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प्रेगनेंसी के कारण आपका कैरियर खत्म नहीं होना चाहिए। एक गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान भी अपने काम को अच्छी तरह से मैनेज कर सकती है, हालांकि उसे कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत होगी और उसके अनुसार अपने वर्कप्लेस पर कुछ बदलाव लाने की जरूरत होगी। इस संबंध में उसके एंपलॉयर को भी कुछ बदलाव करने चाहिए। और, अगर डॉक्टर ने काम बंद करने की सलाह नहीं दी है, तो ऐसे में इस स्थिति में काम छोड़ने की कोई वजह नहीं बनती। इसके अलावा एक प्रेगनेंट महिला के पास मेटरनिटी लीव का हक होता ही है और सुविधाजनक वर्किंग आवर्स की भी सुविधा दी जाती है। प्रेगनेंसी के कारण अगर उसे कमजोरी का अनुभव होता है या कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, तो पेड लीव पर भी उसका अधिकार है। डॉक्टर के साथ शेड्यूल किए हुए मेडिकल चेक-अप के लिए उसे समय दिया जाना चाहिए। यदि उसका जॉब-प्रोफाइल उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो या किसी विशेष काम को करने से उसके बीमार होने की संभावना हो, तो ऐसी स्थिति में वह इसे करने से मना कर सकती है और किसी दूसरे सुरक्षित जॉब में ट्रांसफर की अपील कर सकती है। अगर एक सुरक्षित जॉब उपलब्ध नहीं है, तो इस आधार पर उसे छुट्टी भी मिल सकती है।
प्रेगनेंट होना अपने आप में ही एक फुल टाइम जॉब के समान है और प्रेगनेंसी के दौरान काम करने के लिए बहुत कुछ मैनेज करना पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला बहुत से हॉर्मोनल और शारीरिक बदलावों से गुजरती है, जिससे उसके स्वास्थ्य और उसके काम करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। दर्द, थकान, मूड स्विंग या मॉर्निंग सिकनेस कुछ ऐसे अनुभव हैं, जिन्हें प्रेगनेंसी के दौरान एक प्रेगनेंट महिला को प्रतिदिन झेलना पड़ता है। इन सबके साथ-साथ काम का तनाव और थका देने वाले कई घंटे प्रेगनेंसी के दौरान उसके तनाव को बढ़ा सकते हैं। इसलिए एक प्रेगनेंट महिला के लिए जॉब और अपने स्वास्थ्य की देखभाल दोनों को एक साथ संभालना मुश्किल हो सकता है। काम के लिए सफर करना, पोस्चर, काम पर लंबे घंटो तक बैठना या खड़े रहना, डेडलाइंस का तनाव और मीटिंग्स प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली असुविधा को और भी बढ़ा सकते हैं और उसे दर्द और अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
एक प्रेग्नेंट महिला का काम को जारी रखना पूरी तरह से उचित नहीं है। निर्णय लेने से पहले काम का नेचर, कार्यस्थल की परिस्थितियां जैसी स्थितियों के साथ-साथ आपका एंपलॉयर आपके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहयोग करता है या नहीं, इन सब बातों के बारे में सोच लेना चाहिए। अगर आप की प्रेगनेंसी हेल्दी और बिना किसी खतरे वाली है, तो आप काम को बिल्कुल जारी रख सकती हैं। अपने डॉक्टर से मिलकर इसके बारे में बातचीत करना हमेशा ही सही है।
प्रेगनेंसी अपने साथ कई तरह की परेशानियां लेकर आती हैं। प्रेगनेंट महिला को अपने स्वास्थ्य की जरूरतों के साथ काम के दबाव को मैनेज करने और इन दोनों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ खास टिप्स को ध्यान में रखना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान थकावट से निपटना आप की प्रमुख चुनौती हो सकती है। ऐसा प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले शारीरिक तनाव के कारण होता है। आप आसानी से थक सकती हैं या हर समय थकान का अनुभव कर सकती हैं। अपनी एनर्जी को बढ़ाने के लिए बीच-बीच में उठकर थोड़ा घूम लेना चाहिए। अपने ब्रेक के दौरान एक छोटी सी सैर आपको रिफ्रेश कर सकती है। आपको अपने भोजन की ओर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। अपने खाने में आयरन और प्रोटीन से भरपूर भोजन को शामिल करें, जैसे – पोल्ट्री, हरी पत्तेदार सब्जियां, रेड मीट, सी-फूड, आयरन से भरपूर सीरिएल और बीन्स। ढेर सारे तरल पदार्थ के सेवन से अपने शरीर को हाइड्रेट रखना फायदेमंद हो सकता है। काम के दौरान छोटे ब्रेक लेना हमेशा याद रखें। एक साथ अधिक देर तक काम करने से बचें और मदद के लिए किसी को रख कर या ऑनलाइन खरीदारी करके अपने काम के दबाव को कम करने का प्रयास करें। हालांकि, लंबे थकान भरे दिन के बाद एक्सरसाइज करना थकान भरा महसूस हो सकता है, लेकिन, एक्सरसाइज के रूटीन को मेंटेन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ सकता है। अगर आपको पूरे दिन बैठना पड़ता है, तो काम के बाद टहलने से आपको कुछ फायदा होगा। आप एक प्रीनेटल फिटनेस क्लास में भी जा सकती हैं। इन सबके अलावा आपको हर रात कम से कम 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है।
ज्यादातर प्रेगनेंट महिलाएं या तो मॉर्निंग सिकनेस से बहुत परेशान होती हैं, या उनकी पूरी प्रेगनेंसी के दौरान किसी प्रकार के जी मिचलाने या घबराहट जैसी समस्या हो सकती है। इस परेशानी से निपटने के लिए आप जी मिचलाने को बढ़ावा देने वाले वाली कुछ खास खाने की चीजों या दूसरी चीजों से दूरी बनाने की कोशिश कर सकती हैं। बीच-बीच में कुछ ना कुछ खाते रहने से भी घबराहट से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। काम के दौरान कुछ क्रैकर या बिस्किट को साथ रखना एक अच्छा तरीका हो सकता है। अदरक की चाय या अदरक का काढ़ा पीना भी फायदेमंद होता है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं कई प्रकार के दर्द और तकलीफ का अनुभव करती हैं, क्योंकि पेट में पल रहे बच्चे के बढ़ते हुए वजन के कारण शरीर के पोस्चर में बहुत बदलाव आते हैं। ऐसे में ज्यादा देर तक बैठने या खड़े रहने से बचना चाहिए। बीच-बीच में कमर को सीधा करना, छोटे-छोटे ब्रेक लेना और टहलना मसल्स को आराम देता है और ब्लड सर्कुलशन को बढ़ाता है। कमर के निचले हिस्से को सपोर्ट देने वाली एडजेस्टेबल कुर्सी पर बैठने से कमर के दर्द में आराम मिलता है। कमर के पास एक छोटा कुशन रखने से भी एक्सट्रा सपोर्ट मिल जाता है। डेस्क पर बैठने के दौरान आप अपने पैरों को एक फुटरेस्ट पर रख सकती हैं, इससे पैरों की सूजन और पैरों में वॉटर रिटेंशन की समस्या से राहत मिलेगी। अगर आपको ज्यादा देर तक खड़े रहने की जरूरत होती है, तो अपने वजन को दोनों पैरों में एक के बाद एक शिफ्ट करने से भी मदद मिलेगी। काम के दौरान आरामदायक जूते पहनना आपको पसंद आएगा। अगर आपको घूमने की आवश्यकता है, तो अपनी कमर को घुमाने से बचें। चीजों को उठाने के लिए अपने घुटनों को मोड़ कर उठाएं, इससे पीठ पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा।
प्रेगनेंसी के दौरान हॉर्मोनल बदलावों के कारण प्रेगनेंट महिलाओं को बार-बार मूड स्विंग होते रहते हैं। काम पर होने वाले थकान और तनाव से यह और भी ज्यादा हो सकता है। मेडिटेशन, प्राणायाम और योग जैसे रिलैक्सिंग तरीकों से आपको फायदा होगा। मसाज, संगीत, छोटी-छोटी नींद, दोस्तों के साथ अच्छा समय गुजारने आदि से भी आपके मूड को अच्छा बनाए रखने में मदद मिलेगी। एक अच्छे दोस्त के साथ टहलने और अपनी परेशानियां और तकलीफें बांटने से भी आपको अच्छा महसूस होगा।
ऑफिस में अपनी प्रेगनेंसी की घोषणा करने का कोई विशेष समय नहीं होता, पर आपकी प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के अंत तक बेहतर है कि इसे ना बताया जाए। इस समय तक गर्भपात की संभावनाएं कम हो जाती है। अपने कार्यस्थल पर लोगों के बीच इस बात को बताने में आपको जब सहूलियत हो आप बता सकती हैं। हालांकि, आपको सबसे पहले आपके बॉस को इसकी जानकारी देनी चाहिए। उसे दूसरों से पता चलने के बजाय आपसे सीधे पता चलना पसंद आएगा। अपनी प्रेगनेंसी और ड्यू डेट बताने के लिए, अपने एंपलॉयर के साथ एक अपॉइंटमेंट फिक्स करें। आपकी मेटरनिटी लीव और अन्य बातों पर चर्चा करना भी आवश्यक है, जैसे कि- नियमित मेडिकल चेकअप के लिए काम से छुट्टी लेना, सुरक्षित कार्य स्थल को सुनिश्चित करना और सुविधाजनक काम के घंटे तय करना। आपको अपने कमिटमेंट और व्यापकता के बारे में भी अपने बॉस को विश्वास में लेना चाहिए। आपको फर्म की मेटरनिटी पॉलिसी, टर्म ऑफ कॉन्ट्रैक्ट आदि के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। अपने बॉस को जानकारी देने के बाद आप अपने सहकर्मियों से इस समाचार को बांट सकती हैं। आपको मेटरनिटी लीव पर जाने से पहले लगभग 10 सप्ताह पूर्व एक लिखित नोटिस देने की आवश्यकता भी हो सकती है।
यहां कुछ गाइडलाइंस दी गई हैं, जिन्हें फॉलो करके ना केवल आप काम पर प्रोफेशनल और एफिशिएंट बनी रह पाएँगी, बल्कि प्रेगनेंसी के साथ आने वाले बदलावों से जूझने में भी मदद मिलेगी।
प्रेगनेंसी के दौरान काम करने के कई फायदे हैं। काम को जारी रखने से आपकी आमदनी को फायदा होता है, जिससे प्रेगनेंसी के कारण होने वाले एक्स्ट्रा खर्चों से निपटने में आसानी होती है। इससे प्रेगनेंसी से संबंधित समस्याओं से आपका ध्यान हट सकता है। आपको अपने सहकर्मियों से भी अच्छा सपोर्ट मिल सकता है। अगर आप की प्रेगनेंसी अच्छी रहती है, तो आप अपनी पूरी प्रेगनेंसी में काम कर सकती हैं और आप अपनी बची हुई मेटरनिटी लीव को डिलीवरी के बाद के लिए बचा सकती हैं। इससे आपको फिर से ज्वाइन करने से पहले अपने शिशु के साथ बिताने के लिए ज्यादा समय मिल जाएगा।
प्रेगनेंसी के दौरान काम करने से कुछ खतरे भी हो सकते हैं। काम के दबाव से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। तनाव और काम करने के लंबे घंटों के कारण आपकी असुविधा बढ़ सकती हैं और आप के दर्द और तकलीफें बढ़ सकती हैं। अधिकतर प्रेगनेंट महिलाएं इस स्टेज का आनंद लेना चाहती हैं। इस दौरान वे बच्चे के जन्म के लिए अपने आपको तैयार करती हैं। काम करने वाली महिलाएं इस समय का आनंद उठाने के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाती हैं।
ऐसी कई सारी बातें होती हैं, जिन्हें एक प्रेगनेंट महिला अपना सकती है, इससे उनका काम करने का अनुभव न केवल सुविधाजनक होगा, बल्कि उनके अपने स्वास्थ्य की देखभाल भी हो जाएगी।
एक प्रेग्नेंट महिला को अपने स्वास्थ्य और अपने बच्चे के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए काम के दौरान कुछ खास कामों को करने से बचना चाहिए:
प्रेगनेंसी के दौरान काम करने का फैसला हर परिस्थिति के बारे में सोच-विचार कर लेना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान काम करने के खतरे और चुनौतियों के बारे में सोचना बहुत ही जरूरी है। प्रेगनेंसी के दौरान आपके जॉब के लिए जरूरी मानसिक और शारीरिक जरूरतों के बारे में सोचना जरूरी है। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान काम को जारी रखना पूरी तरह से तर्कहीन नहीं है, इसलिए आपकी प्रेगनेंसी और आपके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए उचित ध्यान रखने की जरूरत है।
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