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क्या प्रेगनेंसी के दौरान आपको दो लोगों का खाना-खाना चाहिए? नहीं, यह धारणा गलत है। आपको अपने गर्भ में बढ़ते बच्चे के लिए अपने खाने की मात्रा को बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है, बस अपने कैलोरी से सेवन को बढ़ाना होगा, ताकि आपके शरीर में दिन भर उर्जा बनी रहे। एक एवेरज इंसान दिनभर में 2000 कैलोरी तक का उपभोग कर सकता है, जो उसकी एक्टिविटी लेवल, उम्र और वेट पर निर्भर करता है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं के लिए कैलोरी की मात्रा थोड़ी बढ़ाने की जरूरत होती है, ताकि वो अपने बच्चे को पर्याप्त रूप से पोषण प्रदान कर सकें। इस लेख में, हम गर्भावस्था के दौरान कैलोरी का सेवन करने से जुड़ी बातों पर चर्चा करेंगे। अधिक जानकारी के लिए लेख पढ़ना जारी रखें।
आप आम दिनों में जितनी कैलोरी का सेवन करती हैं उसे पहली तिमाही में भी जारी रखे, आपको अपनी डाइट में कोई खास बदलाव करने की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, कुछ महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस के कारण वजन कम होने का अनुभव हो सकता है। पहली तिमाही के दौरान एक्स्ट्रा 100 कैलोरी शरीर में पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति को बनाए रखने में मदद करते हैं। मॉर्निंग सिकनेस के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो जाती है, इसलिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए ताकि पूरी प्रेगनेंसी के दौरान आप हाइड्रेटेड रह सके।
जैसे ही आप दूसरी तिमाही में कदम रखती हैं, तो आप नोटिस करेंगी कि आपकी भूख बढ़ने लगेगी, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके बढ़ते बच्चे को विकास करने के लिए ज्यादा नूट्रीयंट की जरूरत पड़ती है। आप रोजाना क्या खा रही हैं, इस चीज को लेकर आपको ठीक से ध्यान देने की जरूरत है। आदर्श रूप से, दूसरी तिमाही के दौरान, आपको प्रतिदिन एक्स्ट्रा 300 से 350 कैलोरी की आवश्यकता होती है, जिससे आपकी दिन की टोटल कैलोरी काउंट लगभग 2300 से 2500 हो जाएगी।
अपने बढ़ते बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको अपनी तीसरी तिमाही में 300 एक्स्ट्रा कैलोरी की आवश्यकता होती है। तीसरी तिमाही में आपको सीने में जलन और डकार आने की समस्या बढ़ जाती है। आप दिन में तीन बार और ज्यादा मात्रा में भोजन करने के बजाय, इसे कम कम मात्रा में थोड़ी थोड़ी देर में खाएं, इससे आपको सीने में जलन की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी।
यदि आपका वेट एवरेज है, तो प्रेगनेंसी के दौरान 11 से 15 किलोग्राम वजन बढ़ना ठीक माना जाता है। जिन महिलाओं का वजन ज्यादा है, उनके लिए यह संख्या कम होनी चाहिए, यानि (7 से 11 किलोग्राम) और जिन महिलाओं का वजन कम होता हैं उन्हें (12 से 18 किलोग्राम) तक वजन बढ़ाने की आवश्यकता होती है।
चूंकि हम यहाँ प्रेगनेंसी के दौरान कैलोरी के उपभोग की बात कर रहे, इसलिए आपको प्रेगनेंसी के दौरान प्राप्त की जाने वाली कैलोरी को ट्रैक करना चाहिए, आप कैलोरी कैलकुलेटर की मदद से प्रेगनेंसी के दौरान ली जाने वाली कैलोरी को आसानी से ट्रैक कर सकती हैं। आइए जानते हैं प्रेगनेंसी कैलोरी कैलकुलेटर किन पहलुओं पर ध्यान देता है।
हर महिला अलग होती है और प्रेगनेंसी के दौरान उसकी कैलोरी की मात्रा और आवश्यकताएं भी अलग होंगी। एक गर्भवती महिला द्वारा प्राप्त की जाने वाली कैलोरी कई फैक्टर पर निर्भर करती है, जिसमें निम्न शामिल हैं:
ऐसे कई कैलकुलेटर और एप्लिकेशन हैं आपको कैलोरी के टोटल काउंट की डिटेल दे सकते हैं जो आप अलग अलग तिमाही के दौरान लेती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान आपके खाने पीने आदतों पर प्रभाव पड़ता है। यदि आप अपनी कैलोरी काउंट को ट्रैक नहीं करेंगी, तो मॉर्निंग सिकनेस, फूड क्रेविंग, एलर्जी इत्यादि चीजे आपकी डाइट पर प्रभाव डाल सकती हैं, इस प्रकार या तो आप अधिक कैलोरी का सेवन करने लगेंगी या फिर कम। तो फिर आपको कितनी मात्रा में कैलोरी का सेवन करना चाहिए? आइए जानते हैं।
गर्भावस्था के दौरान आपको कैलोरी की सही मात्रा का सेवन करने की सलाह दी जाती है, यह कोई रूल नहीं है कि आपको अपनी हर कैलोरी काउंट पर हद से ज्यादा नजर बनाए की आवश्यकता है। जो सबसे जरूरी है वो यह कि आपके अपने बच्चे को सही पोषण प्रदान करने के लिए हेल्दी फूड खाएं। जब आप प्रेगनेंसी कैलोरी कैलकुलेटर की मदद से अपने कैलोरी के सेवन को ट्रैक करती हैं, तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि अगर आप हेल्दी फूड खा रही हैं और बच्चे को सभी नूट्रीयंट ठीक से प्राप्त हो रहे हैं, तो आप बिलकुल सही जा रही हैं। समय समय आपके चेकअप और अल्ट्रासाउंड आपको यह जानने में मदद करेंगे कि आपका बच्चा ठीक से विकास कर रहा है या नहीं।
आप अपने वजन पर भी नजर बनाए रखें, ताकि यह पता चल सके कि प्रेगनेंसी के दौरान आपका जितना वेट होना चाहिए उतना ही है या नहीं जो की आपकी बॉडी टाइप और लाइफस्टाइल के आधार पर होगा। अगर आपको कोई डाउट हो, तो आप मेडिकल हेल्प भी ले सकती हैं।
यदि आपके डॉक्टर ने कहा है कि आपको अपनी कैलोरी काउंट बढ़ाने की आवश्यकता है, तो वह आपको बताएंगे कि आप कैसे अपनी कैलोरी बढाएं। यदि आपको इसके लिए गाइड की आवश्यकता है, तो आपको आगे इसका भी हल मिल जाएगा।
गर्भावस्था के दौरान आपके कैलोरी सेवन में मुख्य रूप से साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ, फल, सब्जियाँ, कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट और लीन मीट जैसे हेल्दी विकल्पों को अपनी डाइट में शामिल किए जाने से प्राप्त होता है। हालांकि, जब आपको बहुत ज्यादा क्रेविंग होने लगे, तो उस समय चिप्स या चॉकलेट बार एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता हैं, लेकिन हमेशा खयाल रहे कि आपको सभी चीजों का सेवन एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए कैलोरी का सेवन बढ़ाने के लिए यहाँ आपको कुछ खाने के विकल्प दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक भोजन में लगभग 200 कैलोरी होती है और यह सभी चीजे साबूत अनाज से बनी होती हैं। इसलिए, प्रेगनेंसी के दौरान आपके पास स्नैक और मील के काफी कुछ विकल्प होते हैं।
यदि आप यह सोच रही हैं कि आप अपनी दैनिक कैलोरी के सेवन को कैसे बनाए रखें, तो आपको यहाँ बताया गया कि आपको क्या करना चाहिए।
जब आपको बहुत ज्यादा क्रेविंग होने लगती है तो उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है, इस प्रकार प्रेगनेंसी के दौरान आपका वजन बढ़ने लगता है। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान दिन भर में पर्याप्त कैलोरी प्राप्त हो सके और तृप्त महसूस करें।
प्रेगनेंसी से जुड़े कई सारे अपने ही फैक्ट और मिथ होते हैं। आपको परिवार के लोगों, दोस्तों, दूर के रिश्तेदारों और यहाँ तक कि आपके पड़ोसियों से भी प्रेगनेंसी से जुड़ी कई सलाह मिल जाएंगी। कुछ सलाह आपके लिए उपयोगी हो सकती हैं, लेकिन कुछ भ्रम भी पैदा कर सकती हैं। आइए कुछ कॉमन गलतफहमियों पर एक नजर डालते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान आपकी डेली कैलोरी काउंट से जुड़ी हो सकती है।
यहाँ आपको कुछ आम गलतफहमियों के बारे में बताया गया है, जो गर्भावस्था के पोषण से जुड़ी हो सकती हैं। इस आर्टिकल की मदद से जितना संभव हो सकेगा आपको उत्तर देने का प्रयास करेंगे; हालांकि, अगर आपके कुछ और सवाल हैं, तो आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं।
यह बात सच है कि आपको अपने बच्चे को पोषण प्रदान करने के लिए एक्स्ट्रा कैलोरी का सेवन करना पड़ता है, लेकिन इसका यह बिलकुल भी मतलब नहीं है कि आपको प्रेगनेंसी के दौरान दो लोगों के हिसाब से खाना पड़ता है। आपको एक हेल्दी डाइट प्लान के अनुसार अपने भोजन को संतुलित करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान आपको उच्च पारा (मर्क्युरी) वाली मछलियों का सेवन करने से बचना चाहिए। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अपने आहार से मछली का सेवन पूरी तरह से हटा देना चाहिए। यदि आप मछली खाने में सहज महसूस करती हैं, तो आप कम मात्रा में सार्डिन, सामन, रोहू और कतला का सेवन कर सकती हैं। कम या बिना पारे वाली मछली का सीमित मात्रा में सेवन करने से आपके गर्भ में पल रहे शिशु का संज्ञानात्मक विकास बेहतर तरीके से होता है।
यह मिथ है जो एक पुरानी मान्यता पर आधारित है। वास्तव में, विटामिन सी शरीर में आयरन के अवशोषण में सहायता करने के लिए जरूरी होता है, जो होने वाली माँ में एनीमिया को होने से रोकता है।
केवल कच्चे पपीते और अनानास में विशिष्ट एंजाइम मौजूद होते हैं, जिसका अधिक मात्रा में सेवन किए जाने पर गर्भाशय में संकुचन हो सकता है। हालांकि, पके पपीते और अनानास का कम मात्रा में सेवन करना सुरक्षित माना जाता हैं। हालांकि, इसके आर्टिफिशियल तरीके से पकने के कारण, हानिकारक एंजाइम फलों में बने रहते हैं, यही वजह है कि ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को इसे अच्छी तरह साफ करके खाने की सलाह दी जाती है।
हर महिला की गर्भावस्था अलग-अलग होती है और उसी के अनुसार हर गर्भवती महिला की जरूरत भी अलग होती है। यदि आप एक हेल्दी डाइट का पालन कर रही हैं, तो आपको अपनी गर्भावस्था के दौरान आपके द्वारा उपभोग की जाने वाली सभी कैलोरी पर नजर रखने की जरूरत नहीं है, तो फिट रहें और एक हेल्दी प्रेगनेंसी वेट को बनाए रखने का प्रयास करें। थोड़े मार्गदर्शन और जागरूकता के साथ, बस आप अपने स्वस्थ बच्चे के स्वागत की तैयारियां कीजिए।
स्रोत और संदर्भ:
स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३
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