गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग – कारण, लक्षण और उपचार

गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग - कारण, लक्षण और उपचार

गर्भ में पल रहे नन्हे से जान के साथ गर्भवती महिलाओं को अनेकों असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग अर्थात अत्यधिक शारीरिक गर्मी होना भी इन्हीं असुविधाओं में से एक है। जी हाँ! बिलकुल सही सुना आपने, गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग- यह समस्या गर्भवती महिलाओं में अक्सर अनियमितता और लापरवाही के कारण होती है। ज्यादातर महिलाएं तब तक पानी नहीं पीती हैं जब तक उन्हें अधिक प्यास न लगे। किन्तु गर्भावस्था के दौरान आपको इस बात खयाल रखना अत्यधिक आवश्यक है कि आपके गर्भ में पल रहा शिशु अपने पोषण आवश्यकताओं के लिए पूरी तरह से आप पर ही निर्भर है। अपने और बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आप स्वस्थ आहार के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में नियमित रूप से तरल पदार्थ लें।

गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग का मतलब क्या है

सामान्यतः शरीर का तापमान 37 डिग्री सेंटीग्रेट के आसपास रहता है। परन्तु गर्भावस्था के दौरान 39.5 से अधिक हो जाता है जिसे ओवरहीटिंग कहते हैं। गर्भावस्था के दौरान होने वाली ओवरहीटिंग को चिकित्सीय भाषा में ‘हाइपरथर्मिया’ कहा जाता है।

गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग के लक्षण

गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग होने के परिणाम अधिक गंभीर हो सकते हैं। किंतु इसकी बुरी बात यह है कि शारीरिक तापमान में वृद्धि होने के बाद भी आपको किसी प्रकार की असुविधा महसूस नहीं होगी। इस दौरान ओवरहीटिंग में तापमान वृद्धि की जांच के लिए आप निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान दें।

  • सिर चकराना
  • उल्टी या मतली महसूस होना
  • डिहाइड्रेशन होना
  • बेहोशी होना
  • अचानक से ठंड लगना या कंपकंपी आना
  • अचानक से मुंह सूखने लगना
  • अनियंत्रित और अत्यधिक पसीना आना
  • अजीब सी चिपचिपाहट महसूस होना

गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग के कारण

गर्भावस्था के दौरान होने वाली असुविधाओं का कोई न कोई कारण होना संभव है। इस दौरान ओवरहीटिंग होने के भी कई कारण होते हैं, वे इस प्रकार हैं;

  • गर्मियों में गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान अत्यधिक शारीरिक परिश्रम करने से ओवरहीटिंग हो सकती है।
  • काफी देर तक कठिन व्यायाम करने से भी ओवरहीटिंग होती है।
  • सॉना बाथ या स्टीम बाथ से भी ओवरहीटिंग होती है।
  • स्नान के समय देर तक बाथ टब में रहने से भी ओवरहीटिंग होती है।
  • संक्रमण या किसी अन्य चिकित्सकीय समस्या के कारण तेज बुखार आ सकता है जो ओवरहीटिंग का कारण बनता है।

गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग के खतरे

गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग के कारण गर्भवती महिलाओं को गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इससे होने वाले खतरे कुछ इस प्रकार हैं;

  • गर्भावस्था की पहली तिमाही में ओवरहीटिंग की वजह से गर्भपात हो सकता है।
  • ओवरहीटिंग से कुछ गंभीर जन्मदोष की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे भ्रूण का विकास न होना, गर्भ में ही शिशु की मृत्यु हो जाना और तंत्रिकाओं की असामान्यता होना।
  • माँ को तेज बुखार होने से गर्भ में पल रहे शिशु के होंठ फट सकते हैं और जन्म से ही वह तालू की समस्या से ग्रसित हो सकता है। इस कारण से बच्चे के ऊपरी होंठ और तालू में खाली स्थान हो सकता है।
  • हाइपरथर्मिया की वजह से शिशु के न्यूरल ट्यूब में दोष भी हो सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग के खतरे

क्या व्यायाम के कारण भी ओवरहीटिंग हो सकती है?

यह सभी जानते हैं कि व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करने से मांसपेशियों में मजबूती आती है, आपका हृदय स्वस्थ रहता है और सक्रीय महसूस करता है। किन्तु गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक व्यायाम करने से ओवरहीटिंग की समस्या भी हो सकती है। इसलिए इस समय आपके लिए हल्के-फुल्के व्यायाम करना ही बेहतर होगा और आप रोजाना अधिक से अधिक 45 मिनट तक ही व्यायाम करें। गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करते समय ट्रेनर से सलाह जरुर लें और प्रयास करें कि आप अत्यधिक गर्मियों के दिनों में व्यायाम न करें।

गर्भावस्था के दौरान आप ठंडक कैसे महसूस कर सकती हैं

गर्भावस्था के दौरान, आपके शरीर का सामान्य तापमान बढ़ा ही रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका शरीर बढ़ते हुए भ्रूण को विकसित करने के लिए सामान्य से 40-50% ज्यादा तेजी से रक्त प्रवाह करता है। चूंकि बढ़ते रक्त प्रवाह के कारण शारीरिक तापमान अपने आप ही बढ़ता रहता है और गर्मियों के दौरान वातावरण का मौसम आपकी इस समस्या को और बढ़ा सकता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान गर्म और नम हवा भी ओवरहीटिंग का कारण बनती है। इन सभी कारणों के साथ ओवरहीटिंग के बढ़ते स्तर में ठंडक प्रदान करने के लिए आप कुछ घरेलू उपचारों का उपयोग कर सकती हैं।गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय, इस प्रकार हैं;

१. पर्याप्त पानी पिएं

प्यास न लगने पर भी आपको नियमित समय पर पानी पीते रहना चाहिए। पर्याप्त पानी पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे पानी पीने से शारीरिक विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, ऊर्जा स्तर बढ़ता है, मानसिक कार्यक्षमता बढ़ती है, डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है और आपके शरीर में ठंडक रहती है।

२. सॉना के उपयोग से बचें

गर्भावस्था के दौरान स्टीम बाथ, मालिश और सॉना से दूर रहना ही बेहतर है। यहाँ तक कि गर्म पानी के बाथटब में काफी देर तक रहना भी ठीक नहीं है क्योंकि यह आपके शरीर के तापमान को बढ़ा सकता है। गर्भावस्था के दौरान आपको केवल गुनगुने पानी के स्नान की सलाह दी जाती है।

३. अत्यधिक शारीरिक तनाव से बचें

जैसा कि पहले ही बताया गया है, गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक कठिन व्यायाम नहीं करना चाहिए। सिर्फ व्यायाम ही नहीं, बल्कि किसी भी प्रकार की श्रमयुक्त गतिविधि न करें, जैसे वजन उठाना, घर के कठिन कार्य आदि ।

४. भीषण गर्मी के दिनों में बाहर न निकलें

दोपहर और पूर्व शाम के दौरान बाहर घूमने से बचें क्योंकि इससे आपको लू लग सकती है या हाइपरथर्मिया होने का खतरा होता है। ऐसे समय पर घर के अंदर रहना बेहतर है या यदि आपका बाहर जाना अत्यधिक जरुरी है तो बहुत देर तक घर से बाहर न रहें।

५. हल्के-फुल्के कपड़े पहनें

गर्भावस्था के दौरान मोटे और टाइट कपड़े न पहनें। इस समय पर आप अधिक से अधिक ढीले और हल्के कपड़े पहनें जिसमें आपको सांस लेने में सरलता हो और साथ ही आपके लिए आरामदायक भी रहे। इस दौरान गर्मियों के दिनों में ढीले और पतले कपड़े पहनने का प्रयास करें।

हल्के-फुल्के कपड़े पहनें

६. अधिक से अधिक तरल पदार्थ लें

अपने आहार में अधिक से अधिक तरल पदार्थ शामिल करने का प्रयास करें। आप अपने रोज के आहार में ताजे फलों के रस, सूप आदि को शामिल कर सकती हैं। इन तरल पदार्थों को लेने से आप हमेशा ताजगी महसूस करेंगी और साथ ही आपके शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी। इस बात का खयाल रखें कि आप गैस-युक्त पेय पदार्थ या कोल्ड ड्रिंक न पिएं।

७. कैफीन से बचें

आप गर्भवती हैं या नहीं परन्तु आपके शरीर में कैफीन का अत्यधिक दुष्प्रभाव होता है। कैफीन से आपको बेचैनी, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन और कुछ-कुछ मामलों में तनाव भी हो सकता है। तो विशेषकर गर्भावस्था के दौरान कैफीन का सेवन बिलकुल बंद कर दें और इसके बजाय जूस या ऐसे पेय का सेवन करें जो आपके शरीर को ठंडक प्रदान करने में मदद कर सकता है।

८. मसालेदार भोजन से बचें

गर्भावस्था के दौरान अपने भोजन को जितना हो सके उतना हल्का रखें। इस समय मसालेदार भोजन करने से सीने में जलन और अपच होती है, जिससे ओवरहीटिंग की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इस दौरान मसालेदार भोजन बिलकुल भी न करें और ज्यादा से ज्यादा ताजे फलों का सेवन करें, जैसे तरबूज, अंगूर, नींबू का रस, चेरी, जामुन, इत्यादि।

९. तैराकी या स्विमिंग करें

गर्भावस्था के दौरान स्विमिंग को सर्वोत्तम और आरामदायक व्यायामों में से एक माना जाता है। स्विमिंग, संपूर्ण गर्भावस्था के दौरान एक सुरक्षित व्यायाम है और यह आपके शरीर को ठंडक प्रदान करता है।

१०. योग करें

योग की मदद से भरपूर सांस लेने में मदद मिलती है तथा मानसिक व शारीरिक तनाव से भी राहत मिलती है। योग आपको अपने अंतर्मन व गर्भ में पल रहे शिशु से मानसिक जुड़ाव में मदद करता है। ध्यान व श्वसन व्यायाम से आप अपनी सभी इंद्रियों को शांत कर सकती हैं और आपके शारीरिक तापमान को भी बढ़ने से रोकता है।

गर्भावस्था के दौरान ओवरहीटिंग की समस्या अत्यधिक प्रतिकूल परिस्थितियों में ही बढ़ने की संभावना होती है। इस समय जो महिलाएं अधिक से अधिक पानी पीती हैं उनमें ओवरहीटिंग के लक्षण कम होते हैं।