गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान खुजली से छुटकारा पाने के 10 सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपचार

जैसे-जैसे गर्भ में शिशु बड़ा होने लगता है आपके शरीर और उसके आकार में वृद्धि होने लगती है, आपकी त्वचा में खिंचाव आने लगता है और वजन बढ़ने लगता है। वे महिलाएं जिनके शरीर में लगातार हार्मोन बदलते रहते हैं उन्हें इसकी वजह से पूरे शरीर में खुजली का अनुभव हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान खुजली होना बहुत तकलीफदेह लग सकता है। अच्छी बात यह है कि गर्भावस्था के दौरान त्वचा में होने वाली खुजली को दूर करने लिए कुछ प्राकृतिक उपचार मौजूद हैं, जो आपको खुजली से राहत देने में काफी फायदेमंद हो सकते हैं। इन उपचारों का उपयोग करना आपकी गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित है।

गर्भावस्था के दौरान त्वचा पर होने वाली खुजली के कारण

गर्भावस्था के दौरान आपको खुजली होने के कारण कुछ इस प्रकार हैं।

  • गर्भावस्था के दौरान आपके पेट की त्वचा खिंचने लगती है जिससे आपको त्वचा में खुजली होने लगती है।
  • त्वचा को रक्त की बढ़ती हुई आपूर्ति के कारण हलकी खुजली और सनसनी होने लगती है।
  • यह संभव है कि आप ऑब्स्टेट्रिक कोलेस्टेसिस नामक एक समस्या से पीड़ित हो, जिससे शरीर में पित्त लवण का निर्माण होता है। जिसके कारण शरीर के विभिन्न हिस्सों में खुजली होने लगती है, यह खासकर हाथों और पैरों में अधिक होती है।
  • आप प्रुरिगो नाम की बीमारी से ग्रस्त हो सकती हैं जिससे त्वचा पर कीड़े के काटने जैसे निशान दिखाई देते हैं ।

गर्भावस्था के दौरान त्वचा में खुजली के लिए 10 घरेलू उपचार

यहाँ गर्भावस्था के दौरान और विशेषतः तीसरी तिमाही में होने वाली खुजली से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं।

1. ठंडी सिकाई

आपको चाहिए 

  • एक आइस पैक

क्या करना है 

  • आइस पैक लें और इसे खुजली वाले हिस्से में कुछ देर के लिए लगाएं।

कितनी बार करें 

  • जब भी आपको खुजली से राहत पानी हो तो आइस पैक का इस्तेमाल करें ।

यह उपयोगी क्यों है 

आइस पैक त्वचा को ठंडक प्रदान करने के लिए बहुत उपयुक्त है। सामान्य रूप से, ये त्वचा पर होने वाली किसी भी प्रकार की जलन को ठीक करता है और खुजली से राहत देने में मदद करता है। बर्फ से सिकाई करने से खुजली वाले क्षेत्र को आराम मिलता है और खुजली को रोकने में मदद होती है ।

2. जुनिपर बेरी लोशन

आपको चाहिए 

  • जैतून का तेल (ऑलिव ऑइल), मीठा बादाम का तेल या अन्य कोई तेल
  • बीज़ वैक्स
  • जुनिपर बेरी
  • लौंग

क्या करना है 

  • कम आंच पर एक कड़ाही में उस तेल को गर्म करें जिसको आप इस्तेमाल करने वाली हैं ।
  • दूसरी कड़ाही में बीज़ वैक्स लें और उसे धीमी आंच पर पिघलने दें।
  • पिघले हुए वैक्स को तेल में डाल दें और ठीक से मिलाएं।
  • इस मिश्रण में जुनिपर बेरी और लौंग को पीसकर अच्छी तरह मिलाएं।
  • इसे काँच के मर्तबान में डालें और ठंडा होने के लिए रख दें।
  • आप इस मिश्रण का उपयोग खुजली वाले हिस्से पर लगाने के लिए कर सकती  हैं।

कितनी बार करें 

  • इस मिश्रण को आप खुजली वाले भाग पर दिन में दो बार लगा सकती हैं।

यह उपयोगी क्यों है 

जुनिपर बेरी को उसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों की वजह से जाना जाता है। दूसरी ओर लौंग में यूजेनॉल पाया जाता है जो एक सुगंधित व तैलीय तत्व है । जब इन्हें एक साथ मिलाया जाता है, तो वे एक पदार्थ बनाते हैं जो खुजली के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण इलाज हो सकता है।

3. नींबू का रस

आपको चाहिए 

  • नींबू का रस
  • पानी
  • रुई के फाहे

क्या करना है 

  • नींबू का रस लें और इसे पानी मिलाकर पतला करें।
  • रुई का फाहा लें और इसे घोल में डुबाएं ।
  • जिस क्षेत्र में खुजली हो रही वहाँ रुई की मदद से नींबू का रस लगाएं।

कितनी बार करें 

एक दिन में इसे दो बार लगाएं ।

यह उपयोगी क्यों है 

नींबू का रस खुजली से राहत दिलाने में मदद करता है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल तत्व होते हैं, जो त्वचा पर मौजूद किसी भी रोगाणु को हटाने में मदद करते हैं ।

4. बेसन का लेप

आपको चाहिए 

  • बेसन
  • पानी

क्या करना है 

  • एक कटोरी में थोड़ा बेसन लें, उसमें पानी डालें और इसे अच्छी तरह मिलाकर लेप तैयार करें।
  • आप पानी के बजाय दूध का उपयोग कर सकती हैं।
  • इस लेप का उपयोग खुजली वाले हिस्से पर करें और इसे कुछ समय तक सूखने दें।
  • बाद में इसे धो लें ।

कितनी बार करें 

  • आप इस लेप को प्रभावित क्षेत्र पर दिन में दो बार लगाएं।

यह उपयोगी क्यों है 

बेसन त्वचा को तरोताजा और मुलायम बनाए रखता है। इसका लेप के रूप में उपयोग करने से त्वचा में नमी बनी रहती है और इससे किसी भी प्रकार की खुजली में राहत मिलती है।

5. सिंहपर्णी की जड़

आपको चाहिए 

  • थोड़ी मात्रा में सिंहपर्णी जड़
  • एक कप गर्म पानी

क्या करना है 

  • सिंहपर्णी जड़ लें और इसे गर्म पानी के कप में डालें।
  • इसे कुछ मिनटों के लिए गर्म पानी में रहने दें।
  • पानी को दूसरे गिलास में छान लें और इसे पिएं।

कितनी बार करें 

  • इस चाय को दिन में दो बार तक पिएं।

यह उपयोगी क्यों है 

त्वचा में खुजली लिवर के ठीक से काम न करने के कारण भी होती है, जिसे पित्तस्थिरता कहा जाता है। सिंहपर्णी की जड़ में ऐसे गुण होते हैं जो पित्त प्रवाह को प्रोत्साहित करते हैं और लिवर की कार्यक्षमता में सुधार करते हैं। जिसके परिणामस्वरुप, यह त्वचा की खुजली को कम करने में भी मदद करते हैं। 

6. कैलेमाइन लोशन

आपको चाहिए 

  • थोड़ा सा कैलेमाइन लोशन

क्या करना है 

  • लोशन को हाथों में थोड़ा सा लेकर त्वचा के उस हिस्से पर लगाएं जहाँ आपको खुजली हो रही है।
  • धीरे-धीरे मालिश करते हुए इस लोशन को पूरे हिस्से पर लगाएं।

कितनी बार करें 

  • इस लोशन को प्रभावित क्षेत्र पर दिन में कम से कम दो बार लगाएं।

यह उपयोगी क्यों है 

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को त्वचा पर होने वाली खुजली के कारण शरीर पर लाल चकत्ते हो जाते हैं। जब आप गर्भावस्था के दौरान पेट पर होने वाली खुजली के लिए घरेलू उपचार करती हैं, तो कैलामाइन लोशन का उपयोग करना सबसे अच्छा माना जाता है। यह खुजली और किसी भी प्रकार की जलन या सूजन को कम करने में मदद करता है और इसे दोबारा होने से रोकता है।

7. नारियल तेल

आपको चाहिए 

  • शुद्ध नारियल तेल

क्या करना है 

  • ध्यान रखें कि आपकी त्वचा सूखी हो।
  • तेल की कुछ बूंदें लें और प्रभावित जगह पर लगाएं।
  • जब तक तेल त्वचा द्वारा सोख न लिया जाए, तब तक कुछ मिनट के लिए खुजली वाली जगह पर मालिश करें।
  • इसे वैसे ही रखें और धोएं नहीं ।

कितनी बार करें 

  • प्रभावित क्षेत्र पर दिन में दो बार तेल लगाएं।

यह उपयोगी क्यों है 

नारियल तेल में त्वचा के छिद्रों की शुष्क कोशिकाओं तक पहुँचने की क्षमता होती है। जो उन्हें आवश्यक वसीय अम्ल (फैटी एसिड) प्रदान करता है, जिससे त्वचा की जलन कम हो जाती है। तेल के एंटीमाइक्रोबियल गुण त्वचा को ऐसे संक्रमणों से बचाते हैं और त्वचा पर होने वाली जलन या सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

8. बेकिंग सोडा

आपको चाहिए 

  • बेकिंग सोडा
  • पानी

क्या करना है 

  • थोड़ा सा बेकिंग सोडा पाउडर लें और इसमें पानी मिलाकर गाढ़ा लेप तैयार करें ।
  • लेप को खुजली वाले क्षेत्रों पर लगाएं, जिसमें पेट भी शामिल है।
  • इसे त्वचा पर सूखने दें और फिर इसे ठंडे पानी से धो लें।

कितनी बार करें 

  • इस लेप को प्रतिदिन लगाना चाहिए।

यह उपयोगी क्यों है 

बेकिंग सोडा का लेप शुष्क त्वचा और किसी भी प्रकार की खुजली से राहत दिलाने के लिए जाना जाता है। इसका उपयोग करने से दर्द के साथ किसी भी तरह की लालिमा या जलन ठीक हो जाती है। सोडा का लेप स्वस्थ त्वचा के लिए पी.एच. संतुलन को बेहतर करने के लिए भी जाना जाता है।

9. एलोवेरा जेल

आपको चाहिए 

  • एलोवेरा पौधे की एक पत्ती

क्या करना है 

  • एलोवेरा की पत्ती लें और इसे किनारों से काटें।
  • इसमे उपस्थित जेल को एयर टाइट डिब्बे में इकट्ठा करें।
  • खुजली वाले क्षेत्र पर जेल लगाएं और इसकी तब तक मालिश करें जब तक यह त्वचा के अन्दर अवशोषित न हो जाए।
  • बचे हुए जेल को किसी ठंडी जगह पर रखें।

कितनी बार करें 

  • जेल को खुजली वाले क्षेत्र पर दिन में दो बार लगाया जा सकता है।

यह उपयोगी क्यों है 

एलोवेरा त्वचा संबंधी विकारों का उपचार करने के लिए जाना जाता है। इसके इन्फ्लेमेटरी गुण और इसमें उपस्थित हायड्रेटिंग तत्व त्वचा को आवश्यक नमी प्रदान करते हैं, जिसके कारण आपकी त्वचा में नमी बनी रहती है और यह खुजली को शांत करने में मदद करता है।

10. ओटमील

आपको चाहिए 

  • एक कप ओटमील
  • थोड़ा गुनगुना पानी

क्या करना है 

  • ओटमील लें और इसे नहाने के पानी में मिलाएं।
  • अब इसे अपने शरीर पर 10 से 12 मिनट तक लगा रहने दें।
  • बाद में इसे पानी से धोकर साफ करें।

कितनी बार करें 

  • सप्ताह में दो से तीन बार ओटमील लगाकर स्नान करें।

यह उपयोगी क्यों है 

खुजली वाली त्वचा के उपचार के लिए ओटमील से स्नान करने की सलाह दी जाती है। इसके खुजली से राहत देने वाले गुण सीधे प्रभावित क्षेत्रों को राहत प्रदान करते हैं।

गर्भावस्था के दौरान होने वाली खुजली आप में काफी झुंझलाहट पैदा कर सकती है। हालांकि बताए गए इन प्राकृतिक उपचारों को आजमाकर आप खुजली से जल्दी राहत पा सकती हैं ।

समर नक़वी

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