जब एक महिला को पता चलता है कि वह गर्भवती है, तो उसके मन में खुशी, घबराहट और थोड़ी चिंता – ये सब भावनाएं एक साथ उठती हैं। वह अपनी जिंदगी को अपने आने वाले बच्चे के साथ नए तरीके से देखने और सोचने लगती है। बच्चे के लिए क्या-क्या चीजें खरीदनी हैं, वह कैसा दिखेगा, और न जाने क्या-क्या! लेकिन जैसे ही स्वास्थ्य संबंधी जांचें शुरू होती हैं, तो जोश थोड़ा कम हो जाता है और मन में तरह-तरह की चिंताएं आने लगती हैं कि कहीं कोई दिक्कत तो नहीं आएगी। इसलिए यह जरूरी है कि आप जानें कि गर्भावस्था सही तरीके से चल रही है या नहीं। इसके लिए हमने तिमाही के हिसाब से गर्भावस्था से जुड़े पड़ावों के बारे में बताया है, जिन्हें जानना हर गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद हो सकता है। इन्हें पढ़ें और जानें कि आपकी गर्भावस्था सही दिशा में जा रही है या नहीं।
गर्भावस्था के 20 अहम पड़ाव
हर दिन आपके बच्चे का विकास कैसे हो रहा है, यह आप महसूस नहीं कर सकती और न ही हर छोटी चीज पर नजर रख सकती हैं, क्योंकि ये सब सिर्फ अल्ट्रासाउंड से ही पता चलता है। लेकिन फिर भी, कुछ ऐसे मजबूत संकेत होते हैं, जिनसे आप जान सकती हैं कि आपके बच्चे का सही तरीके से विकास हो रहा है। इन संकेतों को समझकर आप अपनी गर्भावस्था को अच्छी तरह से ट्रैक कर सकती हैं।
पहली तिमाही
गर्भावस्था के अहम पड़ावों की बात करें, तो पहली तिमाही सबसे अहम मानी जाती है, क्योंकि यही वो समय है जब आपके और बच्चे के लिए नई शुरुआत होती है। इस दौरान बच्चा एक छोटे से निषेचित अंडे से विकसित होना शुरू करता है और तिमाही के अंत तक एक छोटे-से भ्रूण (फीटस) का रूप लेने लगता है।
1. पहली खुशखबरी
ज्यादातर महिलाओं के लिए, वही गर्भावस्था की जांच जो उन्हें माँ बनने की शुरुआत का संकेत देता है, यह उनके नए सफर की शुरुआत होती है। जैसे ही आपके स्वास्थ्य की जांच शुरू होती हैं, यह एहसास होता है कि हाँ, आप वाकई गर्भवती हैं और कुछ ही समय में आपका बच्चा आपके पास होगा। अब सब कुछ असली सा लगने लगता है। इस खुशी को मनाएं, अपने पार्टनर को गले लगाएं और नए बदलाव के लिए खुद को तैयार करें।
2. पहली बार मतली का एहसास
हालांकि प्रेगनेंसी स्टिक पर सकारात्मक परिणाम आपके गर्भवती होने की शुरुआत का संकेत देता है, लेकिन जब पहली बार सुबह मतली (मॉर्निंग सिकनेस) होती है, तो तब आपको असली एहसास होता है। उल्टी का लगातार मन होना और साथ में गर्भावस्था की खबर या उम्मीद, इस पहले अनुभव को खास और यादगार बना देता है। लेकिन यह सब कुछ आपकी गर्भावस्था के दौरान आपके साथ बना रहेगा, जिससे आप जल्दी ही परेशान भी हो सकती हैं। इस समय अपनी मनपसंद खुशबू को ढूंढने की कोशिश करें, जो आपको मतली से बचाए रखे।
3. डॉक्टर से पहली बार मिलना
जैसे ही आपको गर्भावस्था के बारे में खबर मिल जाती है या फिर जब बार-बार मॉर्निंग सिकनेस होने लगती है, तो आप पहली बार डॉक्टर के पास जाएंगी और अपनी गर्भावस्था के लिए पहली बार मिलेंगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सब कुछ ठीक है। जब डॉक्टर आपको पुष्टि करते हैं, तो यह पक्का हो जाता है कि आप गर्भवती हैं। इस दौरान डॉक्टर आपकी कुछ जांच करवाने की सलाह देंगे। साथ ही, वह आपको खाने-पीने की सलाह और कुछ जरूरी सावधानियों के बारे में भी बताएंगे।
4. गर्भावस्था का ऐलान
अपनी गर्भावस्था के बारे में सबको बताना या नहीं बताना माँ और परिवार के सदस्यों पर निर्भर करता है। कुछ परिवार वाले मानते हैं कि कुछ हफ्ते बीतने तक यह खबर रिश्तेदारों से छुपाई जाए। वहीं कुछ महिलाएं डॉक्टर की पुष्टि मिलते ही इसे सबके साथ साझा कर देती हैं। ये सारे कदम मिलकर आपकी गर्भावस्था की सही शुरुआत करते हैं।
5. 12 हफ्ते पूरे करने की ओर बढ़ना
देखते-देखते आपकी पहली तिमाही कब निकल जाएगी, आपको पता ही नहीं चलेगा। कई महिलाएं हैरान होती हैं कि यह समय इतनी जल्दी निकल गया और उम्मीद करती हैं कि पूरी गर्भावस्था इसी तरह आसानी से बीतेगी। लेकिन ऐसा नहीं है। पहली तिमाही एक ऐसा समय होता है, जब आप खुशखबरी को साझा करती हैं, मतली और थकान जैसी चीजों की आदत डालती हैं। 12 हफ्तों में आपका बच्चा लगभग एक छोटे प्लम (आलूबुखारे) के आकार का हो जाएगा। यह आपकी पहली तिमाही का आखिरी हफ्ता होता है और इस समय आपके हार्मोन थोड़े नियमित हो जाते हैं, जिससे दूसरी तिमाही आपके लिए थोड़ी आसान हो सकती है।
दूसरी तिमाही
दूसरी तिमाही गर्भावस्था का सबसे अहम दौर होता है। इसी समय महिला अपने गर्भावस्था के सफर में ढलने लगती है। शरीर में होने वाले बदलावों को अपनाती है, नए खानपान की आदत डालती है और इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लेती है।
1. पहली बार बच्चे के लिए खरीदारी
अक्सर, जब आप अपनी गर्भावस्था की खबर सबको बता देती हैं, तो रिश्तेदार और दोस्त बच्चे के लिए कपड़े और छोटी-मोटी चीजें गिफ्ट करना शुरू कर देते हैं। इस चरण में जब आप थोड़ी सहज महसूस करती हैं, तो आप खुद भी बाहर जाकर अपने बच्चे के लिए कुछ कपड़े खरीदने का मन बना सकती हैं। जो भी आपके मन को अच्छा लगे, वो खरीदें।
2. पहली बार बच्चे की झलक और धड़कन
हालांकि बच्चे का सही आकार पहली तिमाही में बनना शुरू हो जाता है, लेकिन दूसरी तिमाही में बच्चा कैसा दिखेगा इसके बारे में बेहतर अंदाजा लगा सकते हैं। आप उसके सिर और शरीर की पहचान कर पाती हैं। अल्ट्रासाउंड के दौरान डॉक्टर आपको स्क्रीन दिखाते हैं, जिससे आप अपने बच्चे को देख सकती हैं और उसकी धड़कनें सुन सकती हैं। उस थिरकती हुई धड़कन की आवाज आपके बच्चे के साथ आपकी पहली बातचीत होती है।
3. कपड़े बदलने का समय
हर महिला का मैटरनिटी कपड़े पहनने का अलग तरीका होता है। कुछ को गर्भावस्था की खबर लगते ही मैटरनिटी कपड़े पहनना पसंद होता है, तो कुछ इसे तब तक टालती हैं जब तक जरूरत न पड़े। लेकिन जल्द ही आपको इन कपड़ों के आराम का एहसास होगा और आप अपने शरीर के अनुसार इन्हें चुनना शुरू करेंगी। लेकिन इन कपड़ों में ज्यादा पैसे न लगाएं, क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद शायद ही आप इन्हें पहनेंगी।
4. जब पहली बार किसी को आपके गर्भवती होने का पता चले
जैसे-जैसे हफ्ते बीतते जाएंगे, आपके बच्चे का शरीर तेजी से बढ़ने लगेगा और आपका पेट भी बच्चे को जगह देने के लिए बढ़ने लगेगा। तो अब लोगों को आपका पेट नजर आने लगेगा और वो सोच सकते हैं कि आपने वजन बढ़ा लिया है या कोई खुशखबरी है।
5. पहली बार बच्चे की हलचल महसूस होना
अल्ट्रासाउंड मॉनीटर पर बच्चे को देखना और उसकी धड़कनें सुनना एक बात है, लेकिन जब आप पहली बार अपने पेट के अंदर कुछ हलचल महसूस करेंगी, तो वह जादुई पल होगा। शुरुआत में आप थोड़ा भ्रमित हो सकती हैं कि यह सच में बच्चा है या गैस की वजह से है। लेकिन जल्द ही आपका बच्चा पहली किक के साथ आपको सब समझा देगा।
6. खाने की लालसा और नापसंदगी
इस समय महिला को खाने-पीने की पसंद-नापसंद में बड़ा बदलाव महसूस होता है। जो चीजें आपको पहले बहुत पसंद थीं, वो अब शायद आपको पसंद न आएं, और जो चीजें आपने कभी नहीं खाई थीं, उन्हें खाने का मन करने लगे। ये बदलाव आपके और आपके परिवार के लिए थोड़ा चौंकाने वाला हो सकता है।
7. स्तनों के बड़े होने का एहसास
हाँ, जैसे आपका पेट बढ़ रहा है, वैसे ही आपके स्तन भी बड़े होते जाएंगे, जो कई माओं के लिए एक खुशी का एहसास होता है। इस समय आपकी गर्भावस्था की चमक भी आपके चेहरे पर दिखाई देती है, जिससे आप और भी सुंदर दिखने लगती हैं।
8. पहली बार गर्भावस्था की क्लास लेना
यह सही समय होता है गर्भावस्था से जुड़े व्यायाम या क्लासेस लेने का, जो आपको गर्भावस्था और प्रसव की तैयारी में मदद करती हैं। ये क्लासेस आमतौर पर तब शुरू होती हैं जब आप अपनी दूसरी तिमाही के अंत के करीब होती हैं और बच्चे के आने की तैयारी कर रही होती हैं।
9. जब पहली बार किसी और ने आपके बच्चे को महसूस किया
दूसरी तिमाही के अंत तक आप अपने बच्चे की हलचल की आदत डाल चुकी होती हैं, लेकिन यह वो समय है जब दूसरों को भी यह महसूस होने लगेगा। अगर कोई आपके पेट पर हाथ रखेगा, तो उसे भी उन हलचलों और किक्स का एहसास होगा। यह बाहरी पुष्टि, आपके बच्चे की मौजूदगी का एहसास कराना, बेहद खास होता है।
तीसरी तिमाही
चाहे जुड़वां बच्चों की गर्भावस्था हो या एक बच्चे की, तीसरी तिमाही अपने आप में बहुत खास होती है। इस समय ज्यादातर चीजें आपको प्रसव और बच्चे के आने की तैयारी के इर्द-गिर्द होती हैं। यह सुनिश्चित किया जाता है कि सब कुछ सही तरीके से हो, ताकि आप तैयार रहें।
1. गोद भराई का मजा लेना
तीसरी तिमाही का स्वागत करने का एक आधिकारिक तरीका गोद भराई होता है। इस समय आपके दोस्त और रिश्तेदार आपके लिए इस कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं। यह समय फिर से सबके साथ मिलने-जुलने का और खुद को एक रानी जैसा महसूस करने का होता है।
2. बच्चे के कमरे की तैयारी
चाहे आपके बच्चे के लिए घर में एक अलग कमरा हो या बस आपके बेडरूम में एक छोटा-सा पालना, उसे सजाना और तैयार करना आपकी जिम्मेदारी होती है। ये सभी चीजें आपके मन को बच्चे के स्वागत के लिए तैयार करने में मदद करती हैं।
3. अनियमित समय पर अजीब लालसा होना
इस समय आपकी क्रेविंग्स थोड़ी अजीब हो जाती हैं। अपनी गर्भावस्था का फायदा उठाइए और अपने पति को कहिए कि रात में अचानक कोई अच्छी चीजें खाने चलें या आपको आपकी पसंदीदा जगह पर घुमाने ले जाएं। इसके बाद जल्द ही एक नया सदस्य आने वाला है और आपका ज्यादातर समय उसकी देखभाल में बीतेगा।
4. स्वास्थ्य संबंधी जांच बढ़ना
अब आपकी जांचों की संख्या बढ़कर लगभग हर हफ्ते हो जाएगी। डॉक्टर बच्चे के विकास पर बारीकी से नजर रखेंगे और आपकी नियत तारीख (ड्यू डेट) को भी उसी के हिसाब से एडजस्ट करेंगे। इस समय आपको और भी ज्यादा सावधानियां बरतने की सलाह दी जा सकती है।
5. नियत तारीख
जैसे-जैसे डॉक्टर द्वारा बताई गई नियत तारीख करीब आती है, आप थोड़ी घबराहट महसूस कर सकती हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं कि आप उसी दिन बच्चे को जन्म दें। हो सकता है कि उससे कुछ दिन पहले ही प्रसव की प्रक्रिया हो जाए। जिस हफ्ते नियत तारीख होती है, उस पूरे हफ्ते को प्रसव के लिए तैयार रहने का समय मानना चाहिए।
6. संकुचन (कॉन्ट्रैक्शंस) की शुरुआत
आपका बच्चा चाहे जितना प्यारा हो, लेकिन वह आराम से दुनिया में आने वाला नहीं है। संकुचन लेबर की शुरुआत के संकेत होते हैं और भले ही दर्द असहनीय लगे, यह याद रखें कि आपने गर्भावस्था का आखिरी चरण पूरा कर लिया है और बस एक आखिरी पुश के बाद आप अपने प्यारे बच्चे को अपनी बाहों में ले सकेंगी।
हर महिला के लिए गर्भावस्था का सफर यादगार होता है। गर्भावस्था के ये छोटे-छोटे पड़ाव आपको यह समझने में मदद करते हैं कि सब कुछ सही तरीके से चल रहा है और आपको इस सफर के हर पल का आनंद लेने का मौका देते हैं। आप बहुत जल्द इन खूबसूरत लम्हों को याद करेंगी और सोचेंगी कि कैसे यह सफर एक साधारण गर्भावस्था के संकेत के साथ शुरू हुआ था और कितने यादगार पलों के साथ आपने इसे जिया।
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