क्या गर्भवस्था के दौरान योनि को साफ करना (डाउचिंग) सुरक्षित है?

प्रेगनेंसी के दौरान डाउचिंग (डूशिंग) करना

ऐसी कई महिलाएं हैं जो डाउचिंग के कांसेप्ट से अनजान है। आमतौर पर डाउचिंग की जरूरत लोगों को उतनी अहम नहीं लगती है। हालांकि, कुछ महिलाएं अपने योनि को साफ रखने के लिए डाउचिंग प्रक्रिया को जरूरी समझती हैं और इससे जुड़े उनके सवाल भी होते हैं, जैसे क्या प्रेगनेंसी के दौरान डाउचिंग से मिसकैरज होने का खतरा होता है? आइए, जानते हैं कि डाउचिंग क्या है और क्या यह जरूरी है या नहीं।

डाउचिंग (डूशिंग) क्या है?

यह समझने के लिए कि डाउचिंग क्या है, आपका योनि के बारे में पूरी तरह से जानना आवश्यक है। वो पूरा क्षेत्र जो शरीर के अंदर सर्विक्स से शुरू होते हुए बाहर की ओर आता है उसे वजाइना यानि योनि कहते हैं। यह अलग-अलग फंक्शन करने वाली कई मसल्स से बना है और इसमें कई बैक्टीरिया और डिस्चार्ज होते हैं जो इसकी सफाई का ध्यान रखते हैं। योनि को साफ करने के लिए बेकिंग सोडा और सिरके के कॉम्बिनेशन के साथ एक फ्लूइड तैयार किया जाता है। यह एक बोतल और एक नोजल का उपयोग करके इससे योनि को साफ किया जाता है।

क्या डाउचिंग प्रक्रिया गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान वजाइनल डाउचिंग की अनुमति नहीं दी जाती है। वजाइना ट्रैक्ट में मौजूद बड़ी संख्या में बैक्टीरिया और माइक्रोऑर्गेनिज्म लगातार हेल्दी एनवायरनमेंट बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही ये किसी भी हानिकारक बैक्टीरिया को अंदर आने से रोकते हैं और एक एंटीबैक्टीरियल एक्शन के तौर पर किस भी इन्फेक्शन को रोकते हैं। योनि मार्ग के जरिए महिलाओं को कई तरह के डिस्चार्ज होते हैं, लेकिन ये बाहर निकालने की वजह से आपकी योनि में चिपक जाते हैं, हालांकि इससे आपको कोई गंध या जलन महसूस नहीं होती है।

लेकिन जब आप डाउचिंग करती हैं, तो फ्लूइड में मौजूद केमिकल आपकी योनि में पीएच बैलेंस में बांधा उत्पन्न कर सकता है, जो आपकी योनि में अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखने में मदद करता है, वो भी बिना किसी परेशानी के। इस क्षेत्र को अच्छी खुशबू प्रदान करने के लिए, सेंट और दूसरे खुसबूदार केमिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से इनर टिश्यू पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और आपको जलन महसूस हो सकती है। इससे इन्फेक्शन होने का भी खतरा बढ़ जाता है।गर्भावस्था के दौरान डाउचिंग करने से क्या हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है 

गर्भावस्था के दौरान डाउचिंग करने से क्या हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है 

जब गर्भवती महिलाएं अपनी योनि को हेल्दी रखन के लिए डाउचिंग करती हैं, तो कहीं न कहीं यह उनको नुकसान पहुँचाता है और कई तरीकों से वो क्षेत्र अनहेल्दी हो जाता है।

  • सबसे पहले, अगर आप गर्भधारण करने का प्रयास कर रही हैं, तो डाउचिंग से आपके गर्भवती होने की संभावना कम हो सकती है। सभी नेचुरल प्रोसेस और बैक्टीरिया आपके रिप्रोडक्टिव सिस्टम का अहम हिस्सा है। किसी भी बाहरी को अपने शरीर से परिचय कराना जो अच्छी तरह से बैलेंस और सेल्फ सस्टेनिंग हो, वो इसे प्रभावित कर सकता है, जिसकी वजह से आपको गर्भधारण करने में परेशानी होती है।
  • डाउचिंग प्रक्रिया में वो बैक्टीरिया जो यौनी के बाहर होते हैं वो भी शरीर के अंदर चले जाते हैं। ये फिर फैलोपियन ट्यूब और ओवरी  तक पहुँच जाते हैं और उन्हें संक्रमित करना शुरू कर देते हैं। ऐसी कंडीशन महिला के लिए हानिकारक साबित हो सकती है और उन्हें तुरंत इसका इलाज कराना चाहिए।
  • अगर आप पहले से ही प्रेग्नेंट हैं, तो ऐसे मामलें में, डाउचिंग वजाइनल ट्रैक्ट से होते कई एक्सटर्नल फैक्टर को प्रभावित कर सकती है, जिससे प्रीमैच्योर डिलीवरी प्रेरित हो सकती है। प्रेगनेंसी की फुल टर्म होने से पहले बच्चे के जन्म हो जाने से कई कॉम्प्लिकेशन होते हैं, यहाँ तक स्टिल बिर्थ होने की भी संभावना होती है। इसके अलावा यूटेरस इन्फेक्शन का भी खतरा रहता है, जिससे एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्या पैदा होती है या इन्फेक्शन एमनियोटिक सैक तक पहुँच सकता है, यह सारी समस्या डाउचिंग की वजह से जन्म दे सकती है।

ज्यादातर महिलाएं डाउचिंग करती हैं ताकि वो क्लीन महसूस करें, लेकिन साइकोलॉजिकली रूप से तो आप  स्वच्छ महसूस कर सकती हैं, मगर इसका बायोलॉजिकल कोई फायदा नहीं होता है। जो भी महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान सिर्फ पानी से डाउचिंग करना चाहती हैं, तो यह उनके लिए पूरी तरह से सेफ नहीं है, क्योंकि पानी खुद पूरी तरह से साफ माइक्रोब्स फ्री नहीं हो सकता है। इसलिए आपकी योनि जैसी है उसे वैसा ही छोड़ना बेहतर है, आप इस प्रक्रिया को न अपनाएं। बस आप अपना और गर्भ में पल रहे बच्चे का खयाल रखें और देखिएगा आप जल्दी ही एक हेल्दी बच्चे को जन्म देंगी।

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