क्या गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा मीठा खाना सही है?

क्या प्रेगनेंसी में मीठा खाने की क्रेविंग्स होना सही है?

मीठे खाद्य पदार्थों का आनंद तो अक्सर सभी लोग लेते हैं और इसे छोड़ पाना बहुत कठिन है पर गर्भावस्था के दौरान मीठा खाते समय आपको ध्यान देने की जरूरत है। गर्भावस्था में मीठा खाने से आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर इसका इसका उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है। इसके अलावा ज्यादा मीठा खाने से गर्भवती महिलाओं का वजन बहुत ज्यादा बढ़ सकता है, इंसुलिन व ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है और न्यूट्रिएंट्स की कमी भी हो सकती है। स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आपका थोड़ा बहुत वजन बढ़ना सामान्य है और यह आवश्यक भी होता है पर इस समय बहुत ज्यादा वजन बढ़ने से आपकी पीठ में दर्द हो सकता है और साथ ही दाँतों की समस्या भी हो सकती है। यदि आप गर्भवती हैं और आपको मीठा खाना बहुत पसंद है तो अपना पसंदीदा गुलाब जामुन या काजू कतली खाने से पहले आपको दो बार सोचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा मीठा खाना क्यों हानिकारक होता है, आइए जानते हैं;

गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा मीठा खाने के प्रभाव

गर्भावस्था में मीठा न खाना ही बेहतर है। यदि आप गर्भवती हैं तो इस समय कम से कम मीठा खाएं क्योंकि इससे आपके बच्चे के स्वास्थ्य को हानि हो सकती है। इस दौरान मीठे व्यंजन खाने से आपको निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, आइए जानें;

1. मीठा खाने से वजन बढ़ता है

बहुत ज्यादा मीठा खाने से वजन बढ़ता है। गर्भावस्था के दौरान ज्यादा कैलोरी-युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कुकीज, पेस्ट्रीज, मिठाई, हलवा और केक खाने से आपका वजन अधिक बढ़ सकता है। यहाँ तक कि कोल्ड ड्रिंक और मीठा पेय पदार्थ लेने से भी वजन बढ़ता है जिसकी वजह से आपको कई कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं, जैसे पीठ में दर्द, दाँतों में समस्या और जेस्टेशनल डायबिटीज।

2. खून में सुक्रोज का स्तर बढ़ता है

गर्भावस्था में ज्यादा मीठा खाने से आपके खून में सुक्रोज का स्तर बढ़ सकता है। यदि आपके आहार में मीठे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ शामिल हैं तो इससे सुक्रोज का स्तर बढ़ता है। गर्भावस्था के दौरान सुक्रोज के स्तर को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप सुक्रोज-युक्त खाद्य पदार्थ खाने के बजाय फल खाएं। इससे आपके खून में शुगर का स्तर नहीं बढ़ेगा।

3. बच्चे में वजन से संबंधित समस्या हो सकती है

गर्भावस्था के दौरान मीठे खाद्य पदार्थ खाने से बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। यदि एक गर्भवती महिला मीठा खाती है तो उसके बच्चे को डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने का खतरा होता है। इस वजह से जन्म के समय में बच्चे के वजन पर भी असर पड़ता है। ज्यादा मीठा खाने से कभी-कभी बच्चे का जन्म समय से पहले ही हो सकता है और साथ ही उसमें जन्म से ही अनेक कॉम्प्लीकेशंस हो सकते हैं। यदि गर्भावस्था में एक महिला ज्यादा मीठा खाती है तो बच्चे को ओवरवेट की समस्या हो सकती है। बच्चे को दिल का रोग और अनेक एलर्जी हो सकती हैं।

4. बच्चे की संज्ञानात्मक क्षमता प्रभावित हो सकती है

गर्भावस्था के दौरान मीठा खाने से गर्भ में पल रहे बच्चे को अस्थमा का खतरा हो सकता है और यह बच्चे की संज्ञानात्मक सक्षमता यानी कॉग्निटिव एबिलिटीज को भी प्रभावित करता है। अमेरिकन स्टडीज के अनुसार यदि एक गर्भवती महिला शुगर या सोडा लेती है तो उसके बच्चे की याद रखने और सीखने की क्षमता पर असर पड़ता है।

गर्भवती महिलाओं को कितना मीठा खाना चाहिए

एक महिला दिन में लगभग 100 कैलोरी (25 ग्राम या 6 छोटे चम्मच) खा सकती है। यह मात्रा उनके लिए सही है जो स्वस्थ, पतली और एक्टिव हैं। यदि आप ओवरवेट हैं या गर्भवती हैं तो आपके आहार में सॉफ्ट ड्रिंक्स, बेक्ड फूड आइटम्स और प्रोसेस्ड फूड नहीं होने चाहिए। तो आप सिर्फ स्वास्थ्यप्रद और एक ही सामग्री से बना हुआ भोजन करें और उन प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें जो शुगर और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से बनाए गए हों।

अब आपको पता है कि गर्भावस्था के दौरान ज्यादा शुगर या मीठा खाने से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जिन्हें मीठा खाना पसंद है वो गर्भवती महिलाएं शायद सोचती होंगी कि क्या इस समय वे आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का उपयोग कर सकती हैं। तो आइए जानते हैं!

क्या गर्भावस्था के दौरान आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का सेवन करना सुरक्षित है?

गर्भावस्था के दौरान महिलाएं हमेशा अपनी डायट और न्यूट्रिशन के बारे में चिंतित रहती हैं। स्वीटनर्स को दो भागों में बांटा जा सकता है – न्यूट्रिटिव (जिसमें कैलोरीज होती हैं) और नॉन-न्यूट्रिटिव (जिसमें कैलोरीज नहीं होती हैं)। गर्भवती महिलाओं के लिए नेचुरल स्वीटनर्स या शुगर का सेवन हमेशा से एक अच्छा विकल्प है। परंतु इस समय महिलाओं को आर्टिफिशियल स्वीटनर्स नहीं खाने चाहिए, विशेषकर तब जब इसका उपयोग बहुत ज्यादा किया गया हो। गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में सैकरीन को शामिल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका उपयोग करने से बच्चे के ब्लैडर में कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स या टेबल टॉप स्वीटनर्स गर्भावस्था और बच्चे को दूध पिलाने या लैक्टेशन के लिए सही भी है पर आपको इसका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए। हालांकि गर्भावस्था के दौरान न्यूट्रिटिव स्वीटनर्स (शुगर) जैसे सूक्रोज, डेट्रोस, शहद, कॉर्न शुगर, फ्रुक्टोज और माल्टोज का सेवन संयमित मात्रा में किया जा सकता है।

गर्भावस्था के दौरान खाने योग्य हेल्दी व मीठे व्यंजनों की रेसिपी

1. मॉइस्ट कैरट केक

मॉइस्ट कैरट केक एक हेल्दी डिश है जो बहुत आसानी से और जल्दी बनाई जा सकती है। इसे घर में बनाएं पर बहुत ज्यादा न खाएं। यदि आपको मीठा खाने की क्रेविंग होती है तो आप इसे थोड़ा सा खा सकती हैं। मॉइस्ट कैरट केक को घर में कैसे बनाया जा सकता है, आइए जानें;

Moist carrot cake

सामग्री

  • गाजर (कटी हुई) – ¼  कप
  • अंडे – 2
  • सादा दही – ¼  कप
  • बादाम का पाउडर – 2 कप
  • अपनी पसंद का कोई भी स्वीटनर – 1 कप
  • बेकिंग पाउडर – 2 छोटे चम्मच
  • सनफ्लावर का तेल – 3 बड़े चम्मच
  • बटर – 3 बड़े चम्मच
  • चीज़ (पिघला हुआ) – 114 ग्राम
  • स्वाद के लिए स्वीटनर
  • वैनिला एक्सट्रेक्ट – ¼  छोटा चम्मच

विधि

  1. सबसे पहले एक कटोरे में वैनिला, दही व तेल डालें और इसे अच्छी तरह से फेंट लें।
  2. एक दूसरे कटोरे में बेकिंग पाउडर, स्वीटनर और बादाम का पाउडर डालें। इसे अच्छी तरह से मिलाएं और इसे 350°F (175°C) में लगभग 40 मिनट के लिए बेक कर लें। हाँ इसमें किसी हुई गाजर डालना न भूलें।
  3. बेक होने के बाद इसमें टूथपिक डालकर देखें – यदि यह टूथपिक केक से निकालते समय बिलकुल साफ रहती है तो फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें।
  4. एक कटोरे में बटर, स्वीटनर, क्रीम चीज़ और वैनिला डालें और इसे स्मूद होने तक फेटें। अंत में इसे आप केक पर स्प्रेड कर दें।

2. मखाने की खीर

मखाने प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होते हैं। इसे कम फैट वाले दूध में मिलाने से क्रीमी और स्वादिष्ट खीर बनती है। यहाँ बताया गया है कि आप यह स्वादिष्ट खीर कैसे बना सकती हैं, आइए जानते हैं;

Makhana kheer

सामग्री

  • मखाने – 1 कप
  • घी – 1 छोटा चम्मच
  • कम फैट वाला दूध – 4½ कप
  • चीनी – 1 बड़ा चम्मच
  • केसर
  • जायफल पाउडर – ¼ छोटा चम्मच

विधि

  1. एक नॉन स्टिक पैन लें और इसमें थोड़ा सा घी डालकर गर्म कर लें। अब घी में मखाने डालकर कम आंच में 2-3 मिनट के लिए या क्रिस्पी होने तक तल लें।
  2. अब इसे बारीक पाउडर के रूप में ब्लेंड कर लें।
  3. एक नॉन स्टिक के गहरे पैन में आप दूध गर्म करें। इसमें पिसे हुए मखाने और चीनी डालें।
  4. इस मिश्रण को लगभग 120 सेकंड के लिए कम आंच में पकाएं और बार-बार चलाती रहें।
  5. अंत में मिश्रण में जायफल और केसर डालें।
  6. तुरंत सर्व करें।

3. लाप्सी

इसे दलिया से बनाया जाता है और यह खाने में भी बहुत हल्का होता है। यह एक ऐसा डिजर्ट है जो आपको एनर्जी, प्रोटीन और आयरन प्रदान करता है।

Lapsi

सामग्री

  • गेहूँ का दलिया – ½  कप
  • गुड़ – ½  कप
  • शुद्ध घी – 3 बड़े चम्मच
  • कटे हुए बादाम – 2 बड़े चम्मच
  • इलायची पाउडर – ½  चम्मच
  • गुनगुना दूध – 3 बड़े चम्मच

विधि

  1. सबसे पहले एक पैन में घी गर्म करें। घी में दलिया को भूरा होने तक फ्राई कर लें।
  2. एक अलग पैन में डेढ़ कप पानी गर्म कर लें।
  3. अब इसे दलिया के पैन में डालें और अच्छी तरह से पकाएं।
  4. जब दलिया पक जाए तो इसमें चीनी, इलायची का पाउडर व बादाम डालें और अच्छी तरह से चलाएं।
  5. घी अलग होने तक इसे कम आंच में पकाएं।
  6. अंत में इसे ठंडा करें और फिर दूध डालकर एक बार फिर से गर्म कर लें। गर्म-गर्म सर्व करें।

4. कस्टर्ड खीर

कस्टर्ड खीर स्वादिष्ट होती है और इसे बहुत जल्दी बनाया भी जा सकता है। आप स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें फल और नट्स डाल सकती हैं। इसे कैसे बनाएं, आइए जानते हैं;

Custard kheer

सामग्री

  • दूध – 1 लीटर
  • चावल (पहले से भिगोए हुए) – 4 बड़े चम्मच
  • वनीला कस्टर्ड पाउडर – 2 बड़े चम्मच
  • चीनी – 8 बड़े चम्मच
  • कटे हुए बादाम – 1 छोटा चम्मच
  • कटे हुए पिस्ता – 1 छोटा चम्मच

विधि

  1. सबसे पहले आप भीगे हुए चावल को छान कर फैला दें और थोड़ी देर के लिए सूखने दें।
  2. एक पैन में दूध उबालें।
  3. सूखे हुए चावल को रोस्ट करके बारीक पीस लें।
  4. पिसे हुए चावल में 1/2 कप दूध डालकर अच्छी तरह से मिला लें।
  5. अब उबलते हुए दूध में मिश्रण डालें और इसे कम आंच में पकने दें।
  6. एक कटोरे में वनीला के फ्लेवर का कस्टर्ड पाउडर लें और इसमें 1/2 कप दूध मिलाएं।
  7. फिर इसमें धीरे-धीरे कस्टर्ड और दूध मिलाएं और साथ ही इसे चलाती रहें।
  8. अंत में इसे बादाम व पिस्ता डालें और फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें।

गर्भावस्था के दौरान मीठा खाने की क्रेविंग्स को कैसे कम करें?

विशेषकर यदि आप गर्भवती हैं तो मीठे की क्रेविंग्स होने पर आपके लिए मीठा छोड़ पाना कठिन हो सकता है। पर गर्भावस्था के दौरान मीठा खाने की क्रेविंग्स को नियंत्रित करने से ही आपके स्वास्थ्य को फायदे हो सकते हैं। इसके लिए आपको क्या करना चाहिए, आइए जानते हैं;

  • ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखें 

गर्भावस्था के दौरान थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करें क्योंकि यह आपके खून में शुगर के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और इससे आपको ज्यादा मीठा खाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। थोड़ा मात्रा में खाने से आपके शरीर में शुगर धीरे-धीरे रिलीज होगी और खून से शुगर के स्तर को बनाए रखने में मदद करेगा।

  • प्रोसेस्ड फूड न खाएं 

प्रोसेस्ड फूड और एरेटेड ड्रिंक से बचें क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा शुगर होती है।

  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं 

ज्यादा सा ज्यादा पानी पीने से पेट भरा रहता है और आपको खाने की इच्छा कम हो सकती है। यदि आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिएंगी तो हाइड्रेटेड रहेंगी और गर्भवस्था के समय में यह जरूरी भी है।

  • एक्सरसाइज और मेडिटेशन करें 

आप मीठा खाने की क्रेविंग्स से अपना ध्यान हटाने के लिए योग भी कर सकती हैं। आप चाहें तो मेडिटेशन भी कर सकती हैं – गर्भावस्था के दौरान आप सिर्फ अच्छी और स्वस्थ चीजों के बारे में ही सोचें। यह आपको अच्छी चीजें चुनने में मदद कर सकता है जिससे आपके गर्भावस्था को फायदा हो।

मीठा खाने के अन्य स्वास्थ्यप्रद विकल्प

यदि आप गर्भावस्था के दौरान कुछ मीठा खाना चाहती हैं और आपको अपने स्वास्थ्य का भी खयाल है तो हम सलाह देंगे कि आप निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती हैं जो मीठे का स्वास्थ्यप्रद विकल्प है, आइए जानें;

  • फलों का कबाब
  • ड्राई फ्रूट्स
  • घर में बनाया हुआ दही और फलों के पॉप्सिकल्स
  • शकरकंद (उबालकर मैश किया हुआ)
  • हेल्दी स्मूदी

गर्भावस्था के दौरान मीठा खाने की क्रेविंग होना एक आम बात है पर इस समय यह नहीं खाना चाहिए। जेस्टेशनल डायबिटीज से बचने के लिए गर्भावस्था में कम से कम मीठा खाना बेहतर और सुरक्षित है। यदि गर्भावस्था में आप ज्यादा मीठा खाती हैं तो इसके उल्टे प्रभाव आपके पूरे जीवन में दुःख का कारण बन सकते हैं। क्रेविंग्स को कम करने के लिए कुछ हेल्दी डिजर्ट भी हैं जिनका सेवन आप गर्भावस्था में भी कर सकती हैं। इसलिए आप हेल्दी विकल्प चुनें और अपनी गर्भावस्था को चिंता-मुक्त बनाएं।

स्रोत व संदर्भ: 

स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३

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प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट का सेवन