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ऐसी कई महिलाएं हैं जो डाउचिंग के कांसेप्ट से अनजान है। आमतौर पर डाउचिंग की जरूरत लोगों को उतनी अहम नहीं लगती है। हालांकि, कुछ महिलाएं अपने योनि को साफ रखने के लिए डाउचिंग प्रक्रिया को जरूरी समझती हैं और इससे जुड़े उनके सवाल भी होते हैं, जैसे क्या प्रेगनेंसी के दौरान डाउचिंग से मिसकैरज होने का खतरा होता है? आइए, जानते हैं कि डाउचिंग क्या है और क्या यह जरूरी है या नहीं।
यह समझने के लिए कि डाउचिंग क्या है, आपका योनि के बारे में पूरी तरह से जानना आवश्यक है। वो पूरा क्षेत्र जो शरीर के अंदर सर्विक्स से शुरू होते हुए बाहर की ओर आता है उसे वजाइना यानि योनि कहते हैं। यह अलग-अलग फंक्शन करने वाली कई मसल्स से बना है और इसमें कई बैक्टीरिया और डिस्चार्ज होते हैं जो इसकी सफाई का ध्यान रखते हैं। योनि को साफ करने के लिए बेकिंग सोडा और सिरके के कॉम्बिनेशन के साथ एक फ्लूइड तैयार किया जाता है। यह एक बोतल और एक नोजल का उपयोग करके इससे योनि को साफ किया जाता है।
गर्भावस्था के दौरान वजाइनल डाउचिंग की अनुमति नहीं दी जाती है। वजाइना ट्रैक्ट में मौजूद बड़ी संख्या में बैक्टीरिया और माइक्रोऑर्गेनिज्म लगातार हेल्दी एनवायरनमेंट बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही ये किसी भी हानिकारक बैक्टीरिया को अंदर आने से रोकते हैं और एक एंटीबैक्टीरियल एक्शन के तौर पर किस भी इन्फेक्शन को रोकते हैं। योनि मार्ग के जरिए महिलाओं को कई तरह के डिस्चार्ज होते हैं, लेकिन ये बाहर निकालने की वजह से आपकी योनि में चिपक जाते हैं, हालांकि इससे आपको कोई गंध या जलन महसूस नहीं होती है।
लेकिन जब आप डाउचिंग करती हैं, तो फ्लूइड में मौजूद केमिकल आपकी योनि में पीएच बैलेंस में बांधा उत्पन्न कर सकता है, जो आपकी योनि में अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखने में मदद करता है, वो भी बिना किसी परेशानी के। इस क्षेत्र को अच्छी खुशबू प्रदान करने के लिए, सेंट और दूसरे खुसबूदार केमिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से इनर टिश्यू पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और आपको जलन महसूस हो सकती है। इससे इन्फेक्शन होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
जब गर्भवती महिलाएं अपनी योनि को हेल्दी रखन के लिए डाउचिंग करती हैं, तो कहीं न कहीं यह उनको नुकसान पहुँचाता है और कई तरीकों से वो क्षेत्र अनहेल्दी हो जाता है।
ज्यादातर महिलाएं डाउचिंग करती हैं ताकि वो क्लीन महसूस करें, लेकिन साइकोलॉजिकली रूप से तो आप स्वच्छ महसूस कर सकती हैं, मगर इसका बायोलॉजिकल कोई फायदा नहीं होता है। जो भी महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान सिर्फ पानी से डाउचिंग करना चाहती हैं, तो यह उनके लिए पूरी तरह से सेफ नहीं है, क्योंकि पानी खुद पूरी तरह से साफ माइक्रोब्स फ्री नहीं हो सकता है। इसलिए आपकी योनि जैसी है उसे वैसा ही छोड़ना बेहतर है, आप इस प्रक्रिया को न अपनाएं। बस आप अपना और गर्भ में पल रहे बच्चे का खयाल रखें और देखिएगा आप जल्दी ही एक हेल्दी बच्चे को जन्म देंगी।
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