमने की आवश्यकता है, तो अपनी कमर को घुमाने से बचें। चीजों को उठाने के लिए अपने घुटनों को मोड़ कर उठाएं, इससे पीठ पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा। 

4. मूड स्विंग्स को मैनेज करना

प्रेगनेंसी के दौरान हॉर्मोनल बदलावों के कारण प्रेगनेंट महिलाओं को बार-बार मूड स्विंग होते रहते हैं। काम पर होने वाले थकान और तनाव से यह और भी ज्यादा हो सकता है। मेडिटेशन, प्राणायाम और योग जैसे रिलैक्सिंग तरीकों से आपको फायदा होगा। मसाज, संगीत, छोटी-छोटी नींद, दोस्तों के साथ अच्छा समय गुजारने आदि से भी आपके मूड को अच्छा बनाए रखने में मदद मिलेगी। एक अच्छे दोस्त के साथ टहलने और अपनी परेशानियां और तकलीफें  बांटने से भी आपको अच्छा महसूस होगा। मूड स्विंग्स को मैनेज करना

ऑफिस में प्रेगनेंसी की घोषणा कब करें?

ऑफिस में अपनी प्रेगनेंसी की घोषणा करने का कोई विशेष समय नहीं होता, पर आपकी प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के अंत तक बेहतर है कि इसे ना बताया जाए। इस समय तक गर्भपात की संभावनाएं कम हो जाती है। अपने कार्यस्थल पर लोगों के बीच इस बात को बताने में आपको जब सहूलियत हो आप बता सकती हैं। हालांकि, आपको सबसे पहले आपके बॉस को इसकी जानकारी देनी चाहिए। उसे दूसरों से पता चलने के बजाय आपसे सीधे पता चलना पसंद आएगा। अपनी प्रेगनेंसी और ड्यू डेट बताने के लिए, अपने एंपलॉयर के साथ एक अपॉइंटमेंट फिक्स करें। आपकी मेटरनिटी लीव और अन्य बातों पर चर्चा करना भी आवश्यक है, जैसे कि- नियमित मेडिकल चेकअप के लिए काम से छुट्टी लेना, सुरक्षित कार्य स्थल को सुनिश्चित करना और सुविधाजनक काम के घंटे तय करना। आपको अपने कमिटमेंट और व्यापकता के बारे में भी अपने बॉस को विश्वास में लेना चाहिए। आपको फर्म की मेटरनिटी पॉलिसी, टर्म ऑफ कॉन्ट्रैक्ट आदि के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। अपने बॉस को जानकारी देने के बाद आप अपने सहकर्मियों से इस समाचार को बांट सकती हैं। आपको मेटरनिटी लीव पर जाने से पहले लगभग 10 सप्ताह पूर्व एक लिखित नोटिस देने की आवश्यकता भी हो सकती है। 

काम पर प्रोफेशनल कैसे रहा जाए?

यहां कुछ गाइडलाइंस दी गई हैं, जिन्हें फॉलो करके ना केवल आप काम पर प्रोफेशनल और एफिशिएंट बनी रह पाएँगी, बल्कि प्रेगनेंसी के साथ आने वाले बदलावों से जूझने में भी मदद मिलेगी। 

  1. प्रेगनेंसी के हर स्टेज के साथ आने वाले निश्चित बदलावों के लिए खुद को तैयार करें। जैसे-जैसे प्रेगनेंसी बढ़ेगी, आप आसानी से थकेंगी; यह बेचैनी बढ़ सकती हैं। इन विभिन्न बदलावों को स्वीकार करने की कोशिश करें और उसके अनुसार अपने लाइफ स्टाइल और वर्किंग शेड्यूल में बदलाव लाएं। 
  2. अगर आपको काम के लिए यात्रा करने की जरूरत है, तो पहले से प्लान करें। आपको अपने प्री नेटल अपॉइंटमेंट के शेड्यूल को बदलना पड़ सकता है। आप अपनी यात्राओं को दूसरी तिमाही के दौरान शेड्यूल कर सकती हैं, क्योंकि तब तक सिकनेस और गर्भपात के खतरे बहुत कम हो जाते हैं। इस मामले में अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा अवश्य करें। 
  3. काम से छुट्टी लेने के पहले सही तरीके से जानकारी देना हमेशा सही होता है। आप चाहें तो अपनी जगह पर किसी और को काम करने के लिए ला सकती हैं, जिससे आपका काम प्रभावित ना हो। सप्ताह के दिनों में ऑफिस के वर्किंग आवर्स के दौरान आप अपने प्रीनेटल अपॉइंटमेंट को सेट करने से बचें। आप चाहें तो इन्हें छुट्टी के दिनों में या लंच ब्रेक के दौरान या शाम को ऑफिस खत्म होने के बाद शेड्यूल कर सकती हैं। 
  4. काम के दौरान अपनी प्रेगनेंसी और असुविधाओं के बारे में जरूरत से ज्यादा बात करना या अपने चिड़चिड़ेपन को दर्शाना सही नहीं है। अपने ध्यान को अपने काम पर केंद्रित करें, ताकि आपके बॉस और सहकर्मियों की नजर में आप एक मेहनती और समर्पित कर्मचारी बनी रहें। 
  5. आपको अपने ऑफिस के ड्रेस को आरामदायक के साथ-साथ स्मार्ट भी रखना चाहिए। पहली तिमाही के दौरान आप अपने साधारण कपड़े पहन सकती हैं। दूसरी और तीसरी तिमाही में आपको कुछ निश्चित बदलाव करने पड़ेंगे, क्योंकि इस समय आप का साइज बदलता रहता है। साथ ही आपको आरामदायक जूते पहनना भी पसंद आएगा। 
  6. शुरुआत में आपके सहकर्मियों के बीच आपकी प्रेगनेंसी को लेकर उत्साह और दिलचस्पी पैदा हो सकती है। इससे आपको चतुराई से संभालना चाहिए। जानबूझ कर उनकी बातचीत को चालाकी से काम संबंधी बातों की ओर घुमा सकती हैं। 

प्रेगनेंसी के दौरान काम करने के फायदे

प्रेगनेंसी के दौरान काम करने के कई फायदे हैं। काम को जारी रखने से आपकी आमदनी को फायदा होता है, जिससे प्रेगनेंसी के कारण होने वाले एक्स्ट्रा खर्चों से निपटने में आसानी होती है। इससे प्रेगनेंसी से संबंधित समस्याओं से आपका ध्यान हट सकता है। आपको अपने सहकर्मियों से भी अच्छा सपोर्ट मिल सकता है। अगर आप की प्रेगनेंसी अच्छी रहती है, तो आप अपनी पूरी प्रेगनेंसी में काम कर सकती हैं और आप अपनी बची हुई मेटरनिटी लीव को डिलीवरी के बाद के लिए बचा सकती हैं। इससे आपको फिर से ज्वाइन करने से पहले अपने शिशु के साथ बिताने के लिए ज्यादा समय मिल जाएगा। प्रेगनेंसी के दौरान काम करने के नुकसान

प्रेगनेंसी के दौरान काम करने के नुकसान

प्रेगनेंसी के दौरान काम करने से कुछ खतरे भी हो सकते हैं। काम के दबाव से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। तनाव और काम करने के लंबे घंटों के कारण आपकी असुविधा बढ़ सकती हैं और आप के दर्द और तकलीफें बढ़ सकती हैं। अधिकतर प्रेगनेंट महिलाएं इस स्टेज का आनंद लेना चाहती हैं। इस दौरान वे बच्चे के जन्म के लिए अपने आपको तैयार करती हैं। काम करने वाली महिलाएं इस समय का आनंद उठाने के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाती हैं। 

काम करने के दौरान अपना ध्यान रखना

ऐसी कई सारी बातें होती हैं, जिन्हें एक प्रेगनेंट महिला अपना सकती है, इससे उनका काम करने का अनुभव न केवल सुविधाजनक होगा, बल्कि उनके अपने स्वास्थ्य की देखभाल भी हो जाएगी। 

  1. अपने काम करने की परिस्थितियों को जितना संभव हो सके आरामदायक बनाकर दर्द और तकलीफों को दूर रखने के लिए उचित कदम उठाएं। 
  2. अपने सहकर्मियों और दोस्तों से सहयोग और मदद लेने में न हिचकें। 
  3. डीप ब्रीदिंग, योग, ध्यान और सुकून देने वाले संगीत जैसे रिलैक्सेशन तरीकों से काम के तनाव को मैनेज करने के बारे में सोचें। 
  4. प्रेगनेंसी के दौरान काम के समय छोटे-छोटे और नियमित ब्रेक जरूर लें। आरामदायक स्थिति में बैठें। थोड़ा इधर-उधर घूमें, थोड़ी दूरी की चहलकदमी करें या फिर केवल खड़ी होकर अपनी कमर को सीधा करें। 
  5. एनर्जी को बनाए रखने और थकावट को दूर करने के लिए अपने भोजन में स्वास्थ्यवर्धक खाने को शामिल करें। जरूरत से ज्यादा चाय या कॉफी, तीखा और इस तरह की चीजों से दूरी बनाए रखें। काम के दौरान बार-बार लेने वाले खाने की स्वास्थ्यवर्धक चीजें आपको घबराहट को दूर रखने में सहायता करेंगी। 
  6. काम के दौरान ऊंची एड़ी के जूते ना पहनें, इसके बजाय आरामदायक जूते पहनना अच्छा विकल्प है। फ्लैट जूते जिन से आपके पैरों को सपोर्ट और कुशन मिले वह बेहतर है। 
  7. ढेर सारा पानी पीकर अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें। 
  8. आरामदायक ऑफिसवियर चुनें, जो ना केवल कार्यस्थल पर सूट करें, बल्कि, आवश्यकता के अनुसार आराम भी दें। 
  9. प्रेगनेंसी के दौरान काम के लिए यात्रा करना परेशानी भरा हो सकता है। ऐसे में ऐसा समय और सफर करने का ऐसा जरिया चुनें, जो आपकी प्रेगनेंसी की स्थिति के लिए सही हो। 

प्रेगनेंसी के दौरान ऑफिस में आपको क्या करने से बचना चाहिए?

एक प्रेग्नेंट महिला को अपने स्वास्थ्य और अपने बच्चे के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए काम के दौरान कुछ खास कामों को करने से बचना चाहिए: प्रेगनेंसी के दौरान ऑफिस में आपको क्या करने से बचना चाहिए?

  1. काम पर भारी वजन उठाने या भारी फर्नीचर को खिसकाने आदि से बचें। सीढ़ियां या एस्केलेटर से चढ़ते-उतरते समय सावधानी बनाए रखें। 
  2. ज्यादा समय तक एक ही स्थिति में बैठने या खड़े होने से परहेज करें। अपने पोजीशन को बदलती रहें और अपने पोस्चर का ध्यान रखें।
  3. अपने काम और प्लानिंग को ऑर्गेनाइज करके काम पर होने वाले तनाव को हैंडल करने का प्रयास करें। 
  4. जरूरत से ज्यादा चाय-कॉफी जा ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करने से बचें। 
  5. टाइट या खराब फिटिंग वाले कपड़ों को पहनने से बचें। ऐसे ऑफिस-वेयर पहनें जो आरामदायक भी हो और आपके शरीर के बदलावों के अनुसार एडजस्ट हो सके। 
  6. देर रात होने वाली ऑफिस पार्टी या लंबे घंटों तक काम करने से बचें, ताकि, आपको उचित आराम और नींद मिल सके। 
  7. प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही के दौरान आप आसानी से थक सकती हैं, अगर आपको ज्यादा तकलीफ हो तो काम से छुट्टी ले लें। कुछ दिन विशेष रूप से तकलीफ दायक रह सकते हैं। ऐसे में आपको अपने शरीर पर जरूरत से ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए। 
  8. काम पर किसी भी संभावित स्वास्थ्य हानिकारक चीज से दूर रहें, जैसे कि कोई केमिकल या कोई हानिकारक वस्तु, जिससे आपको और आपके बच्चे को अनावश्यक खतरा होने की संभावना हो। 

प्रेगनेंसी के दौरान काम करने का फैसला हर परिस्थिति के बारे में सोच-विचार कर लेना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान काम करने के खतरे और चुनौतियों के बारे में सोचना बहुत ही जरूरी है। प्रेगनेंसी के दौरान आपके जॉब के लिए जरूरी मानसिक और शारीरिक जरूरतों के बारे में सोचना जरूरी है। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान काम को जारी रखना पूरी तरह से तर्कहीन नहीं है, इसलिए आपकी प्रेगनेंसी और आपके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए उचित ध्यान रखने की जरूरत है। 

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