गर्भावस्था के दौरान चावल खाना – फायदे और जोखिम

प्रेगनेंसी के दौरान चावल खाना

गर्भावस्था के दौरान, एक गर्भवती महिला को हर चीज में बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। उनके द्वारा उठाया गया कोई भी कदम सीधा बच्चे को प्रभावित कर सकता है, इसलिए आपको कोई चीज करने से पहले सोच समझ लेना चाहिए ताकि इससे आप और आपके बच्चे को कोई नुकसान न हो। जब बात खाने की आती है तो ये बात यहाँ पर भी वैसे ही लागू होती है। आप क्या खा रही हैं और किन चीजों से आपको बचना है, यह आपके लिए जानना बहुत जरूरी है, इसलिए हम जानते कि आप इस सोच में होंगी कि क्या आपको गर्भावस्था के दौरान चावल खाना चाहिए ? इसके खाने से आपको क्या फायदा होगा और इसके साइड इफेक्ट क्या हैं, तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस लेख में आपको चावल से जुड़ी सभी आवश्यक जानकरी दी गई है, जो आपके लिए जानना जरूरी है।

गर्भावस्था के दौरान चावल खाने के फायदे

चावल को हमारे देश की कई जगहों पर भोजन का एक अहम हिस्सा माना जाता है, क्योंकि इसमें एसेंशियल विटामिन और न्यूट्रिशन काफी अच्छी मात्रा में मौजूद होता है। गर्भावस्था के दौरान चावल खाने के फायदे इस प्रकार हैं:

1. चावल एनर्जी का एक अच्छा स्रोत है

चावल में कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा शरीर को एनर्जी प्रदान करने का एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान चावल का सेवन करने से आपको ताकत और एनर्जी मिलती है।

2. कब्ज दूर करता है

चावल में मौजूद स्टार्च पेट में अच्छे बैक्टीरिया का निर्माण करते हैं, जिससे गर्भावस्था के दौरान आपको मल त्याग करते समय परेशानी नहीं होती है और यह आपको कब्ज की समस्या से राहत प्रदान करता है, जो इस समय एक आम समस्या होती है। चावल खाने से आसानी से पच जाता है इसलिए यह आपके पाचन के लिए भी एक अच्छा भोजन है।

3. हड्डियों को मजबूत करता है

चावल में विटामिन डी, थायमिन और राइबोफ्लेविन जैसे जरूरी न्यूट्रिशन मौजूद होते हैं और कैल्शियम, फाइबर और आयरन जैसे मिनरल पाए जाते हैं जो हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

4. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है

चावल ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने भी मदद करता है। इसमें सोडियम की मात्रा कम होती है जो बाकी भोजन के जरिए प्राप्त किए गए सोडियम के प्रभाव को बैलेंस करने में मदद करता है।

5. यूरिनो-जेनिटल इन्फेक्शन को होने से रोकता है

चावल एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक (नेचुरल डाइयुरेटिक्स) होता है, जिसका अर्थ है कि इससे बार बार पेशाब होता है। इसकी वजह से ये गर्भावस्था के दौरान यूरिनो-जेनिटल इन्फेक्शन को होने से रोकता है, जो आप और आपके बच्चे पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।

6. इम्युनिटी बढ़ाता है

चावल एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो आपकी इम्युनिटी को बढ़ाता है और शरीर को इन्फेक्शन और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान आपकी इम्युनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है।

7. ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है

सफेद चावल के अलावा, गर्भावस्था के दौरान ब्राउन राइस खाने से भी आपको कई सारे लाभ मिलते हैं। ब्राउन राइस में आसानी से घुल जाने वाले फाइबर मौजूद होते हैं और इसमें ग्लाइसेमिक तत्व के कम होने के कारण यह शरीर में शुगर लेवल को कंट्रोल करने मदद करता है। ब्राउन राइस विशेष रूप से जेस्टेशनल डायबिटीज में खाने के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन है, जो गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक आम समस्या है।

8. मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम का विकास करता है

ब्राउन राइस न्यूरोट्रांसमीटर न्यूट्रिएंट्स का एक बेहतरीन स्रोत है, जो बच्चे के कॉग्निटिव फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है और मस्तिष्क के विकास में भी सहायता करता है। ब्राउन राइस मैग्नीशियम का भी एक अच्छा स्रोत है। यह नर्व और मांसपेशियों को टोन करने और उन्हें रिलैक्स रखने में मदद करता है।

9. अनिद्रा को दूर करता है

चावल, विशेष रूप से ब्राउन राइस में मेलाटोनिन होता है, यह स्लीप हार्मोन है, जो नर्वस को रिलैक्स करता है और आपकी स्लीप साइकिल को बढ़ाता है, जिससे आपको अच्छी तरह नींद आती है। इस प्रकार माँ को अच्छी तरह से आराम करने में मदद मिलती है।

10. कोलेस्ट्रॉल की समस्या को कम करता है

चावल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कोलेस्ट्रॉल मुक्त भोजन होता है। चावल खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल बैलेंस हो जाता है, जो आपने दूसरे भोजन के जरिए बढ़ा लिया होता है, इस बात का खास ख्याल रखें की होने वाली माँ को कोलेस्ट्रॉल संबंधित समस्याओं से दूर रखें।

गर्भावस्था के दौरान चावल खाने से क्या खतरा होता है

चावल को ठीक से पकने के बाद सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान कच्चे चावल खाने या या बहुत ज्यादा खाने से आपको परेशानी हो सकती है।

  1. बहुत ज्यादा चावल खाने से आपका वजन बढ़ सकता है और आप मोटापे का शिकार हो सकती हैं। इसलिए सीमित मात्रा में चावल का सेवन करना बहुत जरूरी है।
  2. ब्राउन राइस ब्लड शुगर को कंट्रोल के लिए बेहतरीन माना जाता है , लेकिन सफेद चावल में ग्लाइसेमिक तत्व की मात्रा अधिक होने के कारण यह ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है और संभावना है की आपको जेस्टेशनल डायबिटीज जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ जाए।
  3. चावल में आर्सेनिक काफी मात्रा में मौजूद होता है। आर्सेनिक के कारण स्टिलबर्थ और फीटस की समय से पहले मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए चावल का बहुत ज्यादा सेवन करने से बचना चाहिए।
  4. कुछ गर्भवती महिलाओं को कच्चा या बिना पका हुआ चावल खाने की इच्छा हो सकती है, यदि आपको ऐसी क्रेविंग होती है तो आपको इससे बचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान बिना पके चावल खाने से पेट में गंभीर दर्द हो सकता है और इससे बच्चे को भी नुकसान पहुँच सकता है। बिना पके हुए चावल में कीटनाशक और केमिकल ज्यादा मात्रा में हो सकते हैं, जो माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं। इसलिए सिर्फ पके हुए चावल का सेवन करें।

गर्भावस्था के दौरान चावल को एक सुपरफूड माना गया है अगर इसका सीमित मात्रा में सेवन किया जाए तो। ब्राउन राइस, सफेद चावल के मुकाबले माँ और बच्चे के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। आप अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से बात करके पूछ सकती हैं कि आपको दिन में कितनी मात्रा में चावल का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, ऐसे चावल खरीदें जो केमिकल फ्री हो।

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