गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड

गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड

गर्भावस्था का 14वां सप्ताह अर्थात दूसरी तिमाही की शुरुआत। इस दौरान गर्भवती महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस, थकान और अन्य समस्याओं के लक्षण खत्म हो जाते हैं। इस अवधि में गर्भाशय में वृद्धि होने से कई महिलाओं का पेट थोड़ा बाहर निकलने लगता है। गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में गर्भस्थ शिशु का पूरी तरह से विकास हो चुका होता है जिसकी लंबाई लगभग 8.5 सेंटीमीटर हो जाती है और वजन तकरीबन 42 ग्राम हो सकता है। गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में डॉक्टर शिशु के स्वास्थ्य व सामान्य विकास के बारे में पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड करने की सलाह दे सकते हैं।

14वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन की आवश्यकता क्यों होती है

अक्सर सभी गर्भवती महिलाएं अपने गर्भ में पल रहे शिशु की वृद्धि व विकास देखने के लिए उत्साहित रहती हैं और शिशु के उचित विकास को सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर समय-समय पर अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की सलाह देते हैं। गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड करवाना निम्नलिखित कारणों से आवश्यक हो जाता है, आइए जानते हैं;

  • शिशु की गतिविधियां देखने के लिए: गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन में आप देख सकती हैं कि गर्भ में पोषित हो रहा शिशु अपने हाथ व पैरों को अधिक हिलाता है और वह अपना अंगूठा भी चूस सकता है।
  • हृदय की धड़कनों पर नजर रखने के लिए: इस दौरान सोनोग्राफर अल्ट्रासाउंड के द्वारा यह सुनिश्चित करता है कि गर्भस्थ शिशु का हृदय सामान्य गति में धड़क रहा है या नहीं, डॉपलर अल्ट्रासाउंड के माध्यम से आप शिशु की धड़कनें भी सुन सकती हैं। अल्ट्रासाउंड की मदद से गर्भनाल और शिशु के शरीर का रक्त प्रवाह दर भी मापा जा सकता है।
  • हड्डियों की वृद्धि की जांच करने के लिए: गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में शिशु की हड्डियों के विकसित व मजबूत होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है जिसे अस्थिकरण (ऑसिफिकेशन) कहा जाता है। पिछले 3 माह के अल्ट्रासाउंड की तुलना में इस बार शिशु की हड्डियां भी स्पष्ट रूप से दिखती हैं। इस स्कैन के आधार पर डॉक्टर शिशु की हड्डियों की मजबूती व वृद्धि की जांच करते हैं।
  • अंगों की जांच के लिए: बच्चे के सभी अंग 14वें सप्ताह तक पूरी तरह से बन जाते हैं और काम करना शुरू कर देते हैं। डॉक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि गुर्दे, लिवर, हृदय और मस्तिष्क का निर्माण ठीक से हुआ हो और वे ठीक से काम कर रहे हों।
  • चेहरे के भाव देखने के लिए: गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में शिशु का मस्तिष्क पहले से अधिक विकसित हो जाता है। इस अवधि में गर्भ में पल रहा शिशु अपने चेहरे की मांसपेशियों को हिलाने में सक्षम होता है, जैसे नाक-भौं चढ़ाना, मुस्कुराना या मुँह बनाना। आप अल्ट्रासाउंड में अपने बच्चे के इन भावों को स्पष्ट रूप से देख सकती हैं।
  • जन्म-दोष की जांच के लिए: डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के माध्यम से गर्भस्थ शिशु में विकसित हो रहे किसी भी प्रकार के जन्मदोष व असामान्यताओं के संकेतों की जांच करते हैं।
  • एम्नियोटिक द्रव की जांच के लिए: गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड की मदद से एम्निओटिक द्रव के स्तर की भी जांच की जाती है और यह द्रव शिशु के स्वस्थ विकास में मदद करता है।
  • जुड़वां शिशु की पुष्टि के लिए: इस समय पर गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड यह पता करने के लिए भी किया जाता है कि क्या गर्भ में में एक से अधिक शिशु हैं।

14वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन की तैयारी कैसे करें

अल्ट्रासाउंड की प्रक्रिया से पहले आपका मूत्राशय पूरी तरह से भरा हुआ होना चाहिए। ऐसा करने से अल्ट्रासाउंड स्कैन में आपके बच्चे की स्पष्ट तस्वीर दिखाई देगी। इस प्रक्रिया के शुरू होने से 30-45 मिनट पहले कुछ गिलास पानी पिएं ताकि आपका मूत्राशय पूरी तरह से भरा रहे। आप अपने गर्भ में पल रहे शिशु के विकास व स्वास्थ्य के बारे में प्रश्न पूछने और जानकारी लेने के लिए भी पूरी तरह से तैयार रहें।

14वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन में कितना समय लगता है

गर्भावस्था के 14वें सप्ताह के दौरान एक अल्ट्रासाउंड करने में लगभग 20-30 मिनट लगते हैं। यदि गर्भ में एक से अधिक शिशु हैं या गर्भ में पल रहा शिशु ऐसे स्थान पर है जहाँ आंतरिक अंग स्पष्ट रूप से दिखाई न दे रहे हों तो अल्ट्रासाउंड को सफलतापूर्वक करने में अधिक समय लग सकता है।

14वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन में कितना समय लगता है

14वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन कैसे किया जाता है

अल्ट्रासाउंड के लिए आपको सीधे लेटने के लिए कहा जाएगा और डॉक्टर द्वारा आपके पेट पर जेल लगाया जाएगा। इसके बाद डॉक्टर ट्रांसड्यूसर को आपके पेट पर रखकर जेल लगे हुए क्षेत्र में चारों ओर घुमाएंगे जिससे आपके गर्भ में पल रहा शिशु स्पष्ट रूप से स्क्रीन पर दिखाई देगा। कुछ मामलों में अल्ट्रासाउंड योनि के माध्यम से भी किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में शिशु की स्पष्ट तस्वीरों को स्कैन करने के लिए एक प्रोब को योनि में डाला जाता है। इस प्रक्रिया में भी दर्द नहीं होता है और अल्ट्रासाउंड के अन्य तरीकों की तुलना में इसमें शिशु के अधिक स्पष्ट पिक्चर दिखाई देते हैं।

स्कैन में क्या दिख सकता है

गर्भावस्था के 14वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड में शिशु एक नींबू या आड़ू के आकार का होता है। इस अल्ट्रासाउंड में आप अपने बच्चे में निम्नलिखित विकास देख सकती हैं;

  • 14वें सप्ताह तक गर्भ में पल रहे शिशु की हड्डियां मजबूत होने लगती हैं इसलिए अल्ट्रासाउंड में वे अधिक बड़ी व स्पष्ट दिखाई देती हैं।
  • इस दौरान आप शिशु के हाथ-पैर हिलते हुए या उसे अंगूठा चूसते हुए भी देख सकती हैं।
  • आप शिशु के दिल की धड़कन देख और सुन सकती हैं।
  • आप हाथ और पैर की उंगलियों, नाखूनों और बालों को स्पष्ट रूप से देख सकती हैं।
  • इस दौरान शिशु के जननांग विकसित होना शुरू हो जाते हैं परंतु भारत में गर्भस्थ शिशु के लिंग की जानकारी देना अवैध है।
  • इस अवधि में शिशु के फिंगरप्रिंट भी विकसित हो चुके हैं परंतु आप इन्हें अल्ट्रासाउंड स्कैन पर नहीं देख सकती हैं।
  • 14वें हफ्ते में गर्भस्थ शिशु के चेहरे पर हाव-भाव आने शुरू हो जाते हैं, अल्ट्रासाउंड के माध्यम से आप अपने बच्चे के की मुस्कराहट, घुरघुराहट या उसके द्वारा मुँह बनाना भी देख सकती हैं।
  • गर्भावस्था के 14वें सप्ताह तक शिशु की त्वचा पारदर्शी नहीं होती है और उसकी त्वचा मुलायम बालों से ढकी हुई भी होती है जिसे लानुगो कहा जाता है। शिशु के शरीर में मुलायम बाल उसके शारीरिक तापमान को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
  • गर्भ में पल रहे शिशु की भौंहें, बाल और उसकी भुजाएं भी विकसित हो चुकी हैं जिन्हें अल्ट्रासाउंड के माध्यम से देखा जा सकता है।
  • शिशु की गर्दन लंबी होने के कारण अल्ट्रासाउंड स्कैन में उसकी ठोड़ी सीने से ऊपर दिखाई देती है।
  • इस समय तक शिशु की कान व आँखों का विकास भी उनके सही स्थान पर होता है। 14वें हफ्ते में गर्भस्थ शिशु की आंखें बंद होती हैं और यह गर्भावस्था के 28वें सप्ताह तक ही खुलती हैं।

स्कैन में कोई असामान्यता दिखने पर क्या होगा

गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड के माध्यम से गर्भस्थ शिशु में यदि किसी भी असामान्यता का संकेत मिलता है तो इसकी पुष्टि के लिए डॉक्टर आपको अन्य और परीक्षण करने का सुझाव दे सकते हैं। यदि शिशु के हृदय की समस्या का संकेत मिलता है तो डॉक्टर भ्रूण की इकोकार्डियोग्राफी जैसे परीक्षण करवाने की सलाह दे सकते हैं। डॉक्टर आनुवांशिक विकारों का पता लगाने के लिए एमनियोसेंटेसिस, रक्त परीक्षण या कोरियोनिक विल्ली सैम्पलिंग की भी सलाह दे सकते हैं। यदि परीक्षण में किसी भी प्रकार की असामान्यता का पता चलता है तो डॉक्टर आपको सभी उपयुक्त विकल्पों और आगे क्या करना है, इसके बारे में बताएंगे ।

गर्भावस्था के 14वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि शिशु स्वस्थ है और उसकी अच्छी तरह से वृद्धि हो रही है। उन माताओं के लिए, जिन्होंने पहली तिमाही में न्यूकल ट्रांसलूसेंसी स्कैन (एन.टी.एस.) नहीं करवाया है, यह एन.टी.एस. करवाने का आखिरी मौका है क्योंकि 14वें सप्ताह के बाद शिशु की गर्दन की त्वचा पारदर्शी नहीं रहती है। गर्भावस्था के 14वें सप्ताह तक, गर्भपात का खतरा कम हो जाता है और इस अवधि के बाद से गर्भ में पल रहे शिशु का विकास व वृद्धि अधिक स्थिरता के साथ होती है।