गर्भावस्था के दौरान अमरूद (पेरू) का सेवन – क्या यह सुरक्षित है?

प्रेगनेंसी के दौरान अमरूद (पेरू) का सेवन

जब आप गर्भधारण करती हैं तो आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए आहार में बदलाव करना जरूरी होता है। गर्भस्थ शिशु के अच्छे विकास व वृद्धि के लिए डॉक्टर ने आपको फल, सब्जियां, मेवे का सेवन बढ़ाने की सलाह अवश्य दी होगी। इस अवधि में आपको अपने लिए स्वस्थ चीजों का चुनाव करना भी आवश्यक है, किंतु यह जरूरी नहीं है कि हर चीज जो स्वस्थ है गर्भावस्था के दौरान उसका सेवन करना सुरक्षित है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान अमरूद का सेवन सुरक्षित है या नहीं। कई लोग मानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने से महिलाओं को पथरी की समस्या हो सकती है। हालांकि, इसका कोई चिकित्सीय प्रमाण नहीं है। आइए जानते हैं कि आप अपनी गर्भावस्था के दौरान अमरूद का सेवन कर सकती हैं या नहीं!

अमरूद का पोषण मान 

अमरूद बहुत ही पौष्टिक होते हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाना बहुत फायदेमंद हो सकता है। अमरूद में विटामिन, मिनरल और फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं। अमरूद के बारे में पोषण संबंधी जानकारी जानने के लिए पढ़ें।

1. अमरूद में आवश्यक विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं

अमरूद में विभिन्न प्रकार के विटामिन होते हैं, जैसे विटामिन ‘ए’, ‘सी’, बी2 और ‘ई’। यह माना जाता है कि संतरे और नींबू की तुलना में अमरूद में अधिक विटामिन ‘ए’ व विटामिन ‘सी’ होता है। 

अमरूद में आवश्यक विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं

2. अमरूद फोलिक एसिड का एक बेहतरीन स्रोत है

भ्रूण के उचित विकास के लिए एस्कॉर्बिक और फोलिक एसिड बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। यह दो प्रकार के एसिड अमरूद में पाए जाते हैं। अमरूद में मौजूद फॉलिक एसिड शिशु के परिसंचरण तन्त्र और तंत्रिका तंत्र के विकास में भी मदद करता है।

गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने के फायदे

गर्भावस्था के दौरान अमरूद का सेवन आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। सुबह के समय अमरूद खाने से मॉर्निंग सिकनेस की समस्याओं को रोका जा सकता है। अमरूद में मौजूद फाइबर और पानी की उच्च मात्रा के कारण, यह गर्भावस्था के आहार का एक अभिन्न भाग होना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने से रक्तचाप को ठीक बनाए रखने और गर्भकालीन डायबिटीज को रोकने में भी मदद मिल सकती है, जो सामान्यतः गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत प्रभावित करती है।

इन लाभों के अलावा, अमरूद में कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। यह स्वादिष्ट फल बेहतरीन क्यों है इसे जानने के लिए आगे पढ़ें!

  • रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करता है: गर्भावस्था के दौरान इस फल को खाने का एक लाभ यह है कि यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और रक्त के थक्कों को जमने से रोकता है जिससे रक्त की तरलता बनी रहती है। इसके परिणामस्वरूप अमरूद खाने से गर्भपात या समय से पहले बच्चे का जन्म होने की संभावना को रोका जा सकता है।
  • कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है: अमरूद में मौजूद फाइबर की उच्च मात्रा रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करती है। उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय संबंधी जटिलताओं को उत्पन्न करता है जो विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान काफी हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए अमरूद खाएं और अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखें।
  • एनीमिया के जोखिम को कम करता है: गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से एनीमिया होना सबसे आम है। आयरन की कमी के कारण एनीमिया से ग्रसित होने पर रक्त पूरे शरीर में ऊतकों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँचा पाता है। यह माँ और शिशु के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। लेकिन अमरूद जैसे आयरन-युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से एनीमिया की संभावना को कम किया जा सकता है। विटामिन-सी युक्त फल जैसे अमरूद का सेवन करने से आयरन को अवशोषित होने में मदद मिलती है और यह गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की संभावनाओं को कम कर सकता है।

गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने के फायदे

  • मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को आराम पहुँचाता है: अमरूद में मौजूद मैग्नीशियम, गर्भावस्था के दौरान मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को आराम देने में मदद कर सकता है।
  • संक्रमण को रोकता है: अमरूद अपने एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है और इसमें विटामिन ‘ए’, ‘सी’, और ‘ई’ भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें पॉलीफेनोल और कैरोटेनॉइड भी शामिल होते हैं। अमरूद में मौजूद विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व बैक्टीरियल संक्रमण से लड़ने और उसे रोकने में मदद करते हैं और साथ ही बीमार होने के खतरे को कम करते हैं। 
  • गर्भकालीन डाइबिटीज को रोकता है: अमरूद न केवल रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है, बल्कि इसे नियंत्रित करने में भी मदद करता है जिससे अंततः गर्भावधि के दौरान डायबिटीज को रोकने में मदद मिल सकती है।
  • पाचन को नियंत्रित करता है: अमरूद खाने से पाचन समस्याओं को दूर रखने में मदद मिल सकती है और पाचन तंत्र के सुचारू ढंग से कामकाज करने को सुनिश्चित किया जा सकता है। अमरूद में मौजूद पोटेशियम एसिडिटी और सीने में जलन को कम करने में भी मदद करता है।
  • भ्रूण के विकास में मदद करता है: अमरूद फोलिक एसिड, कैल्शियम और विटामिन ‘बी9’ का एक बेहतरीन स्रोत है, यह फल शिशु के मस्तिष्क और हड्डियों के स्वस्थ विकास में मदद करता है।
  • कब्ज को दूर रखता है: गर्भावस्था के दौरान कब्ज और बवासीर एक आम समस्या है। हार्मोन संबंधी परिवर्तन आमतौर पर इन समस्याओं का कारण होते हैं लेकिन अमरूद खाने से कब्ज की इस समस्या को दूर किया जा सकता है। अमरूद में मौजूद फाइबर और पानी की मात्रा, कब्ज जैसी समस्याओं को दूर रखती है। बीजों के साथ अमरूद खाने से भी बवासीर को रोका जा सकता है।

ऊपर बताए गए फायदों के अलावा अमरूद खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और शरीर में तनाव के हार्मोन कम होते हैं। एक मुख्य तथ्य यह भी है कि अमरूद में विटामिन ‘सी’, लाइकोपीन और एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व से भरपूर होते हैं, इसलिए अमरूद खाना त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है। 

गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने के दुष्प्रभाव

हालांकि, अमरूद बहुत स्वादिष्ट होते हैं और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं, लेकिन यदि गर्भावस्था के दौरान आप अत्यधिक मात्रा में अमरूद का सेवन करती हैं तो आपके लिए कुछ स्वास्थ्य से संबंधित जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं:

  1. अमरूद में मौजूद फाइबर पाचन समस्याओं को खत्म करता है किंतु अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से यह दस्त का कारण भी बन सकता है। 
  2. अन्य फलों की तरह ही अमरूद को भी बहुत सारे रसायनों का उपयोग करके स्टोर किया जाता है। यह रसायन बैक्टीरियल संक्रमण का कारण बन सकते हैं और गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए, खाने से पहले इसे अच्छी तरह से धोना महत्वपूर्ण है। 

अमरूद का जूस या फल का सेवन – गर्भावस्था के दौरान आपको क्या चुनना चाहिए?

ज्यादातर फलों को कच्चा व प्राकृतिक रूप में खाने से अधिक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। अमरूद उनमें से एक फल है लेकिन इस फल का सेवन करने के अन्य कई तरीके भी हैं। सामान्य रूप से अमरूद को जेली, जैम, सलाद और जूस के रूप में खाया जा सकता है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान अमरूद का जूस और इससे बनाई हुई जेली व जैम का सेवन करने से बचना चाहिए। 

गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप साफ, स्वच्छ और पके हुए अमरूद को धोकर काटकर खाती हैं। पके हुए अमरूद का स्वाद अद्भुत होता है, आप अन्य फलों के साथ इसका सलाद बनाकर भी खा सकती हैं। 

अमरूद का जूस या फल का सेवन

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. पके हुए या कच्चे अमरूद – गर्भावस्था के दौरान कौन सा स्वास्थ्यप्रद विकल्प है?

बहुत से लोग कच्चा अमरूद खाना पसंद करते हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर सही मात्रा में सेवन किया जाए तो एक कच्चा अमरूद पके हुए अमरूद के समान ही पौष्टिक हो सकता है और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान कच्चे अमरूद खाने की सलाह नहीं दी जाती है। यह सुझाव दिया जाता है कि आप पके हुए अमरूद खाएं क्योंकि उनमें विटामिन ‘सी’ अधिक मात्रा में होता है। यदि आपको दाँतों की समस्या है, तो कच्चे अमरूद का सेवन बिलकुल भी न करें क्योंकि कड़े और कच्चे अमरूद को खाने का प्रयास करते हुए आपको अपने दाँतों में गंभीर दर्द हो सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए कच्चे अमरूद के बजाय पके अमरूद का चयन करें ।

अमरूद में अत्यधिक मात्रा में पोषण होता है और गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करना पूरी तरह से सुरक्षित है। गर्भावधि में भी आप पके हुए अमरूद खा सकती हैं या अमरूद का रस पी सकती हैं। बस यह ध्यान रखें कि आप अमरूद खाने से पहले आवश्यक सावधानी बरतें ताकि आपका शरीर इस रसदार फल से सभी आवश्यक पोषण को अवशोषित कर सके। हालांकि, आप इस फल को गर्भावस्था के दौरान आहार में  शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। साथ ही, इस बात की भी चर्चा करें कि आपको एक दिन या एक सप्ताह में कितने अमरूद खाने चाहिए। डॉक्टर या डाइटिशन आपके शरीर की आवश्यकता के अनुसार आपको सही मात्रा में अमरूद का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। स्वस्थ भोजन करें और अपनी गर्भावस्था स्वस्थ रखें। 

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