गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान खजूर का सेवन करना

ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था के नौवें महीने के दौरान खजूर खाने से प्रसव पीड़ा कम होती है। क्या यह सच है? खजूर प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद करता है? आइए इस लेख को पढ़कर जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान और खजूर का सेवन करने के क्या लाभ हैं।

गर्भावस्था और खजूर

खजूर का सेवन न केवल माँ और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित है, बल्कि बहुत फायदेमंद भी है। खजूर में फ्रुक्टोज होता है जो जल्दी ब्रेक हो जाता है और आपके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर में बिना बदलाव किए तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। गर्भावस्था के दौरान खजूर का सेवन अच्छा होता है क्योंकि इनमें लैक्सेटिव होता है जो गर्भाशय के संकुचन में सहायता करता है और प्रसव पीड़ा को कम करता है।

शोध से पता चलता है कि गर्भावस्था के अंतिम दौर में खजूर का सेवन प्रसव पीड़ा को कम करता है और प्रसव को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

खजूर का पोषक मान

यहाँ खजूर के पोषक मान की एक तालिका दी गई है, जो 100 ग्राम खजूर के हिसाब से बताई गई है:

ऊर्जा 227 किलो कैलोरी
फाइबर 6.7 ग्राम
प्रोटीन 1.8 ग्राम
आयरन 0.9 मिग्रा
फोलेट 15 माइक्रोग्राम
वसा 0.2 ग्रा
विटामिन ‘के’ 2.7 माइक्रोग्राम
पोटैशियम 696 मिग्रा
मैग्नीशियम 54 मिग्रा

 

गर्भवती महिलाओं को खजूर का सेवन करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये एनीमिया के जोखिम को कम करता है, मॉर्निंग सिकनेस को दूर करने में मदद करता है, रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है, साथ ही विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाता है, इम्युनिटी को बेहतर करता है और शरीर में कैल्शियम बनाए रखता है। खजूर में अलग-अलग पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद हैं। उनमें से कुछ हैं:

1. आयरन

यह तो सब जानते हैं कि गर्भवती महिलाओं को दूसरों की तुलना में आयरन की ज्यादा आवश्यकता होती है – खजूर आयरन का समृद्ध स्रोत है और यह आपके रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बनाए रखने में मदद करता है और साथ ही एनीमिया होने से रोकता से है। आयरन आपके शरीर में मेटाबोलिज्म प्रक्रिया को बेहतर करता है और साथ ही आप और आपके बच्चे की इम्युनिटी सिस्टम को भी बेहतर करता है।

2. फोलेट

फोलिक एसिड गर्भावस्था के दौरान लिए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है, इसलिए गर्भावस्था के समय इसका सेवन करना जरूर करना चाहिए। यह शिशुओं में होने वाले मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के जन्म दोष को रोकने में मदद करता है।

3. विटामिन ‘के’

खजूर विटामिन ‘के’ का एक अच्छा स्रोत है। ये रक्त के थक्के जमने (ब्लड क्लॉटिंग) होने से रोकता है। इसके अलावा यह आपके बच्चे के हड्डियों की संरचना और उसके विकास में भी मदद करता है। विटामिन ‘के’ की कमी आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। यदि आप में विटामिन ‘के’ की कमी है, तो आप खजूर का सेवन कर के इस कमी को पूरा कर सकती हैं।

4. फाइबर

गर्भावस्था के दौरान कब्ज होना आम बात है – खजूर आपकी कब्ज की परेशानी को दूर करता है। खजूर में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है, इसलिए आप उन्हें आसानी से पचा सकती हैं। इसके अलावा खजूर शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। इसे खाने से आपको अपना पेट भरा हुआ महसूस होगा, जो आपको अनावश्यक रूप से खाने खाने से रोकता है और बदले में, यह आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान अपने वजन को नियंत्रित रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

5. पोटैशियम

पोटैशियम शरीर के नमक का संतुलन और रक्तचाप को बनाए रखने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान मांसपेशियों में ऐंठन होना आम बात है। आप इसे रोकने के लिए सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि क्या आपके शरीर में पोटैशियम पर्याप्त मात्रा में है। पोटैशियम की कमी से गुर्दे की समस्याएं हो सकती हैं।

6. फ्रुक्टोज

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है कि खजूर में पाए जाने वाला फ्रूक्टोज आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ाए रखने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान आपको अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है, ताकि आप गर्भावस्था के समय में होने वाले परिवर्तनों का सामना कर सकें। खजूर खाने से आपको तुरंत ताकत मिलती है।

7. चीनी

गर्भावस्था के दौरान आपको अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है, इसलिए जब भी आपको भूख लगे तो आप एक से दो खजूर खाएं, क्योंकि खजूर में काफी मात्रा में चीनी पाई जाती है, जो आप के वजन को बहुत अधिक प्रभावित किए बिना आपको आवश्यकतानुसार कैलोरी प्रदान करता है।

8. मैग्नीशियम

आपके बच्चे की हड्डियों और दाँतों के निर्माण के लिए मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है। यह आपके रक्त शर्करा और रक्तचाप के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।

गर्भावस्था के दौरान खजूर खाने के फायदे

गर्भावस्था के दौरान खजूर खाने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं:

  • खजूर में प्रोटीन होता है जो शरीर के विकास के लिए आवश्यक अमीनो एसिड बनाने में मदद करता है।
  • खजूर खाने वाली गर्भवती महिलाओं का गर्भाशय ग्रीवा फैलाव उन गर्भवती महिलाओं की तुलना में अधिक पाया गया, जिन्होंने खजूर का सेवन नहीं किया है। इस प्रकार, प्रसव के शुरुआती चरणों के दौरान खजूर खाने से प्रसव-वेदना का समय कम होता है।
  • शोध यह पता चलता है कि जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान खजूर खाए थे उनमें से 83% से अधिक महिलाओं के अस्पताल में भर्ती होने पर उनकी मेम्ब्रेन बरकरार थी और इनमें से 28% से भी कम महिलाओं को प्रसव के दौरान सिंथेटिक ऑक्सीटोसिन या प्रोस्टिन दिया गया है। दूसरी ओर, जिन्होंने गर्भावस्था के दौरान खजूर का सेवन नहीं किया होता है उन महिलाओं में 60% तक मेम्ब्रेन बरकरार पाया गया, जिसमें से लगभग 43% को प्रोस्टिन की आवश्यकता पड़ी।
  • खजूर खाने वाली 96% से अधिक और न खानेवाली 79% महिलाओं में स्वाभाविक प्रसव देखा गया है।
  • खजूर ऑक्सीटोसिन प्रभाव को बढ़ाता है जिससे संकुचन को बढ़ाने में मदद मिलती है और इससे गर्भाशय की संवेदनशीलता बढ़ती है।
  • खजूर में मौजूद कैल्शियम, सेरोटोनिन और टैनिन गर्भाशय की मांसपेशियों में संकुचन पैदा करने में मदद करते हैं।
  • खजूर में संतृप्त और असंतृप्त फैटी ऐसिड दोनों होते हैं जो ऊर्जा की आपूर्ति करते हैं। ये प्रोस्टाग्लैंडीन के उत्पादन में भी मदद करते हैं। प्रसव के लिए ऑक्सीटोसिन का प्रभाव और प्रोस्टाग्लैंडीन दोनों ही आवश्यक हैं।
  • खजूर प्रसव-वेदना को आसान करता है और प्रसव के समय को भी कम करता है, क्योंकि इसमें लैक्सेटिव होता है इसलिए ये संकुचन में सहायता करता है।

गर्भावधी के विभिन्न चरणों के दौरान खजूर का सेवन करना

यह एक सामान्य सवाल है जो अक्सर गर्भवती महिलाएं पूछती हैं। गर्भावस्था के दौरान खजूर खाना कब शुरू करें, यह जानने के लिए आगे पढ़ें:

पहली तिमाही में खजूर का सेवन

पहली तिमाही में खजूर का सेवन महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दौरान आपको कब्ज जैसी एक समस्या का सामना करना पड़ता है। अच्छी तरह से मल-त्याग करने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपको किसी तरह की आंतरिक असुविधा न हो, इसके लिए खजूर खाएं। यदि आपको रक्त शर्करा या ग्रुप बी स्ट्रेप संक्रमण (एक गर्भवती महिला के मलाशय या योनि में होने वाला संक्रमण) हो, तो इस बात का ख्याल रखें कि इस दौरान खजूर का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

दूसरी तिमाही में खजूर का सेवन

दूसरी तिमाही के दौरान खजूर खाने से बचें क्योंकि इस दौरान गर्भकालीन मधुमेह होने की संभावना काफी अधिक होती है। हालांकि, बेहतर होगा कि आप सबसे पहले इस विषय पर अपने स्त्रीरोग विशेषज्ञ से बात करें, क्योंकि इस चरण में कुछ खजूर खाने से नुकसान नहीं होता है।

तीसरी तिमाही में खजूर का सेवन

तीसरी तिमाही के दौरान आप खजूर का सेवन कर सकती हैं, क्योंकि यह प्रसव-काल को संक्षिप्त करने के साथ-साथ अपने प्राकृतिक रेचक गुणों के कारण प्रसव की पूरी प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करता है। 36वें सप्ताह की शुरुआत से ही आप एक दिन में छह खजूर खाना शुरू कर दें। अर्थात डिलीवरी की अपेक्षित तिथि से चार सप्ताह पहले।

गर्मियों में खजूर का सेवन

कई महिलाएं गर्मियों के दौरान खजूर खाने से बचना पसंद करती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनका पेट खराब हो सकता है। हालांकि, ये बात वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हुई है।

फिर भी गर्भावस्था में गर्मियों के दौरान खजूर के सेवन को सीमित रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि खजूर के सेवन से शरीर में गर्मी पैदा होती है। जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपका शरीर पहले से ही विभिन्न शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तनों के कारण अधिक गर्मी पैदा कर रहा होता है, अधिक खजूर खाने से शरीर की गर्मी और बढ़ जाएगी। किसी भी जटिलता से बचने के लिए गर्भावस्था के अंतिम चरणों के दौरान खजूर का सेवन सीमित रखें।

सर्दियों में खजूर का सेवन

मौसम की परवाह किए बिना, सबसे पहले यह महत्वपूर्ण है कि खजूर का जरूरत से ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। आप सर्दियों के समय में खजूर का सेवन बढ़ा सकती हैं, क्योंकि इनसे उत्पन्न होने वाली गर्मी ठंड में राहत प्रदान करती है साथ ही यह आपको आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं।

अनुभव पर आधारित नियम के अनुसार, आपको भ्रूण के उचित विकास के लिए रोज 300 कैलोरीज अतिरिक्त आवश्यकता होती है। कैलोरीज की आवश्यकता पूरी करने के लिए स्वस्थ विकल्प चुनें, जो पोषक तत्वों से भरपूर हों और उन खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें पोषक तत्व कम और चीनी ज्यादा हो। फोलेट, आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम उन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से हैं जिनकी जरूरत आपको गर्भावस्था के दौरान ज्यादा पड़ती है और खजूर आपको ये सभी पोषक तत्व प्रदान करते हैं।

गर्भावस्था के दौरान खजूर का सेवन करने के विभिन्न तरीके

गर्भावस्था के दौरान खजूर का सेवन करने के कई तरीके हैं। पहला तरीका, निश्चित रूप से, इन्हे कच्चे रूप में ही खाना है। आप खजूर का सेवन कैसे कर सकती हैं इसके बारे में नीचे बताया गया है:

1. खजूर स्मूदी

एक कप दही में छह खजूर डालकर इसे ब्लेंडर में मिलाएं और स्मूदी तैयार करें।

2. खजूर शरबत

दूध के साथ कुछ खजूर मिलाकर घर पर खजूर का शरबत बनाएं। आइसक्रीम, टोस्ट, या ओट्स के साथ इस मिक्सचर का प्रयोग करें।

3. खजूर डिजर्ट

खजूर से मिठाई बनाना बहुत आसान है इसके लिए, आप बस थोड़ी पकी हुई सूजी में कुछ खजूर मिलाएं और ऊपर से शहद डाल दें।

4. पाई क्रस्ट

ग्राइंडर में खजूर के साथ काजू, बादाम आदि मिलाएं और एक चिकना मिश्रण बना लें। एक स्वस्थ और स्वादिष्ट क्रस्ट के लिए इस मिश्रण को पाई के आटे के साथ मिलाएं।

5. स्वीटनर

दूध और अन्य पेय में चीनी के स्थान पर खजूर का इस्तेमाल करें। फ्रूक्टोस का सेवन चीनी की तुलना में एक बेहतर विकल्प है।

6. कुकीज और मफिन

आप कुकीज और मफिन बनाने के लिए इसके बैटर में खजूर मिलाकर इसका स्वाद बढ़ा सकती हैं।

7. व्रैप या रोल

आप चिकन, ट्यूना के व्रैप और रोल आदि में हलकी सी मिठास डालने के लिए इसमें खजूर डाल सकती हैं।

किस किस्म के खजूर खाने चाहिए

खजूर की कई किस्में उपलब्ध हैं। कुछ खजूर नर्म होती हैं और उनमें नमी की मात्रा अधिक होती है, वहीं कुछ खजूर शुष्क और चबाने लायक होती हैं। आप इन खजूरों को कई स्नैक्स और व्यंजनों को बनाने के लिए उपयोग कर सकती हैं। आइए जानते गर्भावस्था के दौरान खाने लायक खजूर की कितनी किस्म होती हैं:

1. चाइनीज रेड डेट्स

इसमें आयरन अच्छी मात्रा में मौजूद होता है और ये एनीमिया की रोकथाम में मदद करता है। इसके सेवन करने से माँ के दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है और प्रसव के बाद के रक्तस्राव को भी रोकने में मदद करता है।

2. मेडजूल खजूर

खजूर की ये किस्म में वे सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो एक गर्भवती महिला के लिए आवश्यक होते हैं। ये कार्बोहाइड्रेट के उत्कृष्ट स्रोत होते हैं और इनमें वसा की मात्रा कम होती है। फाइबर और प्रोटीन से समृद्ध होने के कारण, आप इसे अपनी गर्भावस्था के दौरान खाना बहुत फायदेमंद होता है। मेडजूल खजूर में विटामिन – फोलेट, नियासिन, पैंटोथेनिक एसिड, पाइरिडोक्सिन, राइबोफ्लेविन, थियामिन और अन्य विटामिन जैसे ए, सी और के की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसमें पाया जाने वाला आयरन खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और आपके ह्रदय को स्वस्थ रखता है। एंटीऑक्सिडेंट फ्री रेडिकल्स को निकाल बाहर करते हैं तथा कैंसर जैसी बीमारी को भी होने से रोकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान खजूर खाने से क्या कोई हानिकारक प्रभाव पड़ता है?

वैसे तो, कोई अध्ययन यह दावा नहीं करता है कि गर्भवती महिलाओं के लिए खजूर असुरक्षित है। लेकिन, पहली और तीसरी तिमाही के दौरान थोड़ा संतुलन रखते हुए खजूर खाना आपके और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा। हालांकि, यदि आप जरूरत से ज्यादा खजूर का सेवन करती हैं, तो आप निम्नलिखित जटिलताओं का अनुभव कर सकती हैं:

  • वजन बढ़ना
  • गर्भावधि मधुमेह की संभावना
  • रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि
  • यदि आप ठीक तरह से मौखिक स्वच्छता पर ध्यान नहीं देती हैं, तो आपके दाँत खराब हो सकते हैं

क्या सावधानियां बरतनी चाहिए

आपके द्वारा खाए जाने वाले खजूरों की संख्या को लेकर आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। जरूरत से ज्यादा खाने पर वजन बढ़ सकता है तथा स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

खजूर पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इन्हें आसानी से खाया जा सकता है। पुराने जमाने से गर्भवती महिलाओं को खजूर खाने की सलाह दी होती है और डॉक्टर भी यह सलाह देते हैं कि गर्भवती महिलाओं को अपने दैनिक आहार में खजूर शामिल करना चाहिए। यदि आप माँ बनने वाली हैं और आप अपने आहार में खजूर को शामिल करने की सोच रही हैं, तो पहले अपने चिकित्सक से सलाह लें। ऑर्गेनिक खजूर का इस्तेमाल करें, क्योंकि ये रसायनों या प्रेसर्वेटिव्स से मुक्त होते हैं। ताजे खजूरों का सेवन करना सबसे अच्छा होता है।

गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में खजूर शामिल करना न भूलें, क्योंकि यह पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और गर्भावस्था के दौरान इसका करने से आपको और बच्चे अत्यधिक लाभ होता है।

यह भी पढ़ें:

गर्भावस्था के दौरान घी का सेवन: फायदे, नुकसान व कुछ मिथक
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समर नक़वी

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