गर्भावस्था के दौरान विटामिन ‘ई’ लेना

प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन ‘ई’ लेना

विटामिन ‘ई’ एक फैट-सोल्युबल विटामिन होता है, जिसे अल्फा टीई या अल्फा टोकोफेरॉल के रूप में भी जाना जाता है। गर्भावस्था के विटामिन ‘ई’ की एक अहम भूमिका होती है। यह सेल्स को प्रोटेक्ट करने में मदद करता है और आपके शरीर को हानिकारक रेडिकल्स (रिएक्टिव ऑक्सीजन मॉलिक्यूल) से बचाता है। जो महिलाएं माँ बनने जा रही हैं उन्हें विटामिन ‘ई’ सप्लीमेंट लेने के लिए कहा जाता है खासकर नीचे बताई गई कंडीशन में।

  • हाई ब्लड प्रेशर 
  • मेनोपॉजल सिंड्रोम
  • प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम
  • लेट प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशन होना 
  • सिस्टिक फाइब्रोसिस
  • तेज गर्मी महसूस होना 
  • ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण होना 

गर्भावस्था के दौरान विटामिन ‘ई’ लेने क्या फायदे होते हैं

A pregnant woman holding vitamin capsules in her hand

विटामिन ‘ई’ और प्रेगनेंसी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। विटामिन ‘ई’ की पर्याप्त मात्रा आप और आपके बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होती है।

  • विटामिन ‘ई’ एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है और आपके बॉडी टिश्यू को फ्री रेडिकल्स से बचाता है। ये फ्री रेडिकल्स आपके सेल्स, ऑर्गन और टिश्यू को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
  • विटामिन ‘ई’ प्रोस्टाग्लैंडिंस के उत्पादन में मदद करता है, यह केमिकल होते हैं जिसका काम प्रोलैक्टिन उत्पादन की मात्रा को कम करना होता है। प्रोलैक्टिन, पीएमटी के शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों का कारण होता है। प्रोलैक्टिन एक हार्मोन है जो उस समय बढ़ता है जब आप आव्युलेट कर रही होती हैं। विटामिन ‘ई’ आपके शरीर में प्रोलैक्टिन लेवल को बैलेंस करने में मदद करता है, जो महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम के कार्य को बेहतर करने में मदद करता है।
  • विटामिन ‘ई’ आपके शरीर में फैट (लिपिड) को बनाए रखने में मदद करता है।
  • यह आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है और आपके शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से बचाने में भी मदद करता है।
  • यह आपके ब्लड वेसल्स को भी बढ़ाता है जिससे वेसल्स के अंदर ब्लड क्लॉट नहीं होता है।
  • विटामिन ‘ई’ आरबीसी (रेड ब्लड सेल्स) का निर्माण करने में मदद करता है। 
  • गर्भावस्था के दौरान होने वाले स्ट्रेच मार्क के लिए विटामिन ‘ई’ का इस्तेमाल बहुत अच्छा होता है।
  • विटामिन ‘ई’ आपके शरीर को सक्षम बनाता है ताकि वह विटामिन ‘के’ का उपयोग कर सके।
  • विटामिन ‘ई’ सेल्स की मदद से पूरे शरीर तक पहुँचते हैं और इसके कार्य को बेहतर करने में मदद करते हैं।
  • यदि विटामिन ‘ई’ का शुरूआती गर्भावस्था में सेवन किया जाता है तो मिसकैरज के चांसेस बहुत कम हो जाते हैं।

बच्चे के विकास में विटामिन ‘ई’ की क्या भूमिका होती है

यहाँ कुछ तरीके हैं जिसमें विटामिन ‘ई’ गर्भावस्था के दौरान एक भूमिका निभाता है।

  • बच्चे के नर्वस सिस्टम का विकास करने के लिए विटामिन ‘ई’ एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
  • फीटस की आँखें और सिर के विकास के लिए विटामिन ‘ई’ बहुत महत्वपूर्ण होता है।
  • विटामिन ‘ई’ की कमी से बच्चे और माँ के लिए गर्भावस्था के दौरान समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  • विटामिन ‘ई’ की कमी से एनीमिया हो सकता है।
  • विटामिन ‘ई’ की कमी से इन्फेक्शन बढ़ने का खतरा भी हो सकता है।
  • विटामिन ‘ई’ की कमी से फीटस का विकास रुक सकता है।
  • विटामिन ‘ई’ की कमी से बच्चे में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर हो सकता, मांसपेशियां कमजोर हो सकती  या कार्डियोमायोपैथी जैसी समस्या हो सकती है।
  • कई स्टडी से पता चलता है कि जिन बच्चों में जन्म के समय विटामिन ‘ई’ की मात्रा अधिक होती है, उनमें दो साल की उम्र में ही कॉग्निटिव एबिलिटी बढ़ जाती है।
  • विटामिन ‘ई’ होने माँ के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। जब माँ के शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन अच्छा होता है, तो प्लेसेंटा में भी ब्लड का सर्कुलेशन अच्छा होगा – इसका मतलब है कि बच्चे तक ऑक्सीजन सही तरह से पहुँचती है और बच्चा के हेल्दी वातावरण में रहता है।

गर्भवती महिलाओं को कितनी मात्रा में विटामिन ‘ई’ लेना चाहिए 

विटामिन ‘ई’ की बहुत ज्यादा डोज देने से भी यह प्रेगनेंसी के समय में आपके लिए परेशानी पैदा कर सकता है। इसलिए, आपको विटामिन ‘ई’ का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। आप हमेशा अपने आहार में विटामिन ‘ई’ से भरपूर भोजन को शामिल कर सकते हैं।

  • एक गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान रोजाना 15 मिलीग्राम से अधिक विटामिन ‘ई’ नहीं लेना चाहिए।
  • यदि आप पहले से ही मल्टी-विटामिन सप्लीमेंट का सेवन कर रही हैं, जिसमें पहले से ही विटामिन ‘ई’ मौजूद है, तो आपको विटामिन ‘ई’ की एक्स्ट्रा डोज नहीं लेना चाहिए, जब तक कि डॉक्टर आपको एक्स्ट्रा विटामिन ‘ई’ लेने के लिए न कहें आप तब तक खुद से इसे बिलकुल न लें।

क्या होगा अगर आप गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में विटामिन ‘ई’ का उपभोग करती हैं?

  • विटामिन ‘ई’ बहुत ज्यादा डोज लेने से बच्चे में बर्थ डिफेक्ट पाए जाने की संभावना बढ़ सकती है।
  • इसके कारण ब्लीडिंग होने के चांसेस होते हैं और मस्तिष्क में गंभीर रूप से ब्लीडिंग होने का खतरा भी बढ़ा सकता है।
  • इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से बच्चे में हार्ट डिफेक्ट होने का खतरा बढ़ जाता है।

विटामिन ‘ई’ से भरपूर खाद्य पदार्थ कौन कौन से हैं 

Foods rich in vitamin E

  • पत्तेदार हरी सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली, पत्तागोभी आदि विटामिन ‘ई’ का बहुत अच्छा स्रोत है।
  • मूंगफली, हेजलनट्स और बादाम आदि  नट्स भी विटामिन ‘ई’ का एक अच्छा स्रोत होते हैं।
  • वेजिटेबल ऑयल जैसे सूरजमुखी, कुसुम, वीट जर्म, कॉर्न ऑयल और सोयाबीन भी विटामिन ‘ई’ के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।
  • ब्रेकफास्ट सीरियल, ब्रेड स्प्रेड, मार्जरीन और फ्रूट जूस आदि में भी विटामिन ‘ई’ पाया जाता है।
  • सूरजमुखी के बीज में भी विटामिन ‘ई’ मौजूद होता है। आप इसके बीज को अपने सलाद में उपयोग कर सकती हैं या फिर पॉरिज में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • बॉयल्ड अंडे भी विटामिन ‘ई’ मौजूद होता है।

क्या आप गर्भावस्था के दौरान विटामिन ‘ई’ सप्लीमेंट ले सकती हैं?

गर्भावस्था के दौरान आपको विटामिन ‘ई’ सप्लीमेंट लेने की सलाह नहीं दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान अन्य सप्लीमेंट्स के साथ विटामिन ‘ई’ के सप्लीमेंट्स का सेवन करने से यह गर्भावस्था से जुड़ी समस्याओं जैसे कि बेबी डेथ, चाइल्डबर्थ, लो बर्थ वेट, प्री-एक्लेमप्सिया या प्रीटरम बर्थ को रोकने में मदद नहीं करता है। हालांकि, इसके कारण महिलाओं में पेट में दर्द बढ़ सकता है। यह उन महिलाओं की संख्या को भी बढ़ा सकता है जिनकी मेम्ब्रेन समय से पहले ही फट जाती है।

विटामिन ‘ई’ आपके बच्चे के विकास के साथ साथ आपकी हेल्थ के लिए भी बहुत जरूरी होता है। एक बैलेंस डाइट के जरिए आपको विटामिन ‘ई’ सही मात्रा में प्राप्त करना चाहिए। आपको विटामिन ‘ई’ सप्लीमेंट लेने से बचना चहिए जब तक आपके डॉक्टर इसे लेने के लिए आपसे न कहें।

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