In this Article
- गर्भावस्था के दौरान नाभि में कैसे बदलाव आता है?
- उभरी हुई नाभि या आउटी बेली बटन क्या है?
- गर्भावस्था में नाभि के बाहर निकलने का क्या कारण है?
- क्या आप अपनी नाभि को बाहर आने से रोक सकती हैं?
- नाभि के उभरने से पैदा होने वाली समस्या
- क्या आपको गर्भावस्था के दौरान किसी भी नेवल पियर्सिंग को हटा देना चाहिए?
- क्या होगा अगर डिलीवरी के बाद नाभि बाहर निकलने लगे?
- गर्भावस्था के दौरान नाभि में दर्द
- नाभि में होने वाले दर्द का कारण
- नाभि के दर्द से कैसे राहत पाएं
- अम्बिलिकल हर्निया के कारण नाभि में होने वाले दर्द के संकेत
- क्या अम्बिलिकल हर्निया आपके बच्चे को नुकसान पहुँचा सकती है?
- क्या आप नाभि के दर्द को रोक सकती हैं?
- क्या आपको प्रेगनेंसी में अपनी नाभि को लेकर चिंता करनी चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान, एक महिला के शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं जिनमें से एक नाभि भी है।
गर्भावस्था के दौरान नाभि में कैसे बदलाव आता है?
बढ़ते हुए बच्चे के कारण, आपकी नाभि पर दबाव पड़ने लगता है। शुरुआत में यह बदलाव ज्यादा नहीं पता चलता है, लेकिन कुछ हफ्तों के बाद आपकी नाभि उभरी हुई दिखना शुरू हो जाएगी।
उभरी हुई नाभि या आउटी बेली बटन क्या है?
जब आपकी नाभि बाहर की ओर उभरने लगती है तो इसे ‘आउटी’ बेली बटन कहते हैं। इसी तरह, एक अंदर की तरफ घुसे हुए नाभि को ‘इन्नी’ कहा जाता है। यदि आपकी नाभि बाहर की ओर है तो प्रेगनेंसी के समय यह और ज्यादा बाहर निकलने के चान्सेस हैं। गर्भावस्था के दौरान एक नाभि उभरना आम बात है और यह हानिरहित होती है।
गर्भावस्था में नाभि के बाहर निकलने का क्या कारण है?
आपका शरीर गर्भावस्था के दौरान शारीरिक परिवर्तनों से गुजरता है, जिसमें वजन बढ़ना और गर्भाशय का बड़ा होना आदि शामिल है। इसके साथ साथ, आपका शरीर अधिक मात्रा में एमनियोटिक फ्लूइड बनाने लगता है जिसके कारण गर्भाशय आपके नाभि पर दबाव बनाता है। इसलिए, आपकी नाभि बाहर आने लगती है।
क्या आप अपनी नाभि को बाहर आने से रोक सकती हैं?
नाभि का बाहर आना हार्मोनल चेंजेस की वजह से भी होता है, जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। आपकी नाभि पहली या दूसरी गर्भावस्था के दौरान बाहर निकल सकती है, या फिर यह बाहर ही न निकले ऐसा भी हो सकता है।
नाभि के उभरने से पैदा होने वाली समस्या
वैसे तो ये ज्यादा समस्या वाली बात नहीं है, लेकिन दुर्लभ मामलों में, नाभि के बाहर उभरने से कुछ समस्याएं पैदा हो सकती हैं:
1. दर्द
जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपका पेट खिचता है जिसके कारण आपको दर्द न अनुभव हो सकता है। यह मांसपेशियों की समस्या भी हो सकती है। ज्यादातर महिलाओं के लिए, इस तरह का दर्द कुछ समय के लिए ही होता है जब तक आपका पेट पूरी तरह से बच्चे के हिसाब से बड़ा नहीं हो जाता है। हालांकि, यदि आपको कुछ मिनट से ज्यादा यह तेज दर्द बना रहता है तो आपको अपने डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए।
2. खुजली
नाभि के पास खुजली होना दो कारणों से हो सकता है, पहला खिंचाव या स्किन इन्फेक्शन के कारण भी ऐसा हो सकता है। इस समस्या को रोकने और इसका इलाज के लिए, नहाने के बाद बाहर निकली नाभि को धीरे-धीरे सुखाएं। आपके कपड़ों नाभि पर न रगड़ने से इसके लिए आप उसपर एक बैंड-ऐड लगा सकती हैं।
क्या आपको गर्भावस्था के दौरान किसी भी नेवल पियर्सिंग को हटा देना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान आपकी नेवल पियर्सिंग या छिदे हुए नाभि से आपको परेशानी हो सकती है। आपका पेट समय के साथ बढ़ने लगेगा और नाभि के आसपास के क्षेत्र में जलन, दर्द और यहाँ तक कि इन्फेक्शन भी हो सकता है। इसलिए आपके डॉक्टर किसी भी प्रकार की नेवल पियर्सिंग को डिलीवरी से पहले हटाने की सलाह देते हैं। यदि आप अपनी पियर्सिंग को बरकरार रखना चाहती हैं, तो बताई गई इन सावधानियों को बरते :
- इन्फेक्शन के चेंजेस को कम करने के लिए नेवल पियर्सिंग के आसपास के क्षेत्र को साफ रखें।
- नहाने के बाद नाभि को अच्छे से सुखाएं, आप पूरा दिन इसे साफ रखें यह बहुत जरूरी है।
- पियर्सिंग को छूने और खींचने से बचें। यह त्वचा को नुकसान पहुँचा सकता है।
- अपने पति को आपकी नाभि छूने, चूमने या चाटने के लिए मना करें। इससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
क्या होगा अगर डिलीवरी के बाद नाभि बाहर निकलने लगे?
जिन लोगों की नाभि बाहर की ओर होती है उनकी डिलीवरी के बाद अक्सर ऐसा होता है।
- गर्भावस्था के दौरान त्वचा के खिंचाव के कारण बाहर की त्वचा ढीली हो जाती है। इस समस्या को प्लास्टिक सर्जरी की मदद से ठीक किया जा सकता है।
- अम्बिलिकल हर्निया आपके पेट के अंदर मौजूद फैटी टिश्यू के कारण होता है जो आपकी नाभि के बहुत करीब है। यदि आप एक अम्बिलिकल हर्निया से पीड़ित हैं, तो यह प्रभावित क्षेत्र के आसपास दर्द और परेशानी पैदा कर सकता है। इसके कतरन आपकी नाभि के चारों ओर बहुत दर्द होगा, इस समस्या का इलाज करने के लिए तुरंत अपने डॉक्टर की मदद लें।
गर्भावस्था के दौरान फ्लैट नाभि
- यह एक ऐसी संभावना है कि जब गर्भावस्था के दौरान आपकी नाभि फ्लैट हो। नाभि फ्लैट हो जाती है और आपका पेट तन जाता है। यह स्थिति नॉर्मल है। आपकी नाभि डिलीवरी के बाद अपने पहले के शेप में लौट आएगी।
गर्भावस्था के दौरान नाभि में दर्द
गर्भावस्था के दौरान, कुछ महिलाओं को नाभि में दर्द की शिकायत होती है, जबकि अन्य महिलाओं को नहीं होती है। इसी तरह, कुछ महिलाओं को पहली गर्भावस्था में नाभि में दर्द नहीं होता है, लेकिन दूसरी गर्भावस्था में वो इस दर्द न अनुभव करती हैं में होता है। नाभि में होने वाला दर्द दूसरी और तीसरी तिमाही में होना आम है।
नाभि में होने वाले दर्द का कारण
गर्भावस्था के दौरान नाभि में दर्द आपके शरीर के शेप और पेट की त्वचा की फ्लेक्सिबिलिटी जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। आमतौर पर, नाभि का दर्द लंबे समय तक नहीं रहता है और समय के साथ या डिलीवरी के बाद यह दर्द दूर हो जाता है। यहाँ आपको नाभि में होने वाले दर्द का कारण बताया गया है:
1. बहुत ज्यादा स्ट्रेचिंग
जैस जैसे गर्भाशय बढ़ने लगता है वैसे वैसे आपके पेट की त्वचा और पेट की मांसपेशियों अपनी क्षमता अनुसार खिचने लगती है। इसकी वजह से कई बार स्ट्रेच मार्क, खुजली यहाँ तक कि दर्द का अनुभव भी होता है।
2. नेवल पियर्सिंग
यदि आप गर्भवती हैं और अपने हाल ही में नेवल पियर्सिंग कराया है, तो सावधान रहें। एक नेवल पियर्सिंग को पूरी तरह से ठीक होने में साल भर का समय लग जाता है, इससे आपको इन्फेक्शन होने का खतरा हो सकता है। नाभि में दर्द के पीछे एक कारण नेवल पियर्सिंग भी हो सकता है। नेवल पियर्सिंग के आस पास की त्वचा भी गर्भावस्था के दौरान खिचती हैं, जिससे आपको काफी दर्द हो सकता है और आपकी नाभि सेंसेटिव हो सकती है।
3. गर्भाशय का दबाव
जब गर्भवती होती है, तो आपका गर्भाशय बढ़ता रहता है, क्योंकि आपके गर्भ में फीटस लगातार बढ़ रहा होता है। गर्भावस्था की पहली तिमाही में, आपका गर्भाशय अभी भी छोटा होता है और प्यूबिक बोन से ज्यादा नही फैलता है। अब, वास्तव में वहाँ पर क्या होता है? आपका शरीर आपके गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूइड को ज्यादा मात्रा में जमा करना शुरू कर देता है, जबकि आपकी गर्भावस्था अपनी विकास प्रक्रिया को जारी रखे होती है। एमनियोटिक फ्लूइड और बच्चे के वजन से पड़ने वाले दबाव के कारण आपकी नाभि बाहर निकलने लगती है। हालांकि, सभी महिलाओ को नाभि के बाहर निकलने की समस्या नहीं होती है। बस केवल कभी-कभी, गर्भाशय के दबाव से आपकी नाभि में कुछ परेशानी हो सकती है।
नाभि के दर्द से कैसे राहत पाएं
यदि आप सोच रहे हैं कि आप अपने नाभि में दर्द को कैसे कम कर सकती हैं, तो ये टिप्स निश्चित रूप से आपकी मदद करेंगे!
- बाईं या दाईं ओर सोने से आपकी नाभि पर पड़ने वाले दबाव को कुछ हद तक कम करने में मदद मिलती है। आप अपने पेट को सहारा देने के लिए एक तकिया का उपयोग भी कर सकती हैं।
- मैटरनल सपोर्ट बेल्ट भी एक अच्छा ऑप्शन है। जब आप खड़ी होती हैं तो यह आपकी पीठ और पेट में दर्द को कम करता है।
- अपने नाभि पर और उसके आस-पास खुजली या जलन से राहत पाने के लिए, आप प्रेगनेंसी सेफ लोशन लगा सकती हैं। आप कोकोआ बटर का भी प्रयोग कर सकती हैं, यह खुजली वाली त्वचा में राहत प्रदान करता है।
- ढीले कपड़े पहने ताकि यह आपकी नाभि से रगड़े नहीं।
- दर्द से राहत के लिए आप टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं। टी ट्री ऑयल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इन्फेक्शन को कम करने या उसे रोकने में मदद करते हैं।
अम्बिलिकल हर्निया के कारण नाभि में होने वाले दर्द के संकेत
नाभि में होने वाला दर्द अम्बिलिकल हर्निया का एक लक्षण हो सकता है। यह स्थिति तब होती है जब बाउल या फैटी टिश्यू आपकी नाभि पर के पास वाले क्षेत्र के दबाव डालते हैं, जिसके कारण नाभि के पास उभार या सूजन हो जाती है। हालांकि, कुछ दुर्लभ मामलों में, यह एक गंभीर स्थिति का कारण भी बन सकती है।
यदि नीचे बताए गए इनमें से किसी भी लक्षण को आप नोटिस करती हैं, तो इसका मतलब है कि आपको नाभि में होने वाला दर्द एक अम्बिलिकल हर्निया के कारण है।
- अगर आपको आपकी नाभि के पास ज्यादा या गोलाकार शेप उभरता हुआ नजर आए।
- जब आप खांसती, छींकती या झुकती हैं तो आपको नाभि में या उसके आसपास दर्द महसूस होता है।
- गर्भावस्था के आखरी चरणों के दौरान आपको मूव करने में परेशानी हो रही हो।
क्या अम्बिलिकल हर्निया आपके बच्चे को नुकसान पहुँचा सकती है?
आपका बच्चा गर्भ के अंदर सुरक्षित है और अम्बिलिकल हर्निया से आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुँचाएगा। आपके शिशु का विकास आपके पोषक तत्वों के सेवन पर निर्भर करता है। इसलिए, यदि आपको हर्निया के कारण भूख कम लगती है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है। ऐसे में आप अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
गर्भावस्था के दौरान अम्बिलिकल हर्निया से कैसे राहत पाएं
यदि आप गर्भवती हैं और अम्बिलिकल हर्निया से पीड़ित हैं, तो बेली बैंड पहनने से उभार और दर्द को कम करने में मदद मिलेगी। आप नाभि पर ता तक धीरे धीरे मसाज कर सकती हैं जब तक यह अंदर न चली जाए। यदि आपको इससे बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है, तो आप इसे ऐसे ही रहने दें जैसा कि यह है। यदि हर्निया अपने आप ठीक नहीं होता है या इलाज के बाद भी नहीं ठीक होता है तो आपको सर्जरी कराने की आवश्यकता पड़ सकती है।
क्या गर्भावस्था के दौरान सर्जरी की सलाह दी जाती है?
गर्भावस्था के दौरान अम्बिलिकल हर्निया को ठीक करने के लिए सर्जरी करवाने की सलाह नहीं दी जाती है, जब तक कि बोवेल लूप नाभि की छेद से अंदर जाकर फंस नहीं जाता, जिससे उस क्षेत्र में रक्त की सप्लाई कम हो जाती है।
क्या आप नाभि के दर्द को रोक सकती हैं?
आमतौर पर, नाभि के दर्द को रोकने के लिए आप बहुत कुछ नहीं कर सकती हैं। ज्यादातर मामलों में, जेस्टेशन के कारण मामूली दर्द होता है जो आपको नाभि के चारों ओर हो सकता है, जिसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। यही बात अम्बिलिकल हर्निया के लिए भी मानी जाती है। चिंता न करें, आपको बस इतना करना होगा कि असुविधा से बचने के लिए छींक या खांसी आने पर आपको अपनी उभरी हुई नाभि पर थोड़ा दबाव डालना होगा।
क्या आपको प्रेगनेंसी में अपनी नाभि को लेकर चिंता करनी चाहिए?
गर्भावस्था की वजह से आपके शरीर में होने वाले बदलाव के कारण आपकी नाभि में दर्द हो सकता है। बेशक, दर्द या आपको होने असुविधा इस बात पर निर्भर करती है कि आपका पेट कितना बड़ा होगा और आपकी त्वचा की फ्लेक्सिबिलिटी कितनी है। फिर भी, आपको घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, गर्भावस्था के दौरान नाभि में दर्द होना एक सामान्य बात है। यह आपको गर्भावस्था के अंतिम चरणों में ज्यादा महसूस होगा जब आपके पेट का काफी बड़ा हो जाता है।
यदि आपको इसकी वजह से उल्टी, बुखार, मतली या ब्लीडिंग जैसे परेशानी हो रही है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। सबसे पहली बात यह कि अगर आपको कुछ भी ठीक नहीं लग रहा है तो आप अपने डॉक्टर के पास जाँच कराने जाएं। आपकी कंडीशन को जानने का सबसे सही तरीका यही है कि आप डॉक्टर से बात करें और वो इसके सही उपचार करें जो आप और आपके बच्चे के लिए बेहतर हो।
आपकी नाभि में होने वाले बदलाव आपकी गर्भावस्था के कारण हैं। इसलिए घबराइए नहीं! यदि आप इस विषय को लेकर अभी भी चिंतित हैं, तो इसके बारे में अपने गाइनकॉलजिस्ट से बात करें।
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