In this Article
- क्या गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक नॉर्मल है?
- गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक पड़ने का सबसे ज्यादा खतरा किसे होता है?
- गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक पड़ने के कारण क्या हैं?
- गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक के लक्षण
- क्या पैनिक अटैक आपके बच्चे को प्रभावित कर सकता है?
- गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक से निपटने के टिप्स
गर्भावस्था के दौरान एक महिला को कई अच्छे बुरे अनुभवों से होकर गुजरना पड़ता है। हालांकि प्रेगनेंसी एक लाइफ चेंजिंग अनुभव है जिसमें चिंता, घबराहट, एंग्जायटी सभी इसका हिस्सा हैं, जो आपको परेशान कर सकते हैं। एक तरफ जहाँ प्रेगनेंसी को एन्जॉय करना और खुश रहना आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है, वहीं दूसरी ओर नेगेटिव फीलिंग्स और इमोशन से आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है। तो क्या आप भी प्रेगनेंसी के दौरान पैनिक अटैक से निपटने के तरीके जानने के लिए इच्छुक हैं? तो आपको इस आर्टिकल के जरिए पैनिक अटैक पड़ने के कारण और लक्षण बताए गए हैं और साथ ही इसे कंट्रोल करने की कुछ टिप्स भी दी गयी हैं, तो आइए इस बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक नॉर्मल है?
अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर होने वाली माँ को चिंता और घबराहट महसूस होना बहुत नॉर्मल बात है और कभी कभी जब यह चिंता बहुत ज्यादा बढ़ने लगती है तो पैनिक अटैक आना शुरू हो जाते हैं। यह देखा गया है कि लगभग 10 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं अपनी गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक का अनुभव करती हैं। यहाँ तक कि अगर आपने कभी भी पहले पैनिक अटैक का अनुभव नहीं भी किया हो, तब भी प्रेगनेंसी के दौरान आपको पैनिक अटैक पड़ने की संभावना होती है।
गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक पड़ने का सबसे ज्यादा खतरा किसे होता है?
आपको पैनिक अटैक पड़ने का खतरा हो सकता है यह सुनकर क्या आप हैरान हैं? जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है, गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक पड़ना बेहद नॉर्मल बात है। यह किसी भी महिला को प्रभावित कर सकता है, फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने पहले इसका अनुभव किया है या नहीं। हालांकि, यह देखा गया है कि जिन महिलाओं के पहले से ही तीन या उससे अधिक बच्चे हैं, उनके इस कंडीशन से प्रभावित होने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन निश्चित रूप से इसका मतलब यह नहीं है कि पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को जिन्हें पहले पैनिक अटैक नही पड़े हैं वो अपनी प्रेगनेंसी के दौरान इससे पीड़ित नहीं हो सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक पड़ने के कारण क्या हैं?
यहाँ आपको प्रेगनेंसी के दौरान पैनिक अटैक पड़ने के कुछ कारण बताए गए हैं:
1. यदि आपने पहले अनुभव किया है
अगर अपने पहले भी पैनिक अटैक का अनुभव किया है तो इस बात की काफी संभावना हो सकती है कि प्रेगनेंसी के दौरान भी आप इससे पीड़ित हो सकती हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान आपको बहुत ज्यादा एंग्जायटी होने लगती है जिससे पैनिक अटैक ट्रिगर हो सकता है, इस प्रकार आपको इसका खतरा अधिक हो सकता है।
2. आपके बदलते हार्मोन
गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर को कई बदलावों से गुजरना पड़ता है और यह आपके हार्मोनल बैलेंस को भी प्रभावित करता है। हार्मोन डायरेक्ट आपके इमोशन से जुड़े होते हैं और गर्भावस्था के दौरान बदलते हार्मोन पैनिक अटैक को बढ़ावा दे सकते हैं।
3. आपकी उम्र या आपके जीवन का चरण
यह देखा जाता है कि यदि आप उस उम्र के आसपास हैं या अपने जीवन के उस चरण में गर्भवती हुई हैं, जिसमें लोग आमतौर पर पैनिक अटैक के शिकार हो सकते हैं, यदि ऐसा है तो आपके प्रेगनेंसी के दौरान पैनिक अटैक पड़ने की संभावना काफी ज्यादा हो सकती है।
4. गर्भावस्था के दौरान एंग्जायटी बढ़ना
गर्भावस्था एक ऐसा समय है जो किसी भी महिला को अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित कर सकता है। जहाँ कुछ महिलाओं को एंग्जायटी होने लगती है तो कुछ महिलाएं बहुत ज्यादा तनाव में आ सकती हैं, जिससे पैनिक अटैक पड़ सकता है।
गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक के लक्षण
यहाँ हम गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक पड़ने के लक्षणों के बारे में चर्चा करेंगे, जो आपको यह समझने में मदद कर सकते हैं कि क्या आप इस कंडीशन से पीड़ित हैं:
- आप अपने दिल की धड़कन को बढ़ा हुआ अनुभव कर सकती हैं।
- आप अस्थिर और कंपकपी महसूस कर सकती हैं।
- आप सीने में जलन या दर्द का अनुभव कर सकती हैं।
- आपको चक्कर या सिर दर्द का अनुभव हो सकता है।
- आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
क्या पैनिक अटैक आपके बच्चे को प्रभावित कर सकता है?
गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक आपके बच्चे के लिए अच्छा नहीं होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आप ऐसी कंडीशन में मतली या चक्कर महसूस कर सकती हैं, जो बदले में प्लेसेंटा में ब्लड सप्लाई को रोकता है। कम ब्लड सप्लाई से प्लेसेंटा को कम ऑक्सीजन मिलती है, जिससे बच्चा लो बर्थ वेट जैसे डिफेक्ट के साथ पैदा हो सकता है। इसके अलावा, एक माँ जो गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक का अनुभव करती है, उसमें बच्चे के जन्म के बाद बेबी ब्लूज होने का खतरा ज्यादा होता है।
गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक से निपटने के टिप्स
क्या आप प्रेगनेंसी के दौरान पैनिक अटैक को कंट्रोल करने के लिए कोई हल ढूंढ रही है? तो, यहाँ आपको इसे कंट्रोल करने के कुछ टिप्स बताए गए हैं, आइए जानते हैं वो क्या टिप्स हैं:
1. पैनिक अटैक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना
इस कंडीशन को डील करने के लिए आपको इसके बारे में ठीक से समझना जरूरी है। यदि आपको गर्भावस्था से पहले भी पैनिक अटैक आ चुके हैं, तो आपके लिए यह समझना अच्छा रहेगा कि ये किस वजह से ट्रिगर होता है। एक बार जब आप इसके ट्रिगर होने की वजह को जान लेती हैं, तो गर्भावस्था के दौरान इस कंडीशन को डील करना आपके लिए आसान हो जाता है। इसके अलावा, अगर आपने पहले इसका अनुभव नहीं किया है, तो गर्भावस्था अपने आप में एक बड़ा कारण है, जो पैनिक अटैक पड़ने की वजह बन सकता है और आपको आपको इस कंडीशन के बारे में पता होना चाहिए, ताकि आप अटैक के दौरान खुद को शांत कर सकें।
2. आपको रेगुलर चेकअप के लिए जाना चाहिए
पैनिक अटैक आमतौर पर तब पड़ता है जब आपको नहीं पता चल पा रहा होता है कि आपकी हेल्थ के साथ क्या हो रहा है। हालांकि, यदि आप अपने डॉक्टर से रेगुलर चेकअप कराती हैं और अपनी प्रेगनेंसी से जुड़ी सभी जानकारी रखती हैं, तो आपको पैनिक अटैक का जल्दी सामना नहीं करना पड़ता है। इसके अलावा, नियमित रूप से अपने डॉक्टर को देखने से आप अपनी प्रेगनेंसी से जुड़े कोई भी जवाब उनसे कर सकती हैं, जो आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
3. अपनी देखभाल के लिए समय दें
प्रेगनेंसी के दौरान आपका सारा ध्यान बच्चे की सुरक्षा और विकास पर होता है, जो नेचुरल बात है। हालांकि, आपको अपना भी ध्यान रखने की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। यह अहम है कि आप अपना खयाल रखने में कुछ समय बिताएं, जिसका मतलब सिर्फ फिजिकल हेल्थ से ही जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि इमोशनल हेल्थ से भी है। अपनी जरूरतों का खयाल रखने से चिंता, स्ट्रेस, एंग्जायटी दूर होती हैं और यह आपको पैनिक अटैक से लड़ने में मदद करता है। आप मेडिटेशन, योग, ठीक तरह से आराम करना, स्ट्रेस मैनेजमेंट स्किल आदि एक्टिविटी अपनी देखभाल के लिए शामिल कर सकती हैं, लेकिन कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।
4. एक अच्छा सपोर्ट सिस्टम रखें
इस बात से कोई इंकार नहीं है कि जरूरत के समय में परिवार और दोस्त ही आपके सच्चे साथी होते हैं और गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक पड़ने का सवाल ही नहीं उठता है। बस आपको यह समझना है आपके पास आपकी देखभाल के लिए बहुत सारे लोग हैं, फिर चाहे वो आपके पार्टनर हों, माता-पिता, भाई-बहन या दोस्त सब आपके साथ हैं, इससे आपको मानसिक सुकून मिलता है। इसके अलावा, यदि आपको लगता है कि आपको अपनी तरफ से उनकी जरूरत हो सकती है, तो आपको उनकी मदद लेने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की पैनिक कंडीशन से निपटने के लिए इमोशनल सपोर्ट होना जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान पैनिक अटैक एक बहुत ही नॉर्मल बात है, और ठीक तरह से मेडिकल गाइडेंस से इस कंडीशन को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है और आप एक हेल्दी व परेशानी मुक्त प्रेगनेंसी को एन्जॉय कर सकती हैं।
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