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एक महिला के जीवन में बहुत खास पल होता है वो जब वह पहली बार अपने लाड़ले को गोद में लेती है। अब आप एक माँ बन चुकी हैं और अपने हाथों में बच्चे को देखकर आप बहुत खुश भी होंगी पर अभी आपका शरीर पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हुआ होगा। बच्चे के जन्म के बाद भी आपको बहुत सारे कारणों से दर्द हो सकता है। डिलीवरी के बाद दर्द होने का एक कारण हर्निया भी है जिसे पोस्टपार्टम हर्निया कहते हैं। हर्निया शरीर में कहीं भी हो सकता है, जैसे जांघों में, पेट के निचले हिस्से में या ऊसन्धि के पास। यदि इस समस्या की वजह से आपको बहुत ज्यादा दर्द होता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
अम्बिलिकल हर्निया क्या है?
अम्बिलिकल हर्निया तब होता है जब डिलीवरी के बाद महिलाओं की नाभि बाहर की ओर फैलने लगती है। इसे छूने से आपको संवेदनशील और मुलायम महसूस हो सकता है और कभी-कभी आप इसे अंदर की ओर भी दबा सकती हैं। अम्बिलिकल हर्निया का सबसे मुख्य लक्षण यह है कि यदि आप छींकती, खांसती या कोई भारी सामान भी उठाती हैं तो इससे आपको पेट के निचले हिस्से में तनाव महसूस हो सकता है। तनाव या खिंचाव महसूस करने के साथ-साथ यह बढ़ता भी है।
डिलीवरी के बाद अम्बिलिकल हर्निया होने के कारण
अक्सर पेट और पेल्विक के हिस्से में ज्यादा दबाव पड़ने से उन्हें अम्बिलिकल हर्निया हो सकता है। कुछ लोगों को पहले से ही अम्बिलिकल क्षेत्र में समस्या होती है जो बड़े होने पर उनमें बढ़ती रहती है और गर्भावस्था के बाद यह अम्बिलिकल हर्निया के रूप में दिखाई देती है। महिलाओं में यह समस्या पेट मांसपेशियां कमजोर होने या पेट पर दबाव बढ़ने से भी हो सकती है। अम्बिलिकल हर्निया के मुख्य कारण हैं;
- एक से अधिक गर्भावस्था: यदि आपके गर्भ में जुड़वां बच्चे हैं या आपने कम समय में दो से तीन बार गर्भधारण किया है तो इससे आपकी मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और यह हर्निया का खतरा बढ़ाता है।
- वजन अधिक होने से: यदि आपका वजन जरूरत से ज्यादा है तो आपको अम्बिलिकल हर्निया होने की संभावना ज्यादा हो सकती है क्योंकि इससे भी आपके पेट की मांसपेशियों का लचीलापन कमजोर होता है।
- डिलीवरी का समय अधिक होने से: डिलीवरी का समय ज्यादा होने से भी आपको अम्बिलिकल हर्निया की समस्या हो सकती है क्योंकि इससे भी आपके पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव व तनाव आता है।
- मुख्य मांसपेशियां कमजोर होने से: यदि आपकी मुख्य मांसपेशियां कमजोर हैं तो भी आपको अम्बिलिकल हर्निया की शिकायत हो सकती है। पेट की मुख्य मांसपेशियां आपकी रीढ़, कमर, पीठ के निचले हिस्से और पेट को सहारा देती हैं। इसलिए पूरे शरीर को सहारा देने के लिए इन मांसपेशियों का मजबूत होना बहुत जरूरी है।
- पेट की गुहा (पेट की कैविटी) में फ्लूइड आना: पेट की लेयर और अंगों में फ्लूइड आने से भी आपको अम्बिलिकल हर्निया हो सकता है।
- बहुत ज्यादा दबाव पड़ने से: यदि आपको बहुत ज्यादा खांसी या छींक आती है और इस दौरान आप कोई भारी सामान उठाती हैं तो इससे भी आपको अम्बिलिकल हर्निया होने का खतरा बढ़ सकता है।
- पेट की सर्जरी से: यदि पहले भी आपके पेट की सर्जरी हो चुकी है तो इससे भी आपको अम्बिलिकल हर्निया की समस्या हो सकती है।
डिलीवरी के बाद अम्बिलिकल हर्निया होने के लक्षण
अम्बिलिकल हर्निया के कुछ लक्षण यहाँ बताए गए हैं, आइए जानें;
- अम्बिलिकल हर्निया की समस्या होने से आपको पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द और सूजन हो सकती है। इस दौरान यदि आप कोई भरी सामान उठाती हैं, खांसती हैं, छींकती हैं या बोवेल मूवमेंट के समय आपको जलन और दर्द हो सकता है। यदि आपको गंभीर रूप से हर्निया होता है जिससे आपको पेट में दर्द और तकलीफ हो सकती है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- सी सेक्शन डिलीवरी के बाद हर्निया होने से पेट की त्वचा में आपको इसके कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसे इंसीजनल हर्निया भी कहा जाता है। इसमें आपके पेट की त्वचा ढीली होने लगती है और बाहर निकलती है। हर्निया होने से आपके खून का सर्कुलेशन रुक सकता है जिससे आपके पेट पर प्रभावित जगह के आस-पास की त्वचा लाल और नीली भी हो सकती है।
- यदि आप हर्निया से ग्रसित हैं तो आपको मतली, उल्टी, पॉटी में खून आना और गैस की समस्या भी हो सकती है।
डिलीवरी के बाद अम्बिलिकल हर्निया के ट्रीटमेंट
यदि आपको डिलीवरी के बाद अम्बिलिकल हर्निया होता है तो आप इसका ट्रीटमेंट सर्जरी की मदद से करवा सकती हैं। वैसे कुछ डॉक्टर नॉन-सर्जरी ट्रीटमेंट करवाने की भी सलाह देते हैं। इसमें आप अपने पोस्चर को ठीक करने के लिए कुछ एक्सरसाइज कर सकती हैं। आपके लिए दोनों तरीके किस प्रकार से प्रभावी हो सकते हैं, आइए जानें;
1. सर्जिकल ट्रीटमेंट
सर्जिकल ट्रीटमेंट आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और ओपन सर्जरी से सभी टिश्यू को अपनी सही जगह पर पहुँचने में मदद मिलती है। इसके लिए आप लैपरस्कोपिक सर्जरी भी करवा सकती हैं। इसमें ज्यादा दर्द भी नहीं होता है और आपकी रिकवरी में भी कम समय लगेगा। इसमें दोबारा से हर्निया जैसी समस्या होने की संभावना भी कम है। पर यह सलाह दी जाती है कि यदि आपको हर्निया बहुत अधिक गंभीर नहीं हुआ है तो आप इसे एक्सरसाइज की मदद से ही ठीक करें, जैसे आप मुख्य मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए योगा कर सकती हैं।
2. नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट
वैसे तो सर्जिकल ट्रीटमेंट से अम्बिलिकल हर्निया ठीक होने की संभावनाएं बहुत कम हैं पर फिर भी कुछ मामलों में डॉक्टर महिलाओं को सर्जरी करवाने के बजाय नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं, जैसे योगा, एरोबिक्स और स्ट्रेचिंग। एक्सरसाइज करने से कमजोर मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं और इससे डिलीवरी के बाद सामान्य होने में भी मदद मिलती है। यदि आप ऐसी एक्सरसाइज करती हैं जिससे आपके पेट और पेल्विक की मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव न पड़े तो इससे आपको बेहतरीन परिणाम मिल सकते हैं। इसके लिए आप सांस लेने की एक्सरसाइज, योगा, साइकिलिंग और मेडिटेशन भी कर सकती हैं। एक्सरसाइज करने के साथ-साथ आपके लिए अपना सही पोस्चर बनाए रखना भी जरूरी है। इस दौरान आपको यह ध्यान देने की जरूरत है कि यह एक्सरसाइज करने से आपके शरीर का फंक्शन किस तरह से होता है। जब भी आप अम्बिलिकल हर्निया का डायग्नोसिस करवाएं तो ध्यान रहे कि आप हील्स न पहनें क्योंकि इससे आपके पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों में दबाव पड़ सकता है। सीधे व सही तरीके से खड़े होने पर भी आपको मदद मिल सकती है।
यदि बच्चे के जन्म के बाद अम्बिलिकल हर्निया ठीक नहीं हुआ तो क्या होगा?
आपको यह पता होना चाहिए कि आप में हर्निया की समस्या कितनी ज्यादा गंभीर है। यदि यह समस्या बहुत कम है और आपको इससे कोई असुविधा नहीं होती है तो इसका इलाज करना भी जरूरी नहीं है पर नियमित रूप से एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। हालांकि यदि आपको गंभीर रूप से हर्निया हुआ है तो आपको तुरंत डॉक्टर से चेक अप करवाने की जरूरत है क्योंकि इससे आपको कई समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे पेट में बहुत ज्यादा दर्द होना और आंतों में खून न पहुँच पाना। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि आप कोई भी एक्सरसाइज या ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले डॉक्टर से इस बारे में पूरी जानकारी लें।
यदि हर्निया का इलाज नहीं किया गया तो यह बहुत ज्यादा गंभीर समस्या भी हो सकती है और आप पर इसके खतरनाक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। निवारण हमेशा ही इलाज से बेहतर होता है इसलिए यदि हर्निया से आपको ज्यादा दर्द या तकलीफ नहीं हो रही है तो भी आप इसके लिए एक बार डॉक्टर से चर्चा जरूर करें। डिलीवरी के बाद आपका फिट रहना जरूरी है इसलिए आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और शरीर को दोबारा उसी पोस्चर में लाएं।
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